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राजनांदगांव / शौर्यपथ / करोना संक्रमण काल के इस वैश्विक संकट में मजदूर साथियों को अपने कार्य क्षेत्र को छोड़कर घर आने की आपाधापी में भूखे-प्यासे मजदूरों की सेवा करने के लिए जिला भाजपा द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह एवं सांसद संतोष पांडे के आवाहन पर जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव के नेतृत्व में जिला भाजपा द्वारा खाद्यान्न सामग्री के पैकेट प्रवासी मजदूरों को बांटे गए।
महाराष्ट्र सीमा एवं अन्य राज्यों से आने वाले कई मजदूर बसों के द्वारा अन्य जिलों की ओर जा रहे थे, उन्हें रोककर रायपुर नाका के पास राम दरबार के समीप तथा ठाकुरटोला टोल प्लाजा के पास 600 पैकेट का वितरण किया गया। वितरण कार्यक्रम में वरिष्ठ भाजपा नेता खूबचंद पारख, संतोष अग्रवाल, सचिन बघेल, रमेश पटेल, भरत वर्मा, रेखा मेश्राम, शोभा सोनी, सावन वर्मा, हीरेन्द्र साहू, रविन्द्र सिंह, शिव वर्मा, राजेश श्यामकर, तरूण लहरबानी, किशुन यदु, सुमित भाटिया, दिनेश गुप्ता, योगेश खत्री, प्रखर श्रीवास्तव, रघुवीर वाधवा, दिनेश गुप्ता, बंटी भाटिया, सुनील साहू, नागेश यादव, चंद्रभान जंघेल, आकाश चोपड़ा, आशुतोष सिंह, जय शर्मा, अरुण शुक्ला, बलवंत साहू, शेखर यादव, मनीष जैन, सरस्वती यादव, अकरम कुरैशी, हकीम खान आदि प्रमुख रुप से उपस्थित थे।
जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव ने बताया कि पैकेट वितरण का यह कार्यक्रम अनवरत रूप से मजदूरों के प्रवास तक जारी रहेगा।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख की अध्यक्षता में महापौर परिषद की बैठक निगम स्थित महापौर कक्ष में संपन्न हुई। बैठक में आय-व्यय अनुमान पत्रक 2020-2021 पर विचार विमर्श उपरांत स्वीकृति हेतु सामान्य सभा को प्रेषित किया गया एवं वित्तीय वर्ष 2019-2020 के आय-व्यय को पुनरीक्षण की अनुशंसा सहित सामान्य सभा को भेजा गया। साथ ही नगर निगम के विभिन्न विभागों के लिये आमंत्रित वार्षिक निविदा में प्राप्त दर की स्वीकृति प्रदान की गई।
महापौर श्रीमती देशमुख ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये बजट के संबंध में विस्तार से चर्चा करते हुये अनुशंसा सहित स्वीकृति हेतु समान्यसभा को प्रेषित किया गया और दिग्विजय महाविद्यायल में निर्मित आडिटोरियम में ईको-साउंड सिस्टम स्थापना के लिये प्राप्त न्यूनम दर की स्वीकृति के अलावा बूढा सागर के उत्तरी भाग में स्थित फूड कोर्ट के संचालन के संबंध में निर्णय लिया गय तथा पेयजल परिवहन हेतु एवं निस्तारी कार्य के लिये प्राप्त दर की स्वीकृति एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न वार्डो के लिये सफाई कार्य ठेके के माध्यम से कराये जाने प्राप्त न्यूनतम दर की स्वीकृति प्रदान की कई।
साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण लाक डाउन की स्थिति में शासन द्वारा गरीब परिवारों को सुखा राहत समाग्री महापौर व पार्षद निधि से वितरण करने दी गयी स्वीकृति की पुष्टि की गई तथा नगर निगम की आय में वृद्धि करने शिवनाथ नदी के किनारे निगम सीमाक्षेत्र से रेत निकालने शासन को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया।
बैठक में महापौर परिषद के प्रभारी सदस्य मधुकर बंजारी, सतीश मसीह, संतोष पिल्ले, विनय झा, भागचंद साहू, गणेश पवार,राजा तिवारी,श्रीमती सुनीता फडनवीस, राजेश गुप्ता चंपू, श्रीमती बैना बाई तुर्राटे,कार्यपालन अभियंता दीपक जोशी व यू.के. रामटेके, लेखा अधिकारी यू.एस. वर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी अजय यादव, राजस्व अधिकारी श्रीमती सीमा बक्शी, समाज कल्याण अधिकारी भूपेन्द्र वाडेकर, लेखापाल राकेश नंदे सहित निगम के अधिकारी उपस्थित थे।
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से पलकों पर बढ़ता है प्रतिवर्ष बोझ
राजनांदगांव / शौर्यपथ / भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष परवेज अहमद पप्पू ने कहा कि कोरोना कॉल के दौरान बंद रही निजी स्कूलों ने अब छूट मिलने के बाद दो महीने में हुए नुकसान की भरपाई करने का नया तरीका निकाला है। निजी स्कूलों के संचालकों ने बुक डिपो संचालक के साथ मिलकर किताबों के दाम बढ़ा दिए हैं।
प्राइवेट स्कूलों में पुस्तक कॉपी को लेकर भारी गहमागहमी का माहौल प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की पुस्तकें बहुत ही महंगी लॉक डाऊन की स्थिति में महंगी पुस्तकें और कॉपी से पालक हो रहे परेशान इस दौरान अभी पूरे भारत सहित छत्तीसगढ़ में लॉक डाउन के चलते छत्तीसगढ़ राज्य में सभी स्कूल व कॉलेज बंद है, राज्य सरकार के द्वारा शिक्षा विभाग के माध्यम से आदेश जारी करते हुए सभी स्कूलों मैं ऑनलाइन पढ़ाई करने का आदेश जारी किया गया है, लेकिन इसी बीच पुस्तकें व कॉपी महंगी होने से पालकगण बहुत ही परेशान है, क्योंकि कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन का दंश लोग झेल रहे हैं। वहीं नर्सरी की किताबें 1400 रुपये की आ रही है, एक तरफ अभिभावक जीवन जीने संगर्ष कर रहा है। दूसरी ओर महंगी शिक्षा का बोझ, सरकार को गंभीरता से इस ओर ध्यान देना चाहिए और पालकों को मुनाफाखोर शिक्षा ववस्था से को विषम परिस्थितियों में बचाने की आवश्कता हैं।
अहमद ने आगे बताया कि प्रतिवर्ष पुस्तकों में 10 से 12 प्रतिशत की वृद्धि कंपनी के द्वारा किया जाता है, जिसका बोझ पलकों पर पड़ता है। राजनांदगांव शहर की एक बुक डिपो से बात करने पर पता चला कि हर वर्ष पुस्तकों में वृद्धि पब्लिशर्स पुस्तक कंपनी की सांठगांठ से प्राइवेट स्कूलों को प्रति पुस्तक 25 प्रतिशत व बुक डिपो है। 10 से 15 प्रतिशत प्राइवेट स्कूलों को जाता है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 400 की पुस्तक से प्राइवेट स्कूल को कमीशन के रूप में 160 मिलता है, जबकि उस पुस्तक की कास्ट लिया जाए तो उक्त पुस्तक की कीमत सिर्फ 200 रुपये होगा, लेकिन कमीशन की खेल बाजी में उक्त पुस्तक की कीमत बुक डिपो तक पहुंचते ही 400 रुपए का आंकड़ा पार कर जाता है। परवेज अहमद पप्पू ने इस विषय पर चिंता करते हुए शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों, बुक डिपो और पुस्तक कंपनी पर अंकुश लगाते हुए उचित कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई केन्डू पर्वत फाउंडेशन के चेयरमेन व भाजयुमों नेता अतुल पर्वत के द्वारा आज भिलाई से सीधे बाघनदी पहुंचकर पूर्व मुख्यंत्री रमन सिंह, सांसद संतोष पाण्उेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह एवं सांसद मधुसूदन यादव, खूबचंद पारख, लीलाराम भोजवानी, पूर्व महापौर शोभा सोनी की मौजूदगी में बाहर से छग आ रहे प्रवासी मजदूरों को एक हजार चप्पल और गमछा का वितरण किया गया। इस दौरान डॉ. रमन सिंह ने अतुल पर्वत की पीठ थपथपाते हुए इस संकट की घड़ी में मजदूरों के प्रति संवेदना रखने वाले इस कार्य की भूरि भूरि प्रंशसा की। इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि ये समय राजनीतिक करने का नही है बल्कि हम सभी को मिलकर स्वच्छा से कार्य करना होगा। उन्हेांने कहा कि सिख समाज के लोग, सरपंच, व बाघनदी के आस पास के लोग बढचढ कर लोगों की मदद कर रहे हैं, वैसे भी राजनांदगांव को संस्कारधानी के रूप में माना जाता है।
रमन सिंह ने आगे कहा कि जो लोग बाहर से आ रहे है, शासन उनका थर्मल टेस्ट करवाये, जिन पंचायतों और सरपंचो को जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें शासन फंड दें ताकि वह कोरोना वायरस से पीडित मजदूरों की क्वांरंटाईन सेंटर में लोगों की मदद कर सके। उन्हेांने आगे कहा कि विपक्ष की भूमिका निभाता रहूंगा और मैं लगातार लोगों की फोन आने पर वेस्ट बंगाल, जम्मूकाश्मीर, गुजरात के गांधी नगर सहित कवर्धा और छग के अन्य लोगों की मैं मदद कर रहा हूं, मेरे दरवाजे रात 12 भी लोगों के लिए खुले है। राज्य सरकार अपने दायित्वों से अलग न हों। केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर जनता को बेहतर सुविधा दे सकते हैं, रेल मंत्री पियुष गोयल ने चैलेंज करते हुए कहा था कि छग से मेरे पास कोई भी रेल सेवा के लिए आवेदन पेंडिग नही है। उस पर रमन सिंह ने कहा कि भूपेश सरकार ने रेल सेवा के लिए पैसा रविवार को जमा किया है। उन्हेांने कहा कि एक रेल गाड़ी के लिए 1 लाख 60 हजार रूपये जमा करना रहता है, यदि एक करोड़ रूपये राज्य सरकार रेल के लिए जमा कर देती जो बाहर फंसे हुए मजदूर है, उनको सीधा रेल सेवा का लाभ मिल जाता।
रमन सिंह ने उदाहरण देते हुए बताया कि यूपी में दो से ढाई सौ से अधिक मजदूर रेल सेवा का लाभ लेकर अपने घरेों तक पहुंच रहे हैं। जो लोग जरूरतमंद है, मजदूर है, उन्हें सही समय पर मदद मिले, ये सब हम सबको मिलकर करना है। मैं कोई सरकार की आलोचना नही कर रहा हूं, आगे क्या कर सकते हैं, ये चिंता करने का समय है। लोग दूर दूर से पांच सौ से आठ सौ किलोमीटर पैदल चलकर आ रहे है। शासन प्रशासन को उनको बेहतर व्यवस्था देना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में रैपिड किट भी नही है। इस अवसर पर उपस्थित लोगों में प्रीतपाल सिंह भाटिया राजा, गोल्डी भाटिया, छोटू भाटिया, जुग्नू भाटिया, बंटी भाटिया, इन्दर सिंह, अखिलेश तिवारी, कीमत लहरी, शिव ताम्रकार गुड्डू भैय्या सहित बड़ी संख्या में भाजयुमों समर्थक उपस्थित थे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने आज लोगों के लिए जारी अपील में बताया कि कोरोना (कोविड-19) अत्यधिक संक्रमित वायरस जनित रोग है। यह बीमारी मुख्य रूप से हाथ, मुंह, नाक, आंख के माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचती है। राजनांदगांव जिला महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा से लगता है।
प्रतिदिन जिले की सीमाओं में हजारों की संख्या में प्रवासी आ रहे हैं। कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा मानवता के नाते प्रवासी मजदूरों को भोजन पैकेट भी प्रदान किया जा रहा है, जो सराहनीय कार्य है। लेकिन सहयोग करते समय कोरोना संक्रमण से बचने के सभी उपायों को अपनाना अत्यंत जरूरी भी है। उन्होंने कहा कि गीला खाद्य पदार्थ, केला, पानी पाऊच देने पर श्रमिक या प्रवासी खाद्य पदार्थ का उपयोग करने के बाद रोड या बसाहट के आसपास फेंक देते हैं। इन पैकेटों में मजदूरों से संपर्क/लार इत्यादि होने से कोरोना संक्रमण का मुख्य कारण हो सकता है। जिससे जिले में संक्रमण फैल सकता है। समाजसेवियों को सामग्री वितरण में प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करना अत्यंत आवश्यक है।
समाजसेवियों को संबंधित एसडीएम को लिखित सूचना के पश्चात् ही सामग्री का वितरण करना चाहिए। बिना सूचना के भोजन वितरण का कार्य न करें। यह भी कोशिश करें कि सूखा खाद्य पदार्थ (चना, मुर्दा, नमकीन, बिस्किट, गुड़ इत्यादि) का वितरण हो। यदि फल वितरण करना है तो ऐसे फल दें, जिसके खाने के बाद अवशेष नहीं बचता है। यदि गरम खाना/लंगर चलाया जाता है तो आवश्यक प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करना जरूरी है। प्रोटोकाल का उल्लंघन होने पर समाजसेवी संगठन के विरूद्ध कार्रवाई की जा सकती है। खाना पैकेट में दें, खाना लंगर में निर्धारित स्थल में पैकेट में देना चाहिए। लंगर स्थल चारों ओर से घिरा होना चाहिए। पैकेट का कचरा लंगर/भोजन वितरण स्थल में रखी पेटी में ही डाला जाय। लंगर/भोजन वितरण स्थल में पैकेट एक टेबल में रखें। जरूरत मंद व्यक्ति पैकेट उठाएंगे और वहीं खाएंगे डस्टबिन में डालेंगे तभी वहां से जाएंगे।
डस्टबिन में सोडियम हाइपोक्लोराईट का छिड़काव स्प्रे से किया जाए। इसके लिए लंगर संचालकों को स्प्रे की व्यवस्था करनी होगी। डस्टबिन के पैकेट को डिस्पोज करने वाले व्यक्तियों को मास्क (एन-95), ग्लव्स, पीपीई किट का उपयोग करना होगा। कचरे को किसी भी स्थिति में खुले स्थान में न फेंके बल्कि गहरे गड्ढे में फेंके तथा मिट्टी से ढकें। जिस वाहन में कचरा का परिवहन किया गया है, उसे प्रत्येक चक्र के पश्चात सोडियम हाइपोक्लोराईट से सैनिटाईज करना जरूरी है। कचरे का निराकरण करने वाले कर्मियों का प्रत्येक सप्ताह रेपिड किट से जांच करें। जहां तक संभव हो सूखा खाद्य पदार्थ का वितरण ही करें। कचरे के निपटान के लिए सीएमओ या आयुक्त से संपर्क करें। रेन बसेरा राजनांदगांव का भ्रमण कर इस संबंध में जानकारी ले सकते हैं।
प्रोटोकाल का पालन नहीं करने तथा संक्रमण फैलाने के कारण ऐपिडैमिक एक्ट आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों का कड़ाई से पालन नहीं करने के कारण कार्रवाई की जा सकती है। आप से अनुरोध है, जरूरतमंद की मदद करें तथा खुद को और समुदाय को भी सुरक्षित रखने में सहयोग करें।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / संस्कारधानी में जिस पदमश्री गोविंदराम निर्मलकर के नाम पर ऑडिटोरियम है, बेहद ही आर्थिक तंगी से जूझ रही उनकी पत्नी दुलारी बाई निर्मलकर लॉकडाउन में आभावों के बीच आज दम तोड़ दी। श्रीमती दुलारी बाई निर्मलक कुछ दिनों पूर्व दुर्ग आई थी और लोकमंच से तथा छॉलीवुड से जुड़े एक कलाकार के पास आकर उन्होंने अपनी व्यथा बताई थी कि बाबू,, पद्मश्री परिवार मन बर सरकार कोनो मदद करही का,, कुछु सरकारी योजना होही तो मोला दवाई पानी बर घलो मदद देवा देतेस,और चली गई। क्येांकि वो कुछ दिनों से बीमार चल रही थी, और इसी बीच शनिवार को खबर आई कि उनका निधन हो गया।
पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर भी जब तक जीवित रहे तब तक वे भी बेहद आर्थिक तंगी से जूझते रहे, टूटी फूटी खप्पर वाले मकान जिसको छवाने की बात तो दूर बल्कि दाने दाने के लिए मोहताज थे और आभावों के बीच ही वो भी इस संसार से बिदा हो गये।
आर्थिक तंगी के कारण पदमश्री लौटाने की खबर मिलने पर राज्यपाल ने की थी गोविंदराम की मदद
ज्ञातव्य हो कि पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर जो देश के प्रसिद्ध नाटयमंच हबीब तनवीर के साथ लंबे समय से जुड़े हुए थे और कला को अपनी जीवन पूरा समर्पित कर दिये थे, श्री निर्मलकर जी का कला के क्षेत्र में बहुत ही अहम योगदान था। गोविंदराम निर्मलर का निधन चार पांच वर्ष पूर्व हो गया था, पदमश्री मिलने के बाद भी वे बेहद आर्थिक तंगी से जुझ रहे थे, आर्थिक तंगी के कारण शासन प्रशासन को कई बार जानकारी देने के बाद भी जब कोई सुनवाई नही हुई तो वे दुर्ग के बहुत पुराने लोककला मंच के कलाकार नकुल महलवार को पास आये और अपनी आर्थिक तंगी के कारण अपना फांके भरी कट रही जिंदगी के बारे बताया और कहा कि बाबू सरकार द्वारा पद्मश्री तो दे दिया गया है लेििकन कलाकारों की कोई वेल्यू सरकार नही कर रही है,कोई सुध नही ले रही है, मैं बहुत दुखी हूं मैं पदमश्री लौटा दूंगा, बताओ इसको कहां कब और कैसे लौटाया जाये, जब इस बात की जानकारी लोककलाकार एवं समाजसेवी नकुल महलवार के माध्यम से एक न्यूज चैनल को मिली और आर्थिक तंगी के कारण पदमश्री लौटाने की बात जब सामने आई तब तत्कालीन राज्यपाल बलराम दास टंडन ने सुध ली ओर पदमश्री गोविंगदराम निर्मलकर को बुलाकर एक लाख रूपये का चेक दिया था।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बागनदी बार्डर पर आकस्मिक एवं अनपेक्षित रूप से अन्य राज्यों से श्रमिकों को आवाजाही बढऩे पर श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य सीमा के अंदर प्रवेश करने वाले प्रत्येक श्रमिक चाहे वह राज्य का निवासी हो या नहीं परिवहन, भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर मौर्य ने आज बागनदी चेक पोस्ट में लगी हुई बसों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उनके साथ मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार विनोद वर्मा एवं रूचिर गर्ग उपस्थित थे। चेक पोस्ट में श्रमिकों को पानी एवं सूखा भोजन दिया जा रहा है और उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए काउंटर बनाया गया है। पुलिस सहायता केन्द्र में उन्हें मदद दी जा रही है। अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को उनके राज्य तक एवं छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को उनके जिलों तक पहुंचाने के लिए लगभग 100 बसे लगी हुई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 53 में स्थित बागनदी बार्डर में प्रतिदिन लगभग 10 से 15 हजार श्रमिक सीमा में प्रवेश कर रहे है। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, मध्यप्रदेश से आने वाले यात्री लगातार आ रहे है। महाराष्ट्र एवं गुजरात परिवहन विभाग की बसों एवं उन राज्यों से आने वाले ट्रकों के माध्यम से बढ़ी संख्या में यात्रियों को बागनदी चेक पोस्ट के समीप उतार दिया जाता है। जिससे बागनदी चेक पोस्ट पर हजारों लोगों की भीड़ एकत्र हो रही है। सीमा पर आने वाले यात्री छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडि़सा, पश्चिम बंगाल के निवासी है।
यात्रियों के लिए उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाने के लिए बस रूट चार्ट बनाया गया है। जिसके अनुसार बागनदी से बलरामपुर बार्डर रूट में सरगुजा, बलरामपुर तथा पश्चिमी झारखंड जिले के निवासी जाएंगे। बागनदी से लोदाम बार्डर रूट से होते हुए जशपुर तथा पूर्वी झारखंड जिले के निवासी जाएंगे। बागनदी से सराईपाली बार्डर रूट से होते हुए ओडि़सा, रायगढ़, महासमुंद के निवासी तथा बागनदी से रायपुर जोन के लिए गरियाबंद एवं रायपुर के निवासी, बागनदी से बिलासपुर जोन के लिए मुंगेली, पेंड्रा एवं बिलासपुर के निवासी जाएंगे। बागनदी से बलौदाबाजार रूट से होते हुए बलौदाबाजार के निवासी जाएंगे। बागनदी से जांजगीर की रूट में जांजगीर एवं कोरबा के निवासी, रैन बसेरा राजनांदगांव से कवर्धा, बेमेतरा एवं बालोद के निवासी, रैन बसेरा से कांकेर जोन के रूट में धमतरी, कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर, जगदलपुर के निवासी जाएंगे।
झारखंड तथा बिहार के प्रवासी बलरामपुर बार्डर तक जाएंगे। बिहार जाने वाले सभी यात्री बलरामपुर बार्डर जाएंगे इसके अलावा झारखंड के गड़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, हजारी बाग एवं कोडरमा जिले के यात्री भी बलरामपुर बार्डर जाएंगे। झारखंड के प्रवासी लोदाम सीमा तक जाएंगे। ऊपर लिखे जिलों को छोड़कर झारखंड राज्य के शेष यात्री लोदाम बार्डर जाएंगे। बिहार का कोई यात्री लोदाम बार्डर नहीं जाएगा।
बस से रायपुर जाने वाले श्रमिक ओमप्रकाश पटेल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज हम राहत महसूस कर रहे है और अब अपने घर रायपुर जा रहे है। सपरिवार रोजी-मजदूरी के लिए पुणे चले गए थे और वहां कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में फंस गए थे। पुणे से आ रहे श्री गेंदराम वर्मा ने बताया कि वे कमाने-खाने के लिए पूना गए थे और वहां लॉकडाउन में फंस गए थे। छत्तीसगढ़ शासन की मदद से वे अब अपने घर ओडि़सा भवानीपटना चले जाएंगे। श्री जोगिंदर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि नागपुर से आए है और अब बस से रायपुर के लिए रवाना हो जाएंगे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के निर्देशानुसार जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. अरविन्द मरावी ने 18 से 31 मई 2020 तक जिले के विभिन्न आयुर्वेद चिकित्सकों की ड्यूटी बागनदी चेक पोस्ट पर लगाई है। चिकित्सकों द्वारा बागनदी चेक पोस्ट में कोरोना वायरस के रोकथाम एवं स्क्रीनिंग का कार्य किया जाएगा। इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार 18, 23 एवं 28 मई 2020 को प्रात: 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक डॉ. हर्षा दुबे, दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक डॉ. हर्षा चौरसिया तथा रात्रि 8 बजे से प्रात: 8 बजे तक डॉ. तपेश्वर सिंह की ड्यूटी लगाई गई है। 19, 24 एवं 29 मई 2020 को प्रात: 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक डॉ. आरती कावले, दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक डॉ. योगेश्वरी ठाकुर, रात्रि 8 बजे से प्रात: 8 बजे तक डॉ. हरीशशरण साहू की ड्यूटी लगाई गई है।
इसी तरह 20, 25 एवं 30 मई 2020 को प्रात:8 बजे से दोपहर 2 बजे तक डॉ. प्रज्ञा सक्सेना, दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक डॉ. अन्नपूर्णा मिश्रा, रात्रि 8 बजे से प्रात: 8 बजे तक डॉ. सुरेन्द्र कुमार मेश्राम एवं 21, 26 एवं 31 मई 2020 को प्रात: 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक डॉ: हर्षा बरैया, दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक डॉ. यामिनी शर्मा, रात्रि 8 बजे से प्रात: 8 बजे तक डॉ. नरोत्तम राम नेताम तथा 22 एवं 27 मई 2020 को प्रात: 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक डॉ. वैशाली महाकालकर, दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक डॉ. रूबिना शाहिन अंसारी, रात्रि 8 बजे से प्रात: 8 बजे तक डॉ. दिनेश कुमार सोनी की ड्यटी लगाई गई है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / विजयवाड़ा (आंध्रप्रदेश) से आने वाली टे्रन से श्रमिक उतरे तब उनके चेहरे पर छत्तीसगढ़ पहुंचने की खुशी एवं राहत दिखी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर विजयवाड़ा (आंध्रप्रदेश) में कोविड़-19 के कारण लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों की आज श्रमिक स्पेशल टे्रन से राजनांदगांव वापसी संभव हो सकी। बड़ी संख्या में राजनांदगांव जिले के 24 एवं कबीरधाम जिले के 56 श्रमिक पहुंचे। रेल्वे स्टेशन में ही आए हुए कबीरधाम जिले के श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। वहीं राजनांदगांव जिले के श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण रैन बसेरा में किया गया।
विजयवाड़ा से आए रमेश ने बताया कि वे अपनी पत्नी मीना एवं अपने बच्चे के साथ रोजी मजदूरी के लिए विजयवाड़ा गए थे और लॉकडाउन में फंस गए थे। वहां से अपने घर आना चाहते थे और इस बात की चिंता सता रही थी कि अब घर कैसे पहुंचे। इसी समय श्रमिक स्पेशल ट्रेन की जानकारी मिली और हम यहां आ गए। अब सब कुशल मंगल है। हम अपने गांव चले जाएंगे इसी बात की बहुत खुशी है।
मुख्यमंत्री बघेल के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि इस विकट परिस्थितियों में उन्होंने हमारा विशेष ध्यान रखा, इसके लिए उनका बहुत धन्यवाद। श्री कृष्ण कुमार विश्वकर्मा बताया कि 4-5 माह पहले रोजी मजदूरी के लिए विजयवाड़ा गए थे। उनकी बातों से छत्तीसगढ़़ वापस आने का उल्लास झलक रहा था। उन्होंने शासन को छत्तीसगढ़ वापस लाने के लिए आभार व्यक्त किया। श्रीमती दुर्गा ने कहा कि बहुत दिन से घर से बाहर थे और लॉकडाउन में फंस गए थे। घर की बहुत याद आ रही थी। अब अपने घर पंडरिया जिला कबीरधाम पहुंच जाएंगे।
मनोज एवं सीमा साहू विजयवाड़ा में लॉकडाउन में फंस गए थे। घर वापस आने के लिए काफी प्रयास कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान ने हमारी सुन ली और हम अपने घर पंडरिया पहुंच जाएंगे। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मिथलेश चौधरी, एसडीएम राजनांदगांव मुकेश रावटे, स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, रेल्वे पुलिस फोर्स उपस्थित थे।
जानकारी छुपाने पर सागर ट्रेडर्स पर की गई कार्रवाई
10 रूपए प्रति किलो की दर से विक्रय करने के आदेश
खाद्य विभाग द्वारा कंट्रोल रूम नंबर जारी
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के निर्देशानुसार जिले में नमक एवं उसके उपभोक्ता मूल्य की निगरानी के लिए तीन टीम का गठन किया गया है। जिसमें खाद्य अधिकारी, सहायक खाद्य अधिकारी एवं खाद्य निरीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदारए नायब तहसीलदार शामिल है। टीम द्वारा आज 13 मई 2020 को नगर निगम क्षेत्र राजनांदगांव के विभिन्न थोक प्रतिष्ठानों की जांच की गई। निरीक्षण के दौरान थोक व्यापारियों को अपने व्यापार स्थल पर नमक के उपलब्ध स्टॉक एवं थोक विक्रय मूल्य की जानकारी अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए।
निगरानी टीम द्वारा सागर ट्रेडर्स राजनांदगांव का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जांच में पाया गया कि व्यापारी द्वारा विगत दो दिनों से गोदाम की जानकारी छुपाई गई है। अन्य माध्यमों से गोदाम की जानकारी प्राप्त होने पर जांच की गई। जिसमें 29 बोरी खड़ा नमक (भर्ती 20 किलो प्रति बोरी), 29 बोरी ताजा नमक (भर्ती 25 किलो प्रति बोरी) एवं लूज 1 क्विंटल जप्त कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
कलेक्टर मौर्य ने नमक के खुदरा विक्रय दर के संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि नमक के पैकेट में उल्लेखित अधिकतम अंकित मूल्य से अधिक दर पर नमक का विक्रय नहीं किया जाएगा। ऐसे नमक के पैकेट जिसमें अधिकतम विक्रय मूल्य अंकित नहीं है, उसे 10 रूपए प्रति किलो की दर से विक्रय करने के आदेश दिए गए है।
खाद्य अधिकारी के. के. सोमवार ने नागरिकों से निर्धारित दर से अधिक दर पर विक्रय किए जाने एवं अवैध गोदामों की जानकारी खाद्य विभाग के कंट्रोल रूम नंबर 7898410930 पर देने की अपील की है।
अधिक दर पर नमक बेचे जाने की सूचना पर 34 दुकानों में कराई गई जांच
दो दुकानों में अधिक दर पर नमक बेचते पाया गया दुकानों को सील कर दी गई
अधिक दर पर नमक बेचे जाने की शिकायत खाद्य विभाग के कन्ट्रोल रूम नंबर 78984-10930 पर होगी दर्ज
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने बाजार में नमक उपलब्ध नहीं होने तथा अधिक दर पर बेचे जाने की सूचना को गंभीरता से लेते हुए आज अधिकारियों की टीम बनाकर पूरे जिले में 34 स्थानों में जांच कराई गई। जांच में राजू किराना स्टोर्स रामदेव बाबा मंदिर के सामने पुराना गंज चौक राजनांदगांव तथा अमर किराना स्टोर्स रेल्वे क्रासिंग के पास तुलसीपुर में निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर नमक बेचना पाया गया।
अधिकारियों की टीम ने दोनों किराना स्टोर्स को सील कर दी गई। कलेक्टर मौर्य ने इसी मामले में खाद्य विभाग के अधिकारियों को अधिक दर पर नमक विक्रय किया जाना पाए जाने पर दुकानों को सील करते हुए संबंधित के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जिला खाद्य अधिकारी किशोर कुमार सोमावार ने आज यहां बताया कि कलेक्टर मौर्य के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, खाद्य अधिकारी, तहसीलदार, खाद्य निरीक्षक तथा नगरी निकायों के अधिकारियों द्वारा आज ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 34 स्थानों पर दुकानों की जांच की गई। जांच के दौरान राजनांदगांव नगर निगम क्षेत्र में दो दुकानों में अधिक दर पर नमक बेचने की शिकायत सही पाई गई। अन्य दुकानों में की गई जांच में पर्याप्त मात्रा में नमक होना पाया गया। अधिक दर पर नमक बेचने की शिकायत के संबंध में अधिकारियों ने गोपनीय रूप से नमक की खरीदी खुदरा दुकानों से कराई गई। इन दुकानों में उचित दर पर नमक का विक्रय किया जाना पाया गया।
अधिकारी सोमावार ने बताया कि जिले की दुकानों में पर्याप्त मात्रा में नमक उपलब्ध है। इस संबंध में किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। इसके अतिरिक्त शासकीय उचित मूल्य दुकानों से वितरित किए जाने वाले नमक का भी पर्याप्त स्टॉक शासकीय गोदामों में उपलब्ध है। श्री सोमावार ने बताया कि नमक के पैकेट में उल्लेखित अंकित मूल्य से अधिक मूल्य पर नमक का विक्रय नहीं किया जाएगा। ऐसे नमक पैकेट जिनमें अधिकतम विक्रय मूल्य अंकित नहीं है। उन्हें 10 रूपए प्रति किलो की दर से बेचा जाएगा। निर्धारित दर से अधिक दर पर विक्रय किए जाने के संबंध में शिकायत खाद्य विभाग के कन्ट्रोल रूम नंबर 78984-10930 पर दर्ज कराई जा सकती है। शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित दुकान को सील करते हुए दुकानदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर मौर्य ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कही पर भी नमक की कमी नहीं है। नमक की दो रेक पहले से ही अनलोड हो रही है। उपभोक्ताओं को चिंता करने की जरूरत नहीं है। श्री मौर्य ने कहा कि जिन लोगों ने अधिक मूल्य पर नमक की खरीदी की है। वे एसडीएम आफिस में जाकर शपथ पूर्वक शिकायत कर सकते हैं। शिकायत की जांच की जाएगी। कलेक्टर मौर्य ने कहा कि आज राजनांदगांव शहर की दो दुकानों को सील की गई है। आगे जांच की जा रही है। कलेक्टर मौर्य ने कहा कि जिले में नमक की कमी नहीं है। जानबूझकर अफवाह फैलाई गई है, ताकि मनमाने मूल्य पर नमक बेच सके।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर मौर्य ने क्वारेनटाईन सेंटरों में विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए शिक्षा विभाग के शिक्षकों, सहायक शिक्षकों, शिक्षाकर्मियों सहित अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के लिए अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व को अधिकृत किया है। कलेक्टर मौर्य ने आज इस संबंध में आज आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि जिला एवं पुलिस प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
कलेक्टर मौर्य ने बताया कि अन्य प्रदेशों से नागरिक बड़ी संख्या में वापस आ रहे हैं। जिन्हें छात्रावास, स्कूल, सामुदायिक भवन, होटल आदि स्थानों पर बनाए गए क्वारेनटाईन सेंटरों में रखा जाएगा। क्वारेनटाईन सेंटरों में रखे गए व्यक्तियों की व्यवस्थाओं और देख रेख के लिए शिक्षा विभाग के शिक्षकों, सहायक शिक्षकों, शिक्षाकर्मियों सहित अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। कर्मचारियों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर मौर्य एवं पुलिस अधीक्षक शुक्ला ने आज रेलवे स्टेशन में श्रमिक स्पेशल ट्रेन के तहत राजनांदगांव आने वाले श्रमिकों की व्यवस्था के लिए निरीक्षण किया। कलेक्टर मौर्य ने अधिकारियों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए रेलवे स्टेशन में सिढ़ीयों को निरंतर सेनेटाईज करने के निर्देश दिए। लाकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के श्रमिक, छात्रों, संकट में पड़े लोगों एवं चिकित्सा की जरूरत वाले व्यक्तियों की छत्तीसगढ़ वापसी के लिए छत्तीसगढ़ शासन की ओर से श्रमिक स्पेशल ट्रेन कन्फर्म किया गया है।
कलेक्टर कहा कि यह क्षेत्र अति संक्रमित होने की वजह से प्रतिबंधित क्षेत्र रहेगा। उन्होंने प्लेटफार्म एवं प्रतीक्षालय का निरीक्षण किया। उन्होंने रेलवे स्टेशन में बस की व्यवस्था, होर्डिंग लगाने एवं पुलिस एवं शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्टेशन में हेल्प डेस्क बनाया जाएगा, जहां आने वाले श्रमिकों को मदद रहेंगी। सूचना केन्द्र से सभी श्रमिकों को माइक से जानकारी दी जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि प्रतीक्षालय के समीप बस रहेंगी व जो श्रमिकों को रेलवे स्टेशन से रैन बसेरा तक पहुंचायेगी। रैन बसेरा में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने रैन बसेरा का भी निरीक्षण किया। कलेक्टर श्री मौर्य ने कहा कि रैन बसेरा में शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी।
सभी अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी के दौरान कोविड-19 से सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानी रखेगें। रैन बसेरा में श्रमिकों के लिए भोजन एवं आवास की व्यवस्था की गई है। इस अवसर पर एडीएम श्री ओंकार यदु, एडीएम श्री हरिकृष्ण शर्मा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तनुजा सलाम, नगर निगम आयुक्त चन्द्रकांत कौशिक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, एसडीएम राजनांदगांव मुकेश रावटे, एसडीएम डोंगरगांव विरेन्द्र सिंह सहित अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना महामारी के चलते रोजगार के लिए रास्ते ढूंढ रहा है, वही भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना सार्थक साबित हो रही है, इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में पूर्व से ही अपना बहुमूल्य योगदान दिया और आज जब बात ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ग्रामीण रोजगार की हो रही है तब यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था की लाइफ लाइन के रूप में उभर कर आई है। छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में मनरेगा में अपनी अलग ही पहचान बना चुका है, इसी कड़ी में राजनांदगांव जिला सबसे अधिक 2 लाख 3 हजार 831 मजदूरों को मनरेगा के तहत गांव में ही रोजगार प्रदान कर प्रदेश में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री तनुजा सलाम के अथक प्रयासों से राजनांदगांव राज्य के दूसरे जिलों को पीछे छोड़ते हुए पूरे छत्तीसगढ़ में आज की स्थिति में सबसे ज्यादा जरूरत मंद लोगों को रोजगार देने वाले जिले के रूप में अपनी पहचान बनाई है। आज की स्थिति में जिले के अंतर्गत कुल 4 हज़ार 129 कार्य प्रगतिरत है। 11 हजार कार्य पूर्व से स्वीकृत हैं एवं कुल 772 पंचायतों में लगातार काम चल रहा है। कुछ दिनों पूर्व जिले ने दो लाख मजदूरों का लक्ष्य निर्धारित किया था, आज की स्थिति में जिसे प्राप्त कर लिया गया है।
राजनांदगांव जिले के 9 ब्लॉक जिसमें सबसे अधिक खैरागढ़ ब्लॉक 33 हजार 995 मजदूरों, छुरिया ब्लॉक में 32 हजार 946 मजदूरों, राजनांदगांव ब्लॉक में 28 हजार 639 मजदूरों, अंबागढ़ चौकी ब्लॉक में 19 हजार 372 मजदूरों, डोंगरगढ़ ब्लॉक में 21 हजार 165 मजदूरों मानपुर में 17 हजार 111 मजदूर, छुईखदान ब्लॉक 27026 मजदूरों, डोंगरगांव ब्लॉक में 11 हजार 572 मजदूरों, मोहला ब्लॉक में 12 हजार 005 मजदूरों को रोजगार मिला रहा है । साथ ही राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण कब चलते समय-समय पर जारी किए गए आदेशों का पालन करते हुए लगातार सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क, गमछा का उपयोग, कार्यस्थल पर हाथ धुलवाने की व्यवस्था एवं लोगों को समय-समय पर प्रशिक्षण देकर नियमों का पालन भी कराया जा रहा है। लॉकडॉउन के बावजूद भी मनरेगा के लिए लगभग 5 हजार से अधिक नवीन जॉब कार्ड बनाया गए हैं एवं इसके अंतर्गत लगभग 14 हजार 600 नवीन मजदूर रोजगार के लिए रजिस्टर्ड हुए हैं एवं जिले मे मनरेगा अंतर्गत नवीन तलाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, भूमि सुधार नरवा योजना अंतर्गत एल बी सी डी, गैबियन, बोल्डर चेक डैम, गौठानों एवं उनके आस-पास सामूहिक बाड़ी निर्माण, निजी बाड़ी निर्माण एवं वृक्षारोपण योजना को ध्यान में रखते हुए नर्सरियों में पौधे तैयार करने के कार्य प्राथमिकता के साथ किए जा रहे हैं, ताकि जिले में मजदूरों को रोजगार की किसी भी प्रकार की कमी ना हो।
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बारी अंतर्गत जिले में विशेष कार्य योजना तैयार कर गौठानों के आसपास के क्षेत्र में बाड़ी, गौठानों में पशुओं के लिए समुचित व्यवस्था के साथ-साथ गोबर खाद का निर्माण, नदी नालों के उत्थान के कार्य एवं बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के कार्य किए जा रहे हैं।