CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने आज शहर के रेल्वे स्टेशन मार्ग में स्थित समाज सेवी संस्था के श्री लोहाणा महाजनवाड़ी भवन नि:शुल्क कोविड-19 सेन्टर का निरीक्षण किया। कलेक्टर श्री वर्मा ने वहां की व्यवस्थाओं को देखकर सराहना की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के इस कठिन दौर में सामाजिक संस्था द्वारा की जा रही यह पहल प्रशंसनीय है। उन्होंने कोविड-19 सेन्टर में मरीजों के लिए बेड, मोबाईल चार्जिंग, पेयजल आदि व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि भवन को लगातार सेनेटाईज करते रहें। मरीजों की लिए डॉक्टर की टीम रखने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी को दिए। उन्होंने प्रोटोकॉल का पालान करते हुए कार्य करने को कहा। ताकि स्वयं को संक्रमित होने से बचाया जा सके।
जिले में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए समाजसेवी संस्था द्वारा श्री लोहाणा महाजनवाड़ी भवन को मरीजों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध कराया है। यहां मरीजों के रहने, खाने, पेयजल की सुविधा पूर्णत: नि:शुल्क रहेगी। यहां इलाज के लिए भर्ती होने वाले मरीजों को नाश्ता, भोजन की व्यवस्था सिख समाज गुरूद्वारा श्री गुरूसिंघ सभा द्वारा की जाएगी। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, एसडीएम राजनांदगांव श्री मुकेश रावटे, तहसीलदार श्री रमेश मोर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर ट्रस्ट मंडल प्रमुख संजय भाई भोजाणी, श्री लोहाणा महाजन अध्यक्ष नाथाभाई रायचा, समाज के सेवाभावी सदस्य, ट्रस्ट मंडल से सुरेशभाई कोटक, हसमुखभाई रायचा, गिरीश भाई रायचा तथा वरिष्ठ सदस्य गिरीश भाई ठक्कर, नवयुवक मंडल से अध्यक्ष मनीष भाई साहिता सहित अन्य सदस्य शैलेष भाई गणात्रा, तरुण भाई आड़तिया, विक्की भाई रायचा, राम भाई ठक्कर व दर्पण भाई बुद्धदेव उपस्थित थे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / गोटाटोला वनोपज सहकारी समिति में 22 लाख के घोटाले के मामले में पुलिस ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अमानत शाखा के लेखापाल को भी गिरफ्तार किया है। पूरे मामले में अब तक यह चौथी गिरफ्तारी है। इससे पहले समिति के चौकीदार मिलिंद गजभिये समेत प्रबंधक और अध्यक्ष को भी मोहला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि अमानत शाखा के लेखापाल मनीष कठाने को मामले में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक मोहला थाना क्षेत्र के गोटाटोला वनोपज सहकारी समिति में कुछ समय पहले 22 लाख 50 हजार रुपए ठगी करने का मामला सामने आया था। इसमें सहकारी समिति के अध्यक्ष, वनरक्षक व अन्य लोग शामिल थे। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलार्फ मामला दर्ज किया था। इस दौरान सभी आरोपी फरार हो गए थे। पुलिस ने मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार वनोपज सहकारी समिति गोटाटोला के खाते से समिति प्रबंधक व अध्यक्ष से मिलीभगत कर मुख्य आरोपी मिलिंद गजभिये द्वारा अपने खाता में 22 लाख 50 हजार रुपए ट्रांसफर किया गया था। मामले में पुलिस ने स्टेशनपारा निवासी मनीष कठाने को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / बोरतलाव क्षेत्र में गुजरे माह एक कार और नगदी लूटने वाले डकैतों में से एक मुख्य आरोपी को पुलिस ने मध्यप्रदेश के रीवा शहर से गिरफ्तार किया है। वहीं डकैती में अन्य 7 आरोपियों को भी पुलिस ने दबोच लिया है। पूरे वारदात का मास्टर माइंड आकाश मिश्रा रीवा में पुलिस के हत्थे चढ़ा। वहीं सात आरोपियों में से कुछ बोरतलाव क्षेत्र के बागरेकसा और आसपास के गांव के हैं। गिरफ्तार आरोपियों में एक देवा उर्फ देवलाल बोरतलाव थाने का निगरानीशुदा बदमाश है। उस पर करीबन 15 से अधिक अपराधिक प्रकरण थाने में दर्ज है।
मिली जानकारी के मुताबिक गत् माह 25 अगस्त को भिलाई निवासी नागेश कुमार खटीक ने बोरतलाव थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसकी सफेद रंग की गाड़ी स्विफ्ट डिजायर कार को आकाश मिश्रा बुकिंग के नाम भिलाई से डोंगरगढ़ लेकर जाने का सौदा तय हुआ था। इस पर मैं अपने दोस्त नितिन को लेकर भिलाई से आकाश मिश्रा के साथ निकले थे। रास्ते में मुख्य आरोपी द्वारा अपने एक अन्य दोस्त के नाम से उसे लेने दूसरे मार्ग पर ले जाकर ग्राम बागरेकसा मडियान रोड के करीब रात्रि 10 बजे पूर्व सुनियोजित योजना के तहत एवं उसके साथियों के साथ मिलकर बीच सड़क में बड़े.बड़े पत्थर रखकर लूटपाट एवं मारपीट कर मोबाईल एवं नगदी रकम 5 हजार समेत सोने का चेन, सफेद रंग की स्विफ्ट कार को डकैती जैसे संगीन जुर्म को अंजाम दिया।
जानकारी के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में त्वरित कार्रवाई करते पुलिस थाना बोरतलाव द्वारा घटना घटित कर फरार आरोपी आकाश मिश्रा उर्फ अक्की 24 साल हाल निवासी भिलाई स्थायी निवास रीवा, देवलाल कंवर उर्फ देवा 36 साल व उनके साथी बलराम उर्फ बालाराम साहू, गणेशु उर्फ गोविंदलाल यादव, सूरजभान उईके, सुरूजलाल उर्फ सूरजलाल कोर्राम, डेविड नेताम और गोपी उर्फ बुधारू पड़ोती सभी ग्राम बागरेकसा निवासी को विधिवत 6 सितंबर को पर्याप्त सबूत मिलने पर गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय डोंगरगढ़ रिमांड पर भेजा गया। उक्त कार्रवाई में बोरतलाव के उनि तारनदास डहरिया, सउनि धनेश्वर ध्रुव, आर. दिनेश वर्मा एवं तकनीकी सेल राजनांदगांव के साथ थाना सोहागी रीवा मध्यप्रदेश पुलिस का विशेष योगदान रहा।
० कोविड-19 के मरीजों को भर्ती कराने एवं भोजन व्यवस्था के लिए दिए भवन
० सभी सुविधाएं होगी निःशुल्क
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शहर में बढ़ते कोरोना मरीजों को देखते हुए और मरीजों को बेहतर उपचार मिले इस उद्देश्य शहर की चार संस्थाओं ने आगे आकर एक अच्छी पहल शुरू की है शहर के चारों संस्थाओं ने अपने भवन निशुल्क उपलब्ध कराएं हैं तथा भोजन की भी व्यवस्था निःशुल्क की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध हो इस उद्देश्य से शहर की 4 संस्थाओं उदयाचल, महाजन बाड़ी, एबीस ग्रुप एवं युगांतर ग्रुप ने अपने भवन निःशुल्क दिए हैं और मरीजो को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उन्हें नाश्ता और भोजन भी निःशुल्क दिया जाएगा। उदयाचल में उदयाचल संस्थान एवं शांति विजय सेवा समिति द्वारा यहां कोविड-19 के मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है। वहीं महाजन बाड़ी में भजनबाड़ी और गुरुद्वारा सेवा समिति द्वारा यहां भर्ती होने वाले कोविड-19 के मरीजो को भोजन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। इसी के साथ-साथ एबीस ग्रुप द्वारा अजीज पब्लिक स्कूल और युगांतर ग्रुप द्वारा युगांतर इंजीनियरिंग कॉलेज को भी कोविड-19 के मरीजों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है, जहां मरीजो के भर्ती का सिलसिला 8 सितंबर से शुरू हो जाएगा। इन दोनों संस्थाओं में भी कोविड-19 के मरीजों को नि-शुल्क नाश्ता एवं भोजन दिया जाएगा तथा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मिथलेश चौधरी, एसडीएम मुकेश रावटे सहित संस्था के पदाधिकारी मौजूद थे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शहर मे लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों को देखते हुए प्रशासन की सहायता, मरीजों को बेहतर इलाज एवं निःशुल्क भोजन व्यवस्था के उद्देश्य से नगर की समाजसेवी-स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए गुरुद्वारा श्री गुरूसिंघ सभा (सिक्ख समाज) द्वारा भी पीड़ित मानवता की सेवा का निर्णय किया गया है। गुरुद्वारा श्री गुरूसिंघ सभा द्वारा महाजनवाड़ी में कोविड-19 के मरीजों को निःशुल्क नाश्ता तथा भोजन की सेवा प्रदान की जा रही है। इस हेतु पूरे राशन, रसद तथा सामान की व्यवस्था सिक्ख समाज द्वारा की जा चुकी है तथा प्रबंधक कमेटी द्वारा प्रशासन को यह आश्वासन दिया गया है कि कोरोना संक्रमण की वैश्विक आपदा की इस प्रतिकुल परिस्थिति में भविष्य में भी जिस सहयोग की आवश्यकता होगी तो सिक्ख समाज यथासंभव मदद करने हेतु तैयार है।
० जिला स्तर पर अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने तथा निजी अस्पतालों में इलाज के लिए दर निर्धारण के निर्देश
० बिना लक्षण या कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन
० कोरोना मरीजों के परिजनों को प्रॉफिलैक्टिक ड्रग किट का होगा वितरण
० होम आइसोलेशन की शर्तं की गई शिथिल, अब 3 बीएचके अनिवार्य नहीं
० राज्य में वर्तमान में कोरोना पीड़ितों के लिए 22 हजार 606 बेड रिक्त
० कोरोना की रोकथाम के संबंध में जनजागरूकता के लिए करें व्यापक प्रचार-प्रसार
० संक्रमण की स्थिति के अनुसार कंटेनमेंट जोन का निर्णय लेंगे कलेक्टर
राजनांदगांव / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रंसिंग के माध्यम से अपने मंत्रि-मंडलीय सहयोगियों के साथ ही जिला के कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों एवं चिकित्सा अधिकारियों से राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति और इसकी रोकथाम के उपायों के संबंध में विस्तार से चर्चा की और उनसे सुझाव प्राप्त किए।
मुख्यमंत्री ने मंत्रीगणों एवं अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जनसामान्य विशेषकर मरीजों के मन में भय का वातावरण बन गया है। इसको दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कोरोना के मरीजों के मनोबल को बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति की पड़ताल एवं मरीजों को सलाह देने के लिए नियमित रूप से वार्डों में चिकित्सकों का राउंड सुनिश्चित करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए टेलीमेडिसीन अथवा वीडियो/व्हाट्सअप कॉलिंग के जरिए भी मरीजों को आवश्यक परामर्श दिए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना से पीड़ितों को मदद पहुंचाने एवं संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी के सहयोग से उल्लेखनीय काम हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना की आधी लड़ाई हम सफलतापूर्वक जीत चुके हैं। अभी संक्रमण का पीक पीरियड है। ऐसी स्थिति में हमें बिना थके, बिना रूके इस लड़ाई को जीतना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्वास्थ्य एवं सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की संयुक्त प्रयास से कोरोना संक्रमण पर विजय प्राप्त करने में हम जरूर सफल होंगे। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को कोरोना के मरीजों के बेहतर उपचार के लिए जिला स्तर पर बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुरूप जिला स्तर पर स्थित निजी अस्पतालों की सेवाएं भी ली जा सकती हैं। उन्होंने निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए दर का निर्धारण करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना लक्षण एवं कम लक्षण वाले मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में रखकर किए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने इसके लिए मरीजों को प्रेरित करने के साथ ही उन्हें आवश्यक सलाह देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे परिवार जहां एक-दो लोग यदि कोरोना पॉजीटिव पाए जाते हैं तो उस परिवार के सभी सदस्यों को यथासंभव उसके नजदीकी सम्पर्क में आने वाले लोगों को बिना कोरोना जांच के एहतियात के तौर पर प्रॉफिलैक्टिक ड्रग किट दी जाने चाहिए और इस किट में कोरोना के रोकथाम के लिए उपलब्ध दवाओं के सेवन के साथ ही एसओपी के पालन के लिए आवश्यक मार्गदर्शन भी दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना लक्षण एवं कम लक्षण वाले मरीजों का होम आइसोलेशन के जरिए इलाज सुनिश्चित किए जाने से अस्पतालों में दबाव कम होगा। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के मार्गदर्शन के लिए टेलीमेडिसीन व्हाटसअप कॉलिंग के जरिए चिकित्सक, उनकी स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए उन्हें दवाओं के बारे में आवश्यक परामर्श दे सकेंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कोरोना से संक्रमित एवं गंभीर रोगों जैसे हार्ट, किडनी, लिवर, हाई ब्लड प्रेशर, हाई शुगर आदि से पीड़ित मरीजों को अनिवार्य रूप से चिकित्सालय में भर्ती कर उनके इलाज की बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना एवं गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों के जीवन की रक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्था एवं उपाय सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना के संक्रमण से बचने के उपायों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के साथ ही कलेक्टरों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पॉम्पलेट, हैंडबिल के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पॉम्पलेट एवं हैंडबिल में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए कि बिना लक्षण वाले एवं कम लक्षण वाले मरीजों को कौन-कौन सी दवाएं कब लेनी है और क्या एहतियात बरतना है। मुख्यमंत्री ने प्रॉफिलैक्टिक ड्रग किट में दी जाने वाली दवाओं के बारे में भी जन सामान्य को जानकारी देनी की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के इलाज को लेकर जिलों से बड़ी संख्या में मरीज रायपुर आ रहे हैं। यह स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों को ही इलाज के लिए बड़े अस्पतालों में रिफर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबकों यह प्रयास करना चाहिए कि मरीजों के मन का भय दूर हो और उन्हें यह विश्वास हो कि वह अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे हैं तो उन्हें बेहतर से बेहतर चिकित्सा एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को कोरोना पीड़ित मरीजों के भोजन का बेहतर प्रबंध सुनिश्चित करने के साथ ही वार्डों एवं टॉयलेट आदि की नियमित रूप से साफ-सफाई की मॉनिटरिंग के लिए सभी सरकारी अस्पतालों के लिए एक-एक अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मरीजों के भोजन, पेयजल एवं अन्य प्रकार की व्यवस्था में किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि राज्य में लाखों की संख्या में आए प्रवासी श्रमिकों के भोजन, इलाज एवं उनके मरेंटाइन किए जाने की बेहतर व्यवस्था आप सबने स्थानीय स्तर पर सुनिश्चित की थी। वर्तमान में पूरे राज्य में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 20 हजार है। इनके लिए भोजन, पेयजल एवं अन्य व्यवस्थाओं का प्रबंध कोई मुश्किल काम नहीं है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के इलाज के लिए जिलों में पर्याप्त व्यवस्था एवं बेड उपलब्ध है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए ताकि लोगों के मन में यह विश्वास पैदा हो कि बीमार होने की स्थिति में उन्हें इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। जिला स्तर पर चिकित्सालयों में रिक्त बेडों की संख्या के बारे में प्रतिदिन जानकारी प्रसारित करने के निर्देश भी दिए गए।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों एव स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक दवाओं एवं उपकरण की मेडिकल दुकानों में उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा इनकी कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले वनौषधियों से निर्मित काढ़ा चूर्ण का वितरण करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से संक्रमित ऐसे मरीज जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो, उसकी जांच-पड़ताल के लिए स्थानीय स्तर पर सीटी स्कैन की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि संक्रमण की स्थिति का पता लगाकर उसके अनुरूप इलाज किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे किसी मरीज की स्थिति गंभीर होती है तो उसे इलाज के लिए हॉस्पीटल में भर्ती किए जाने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोरोना बुलेटिन जारी करते वक्त मृतकों की संख्या के साथ मृत्यु के कारण की जानकारी स्पष्ट रूप से उल्लेखित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हार्ट, किडनी, लिवर, हाईब्लड प्रेशर, शुगर के गंभीर रोगी यदि कोरोना पीड़ित होते हैं तो इनकी मृत्यु का कारण कोरोना की वजह से हुई अथवा पूर्व की बीमारी से, इसकों स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन खुलने के बाद से कोरोना संक्रमण की स्थिति बढ़ी है, जो स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि आवागमन बढ़ने और शादी एवं अन्य आयोजनों में लोगों के शामिल होने से संक्रमण में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि अभी कंटेनमेंट जोन अथवा ऐसे स्थान जहां कोरोना के मरीज पाए गए हैं, वहां बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्टिंग होने से संक्रमितों के आंकड़े में वृद्धि हुई है, जबकि स्थिति ऐसी नहीं है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले समय में कोरोना संक्रमण की स्थिति थमेगी और उसके बाद उसमें कमी भी आएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के साथ ही लोगों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय किए जाने की सलाह दी।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में कई उपयोगी सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि एसिमटोमेटिक एवं माइल्ड सिमटोमेटिक मरीजों का इलाज होम आइसोशन के जरिए किया जाना चाहिए। उन्होंने ग्राम सभा के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का भी सुझाव दिया। गृह मंत्री ताम्रध्वज, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने भी राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में कई उपयोगी सुझाव दिए। वीडियो कॉन्फ्रं ेंसिंग के प्रारंभ में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्रीमती रेणु जी पिल्लै ने बताया कि राज्य में कोरोना से प्रभावित मरीजों की संख्या लगभग 41 हजार है, जिसमें से 20 हजार मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 20 हजार 968 एक्टिव मरीज हैं। उन्होंने बताया कि देश में कोरोना के मरीजों के मृत्यु का प्रतिशत 1.73 है, जबकि छत्तीसगढ़ में यह मात्र 0.84 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में कोरोना पीड़ितों के लिए 22 हजार 606 बेड रिक्त हैं। लगभग 25 सौ लोग होम आइसोलेशन में हैं। बैठक में मुख्य सचिव श्री आरपी मंडल, अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
० आरसेटी में महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं एवं विभिन्न विकासखंडों से आए लोगों को दिया जा रहा मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण
० आत्मनिर्भर, आत्मविश्वास, स्वप्रेरणा एवं अनुशासन का दिया जा रहा प्रशिक्षण
राजनांदगांव / शौर्यपथ / ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) में महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं तथा अन्य महिलाओं एवं लोगों को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 31 अगस्त से 9 सितम्बर तक बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से आयोजित इस प्रशिक्षण में मशरूम उत्पादन में रूचि रखने वाले जिले के विभिन्न विकासखंडों से आये महिला समूह एवं पुरूष प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। आरसेटी के संचालक अभिषेक ठाकुर ने बताया कि महिलाओं को मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण के साथ-साथ उनका आत्मविश्वास बढ़ाने, व्यक्तितव विकास एवं संचार की दक्षता के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां उन्हें मशरूम उत्पादन के बाद पैकेजिंग, स्टोरेज का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही मशरूम से बनने वाले अन्य उत्पाद आचार, पाऊडर, पापड़ एवं अन्य उत्पाद के संबंध में भी बताया जा रहा है। यहां आवासीय परिसर में उनके रहने एवं भोजन की सुविधा निःशुल्क की गई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए थर्मल स्क्रीनिंग भी की जा रही है। एनआरएलएम के डीपीएम उमेश तिवारी ने कहा कि मशरूम पोषक तत्वों एवं औषधीय गुणों से भरपूर है। बाजार में इसकी बहुत मांग है। उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन करने पर उद्यानिकी विभाग से मशरूम ड्राय मशीन निःशुल्क मिलती है।
आरसेटी के ऋषभ मिश्रा ने बताया कि यहां मशरूम उत्पादन के उद्यम के लिए बैंक से ऋण, लेन-देन, मशरूम उत्पादन के बाद मार्केंटिंग एवं प्रबंधन के संबध में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि मशरूम विक्रय करने पर इससे बहुत मुनाफा प्राप्त हो सकता है। 300 रूपए में एक किलोग्राम मशरूम स्पान 2000 रूपए तक मशरूम उत्पादन हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार मशरूम कैंसर जैसी घातक बीमारी को नष्ट करने में सहायक है एवं शरीर के टॉक्सिन को भी खत्म करता है। बढ़ते बच्चों के विकास में सहायक है और इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। सभी प्रशिक्षणार्थियों को मशरूम फार्म में भ्रमण भी कराया जा रहा है, ताकि वे व्यवहारिक रूम से देखकर सीख सकें। दुर्ग से आयी ट्रेनर श्रीमती जागृति साहू ने बताया कि गर्वपानी एवं आर्गेनिक विधि से बटन मशरूम, आयस्टर, मिल्की मशरूम एवं पैरा मशरूम का उत्पादन किया जाता है। इसके लिए 20 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए एवं आर्द्रता, 80-85 तक होनी चाहिए। मशरूम उत्पादन के लिए कच्चा मकान जहां नमी हो वह उपयुक्त होता है। पक्के मकान में भी इसका उत्पादन कर सकते है। डोंगरगढ़ के ग्राम मुसरा से आयी मोना पटेल ने बताया कि उन्हें यहां प्रशिक्षण में बहुत कुछ सीखने मिला। कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करना है। स्व प्रेरणा के साथ कैसे आगे बढ़ना है और स्वरोजगार अपनाकर सफल उद्यमी बनने के गुण बताए गए। आत्मनिर्भर होने तथा अनेकता में एकता की बातें बताई गई। उन्होंने कहा कि विश्व में मशरूम के लगभग 2500 प्रकार है, जिनमें से भारत में 2200 मशरूम है। वहीं इनमें से 20 से 22 मशरूम खाने योग्य होते है। उन्होंने बताया कि मशरूम के अलग-अलग नाम पुटु, भोड़ा, पिहरी, पैरा पुटु, हिंगरी पुटु, जंगली पुटु आदि होते हैं, वहीं बटन मशरूम, आयस्टर मशरूम, पैरा मशरूम एवं मिल्की मशरूम का उत्पादन 28 दिन में किया जाता है। डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम बनडोंगरी की श्रीमती दिनेश्वरी सोरी ने बताया कि बहुत दिनों से मशरूम का प्रशिक्षण लेने की इच्छा थी और यह शौक अब जाकर पूरा हुआ। यहां हमें यह बताया गया है कि डर को भगाना है और आत्मविश्वास बढ़ाना है। यहां बहुत अच्छी सुविधाएं दी जा रही है। सुबह में हम सभी योग एवं श्रमदान करते है। डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम घोटिया की संतन मंडावी ने कहा कि यहां हमने नियमों का पालन एवं अनुशासन तथा सभी से बातचीत करने का तरीका सीखा है। मानपुर विकासखंड के ग्राम सरोली की कंचन लता कोरेटी ने बताया कि यहां आकर भय दूर हुआ है और मशरूम व्यापार करने के लिए आत्मविश्वास बढ़ा है। घुमका की राजकुमारी साहू ने कहा कि वे गृहिणी है और यहां आकर रोजी-रोटी के लिए मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण ले रही है। जिससे उनमें संकोच दूर हुआ है और सबसे दोस्ती हुई है। उन्होंने कहा कि यहां से वापस जाकर समूह की सभी महिलाओं को मशरूम उत्पादन सीखाउगीं। खैरागढ़ विकासखंड के ग्राम ठेलकाडीह की लता यादव ने कहा कि मशरूम में कीट लगने पर दवाई का छिड़काव करने की जानकारी अच्छी तरह दी गई है। इस अवसर पर संकाय के प्रेमचंद साहू एवं धमतरी की ट्रेनर श्रीमती गुलेश्वरी साहू तथा अन्य सदस्य उपस्थित थे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / विशेष सचिव एवं मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. प्रियंका शुक्ला गत दिनों राजनांदगांव जिले के भ्रमण पर रही एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक सुझाव एवं निर्देश दिए। जिले में कोरोना पॉजिटीव मरीजों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन द्वारा 4 सितम्बर से 12 सितम्बर 2020 तक राजनांदगांव नगर निगम क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। इस अवधि में कोरोना के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए आवश्यक व्यवस्था किए जाने के संबंध में मिशन संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने आवश्यक गतिविधियां किये जाने हेतु सुझाव देने जिले के विशेष दौरे पर आयी थी।
डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कोविड-19 के तहत प्रत्येक महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए विशेष प्रभारी बनाने एवं जिला स्तर पर एक रेपिड एक्शन टीम बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने होम आईसोलेशन में रहने वालों के स्वास्थ्य की स्थिति एवं उनके समस्या निराकरण के लिए कन्ट्रोल रूम में 24 ङ्ग 7 टेलीफोन नम्बर चालू के निर्देश दिए। इस हेतु कन्ट्रोल रूम के लिए 07744-224084 नंबर जारी किया गया है। साथ ही उन्होंने इस दौरान लोगों में जागरूकता एवं लगातार माईकिंग कराकर कोरोना लक्षण वाले लोगों को खुद सैम्पल देने प्रोत्साहित करने के लिए कहा। मास्क पहनना अनिवार्य किए जाने व सभी दुकानदारों को मास्क पहनकर व्यवसाय करने अपील कर प्रेरित करने के लिए कहा।
उन्होंने जिले में डेडीकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने व कोविड केयर सेंटरों की संख्या बढ़ाकर आपातकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार रहने निर्देश दिये।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने अवगत कराया कि जिले में पुन: कम्युनिटी सर्वे टीम के माध्यम से गृह भ्रमण कर कोरोना लक्षण वाले मरीजों की पहचान की जा रही हैं तथा आवश्यकतानुसार सैम्पल लिया जा रहा है। इस पर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि कम्यूनिटी सर्विलेंस के दौरान घरों में डायबिटिज व हाईपरटेंशन अस्थमा व हृदय रोग की पहचान की जाए एवं 60 वर्ष से अधिक के ऐसे मरीजों का पल्स ऑक्सीमीटर से आक्सीजन चेक कर स्तर की जांच की जाए एवं आवश्यकतानुसार उपचार कराया जाए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रति दिवस की प्रगति की मॉनिटरिेंग के लिए विशेष रिपोर्टिंग फार्मेट विकसित किया जाए एवं नियमित रिपोर्टिंग की जाये। डॉ. प्रियंका शुक्ला ने निर्देश दिये कि जिले में शत-प्रतिशत आईएलआई प्रकरणों की पहचान कर सैम्पल लिया जाए तथा होम आईसोलेशन में रह रहे पॉजिटिव मरीजों को प्रति दिवस फोन कर स्वास्थ्य की स्थिति से अवगत हुआ जाए। इसके कार्य के लिए डेंटल व आयुष डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाए।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 अंतर्गत कार्य करने वाले सभी स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रोफाईलेटिक दवा खिलाया जाना सुनिश्चत किया जाये एवं दवा खाने की सतत् मॉनिटरिेंग किया जाये। साथ ही सैंपल के लिए पीएचसी स्तर पर भी प्रशिक्षण देकर सैंपलिंग कराया जाना प्रारंभ किया जाए। प्रति दिवस पीपीई किट, दवा, टेस्टिंग किट आदि की उपलब्धता की समीक्षा कर आवश्यकतानुसार मांग की जाए।
डॉ. प्रियंका शुक्ला ने आज स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक उपरांत जिला कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा से मिलकर जिले में कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रस्तावित गतिविधियों से अवगत कराया और राज्य स्तर से जिले को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। बैठक में जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम डॉ. गिरीश कुर्रे, क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ. अल्पना लुनिया, जिला ऐपिडेमियोंलॉजिस्ट डॉ. प्रेरणा सहगल, जिला डाटा अधिकारी डॉ. अखिलेश चोपड़ा, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री अनामिका विश्वास सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / जिले के प्रभारी तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव प्रसन्ना आर ने आज राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम सुन्दरा के आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा भी उपस्थित थे। सचिव प्रसन्ना आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों के अभिभावकों से रूबरू हुए। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से केन्द्र की साफ-सफाई, रखरखाव, भोजन तथा नाश्ते के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र को लगातार सेनटाईज करते रहें। शासन के निर्देशानुसार आंगनबाड़ी केन्द्र शुरू होने वाले है। उन्होंने बच्चों के लिए सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग प्रसन्ना ने आंगनबाड़ी केन्द्र के निरीक्षण के दौरान बच्चों के अभिभावकों से चर्चा की। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्र खुलने पर बच्चों के आने के बारे में तथा लॉकडाउन के दौरान शासन की योजना के अनुरूप घर पहुंच सूखा राशन वितरण के बारे में जानकारी ली। बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा रेडी-टू-ईट और सूखा राशन घर-घर तक पहुंचाया गया है। एनीमिक से पीडि़त माताएं तथा कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। समय-समय पर गर्भवती माताओं और बच्चों का टीकाकरण भी किया जा रहा है। मौके पर जिला पंचायत सीईओ श्रीमती तनुजा सलाम, एसडीएम मुकेश रावटे, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रेणु प्रकाश, तहसीलदार रमेश मोर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने आज नगर निगम क्षेत्र को कंटेन्टमेंट जोन घोषित कर सभी व्यवसायिक संस्थानों को बंद करने के संबंध में राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य एवं नगर निगम के अधिकारियों की बैठक ली। कलेक्टर वर्मा ने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण से बढ़ती हुई मरीजों की संख्या चिंताजनक है। नगर निगम क्षेत्र में निरंतर कोरोना पॉजिटिव मरीज की संख्या बढ़ रही है। संक्रमण के इस चेन की कड़ी को तोडऩा जरूरी है। इसके लिए नगर निगम क्षेत्र के सभी व्यवसायिक संस्थानों को बंद किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस अवधि में संक्रमण से बचाव के लिए नागरिक घर पर ही सुरक्षित रहें। बिना कारण घर से निकलने पर सख्त दण्डात्मक कार्रवाई की जाए। कोई भी व्यवसायिक संस्थाएं खोले जाने पर सील बंद की कार्रवाई करें। पुलिस तथा नगर निगम की टीम पूरे क्षेत्र में कड़ी निगरानी करें। नगर निगम क्षेत्र के लिए वार्ड प्रभारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है, वे अपने टीम के साथ सभी वार्डों में निरीक्षण करेंगे तथा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने वालों पर चालानी कार्रवाई करें।
कलेक्टर ने कहा कि जिले की फैक्ट्रियां चालू रहेंगी। फैक्ट्री प्रबंधकों द्वारा वहां काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पास की व्यवस्था की जाए। जिसमें आने-जाने का समय लिखा हो। वही शासकीय कर्मचारी भी अपना पहचान पत्र साथ रखें। कलेक्टर वर्मा ने कहा कि जिन मरीजों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं है, उन्हेंं घर में ही आईसोलेशन में रखा जाएगा। ऐसे मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है। इन मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाई एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराएंगे तथा लगातार मानिटरिंग भी करते रहेंगे। जिन घरों में कोरोना के मरीज मिलते है, वे घर से बाहर न जाए और कोई बाहर से घर में न आए। उन्होंने कहा कि सर्विलेंस टीम के माध्यम से सर्दी, खांसी, बुखार लक्षण वाले मरीजों की जानकारी ले तथा उनका सेंपल लेकर जांच कराए। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए घरों से नहीं निकलनेे, मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग तथा कोरोना के प्रोटोकाल का पालन करने कहा है। उन्होंने कोरोना के बचाव एवं सुरक्षा के लिए लोगों में जागरूकता लाने कहा है।
कलेक्टर ने कहा नवरात्र का पर्व आने वाला है, जिसे पिछले चैत्र नवरात्र पर्व की तरह ही मनाया जाएगा। जिन स्थानों पर देवी प्रतिमा स्थापित की जाएगी, वहां प्रोटोकाल का पालन करना अनिवार्य होगा। बैठक में अपर कलेक्टर सीएल मारकंडे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक, एसडीएम मुकेश रावटे सहित पुलिस विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / अगस्त के द्वितीय सप्ताह से लेकर अब तक का समय कोरोना का सबसे खतरनाक काल कहा जा सकता है। शुरू से ही दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पॉजिटिव मरीजों की विस्तृत जानकारी प्रदान नहीं की है। विभाग की उक्त सावधानी मरीज को अन्य लोगों की जानकारी से बचाते हुए कार्य करने की रही है। अब विकट परिस्थिति में कंटनमेंट जोन बनाया जाना भी बंद कर दिया गया है, जिससे यह भी पता नहीं लग पा रहा है कि किस क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है।
जानकारी के अभाव में आम जनता को संक्रमित क्षेत्र और संक्रमित मरीज से बचाने में आने वाली दिक्कत को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग को विशेष पहल करते हुए मरीजों के विषय में विस्तृत जानकारी नाम और निवास सहित उपलब्ध कराया जाना जनहित में हो सकेगा यहां यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि संक्रमित व्यक्ति समाज का प्रिय एवं अभिन्न व्यक्ति है उसके प्रति लोगों की सवेदना जुड़ी है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता कचरू प्रसाद शर्मा ने कहा कि उक्त बातों को ध्यान में लाते हुए स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन से जनहित की भलाई के लिए यह कदम उठाने का निवेदन किया है कि कोरोना मरीजों के संबंध में विस्तृत जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से सामने लाई जा सके तो बहुत बड़े क्षेत्र को संक्रमण में जाने से बचाया जा सकेगा। शर्मा ने कहा कि विगत सप्ताह भर से राजनांदगांव जिला कोरोना का मुख्य केंद्र बन चुका है। मेडिकल कॉलेज से लेकर सीएचएसओ कार्यालय तथा अन्य सरकारी कार्यालय के कर्मचारी भी इसकी चपेट में आ चुके है। ऐसे कौन से क्षेत्र है जहां पर आम जाना प्रतिबंधित होना चाहिए और क्योंघ् यह बताया जाना अब लाजिमी जान पड़ रहा है। खुद स्थानीय प्रशासन नगर पालिका से लेकर कलेक्टोरेट कार्यालय और जिला, जनपद को भी आमजनों के लिए बंद किया जा चुका है। तब क्यों न संक्रमित व्यक्ति के नाम और पड़ोस की जानकारी सार्वजनिक करते हुए हर आम और खास वर्ग को उस क्षेत्र में जाने से रोका जाये, ताकि संक्रमण का फैलाव जान लेवा न बन सके।
शर्मा ने यह भी कहा कि जब राजनीतिक क्षेत्र के लोगों सहित बड़े व्यापारी आदि के नाम का खुलासा किया जा सकता है, तब जमीन से जुड़े और जनसामान्य वर्ग के लोगों का नाम संक्रमित होने के बाद क्यों नहीं दिया जा सकता, यह गाईड लाईन जारी करने वालों को भी एक बार पुन: सोचना होगा।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कोरोना से बचने के लिए ये तरीका भी अच्छा है कि क्यों न थोड़ी आदत बदल लें..., राजनांदगांव जिले में कुछ इसी तरह का बदलाव देखने को मिल रहा है। कोरोना संक्रमण के दौर में जिला प्रशासन के मार्गदर्शन और स्वास्थ्य विभाग के प्रयास से चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का जिले में कई सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। कोरोना को मात देने की जद्दोजहद में लोगों की आदतें अब तेजी से बदल रही हैं। अच्छी तरह हाथ धोने के साथ ही मास्क, सैनिटाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर या थर्मामीटर का उपयोग अब एक तरह से हर घर की बात हो गई है।
दवा व्यवसायी बताते हैं कि विशेषकर कोरोना संक्रमणकाल में सैनिटाइजर, मास्क, पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर की मांग तेजी से बढ़ी है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि, कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए जिले में लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और लोगों के बीच इस अभियान का सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहा है। कोराना संक्रमण से बचाव के लिए मॉस्क, सैनिटाइजर के उपयोग के साथ ही बार-बार हाथ धोना और दो गज की दूरी रखना अब लोगों की आदत का हिस्सा बनने लगा है। लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने होम आइसोलेट मरीजों को अपने साथ खासकर पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर रखना अनिवार्य किया है।
यह जागरूकता अभियान का ही परिणाम है कि अब कोरोना मरीजों के अलावा आम लोग भी बाजार से सैनिटाइजर, मॉस्क, पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर की खरीदी कर अपनी सेहत की घरों में ही जांच करने लगे हैं। जिला दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष देवव्रत गौतम ने बताया कि कोरोना मरीजों को होम आइसोलेट करने की सुविधा देने के बाद बिक्री में और तेजी आई है।
शहर की अलग-अलग दुकानों से रोजाना 80 से 100 नग पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर बिक रहे हैं। होम आइसोलेट मरीजों की तुलना में इसकी बिक्री अधिक होने से स्पष्ट हो रहा है कि सामान्य लोग भी अपनी सेहत की जानकारी घर पर ही जुटाने के लिए इसकी खरीदी कर रहे हैं। राहत वाली बात ये है कि अब तक थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर की किसी तरह की शार्टेज नहीं है। मांग से अधिक स्टाक अलग-अलग मेडिकल स्टोर्स में मौजूद हैं। वहीं मॉस्क, सैनिटाइजर भी अब बाजार में जरूरत से कहीं अधिक मौजूद है।
192 कोरोना संक्रमित होम आइसोलेट
जिले में वर्तमान में 192 कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेट किया गया है। इन्हें अपने पास पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर रखना अनिवार्य है, लेकिन इन मरीजों की तुलना में इनकी बिक्री कई गुना तक बढ़ गई है। सप्ताहभर से शहर में पल्स ऑक्सीमीटर की खरीदी रोजाना 100 के लगभग है। वहीं इतनी ही संख्या में थर्मामीटर भी बिक रही है। इससे साफ है कि सामान्य लोगों में भी अपनी सेहत को लेकर काफी जागरूकता आई है।
ऑक्सीजन लेवल की जानकारी देती है पल्स ऑक्सीमीटर
पल्स ऑक्सीमीटर शरीर में ऑक्सीजन लेवल की जानकारी देती है। यह डिवाइस खून में मौजूद ऑक्सीजन के स्तर को मापती है। यह हार्ट रेट की रीडिंग भी देती है। इससे यह भी पता लगता है कि फेफड़ों के लिए दी गई दवाई कितने अच्छे से काम कर रही है एवं यह पता लगता है कि सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता है या नहीं? सांस से जुड़ी अलग.अलग जानकारी के लिए यह डिवाइस काम आती है।
कीटाणु और बैक्टीरिया से बचाता है सैनिटाइजर
इन दिनों हाथों को धोने के लिए साबुन की जगह हैंड सैनिटाइजर का उपयोग अधिक किया जा रहा है। हैंड सैनिटाइजर कीटाणुओं और बैक्टीरिया को हमारे हाथों से निकाल देता है, साथ ही इसके इस्तेमाल के बाद हाथों से भीनी सी महक भी आती है, लेकिन कुछ लोगों को बार-बार हाथ धोने की आदत सी होती है। ऐसे लोगों को हर छोटे-बड़े काम में हाथ डालने के बाद लगता है कि उनके हाथ सिर्फ पानी से साफ नहीं हो पाएंगे, इसलिए वे बार-बार हाथ साफ करने के लिए हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करते हैं।
ऐसे काम करता है थर्मामीटर
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस की पहचान व रोकथाम में थर्मामीटर काफी उपयोगी साबित हुआ है, जिसके माध्यम से बिना छुए ही किसी व्यक्ति का तापमान मापा जा सकता है। थर्मामीटर मरीज के शरीर का तापमान डिग्री फॉरेन्हाइट व डिग्री सेल्सियस में पलक झपकते ही बता देता है। यह गैर-संपर्क दूरस्थ अवरक्त इलेक्ट्रॉनिक थर्मामीटर है। यह माथे से अवरक्त गर्मी विकिरण को एकत्र कर शरीर के तापमान को मात्र एक सेकेंड में माप सकता है। यह डिफरेंस तापमान को भी सेंसर के माध्यम से पढ़ लेता है। यह इस्तेमाल में भी आसान और सटीक परिणाम देता है। इसमें एलसीडी डिस्प्ले भी रहता है, जो अंधेरे वातावरण में भी काम कर सकता है।
कंपनियों ने दाम किए कम, सप्लाई बढ़ाई
दवा व्यवसायियों के अनुसार बगैर लक्षण वाले मरीजों के होम आइसोलेट किए जाने की प्रक्रिया के बाद इन उपकरणों की खरीदी बढ़ी है। इसी के साथ कंपनियों ने इसकी सप्लाई भी बढ़ा दी है। पहले की तुलना में इन उपकरणों के दाम भी कम कर दिए गए हैं।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / नगर निगम के नेताप्रतिपक्ष एवं पूर्व महापौर श्रीमती शोभा सोनी के आकस्मिक निधन पर नगर निगम में सोसल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जहां पार्षदगणों एवं अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनि श्रद्धांजलि देते हुये दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी गयी।
निगम अध्यक्ष हरिनारायण पप्पू धकेता ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि पार्षद पद से राजनीति की शुरूआत करने वाली श्रीमती शोभा सोनी नगर में जनता में अपनी सादगी एवं कर्मठता की छवि बनाई। कोई भी व्यक्ति किसी भी काम के लिये उनके पास जाता था, उसका वे संतुष्ट कर भेजती थी। दलगत राजनीति से उपर उठकर वे कार्य करती थी। उनके आकस्मिक निधन का समाचार मिलने पर विश्वास ही नहीं हो रहा था, कि वे हमारे बीच नहीं है। ऐसा लग रहा है, मानो वे अभी भी हमारे बीच है।
नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक ने संवेदना व्यक्त करते हुये कहा कि कल दोपहर में उनके निधन का समाचार प्राप्त हुआ तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि वे हमारे बीच नहीं रही। नेता प्रतिपक्ष होने के बाद भी सही सलाह देकर निगम के कामों में सहयोग करती थी। उनके निधन से परिवार सहित निगम को क्षति हुई है। जिसकी पूर्ति कभी नहीं हो सकती। आयुक्त कौशिक ने महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख के शोक संदेश पढ़ कर सुनाते हुये कहा कि मैडम ने भी श्रीमती सोनी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और व्यक्तिगत क्षति बताते हुये कहा कि उनके द्वारा प्राप्त सभी पदों का कुशलतापूर्वक निर्वाहन किया है। जिसके कारण उनकी एक जन नेता के रूप में पहचान बनी थी, उनके स्वर्गवास होने से नगर निगम सहित राजनांदगांव शहर की अपूर्णीय क्षति हुई है। जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। मैं उनके आत्मा की शांति के लिये निगम परिवार सहित शहर वासियों की ओर से प्रार्थना करती हूॅ।
पार्षद शिव वर्मा ने शोक संदेश में कहा कि अपने कर्तव्य परायण एवं मिलन सारिता से श्रीमती शोभा सोनी नगर में गांव की नोनी के नाम से प्रसिद्ध थी। उनका अकस्मात चला जाना हमारे लिये अपूर्णीय क्षति है, जो कभी पूरी नहीं हो सकती। मैं अपनी ओर से एवं हम सबकी ओर से उनकी आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना करता हूॅ। अंत में उपस्थित जनों द्वारा श्रीमती शोभा सोनी को दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। शोक सभा का संचालन कार्यपालन अभियंता दीपक जोशी ने किया। इस अवसर पर महापौर परिषद के प्रभारी सदस्यगण, पार्षदगण, नामांकित पार्षदगण एवं अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
राजनांदगाँव / शौर्यपथ / जनपद सभापति ओमप्रकाश साहू ने कांकेतरा-बोरी-गठुला में 2.5 करोड़ की लागत से बोरी जलाशय में निर्मित नहर लाइनिंग का कार्य भ्रष्टाचार की शिकायत जनपद सभापति ओमप्रकाश साहू ने कैबिनेट मंत्री डोंगरगढ़ विधायक भुनेश्वर बघेल से कांकेतरा में किये। जिस पर मंत्री ने जल्द जांच करवा कर दोषी पर कार्यवाही का आश्वासन दिए है। ओमप्रकाश साहू ने बताया कि 2.5 करोड़ की लगात से नहर लाइनिंग का कार्य 3 माह पूर्व ही पूरा किया गया था, जो 3 दिन पूर्व बारिश में बह गया। इस पर दोषी ठेकेदार व अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग किया, जिस पर विधायक बघेल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द जांच करवाकर दोषियों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया है। इस दौरान ब्लॉक अध्यक्ष दुर्गेश द्विवेदी, गीतालाल वर्मा, कांकेतरा सरपंच तोरण साहू, नारद साहू, ललित चंदतारे, गंभीर साहू, दिनेश पुराणिक आदि उपस्थित थे।