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राजनांदगांव / शौर्यपथ / सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने जिले के प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए जिला एवं विकासखंड स्तर पर हेल्पडेस्क का गठन किया है। जिला स्तर पर जिला पंचायत कार्यालय राजनांदगांव में स्थापित हेल्पडेस्क का दूरभाष क्रमांक 07744-224060 एवं श्रम पदाधिकारी कार्यालय राजनांदगांव में स्थापित हेल्पडेस्क का दूरभाष क्रमांक 07744-225049 है।
इसी तरह विकासखंड स्तर पर तहसीलदार कार्यालयों में प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए हेल्पडेस्क स्थापित किया गया हैं। राजनांदगांव विकासखंड के हेल्पडेस्क का दूरभाष क्रमांक 07744-225403, खैरागढ़ विकासखंड के हेल्पडेस्क का दूरभाष क्रमांक 07820-234230, छुईखदान विकासखंड के हेल्पडेस्क का दूरभाष क्रमांक 07743-263503, डोंगरगांव विकासखंड के हेल्पडेस्क का दूरभाष क्रमांक 07745-271756, अंबागढ़ चौकी विकासखंड के हेल्पडेस्क का दूरभाष क्रमांक 07747-249280, छुरिया विकासखंड के हेल्पडेस्क का दूरभाष क्रमांक 07745-264400, मोहला विकासखंड के हेल्पडेस्क का दूरभाष क्रमांक 07747-249280, डोंगरगढ़़ विकासखंड के हेल्पडेस्क का दूरभाष क्रमांक 07823-232244 है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार ने धान संग्रहण केंद्रों में चबूतरा निर्माण के साथ शेड निर्माण की कार्य योजना बना कर किसान व उनके फसल को भी सुरक्षित रखने का क्रांतिकारी कदम उठाने पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष पदम कोठारी ने इस निर्णय का स्वागत कर मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि इस निर्णय से छग जो धान के कटोरा नाम से चर्चित है, उसकी सार्थकता पूरी होगी क्योंकि पूर्व में सरकार धान तो खरीद लेती थी, लेकिन बारिश से होने वाले धान की बर्बादी को बचाने की कार्ययोजना नहीं थी जिससे धान के सडऩे से करोड़ों रूपये का राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता था, जिससे राहत मिलेगी।
जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के प्रवक्ता रुपेश दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ऐतिहासिक व साहसिक फैसलों में यह अतिमहत्वपूर्ण फैसला है क्योंकि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार लगातार 15 साल तक छत्तीसगढ़ में राज कर सरकार के कुप्रबंधन, आलस्यता, अकर्मण्यता एवं असंवेदनशीलता से धान संग्रहण केंद्रों में चबूतरे एवं शेड नहीं बनवाने या इस ओर ध्यान नही देने से बारिश में करोड़ों रुपया का धान सड़ जाता था तत्कालीन भाजपा सरकार औने- पौने दाम पर बेचती रही है जिससे छत्तीसगढ़ सरकार को करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था, लेकिन अब छग में किसान पुत्र व स्वयं किसान के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार है। मुखिया होने के नाते उन्होंने इसकी चिन्ता करते हुए चबूतरे एवं शेड का निर्माण करवाने का निर्णय लिया है जिससे धान की बर्बादी एवं इससे होने वाली वित्तीय नुकसान पर रोक लग सकेगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा मनरेगा और अन्य विभागीय योजनाओं के अभिसरण से प्रदेश भर के संग्रहण केंद्रों में 4622 चबूतरों का निर्माण का निर्णय लिया है इनमें से 4435 कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर 2819 चबूतरों का काम शुरू कर दिया गया है बलौदाबाजार भाटापारा जिले में117 कार्य पूर्ण हो चुके है। इसके लिए मनरेगा के अंतर्गत 88 करोड़ 15 लाख रूपए और अन्य मदों से आठ करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं। राज्य शासन द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान को सुरक्षित रखने के लिए राजनांदगांव जिले में 442 चबूतरों का निर्माण कराया जाना है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रेणु प्रकाश के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम द्वारा अंबागढ़ विकासखंड के ग्राम जादूटोला सेक्टर बांधा बाजार परियोजना में 14 जून को हो रहे बाल विवाह को रूकवाया गया। सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती बिल्किस खान और सहयोगी श्रीमती दुर्गा पांडे, बाबूकृष्ण कुमार वार्चो, अमित मेश्राम, तिलक सिन्हा ने बाल विवाह को रुकवाया। सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा लड़की के माता-पिता को समझाईश दी गई और उनके परिजनों ने बाल विवाह रोकने के लिए लिखित रूप में समहति दी।
राजनांदगांव/ शौर्यपथ / केन्द्र व राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों से नाराज किसानों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा 26 संगठनों द्वारा प्रदेश व्यापी संयुक्त आहवान के तहत जिला किसान संघ की अगवाई में अपर कलेक्टर शर्मा को यह ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन सौपने किसान अपनी मांगों के पोस्टर लेकर पहंुचे थे। सोसल डिस्टेंस रखते हुए किसानों ने पहले नारे बाजी की फिर ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में महामहिम से अपनी भावनाऐं केन्द्र तक पहुंचाने का निवेदन किया गया है, वहीं राज्य शासन को मांगों के संबंध में निर्देशित करने का आग्रह किया गया है। जिला किसान संघ ने कहा है कि विभिन्न माध्यमों से सरकारों को लगातार अवगत कराये जाने के बावजूद कोई भी ध्यान नहीं दिए जाने से विवश होकर महामहिम राज्यपाल से गुहार लगाने की आवश्यकता पड़ी है। ज्ञापन में केन्द्र व राज्य सरकार से मांगे अलग अलग दर्शायी गई है। इस सीजन हेतु धान एवं अन्य खरीफ फसलों के लिए घोषित समर्थन मूल्यको नकारते हुए स्वामीनाथन आयोग के सी-2 फार्मूले के अनुसार फसल के लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और धान का समर्थन मूल्य 3465 रूपये घोषित किया जावे। केन्द्र सरकार द्वारा मण्डी कानून और आवश्यक वस्तु अधिनियम के अध्यादेश के जरिए बदलने और ठेका कृषि को कानूनी दर्जा देने के मंत्रिमण्डल के फैसले को निरस्त किया जावे। बिजली क्षेत्र के निजीकरण का फैसला वापस लिया जावे। तीसरी रेल्वे लाईन एवं डोंगरगढ़ वाया मंुगेली, कवर्धा, खैरागढ़ 255 किमी रेल्वे लाईन में प्रभावित कृषकों के परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार नौकरी एवं चार गुना मुआवजा दिया जाये। मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ा जावे।
वहीं राज्य सरकार की मांगों में सभी उत्पादक किसानों का मक्का समर्थन मूल्य पर लिया जावे। सहकारी बैंक 2017 का ऋण माफी किया जावे। एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों को ऋण माफी की पूरी राशि तत्काल दी जावे एवं निजी बैंक के केसीसी धारकों को भी ऋण माफी योजना का लाभ दिया जावे। धान खरीदी अंतर की राशि एक मुश्त दी जावे। छग के प्रवासी मजदूरों को उनके गांव घरों तक मुफ्त पहुंचाने उनके भरण पोषण के लिए मुफ्त खाद्यान, मनरेगा रोजगार और नगद आर्थिक सहायता दी जावे। रेल्वे लाईन प्रभावितों (तीसरी लाईन + डोंगरगढ़-कवर्धा रेल्वे लाईन) के परिवार के एक सदस्य को नौकरी व चार गुणा मुआवजा हेतु सूची रेल्वे को दी जावे। रबी फसल की क्षतिपूर्ति राशि प्रति हेक्टर 2500 रूपये दिये जावे।
तीसरी रेल्वे लाईन प्रभावित किसान परिवार के एक सदस्य को नौकरी व चार गुना मुआवजा की मांग के संबंध में चर्चा कर अपर कलेक्टर श्री शर्मा जी को बताया गयाकि रेल्वे प्रभावित परिवारों की सत्यापित सूची नहीं होने कारण नौकरी वाले विषय में विभाग आगे कार्यवाही नहीं कर रहा है एवं किसानों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। इस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए भू अर्जन शाखा से अछोली एवं नागतराई की सत्यापित सूची उपलब्ध कराई गई। जिला किसान संघ ने रेल्वे वाले मुद्दे पर त्वरित निराकरण के लिए श्री शर्मा का आभार व्यक्त किया है।
ज्ञापन सौपने के दौरान सुदेश टीकम, रमाकांत बंजारे, हरिशचन्द्र साहू, नैन जनबंधु, तुलाराम उसारे, सेवक वर्मा, जगत देवांगन, महेन्द्र चंद्राकर, यीशु चांदने, रूपसिंग वर्मा, श्यामरतन साहू, श्यामसाय सिन्हा, नरेश पटेल, नारद, गैंद साहू, कृपाल ठाकुर, उमेश वर्मा, फगवाराम साहू, रामाधार साहू, बालाराम साहू, रतन साहू, सुमन साहू, नोहर वर्मा, नकुलदास साहू, राजेश वर्मा, घनाराम साहू, कुलेश्वर वर्मा, तिलक वर्मा, चुमन पटेल, अनिल वर्मा, रामदेव पटेल जैतराम वर्मा सहित बड़ी संख्या में सभी ब्लाक के प्रतिनिधि शामिल थे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / जिला राजनांदगांव डोंगरगढ़ विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत पेंड्री में नल जल योजना के तहत पाइपलाइन विस्तारीकरण कार्य हेतु राशि 1.62 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति क्षेत्र के संघर्षशील विधायक दलेश्वर साहू के अथक प्रयास से स्वीकृति प्राप्त हुई है। यहां की ग्राम पेंड्री डोंगरगढ़ ब्लॉक में सूखाग्रस्त पेयजल संकट के नाम से जाना जाता है। ग्राम के कुछ वादों में आम जनता तक अभी तक पेयजल सप्लाई नहीं हो पाता था, इसलिए कठिनाइयों को देखते हुए तत्परता से विधायक विधायक श्री साहू ने इस कार्य को स्वीकृति दिलाने में सहयोग किया, जिससे क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों ने विधायक को धन्यवाद ज्ञापित किया है, जिसमें जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 25 डोंगरगढ़ के जनपद सदस्य श्रीमती अनीता राम खिलावन साहू, सेक्टर प्रभारी ओम दत्त वर्मा, हरि महाराज शुक्ला, नेतराम साहू ग्राम पटेल, डीगेश सिन्हा, लोकेश्वर प्रसाद शुक्ला, गोरख दास साहू, मोरध्वज सिन्हा, समालिया राम साहू ने सभी मिलकर क्षेत्रीय विधायक दलेश्वर साहू को बहुत.बहुत धन्यवाद ज्ञापित किया है। यह जानकारी योग दास साहू ने दी है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी टोपेश्वर वर्मा ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के सामुदायिक संक्रमण के रोकथाम के लिए जिले में संचालित अनुमति प्राप्त दुकानों, व्यवसायिक एवं अन्य प्रतिष्ठानों के संचालन के समयावधि में परिवर्तन किया है। आदेश में कहा गया है कि जिले के वर्तमान स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए अनुमति प्राप्त दुकानों, व्यवसायिक एवं अन्य प्रतिष्ठानों को सुबह 7 बजे से रात्रि 8 बजे तक संचालन की अनुमति है। इसके साथ ही समय-सीमा और साप्ताहिक अवकाश के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। सभी दुकान संचालकों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को मास्क एवं सेनेटाइजर के नियमित उपयोग तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / छत्तीसगढ सरकार की उत्कृष्ट अग्रेंजी माध्यम शाला योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में अब कम से कम एक अग्रेंजी माध्यम स्कूल इस शिक्षा सत्र से आरंभ हो जाएंगा जिसके लिए 40 स्कूलो का नयन किया गया है।
इस योजना के अंतर्गत अग्रेंजी माध्यम स्कूलों में स्कूल के एक किलोमीटर के परिधी में रहने वाले बच्चों को प्रवेश में प्रथामिकता दिया जाएगा। पहली से लेकर पांचवी तक हिन्दी माध्यम के बच्चे भी प्रवेश ले सकते है जिनका चयन लाॅटरी पद्धती से किया जाएगा और कक्षा छटवी से बारहवी तक के बच्चों का चयन अंको के आधार या परीक्षा परिणाम के आधार में मेरिट सूचि बनाकर प्रवेश दिया जायेगा।
सरकार इस योजना को 1 जुलाई से वर्चुवल कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई प्रारंभ करने जा रही है जिसमें कक्षा प्रथामिक और मिडिल स्कूल के बच्चों को अपने अभिभावको के साथ मिलकर शैक्षणिक गतिविधियां करना अनिवार्य है जो कम से कम एक -दो घंटे का होगा।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पाॅल का कहना है कि सरकारी योजनों का लाभ सभी को मिलना चाहिए लेकिन सरकार में बैठे कुछ जिम्मेदार लोगों के द्वारा योजनों में पानी फेरने का कोई कसर नही छोड़ते है जिसके कारण सरकारी योजनाए कागजों में ही अच्छा लगता है। स्कूल के एक किलोमीटर की परिधी में रहने वाले बच्चों को प्रवेश में प्रथामिकता देने की योजना न्यायसंगत नही है। सरकारी योजना का लाभ सभी बच्चों को मिलना चाहिए पालक अपने बच्चों के लिए परिवहन की सुविधा उपलब्ध करा सकते है और अंको के आधार पर चयन करना घोर अपत्तिजनक है। सभी बच्चों का चयन लाॅटरी पद्धती से किया जाना चाहिए। जिसको लेकर अब एसोसियेशन ने शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला को पत्र लिखा कर चयन लाॅटरी पद्धती के माध्यम से करने और एक किलोमीटर की बाध्यता को समाप्त कर सभी बच्चों को प्रवेश देने की मांग किया गया है क्यांकि कई पालक जो अपने बच्चों को अग्रेंजी माध्यम स्कूलों में पढ़ाना चाहते थे लेकिन निजी स्कूलों में अत्याधिक फीस होने के कारण उनका यह सपना पूरा नही हो पा रहा था लेकिन अब सरकार की इस योजना में भी कई पेंच आ जाने के कारण कई बच्चे सरकार की योजना से वंचित रह जाएंगे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कृषि विभाग द्वारा जिले में चालू खरीफ मौसम में 3 लाख 55 हजार 910 हेक्टेयर में फसल बोने का लक्ष्य रखकर जरूरी तैयारियां की गई है। इस साल 3 लाख 7 हजार 545 हेक्टेयर में धान और अन्य अनाज फसलें, 16 हजार 325 हेक्टेयर में दलहनी तथा 32 हजार 40 हेक्टेयर में तिलहनी फसलें बोने का लक्ष्य रखा गया है।
उप संचालक कृषि धु्रर्वे से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल खरीफ मौसम में 2 लाख 98 हजार 120 हेक्टेयर में धान फसल बोने की तैयारी की गई है। जिले में बोता, रोपा, कतार बोनी, श्रीविधि से धान की बोनी की जाती है। इस वर्ष 1 लाख 61 हजार 220 हेक्टेयर में बोता धान, 68 हजार 900 हेक्टेयर में धान रोपा, 65 हजार हेक्टेयर में कतार बोनी तथा 3 हजार हेक्टेयर में श्री विधि से धान की बोनी करने का लक्ष्य रखा गया है। अन्य अनाज फसलों में 25 हेक्टेयर में ज्वार, 5 हजार 860 हेक्टेयर में मक्का और 3 हजार 540 हेक्टेयर में कोदोकुटकी की बोआई की तैयारी की गई है। दलहनी फसलों में 6 हजार 400 हेक्टेयर में अरहर, एक हजार 750 हेक्टेयर में मूंग, 6 हजार 950 हेक्टेयर में उड़द तथा एक हजार 225 हेक्टेयर में कुल्थी व अन्य दलहनी फसलें लगाने का कार्यक्रम बनाया गया है। श्री ध्रुर्वे ने बताया कि जिले में खरीफ मौसम में मूंगफल्ली, तिल और सोयाबीन की खेती होती है। इस वर्ष 20 हजार 400 हेक्टेयर में सोयाबीन, एक हजार 500 हेक्टेयर में तिल तथा 140 हेक्टेयर में मुंगफल्ली बोने का लक्ष्य रखा गया है। खरीफ मौसम में ही 10 हजार 250 हेक्टेयर में साग-सब्जी ली जाती है।
धु्रर्वे ने बताया कि बीते खरीफ मौसम वर्ष 2019-20 में 2 लाख 91 हजार हेक्टेयर में धान बोने का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य के विरूद्ध 3 लाख 32 हजार हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी। इसी प्रकार 5 हजार 720 हेक्टेयर में दलहनी व 26 हजार 385 हेक्टेयर में तिलहनी फसलें लगाई गई थी।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / बीते दिन पीडब्लयूडी विभाग द्वारा 84 पेड़ों पर नंबर लिख कर चिन्हांकित कर रोड चौड़ीकरण हेतु उन्हें काटने की अनुमति एसडीएम कार्यालय में आवेदिन दिया है। यह मामला सामने आते ही नगर के पर्यावरण प्रेमियों ने विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है एवं इसे फैसले को अनुमति नहीं देने के विषय में कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा से मिलने पहुंचे एवं अपनी मंाग रखी। इस पर कलेक्टर द्वारा मामले को संज्ञान में लेने की बात कही गई। ज्ञात हो कि जिस मार्ग पर पेड़ो की कटाई प्रस्तावित है, वहां यातायात का दबाव भी इतना नहीं है कि रोड अधिक चौड़ा किया जाये एवं इससे लगा हुआ गौरवपथ बड़ी गाड़ियों के आवाजाही उपलब्ध है तो इस रोड का निर्माण इस तरह किया जाए जिससे किसी भी पेड़ को नुकसान न पहुंचे यह मांग रखी गई। ज्ञात हो कि एक पेड़ को बड़ा होने में 10-15 वर्ष का समय लगता है एवं एक पेड़ अपने जीवनकाल में अनेक लोगो को फायदा ही पहुचाता है, लेकिन 84 पेड़ों का एक साथ काटने पर शहरवासियों का उग्र विरोध शासन को झेलना पड़ेगा।
ज्ञात हो कि वन एवं पर्यावरण मंत्री मो. अकबर जिले के प्रभारी मंत्री भी है एवं उनके क्षेत्र में पेड़ों के साथ ऐसा होना उनके ऊपर भी प्रश्रचिन्ह खड़ा करती है कि कहीं इसमें उनकी अनुमति तो नहीं फिलहाल इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। आज ज्ञापन सौपने के दौरान मुख्य रूप से शिवम यादव, आदित्य पराते, शुभम देवांगन, आयुष वैष्णव, रजत वैष्णव, चंदन साहू, लीलाधर प्रजापति, सुमित यादव, अमित यादवए वेदप्रकाश देवांगन आदि उपस्थित थे।
राजनांदगाँव / शौर्यपथ / डोंगरगढ़ विधायक भुनेश्वर बघेल एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष पदम कोठारी ने आज रेंगाकठेरा, पदुमतरा, घुमका, उपरवाह विभिन्न गांव का सोसायटी का निरीक्षण किये व किसानों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का निराकरण किये। रेंगाकठेरा में बताया गया कि उपशाखा होने के कारण मुख्य शाखा जाना पड़ता है। विधायक ने शाखा प्रबंधक से समस्या से जल्द निराकरण करने कहा गया। पदुमतरा में धान खरीदी केंद्र के स्थान को बदलने की मांग किया गया। घुमका में विधायक व जिलाध्यक्ष ने व्यवस्था सुधार करने कहा गया। खाद-बीज की व्यवस्था में सुधार करने करने कहा गया। उपरवाह भी किसानों की समस्याओं से रूबरू हुवे व सभी जगह बताया गया घुमका शाखा में 94 गांव के किसानों का लेन-देन होने के कारण भीड़-भाड़ व किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा, जिसका विभाजन किया जाना अवश्य है। विधायक बघेल ने जल्द इस पर विशेष पहल करने का आश्वासन दिया। साथ में जिला पंचायत सदस्य हर्षिता स्वामी बघेल, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष दुर्गेश द्विवेदी, जनपद सभापति ओमप्रकाश साहू, जनपद सदस्य झमेश्वरी साहू, रामकुमार साहू, कुलेश्वर वर्मा, ललित चांदतारे, टिंकू यादव, मोहन साहू, चंद्रेश वर्मा, रतन यादव, प्रहलाद वर्मा, जयकुमार वर्मा, भागवत वर्मा, नवनीत साहू, विक्की, संतोष देवांगन, सफिल खान, अजय वर्मा, कपिल वर्मा, यशवंत साहू, पन्ना वर्मा एवं पंचायत प्रतिनिधि, कांग्रेस कार्यकर्ता, किसान साथी उपस्थित रहे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शासकीय राशन विक्रेता संघ ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर जिला अध्यक्ष संजीव डोंगरे के नेतृत्व में जिलाधीश टोपेश्वर कुमार वर्मा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपा।
शासकीय राशन विक्रेता संघ के जिला अध्यक्ष संजीव डोंगरे ने बताया कि राशन विक्रेता संघ के द्वारा पीडीएस की दुकानों का संचालन एवं सेवा कार्य निरंतर किया जा रहा है। शासन के आदेशो निर्देशों का पालन एवं क्रियान्वयन से सःसम्मान विक्रेताओं ने जान कि परवाह किए बिना सफलता से किया है और अपनी-अपनी दुकान संलग्न समस्त राशनकार्डधारी को उनका निर्धारित राशन सामाग्री समय पर उपलब्ध कराया है।
डोंगरे ने कहा कि छग राज्य के राशन दुकानदारों को राशन वितरण के एवज में शासन से कोई मानदेय वा वेतन निर्धारित नहीं है। सिर्फ कमीशन मिलता है, जिससे विक्रेताओं के परिवार का जीविकोपार्जन होता है, किन्तु विगत तीन माह से सामाग्री वितरण का मेहनतना कमीशन अप्राप्त है। छग राज्य में कोरोना महामारी विकराल रूप लेता जा रहा है, इस भयावह स्थिति में राशन विक्रेताओं एवं तौलक को आशा वर्कर की भांति 50,00,000 रुपये का बीमा कवर प्रदान किया जाये। वित्तीय पोषण एवं प्रोत्साहन राशि 10 रूपये प्रति मि्ंटल की दर से राज्य शासन द्वारा जारी किया है जो नागरिक आपूर्ति निगम जिला कार्यालय मे विगत 6 माह से राशि जमा है, उसे सभी विक्रेताओं के खाते मे तत्काल हस्तांतरित करने की करें।
डोंगरे ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना की स्थिति में हमारा पूरा राशन विक्रेता परिवार बहुत ज्यादा तंग हाल से जुझ रहा है। कमीशन नहीं आने की स्थिति मे भी मानवता को ध्यान मे रख कर कार्य कर रहा है। अतः जीविकोपार्जन हेतु पिछले वर्ष के खाली बारदानों एवं इस वर्ष जो बरदानों का शासन द्वारा उठाव किए गए है, उनकी राशि तत्काल उपलब्ध कराने का कष्ट करे। विक्रेता संघ द्वारा समय-समय पर राज्य सरकार से लिखित एवं मौखिक निवेदन करते रहे है कि हमें ऑनलाइन वितरण के पूर्व 45 रूपये प्रति मि्ंटल कमीशन मिलता था और ऑनलाइन वितरण करने पर 70 रुपये प्रति मि्ंटल कमीशन का वादा किया गया था। अतः आपसे निवेदन है कि 70 रूपये प्रति मि्ंटल कमीशन करने की कृपा करें। अन्य मद का कमीशन जैसे पूरक पोषण आहार, मध्यान भोजन, महतारी जतन, अमृत नमक जिसकी कमीशन वर्ष 2007-08 से ऑनलाइन डिलवरी के तहत आपके नागरिक आपूर्ति निगम जिला कार्यालय में सभी रेकॉर्ड एवं राशि उपलब्ध है, उक्त राशि विक्रेताओं को तत्काल उपलब्ध कराने का कष्ट करे। छग सरकार से निवेदन है की शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की बहुत सी राशन दुकानें किराये के भवन में संचालित है, जिसका खर्च स्वयं विक्रेता उठा रहा है, सरकार द्वारा भवन किराया एवं विद्युत खर्च की पूर्ति बाबत् राशि निर्धारित कर उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
राशन विक्रेता हमेशा से शासन की योजनाओं को फलीभूत करता रहा है और छग राज्य के पीडीएस वितरण को देश मे गौरव प्राप्त है। अतः सहानुभूति पूर्वक उपरोक्त मांगों की पूर्ति अविलंब करने की मांग की गयी है। इस दौरान शासकीय राशन विक्रेता संघ के जिला अध्यक्ष संजीव डोंगरे साथ सचिव नकुल वर्मा, कोषाध्यक्ष श्रवण साहू, उपाध्यक्ष श्रीमती भारती लारिया, श्रीमती संतोषी उके, सहसचिव भुपेन्द्र यादव, सदस्य श्रीमती शिला यादव, चालेश्वर यादव, बुधराम वर्मा, शंकर साहू सहित अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / जंगलों एवं पहाड़ों की नैसर्गिक छटा मनोरम है। दूरस्थ ग्रामों में वनवासियों के उल्लास भरे चेहरे उनकी खुशी बयां कर रही है। जैवविवधिता से भरपूर इन जंगलों में किस्म-किस्म के फल-फूल और औषधीय वृक्ष है। अभी लघुवनोपज संग्रहण का कार्य अपनी चरम पर है और शासन की ओर से ग्रामीण आदिवासी संग्राहकों को पर्याप्त लाभ दिलाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर निर्धारित किया गया है। ताकि वे बिचौलियों से बचे रहें और उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी हो सके।
छुईखदान विकासखंड के दूरस्थ ग्राम सरईपतेरा में यह मौसम ग्रामवासियों के लिए सौगात की तरह है। पीले रंग के फूल सरई वृक्ष से गिरकर जमीन पर बिखरे हुए हैं। साल वृक्षों की अधिकता के कारण ही इस गांव का नाम सरईपतेरा पड़ गया है। गांव की श्रीमती जलवती, बिस्ता, ज्योति, रिना, संवरी, राजीम, हिमानी, प्रेमवती, श्रीमती तिजा, राधिका, थामन, पांचोबाई, साहिबिन, सुखवारो, जसवंतिन, भागवती, हेलेंद्री एवं अन्य महिलाएं सरई फूल बीज एकत्रित करने के लिए सुबह से निकल जाती है। कोविड-19 से बचाव के लिए महिलाएं वनोपज संग्रहण के दौरान मास्क का उपयोग कर रही है। लघुवनोपज संग्रहण उनका प्रिय कार्य है और कार्य करते हुए वे आपस में सुख-दुख भी बांट लेती हंै। गांव में जामुन की अधिकता होने के कारण जामुन संग्रहण का कार्य भी प्रगति पर है।
छुईखदान विकासखंड के दूरस्थ ग्राम ढोलपिट्टा में बैगा जनजाति के परिवार के लिए लघुवनोपज आजीविका का प्रमुख साधन है। बैगा जनजाति के बुजुर्ग श्री कमल मरकाम ने कहा कि वे सुबह से बेल गुदा एवं हर्रा संग्रहण में लग जाते हैं। जिससे उन्हें आमदनी हो रही है और परिवार की अच्छी गुजर-बसर हो जाती है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को न्यूनतम समर्थन मूल्य में लघुवनोपज खरीदी करने के लिए धन्यवाद दिया। उनकी पत्नी श्रीमती भगतीन और उनकी नतनी उषा सयाम ने भी खुशी जाहिर की। शासन की ओर से बैगा जनजाति के उत्थान के लिए ग्राम में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। घाटी में ग्राम रेंगाखार के श्री खानू एवं श्री गुलाब खान भी बेलगुदा एकत्रित करने में व्यस्त थे। वहीं बांधाटोला के श्री हरे सिंह और सदाराम धु्रर्वे हर्रा बहेरा एकत्रित कर रहे थे। माहुल पत्ता की तोड़ाई में भी अब तेजी आ गई है। जिससे ग्रामवासी दोना-पत्तल बनाने का कार्य करेंगे।
जिले में आंवला बीज, पुवाड़ बीज, कौंच बीज, बायबिडिंग, कालमेघ, नागरमोथा, हर्रा, धवई फूल, बहेड़ा, महुआ फूल, शहद, फूलझाडु, इमली, रंगीन लाख, कुसमी लाख, सालबीज, गम कराया, महुआ बीज, बेल गुदा, करंज बीज, चिरौंजी गुठली और जामुन बीज के संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। दूरस्थ ग्राम सरईपतेरा, ढोलपिट्टा में लघुवनोपज संग्राहक अपना वनोपज शासन की समिति में विक्रय करते हैं। वन विभाग की ओर से लघुवनोपज संग्रहण के लिए वनवासियों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें कोरोना वायरस के बचाव के लिए भी बताया जा रहा है। ग्रामवासियों को कोविड-19 से सुरक्षा के लिए मास्क दिया जा रहा है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कार्यों की समीक्षा की एवं लंबित प्रकरणों को समय-सीमा में निराकरण करने के सख्त निर्देश दिए। कलेक्टर वर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण में प्रोटोकाल का पालन करते हुए सभी अधिकारी-कर्मचारी अपने कार्यों में प्रगति लाए। लॉकडाउन की अवधि में लंबित कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करें।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर ओंकार यदु, अपर कलेक्टर हरिकृष्ण शर्मा, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती तनुजा सलाम, नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री मिथलेश चौधरी, एसडीएम राजनांदगांव श्री मुकेश रावटे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर वर्मा ने नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि बारिश से पहले निर्माणाधीन गौठानों को तैयार कर लिया जाए। यहां पशुओं के लिए पर्याप्त चारागाह की व्यवस्था किया जाना चाहिए। गौठान में ही बाड़ी का निर्माण भी करें और इसमें महिला स्व सहायता समूह तथा बिहान की महिलाओं को जोड़कर कार्य करें। ताकि इन समूहों को आजीविका से जोड़ा जा सके। इसके लिए गौठान समिति का चयन किया जाए। गौठान में पशुओं की देखभाल के लिए पशुचिकित्सक नियमित रूप से निरीक्षण करें। घुरवा संवर्धन का कार्य प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन करने पर जोर दिया।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि भूमिहिन परिवारों का चिन्हांकन करें, ताकि उन्हें योजना में शामिल कर लाभान्तिव कर सके। श्री वर्मा ने किसान सम्मान निधि के आंकड़ों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इसमें सभी पात्र किसानों का लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए पटवारियों को कार्य में लगाकर अभियान चलाए।
कलेक्टर ने कहा कि खाद्य एवं लघुवनोपज प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना की जाएं और इसे समूहों द्वारा संग्रहित वनोपज की खरीदी केन्द्र के रूप में स्थापित करें। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि जिले में उद्योगों की स्थापना के लिए खाली जमीन का चिन्हांकन करें। ताकि जब यहां उद्योग लगाने के लिए उद्योगपति प्रेरित हो तो उन्हें जमीन उपलब्ध कराया जा सके। यहां उद्योग लगने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। श्री वर्मा ने कहा कि किसानों को धान की जगह अन्य फसल लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंंने आश्रमों, छात्रावासों को सर्वसुविधा युक्त बनाने के निर्देश दिए हैं। बच्चों के लिए बिस्तर, खेल सामग्री, लाईबे्ररी तथा शौचालय हो।
कलेक्टर ने राजस्व प्रकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं तथा लंबित प्रकरणों को जल्दी पूरा करने के लिए कहा है। वन अधिकार पट्टा, परिवर्तित लगान भूमि की वसूली, नजूल भूमि फ्री होल्ड, अतिक्रमित भूमि, नक्शा, खसरा, सीमांकन, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, सुपोषण अभियान, इंग्लिस मीडियम स्कूल की स्थापना, स्कूलों में रंगरोगन तथा मरम्मत कार्य, हाटबाजार, राशन कार्ड, जॉब कार्ड के संबंध में जानकारी ली और इससे संबंधित प्रकरणों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सभी विकासखंडों के एसडीएम, जनपद सीईओ, तहसीलदार तथा सभी विकासखंड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
अधिकारी-कर्मचारी आपसी समन्वय रखते हुए टीम भावना से करें कार्य - संभागायुक्त चुरेन्द्र
वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करने लोगों को करें प्रेरित
लंबित प्रकरणों को समय-सीमा में करने के दिए निर्देश
राजनांदगांव / शौर्यपथ / संभागायुक्त दुर्ग जीआर चुरेन्द्र ने कल शाम कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सभी विभागों के जिला अधिकारियों की बैठक लेकर कार्यों की समीक्षा की एवं नये कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। संभागायुक्त चुरेन्द्र ने अधिकारियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि सभी अधिकारी-कर्मचारी आपसी समन्वय रखते हुए टीम भावना और लक्ष्य के अनुरूप समय-सीमा में कार्य करें। अपने ज्ञान और व्यवहार के माध्यम से ही लोगों को सामाजिक कार्यों से जोड़ा जा सकता है।
कोरोना संकट के इस वर्ष को निर्माण वर्ष के रूप में बदलते हुए काम करें इसके लिए सभी को प्रेरित करे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संपदा जल, वन, पेड़, पौधे एवं अन्य हमारे लिए बहुमूल्य है। इसे बचाने और पुन: उद्धार के लिए जनमानस को जोड़कर इसमें कार्य करने की जरूरत है। इस अवसर पर कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा उपस्थित थे।
संभागायुक्त ने कोरोना संक्रमण के रोकथाम की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी क्वारेंटाईन सेंटर में मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी और शौचालय अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो। यहां साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कि जाए। उन्होंने कहा कि क्वारेंटाईन सेंटर में घर जैसा माहौल तैयार करे। उन्होंने कहा कि जिन परिवार के सदस्य कोरोना से पीडि़त है, उन परिवारों से मिलकर उनके परेशानियों को दूर करे।
संभागायुक्त चुरेन्द्र ने कहा कि अन्य राज्यों से अधिक संख्या में मजदूर यहां आ चुके है और क्वारेंटाईन की अवधि भी पूरी कर लिए हैं इन श्रमिकों को उनकी कुशलता के आधार पर काम दिलाना हमारी प्राथमिकता है। सभी जनपदों को इसके लिए पर्याप्त कार्य स्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में मनरेगा एक संजीवनी है। जिसमें ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को मनरेगा से जोड़कर कार्य दिलाए।
संभागायुक्त चुरेन्द्र ने बारिश के पूर्व वृहद रूप से पौधे रोपण की तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश में आश्रम, छात्रावास, स्कूल, राईसमिल, मंडीबोर्ड, शासकीय एवं गैर शासकीय संस्थानों के परिसर में पौधे लगाए और उन्हें सुरक्षित रखे। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा नगरीय क्षेत्रों में भी पेड़ लगाएं। आम, बेल, जामुन, आंवला, नीम, पपीता, मुनगा जैसे पौधे लगाने के सुझाव दिए हैं। इन कार्यों में स्व सहायता समूह की महिलाओं को जोड़कर रोजगार भी उपलब्ध कराएं।
संभागायुक्त चुरेन्द्र ने राजस्व विभाग को जनता के अनुरूप समय-सीमा में कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शासकीय जमीन पर कब्जा हटाने के लिए अभियान चलाकर कार्य करें। उन्होंने इस कार्य में पटवारियों को लगाकर प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने खरीफ मौसम को देखते हुए खाद-बीज उपलब्धता की भी जानकारी ली। कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने कहा कि फिल्ड में काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी ईमानदारी पूर्वक काम करें। संसाधनों के अनुरूप अधिक से अधिक कार्य करने की प्राथमिकता दें।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर ओंकार यदु, अपर कलेक्टर हरिकृष्ण शर्मा, वनमंडलाधिकारी बीपी सिंह, सहायक कलेक्टर ललितादित्य नीलम, नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मिथलेश चौधरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सभी विकासखंडों के एसडीएम, जनपद सीईओ, तहसीलदार तथा सभी विकासखंड स्तरीय अधिकारी जुड़े रहे।