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राजनांदगांव / विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कृषि मौसम वैज्ञानिक संगठन तथा पंडित शिव कुमार शास्त्री कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र सुरगी राजनांदगांव के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र सुरगी राजनांदगांव में अधिष्ठाता डॉ. आरएन सिंह के मार्गदर्शन में प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान विषय पर विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कृषि मौसम वैज्ञानिक संगठन रायपुर के अध्यक्ष श्री जेएल चौधरी ने जलवायु परिवर्तन पर अपने विचारों के माध्यम से छात्रों को जानकारी दी । संयुक्त सचिव भारतीय मौसम सोसायटी इंजीनियर श्री जयंत दास द्वारा पेड़ पौधे लगाने एवं प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने पर विशेष जोर दिया गया। अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ. आरएन सिंह ने अपने उद्बोधन में भूमि एवं जल के संरक्षण के लिए छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया। अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ. जीके दास ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। विचार संगोष्ठी कार्यक्रम के विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रथम वर्ष की छात्रा प्रत्युसा दास ने पहला स्थान प्राप्त किया। रोशन खोब्रागडे द्वितीय स्थान पर रहे एवं सौम्या साहू और दिव्यांजलि ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ. डिकेश्वर निषाद ने किया। कार्यक्रम के अंत में प्राध्यापक कृषि महाविद्यालय डॉ. विनम्रता जैन ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित सभी छात्र-छात्राओं को धन्यवाद प्रेषित किया। कार्यक्रम में डॉ. एलके रामटेके, डॉ. मनोज चंद्राकर, डॉ. दिवेदी प्रसाद, डॉ. पूजा साहू समस्त अतिथि शिक्षक तथा अधिकारियों व कर्मचारियेां की उपस्थिति रहे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर डोमन सिंह ने जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अधिकारियों के साथ जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए आमजनों की समस्याओं को सहानुभूतिपूर्वक सुना। जन चौपाल कार्यक्रम में आज जिले के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आए आम जनों से 52 आवेदन प्राप्त हुए। प्राप्त सभी आवेदनों को ऑनलाइन पंजीयन करने के साथ ही संबंधित विभाग में भेजे जाने की कार्रवाई की जा रही है। जन चौपाल कार्यक्रम में आज जनपद पंचायत डोंगरगांव के ग्राम पंचायत भटगुना के सरपंच ने अपने ग्राम पंचायत में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए प्रशासकीय स्वीकृति देने संबंधी आवेदन प्रेषित किया है। इसी प्रकार डोंगरगांव के ग्राम देवकट्टा की संगीता साहू ने अनमोल इंडिया चिटफंड कंपनी में निवेश किए गए राशि वापस दिलाने संबंधी आवेदन प्रेषित किया है। इसी प्रकार डोंगरगांव के ग्राम देवकट्टा निवासी गीता बाई ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने, उसरीबोड़ के धर्मेन्द्र कुमार साहू ने आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत करने संबंधी आवेदन दिया। इसी प्रकार बैगाटोला के किसान रमेश साहू ने अपनी निजी भूमि पर गोदावरी पावर एंड इस्पात लिमिटेड द्वारा खेत में लगाए गए टावर से हुई फसल क्षति की मुआवजा राशि स्वीकृत करने संबंधी आवेदन दिया। इसी प्रकार ग्राम मोखला निवासी समारूराम साहू ने अपने खेत से बिजली पोल हटाने, देवकट्टा की गीता बाई ने निराश्रित पेंशन राशि स्वीकृत करने, कातुलबोर्ड के उदयराम ने वृद्धा पेंशन स्वीकृत करने, डूमरडीह के रूपेंद्र कुमार ने बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत करने , गौरी नगर राजनांदगांव के आलोकिता जान ने शिक्षा के अधिकार के तहत अपने बच्चे का स्कूल में प्रवेश दिलाने, बडग़ांव के सहदेव हलबा ने घरेलू विद्युत कनेक्शन प्रदान करने संबंधी आवेदन दिया। प्राप्त सभी आवेदनों को संबंधित विभाग में भेजे जाने की कार्रवाई की जा रही है
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर एवं अध्यक्ष डोमन सिंह के निर्देशन में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी जिला शाखा राजनांदगांव में निक्षय मित्र के रूप में 100 मरीजों को गोद लिया गया है। जिसके तहत जिला क्षय डिपार्टमेंट के माध्यम से टीबी के मरीजों को छह माह तक पोषण आहार देकर सहयोग करेंगे। इस संबंध में सीएमएचओ सह सचिव रेडक्रॉस सोसायटी डॉ. एके बसोड़ ने बताया कि जिले में 514 टीबी के मरीजों को कलेक्टर श्री डोमन सिंह के निर्देशन में विभिन्न सामाजिक संगठनों, समाजसेवी संस्थानों, शासकीय कर्मचारी एवं रेडक्रॉस के जिला संगठक द्वारा निक्षय मित्र बन पोषण आहार देकर सहयोग कर रहे हैं।
रेडक्रॉस के सहयोग से टीबी डिपार्टमेंट द्वारा सी-मार्ट राजनांदगांव से पोषण आहार किट क्रय कर उपलब्ध कराया जा रहा है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत वर्ष 2025 तक भारत देश को टीबी मुक्त किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में क्षय रोग के उन्मूलन हेतु टीबी मुक्त भारत अभियान का कियान्वयन किया जाना है। जिसके अंतर्गत अधिक से अधिक दानदाता व्यक्ति को निक्षय मित्र के रूप में पंजीकृत कर टीबी मरीजों को उपचार पूर्ण होने तक पोषण आहार प्रदाय किये जाने हेतु प्रेरित किया जाना है। जिससे कि टीबी मरीजों के ईलाज में सहयोग प्राप्त हो सके एवं उनके प्रति भेद-भाव को दूर किया जा सके और राज्य को टीबी मुक्त किये जाने में मदद मिल सकती है। जिला संगठक सह प्रबंधक श्री प्रदीप शर्मा ने बताया कि कोई व्यक्ति, संस्था या कंपनी यदि पोषण आहार या दान राशि देना चाहती है। तो वे संस्था के पास या टीबी डिपार्टमेंट राजनांदगांव में दाल डेढ़ किलो, गेहूं डेढ़ किलो, चावल डेढ़ किलो, सोया ऑयल आधा किलो, मिल्क पाउडर एक किलो, फल्ली दाना एक पाव,चना एक पाव, गुड़ एक पाव या अन्य पौष्टिक आहार का दान दे सकते है। ताकि जरूरतमंद मरीज को दिया जा सके। ज्यादा से ज्यादा निक्षय मित्र बने एवं सहयोग करने की अपील की गई है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डोमन सिंह ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग रायपुर द्वारा आयोजित त्रिस्तरीय पंचायत आम व उप निर्वाचन 2023 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन संपन्न कराने, आदर्श आचार संहिता, कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों में आम सभा रैली एवं जुलूस का आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन क्षेत्रों में बिना अनुमति के सार्वजनिक सभाओं रैली एवं जुलूस में किसी प्रकार के शस्त्र, हथियार, लाठी लेकर चलना या उसका प्रदर्शन करने पर पूर्णत: प्रतिबंध कर दिया है। इस प्रश्राधीन आदेश के पूर्व व्यक्तिगत व जनसुनवाई किया जाना संंभव नहीं है। अतएव एकपक्षीय आदेश जारी किया गया है। यह आदेश त्रिस्तरीय पंचायत आम व उप निर्वाचन 2023 की कार्रवाई के संपन्न होते तक प्रभावशील रहेगी।
0 गौठान पहुँचकर देखी गतिविधियां
राजनांदगांव। शौर्यपथ / डोंगरगढ़ विधानसभा के ग्राम बघेरा के गौठान ने महिलाओं के लिए रोजगार के द्वार खोल दिए हैं। महिला समूह से जुड़ी महिलाएं गौठान से कमाई कर आत्मनिर्भता का नई इबारत लिख रहीं हैं। एआईसीसी मेंबर व भारत यात्री क्रांति बंजारे ने ग्राम बघेरा के गौठान में संचालित गतिविधियों को देखा और समझा । वह दिन भर आत्मनिर्भर महिलाओं के साथ रहीं व उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों को देखा ।इस दौरान क्रान्ति ने कहा कि गौठान आर्थिक गतिविधि का केंद्र बन चुका है। घर के चारदीवारी के भीतर रहने वाली महिलाएं अब गौठान से जुड़कर अच्छी खासी आमदनी प्राप्त कर रही हैं। गौठानों में सुचारू रूप से गोबर क्रय का कार्य किया जा रहा है तथा विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधि भी संचालित की जा रही है। सहायता समूह की महिलाएं न केवल वर्मी कंपोस्ट खाद बना रही है, बल्कि उसके विक्रय से अच्छी खासी आमदनी भी प्राप्त कर रही है। मां अन्नपूर्णा स्व सहायता समूह की सदस्य गायत्री धुर्वे, मालती साहू, शगुन साहू ने बताया कि बागवानी में रागी , हल्दी अदरक, जिमीकंद की फसल ली जा रही है। वहीं सिलाई मशीन से कोषा के धागे निकाल रही है। महिलाएं बोरी निर्माण, मुर्गी पालन , मशरूम उत्पादन , जैसे अनेक रोजगार का साधन व रोजगार कर अपनी अपनी पैरो पर खड़ी हैं। नारी शक्ति स्व सहायता समूह, ओम नमः शिवाय स्व सहायता समूह व अन्य समूह के महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। गौठान में करीब 250 महिलाओं को हाथों हाथ रोजगार मिल रहा है। समूह की मालती साहू ने बताया कि वो लोग अब तक एक लाख से भी अधिक का केंचुआ बेच चुके हैं। बंजारे ने कहा कि गौठान से जुड़कर वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही है। साथ ही गौठान से जुड़ने के बाद उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि गौठान से जुड़कर वह काफी खुश है। क्रांति बंजारे ने कहा की प्रदेश में बैठी कांग्रेस की भूपेश सरकार की योजनाओं से महिलाओं को बड़ा सम्बल मिला है और अब वो खुद भी आत्मनिर्भर बन चुकी हैं और अन्य महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध करा रही हैं । --------------------------------------------------------------------------------------
राजनांदगांव । शौर्यपथ । सुराजी गांव योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में परिवर्तन एवं जागरूकता की अभूतपूर्व लहर आयी है और महिलाओं की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति मजबूत बनी है। समूह की महिलाएं स्वरोजगार के नये-नये क्षेत्रों से परिचित हुई तथा शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं तथा समाज के प्रति जागरूक बनीं। समूह की महिलाएं मुखर, आत्मविश्वासी एवं स्वावलंबी बनी हंै, जिसमें गौठान का विशेष योगदान है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम धीरी के गौठान की श्रीमती अनूपा साहू ने बताया कि गौठान से जुडऩा उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि गौठान में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, साग-सब्जी उत्पादन, मछली पालन जैसी आजीविका मूलक गतिविधियों का संचालन हो रहा है। वर्मी कम्पोस्ट, साग-सब्जी, स्थानीय स्तर पर निर्मित घरेलू उत्पाद की आपूर्ति आंगनबाड़ी केन्द्रों में की जा रही है। उन्होंने बताया कि उनके जय माँ अंगारमोती महिला स्वसहायता समूह में 10 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। सभी सामूहिक एकता एवं ऊर्जा के साथ कार्य कर रही हैं। इससे उनके आपसी रिश्तों में भी मजबूती आयी है। गौठान के माध्यम से प्राप्त होने वाली आमदनी से वे अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर पा रही हैं।
समूह की महिलाओं ने बताया कि हाल ही में प्राप्त राशि से समूह की अधिकांश महिलाओं ने मोबाईल खरीद ली है। ग्रामीण महिलाएं डिजिटल इंडिया का हिस्सा बन कर सभी प्रकार के फोन-पे, गुगल-पे, व्हाटसएप सहित अन्य एप्लीकेशन चलाने में माहिर हो गई हैं। समूह की महिलाओं को वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री से 2 लाख 50 हजार रूपए की राशि प्राप्त हुई है। धीरी गौठान में जय अम्बे मैया महिला स्वसहायता समूह, जय गंगा मैया महिला स्वसहायता समूह एवं शीतला महिला स्वसहायता समूह विभिन्न आजीविका गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं। पिछले 2 साल में उन्हें मछली पालन के माध्यम से लगभग 80 हजार रूपए की आमदनी हुई है। श्रीमती अनूपा ने बताया कि गौठान ने उन्हें उनकी उम्मीद से ज्यादा दिया है। जो महिलाएं कभी घरेलू काम में व्यस्त रहती थी। आज उन्हें शासन की योजनाओं के माध्यम से रोजगार, व्यवसाय से जोडऩे तथा स्वरोजगार का अवसर मिला है और वे अपने घर-परिवार का सहारा बनी हैं।
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक मुकुल साव, जिला महामंत्री पीआर झाड़े, पीएल साहू, जितेंद्र बघेल, बृजभान सिन्हा, सीएल चंद्रवंशी, वीरेंद्र रंगारी, रंजीत कुंजाम, देवचंद बंजारे, शिवप्रसाद जोशी, खोम लाल वर्मा, राजेन्द्र देवांगन, जनक तिवारी, हेमंत पांडे, लीलाधर सेन, पुष्पेन्द्र साहू, संजीव मिश्रा, ईश्वर दास मेश्राम, सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान, स्वाति वर्मा, नवीन कुमार पांडे, उत्तम डड़सेना, रानी ऐश्वर्य सिंह, एमबी जलानी, डीएस कंवर एवं केएल जोशी का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से ही कर्मचारी-अधिकारी को उनका वास्तविक देय परिलब्धियां और सेवालाभ मिला होता तो हड़ताल का नौबत ही क्यों आता।
राज्य के जनता के खुशहाली के लिए खून-पसीना बहाने वाले कर्मचारियों को आज अपने मौलिक अधिकार के लिए हड़ताल-आंदोलन करने बाध्य होना पड़ रहा है, क्या यही लोकतंत्र है? एक समय कर्मचारियों को बेहतर सेवालाभ के लिए हड़ताल-आंदोलन करना पड़ता था, लेकिन अब सेवा शर्तों के अंतर्गत बुनियादी परिलब्धियों के लिए हड़ताल-आंदोलन करना पड़ रहा है, दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य स्थापना से कर्मचारी-अधिकारी, राज्य को उत्कृष्ट बनाने की दिशा में विकास कार्यों से लेकर आपदा प्रबंधन तक अपना खून-पसीना बहा रहे हैं, लेकिन उनको न्याय नहीं मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि शिक्षक संवर्ग का वेतन विसंगति है। केंद्रीय वेतन आयोग के सिफारिशों के अनुसार राज्य शासन के पुनरीक्षित वेतनमानों में शासकीय सेवक संवर्गों को केंद्र के समान वेतनमान मिला है, लेकिन शिक्षक संवर्ग इससे वंचित है। सहायक शिक्षक पद पर भर्ती हुए शिक्षकों को आज पर्यन्त त्रि-स्तरीय समयमान स्वीकृत नहीं हुआ है? उनका कहना है कि राज्य के शासकीय सेवकों में से सर्वाधिक संख्या शिक्षकों की है, लेकिन अलग.अलग संगठनों में बटे होने के कारण संख्या बल का प्रभाव कम हो गया है। उनका कहना है कि शिक्षकों के संख्या बल पर दूसरे राज कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2016 से सातवे वेतनमान पर देय गृहभाड़ा भत्ता आज पर्यन्त कर्मचारियों को स्वीकृत नहीं हुआ। केंद्रीय कर्मचारियों को आज सातवे वेतन का 18 प्रतिशत एवं 9 प्रतिशत गृहभाड़ा भत्ता मिल रहा है, लेकिन राज्य के कर्मचारियों को छटवे वेतन पर 10 प्रतिशत एवं 7 प्रतिशत गृहभाड़ा भत्ता मिल रहा है। जिसके कारण कर्मचारियों के वास्तविक वार्षिक परिलब्धियों में भारी आर्थिक क्षति हुआ है। कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से 30 अप्रैल 2023 तक कुल 88 माह में लाखों में आर्थिक क्षति हुआ है। राज्य के कर्मचारियों को केन्द्र के समान गृहभाड़ा भत्ता मुद्दे पर राज्य शासन द्वारा निर्णय नहीं लिया जाना, हड़ताल-आंदोलन का एक कारण है।
उन्होंने आगे बताया कि महँगाई भत्ता स्वीकृति के मामले में भी 2019 से राज्य सरकार का रुख कर्मचारियों के हित में नहीं रहा है। आज तक के सभी केंद्रीय सरकारों ने क्रमशः 1 जनवरी एवं 1 जुलाई के स्थिति में आल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स नंबर के आधार महँगाई भत्ता में वृद्धि किया है, लेकिन राज्य ने 1 जुलाई 19 से 30 जून 21 तक 12 प्रतिशत के दर पर गृहभाड़ा भत्ता का भुगतान किया था? जबकि केन्द्र में 17 प्रतिशत था। जिसके कारण कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन का 5 प्रतिशत नुकसान 24 माह तक हुआ है। केन्द्र ने 1 जुलाई 21 से महंगाई भत्ता (डीए) दर को 28 प्रतिशत किया था, जबकि राज्य में 17 प्रतिशत 1 जुलाई 21 से स्वीकृत हुआ था। राज्य ने 1 जुलाई 21 से 30 अप्रैल 22 तक कुल 10 माह में अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 11 प्रतिशत कम दिया था। इस अवधि में कर्मचारियों को परिलब्धियों में जबरदस्त आर्थिक हानि हुआ था। केंद्र ने 1 जनवरी 22 से डीए 34 प्रतिशत किया था, लेकिन राज्य ने 1 मई 22 से 22 प्रतिशत डीए स्वीकृत किया था। केंद्र ने 1 जुलाई 22 से 38 प्रतिशत तथा 1 जनवरी 23 से 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृत किया है, जो कि 1 जुलाई 23 के स्थिति में आल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स नंबर के आधार पर 3 प्रतिशत से 4 प्रतिशत वृद्धि के साथ 45 प्रतिशत अथवा 46 प्रतिशत होने की संभावना है, लेकिन राज्य में 1 अगस्त 22 से 28 प्रतिशत एवं 1 अक्टूबर 22 से 33 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृत किया है।
उन्होंने बताया कि 1 मई 22 से 31 जुलाई 22 तक अर्थात 3 माह कर्मचारियों को प्राप्त परिलब्धियों में 12 प्रतिशत हानि हुआ है। वहीं 1 अगस्त 22 से 30 सितंबर 22 तक 2 माह में 10 प्रतिशत का नुकसान तथा 1 अक्टूबर 22 से 31 दिसंबर 22 तक 3 माह में 5 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। इसी क्रम में 1 जनवरी 23 से 30 अप्रैल 23 तक 4 माह में 9 प्रतिशत के दर पर नुकसान मासिक वेतन में प्राप्त होने वाले परिलब्धियों में हुआ है, जो कि 1 मई 23 से आगे जारी है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के हड़ताल-आंदोलन के कारण ही राज्य सरकार ने डीए में 1 मई 22 को 5 प्रतिशत, 1 अगस्त 22 को 6 प्रतिशत एवं 1 अक्टूबर को 5 प्रतिशत कुल 16 प्रतिशत का वृद्धि 6 माह में किया है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा 1 जुलाई 19 से 30 अप्रैल 23 तक एवं आगे कर्मचारियों को देय महंगाई भत्ता की वास्तविक राशि का भुगतान करने में निर्णय नहीं लिया जाना हड़ताल-आंदोलन का एक और बड़ा कारण है।
उन्होंने बताया कि मई महीने में फिलहाल सभी जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जा रहा है, लेकिन कर्मचारियों एवं उसके परिवार के हित निर्णय नहीं लिए जाने की स्थिति में जून 2023 में एकीकृत हड़ताल हो सकता।
0 आरोपी के पास से घर में छुपाकर रखें गए 29,00,000 के जेवरात को जप्त किया गया
राजनांदगांव/शौर्यपथ/ कोतवाली पुलिस राजनांदगांव ने त्वरित कार्यवाही करते हुए 6 घंटे के भीतर 2900000 के चोरी के आरोपी को गिरफ्तार किया l प्रभुदयाल सिन्हा पिता स्व सोनसाय सिन्हा उम्र 68 वर्ष साकिन जय स्तंभ चैक कलार पारा राजनांदगांव ने थाना आ कर रिर्पोट दर्ज कराया कि दिनांक 22.05.2023 को घर में ताला बंद कर सह परिवार जगन्नाथपुरी यात्रा में गये थे कि पडोस के व्यक्ति द्वारा हमारे घर का ताला टुटने की सूचना दिया और बताया कि दिनांक 24.05.2023 के 00 बजे से 25.05.2023 के दरम्यान रात्रि कोई अज्ञात चोर घर घुस कर घटना को अंजाम दिया है तब हम लोग जगन्नाथ पुरी यात्रा से घर आ कर देखे तो मेन गेट ,भुतल के कमरे व प्रथम तल के दो कमरे का ताला टुटा था प्रथम तल के एक लोहे के आलमारी के लाकर के अंदर रखे सोने का मंगल सूत्र गुलबंद वजनी लाकेट हार बेसलेट ,चैन,लेडिस जेंडस अंगुठी ,बाली ,टाप्स ,झुमका लटकन कुल सोने का वजनी 45 तोला किमती 26 लाख रूपये तथा चांदी के जेवरात व बिस्कीट वजनी 03 किलो किमती 1,95,000 रूपये जुमला किमती 27,95,000 रूपये को कोई अज्ञात चोर चोरी कर ले जाना बताये कि रिर्पोट पर अपराध क्रमांक 382/2023 धारा 457,380 भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया । घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक राजनादगांव अभिषेक मीना के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले एंव नगर पुलिस अधीक्षक अमित पटेल राजनादगांव के मार्गदर्शन मे थाना प्रभारी भोला सिंह राजपूत के नेतृत्व में टीम गठित कर त्वरित कार्यवाही करते हुए अज्ञात आरोपी के पता साजी हेतु घटना स्थल का बारिकी से निरीक्षण कर तकनिकी सहयोग व मुखबिर सूचना के आधार पर संदेही राजेन्द्र राजपूत पिता स्व. भगत सिंह राजपूत उम्र 27 वर्ष साकिन ब्राम्हणपारा वार्ड नं. 38 थाना बसंतपुर जिला राजनंादगंाव को हिरासत में ले कर पुछताछ करने पर आरोपी द्वारा पहले चोरी नही किया हुआ बोलकर गुमराह किया गया फिर कडाई से पूछताछ करने पर जुर्म स्वीकार किया परन्तु चोरी किए हुए मशरूका को बाम्हण पारा स्थित नाला में एक झोले में छुपाकर रखना बताया आरोपी के कहे अनुसार नाला में ढुढवाये जाने पर नाला के अंदर से खाली झोला डूबा हुआ पाया गया लेकिन झोला के अंदर खाली जेवरात के डब्बे थे कोई भी सोने चाॅदी के जेवरात नही थे जिस पर आरोपी द्वारा पुनः गुमराह करते हुए बोला गया कि जेवरात नाला में बह गया होगा उसके बाद कोतवाली पुलिस द्वारा गठित टीम बहुत ही सूझ बुझ से आरोपी से पूछताछ के दौरान उसी के बातो में उसे फसाकर आरोपी से किस तरह से घटना को अंजाम दिया गया एवं मशरूका कहा छुपाया गया हैं उससे उगलवाया गया आरोपी द्वारा अपने मेमोरण्डम में बताया गया कि पहले उसने घर का रैकी किया रैकी करने के बाद 24,25/05/23 के दरम्यिानी रात्रि को अपने एक्टीवा क्रमांक सीजी08/ए आर/4964 से प्रार्थी के घर बाहर अपनी एक्टीवा खड़ी कर घर का ताला तोड़कर घर के अंदर रखे आलमारी से सोने और चांदी के जेवरात को चोरी किया एवं सोने चाॅदी के जेवरात के खाली डब्बे और झोले को ब्राम्हण पारा स्थित नाले में पुलिस को गुमराह करने के लिए उसके द्वार फेका गया एवं मशरूका को अलग से प्लास्टिक डब्बे पाउच झोले में रखकर अपने घर के चांवल के डिब्बे के अंदर छुपाकर रखना बताया गया। आरोपी के बताये अनुसार प्रार्थी के सुने मकान का दरवाजे में लगे कुडी ताला को लोहे के राड से तोडकर लोेहे के आलमारी के लाकर मे रखे सोने एवं चांदी के जेवरात एवं बिस्किट को चोरी कर एक्टीवा वाहन मे ले जाकर घर में चावल के डिब्बे में चावल के अंदर छुपा कर रखना बताया गया l गिरफ्तार आरोपी का नाम:-* राजेन्द्र राजपूत पिता स्व0 भगत सिंह ठाकुर उम्र 27 साल साकिन बाम्हण पारा वार्ड नं0 38 थाना बसंतपुर जिला राजनांदगांव l उपरोक्त कार्यवाही में गठित टीम के थाना प्रभारी निरीक्षक भोला सिंह राजपूत, सउनि उदय सिंह चंदेल, सउनि शत्रुहन टंडन, आर0 अविनाश झा, प्रख्यात जैन,कुश बघेल एवं थाना स्टाप की अहम भूमिका रही। ..
राजनांदगांव / शौर्यपथ / भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी विधानसभा आम निर्वाचन 2023 हेतु जारी दिशा-निर्देश अनुसार ईव्हीएम एवं वीवीपैट मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच 10 जून से 28 जून 2023 तक ईसीआईएल के इंजीनियरों द्वारा की जाएगी। ईव्हीएम एवं वीवीपैट मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच की निर्देशानुसार वेबकास्टिंग की जाएगी। वेबकास्टिंग कार्य के लिए इच्छुक फर्म 30 मई 2023 तक कार्यालय जिला निर्वाचन कक्ष क्रमांक 28 स्थापना शाखा राजनांदगांव में कोटेशन जमा कर सकते हैं। इस बार ईव्हीएम एवं वीवीपैट मशीनों के प्रथम स्तरीय जांच का पर्यवेक्षण मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं भारत निर्वाचन आयोग द्वारा वेबकास्टिंग के माध्यम से किया जा रहा है।
- रेशम से संवर रही जिंदगी
- नारी शक्ति टशर सिल्क मटका स्पिनर समूह केंद्र द्वारा रेशम धागा निर्माण से 1 लाख 40 हजार रूपए का हुआ लाभ
- रेशम कीट पालन कर उद्योग किया स्थापित
- एप्रॉन सिलाई से साक्षी स्वसहायता समूह को हुआ 75 हजार रूपए का फायदा
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शासन के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और उद्यमिता के केन्द्र बन रहे हैं। शासन की रीपा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने की सोच साकार हुई है। ग्राम बघेरा के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में उद्यमिता के नये आयाम खुले हैं और वहां विभिन्न गतिविधियों के लिए अधोसंरचना विकसित की गई है। बघेरा रीपा गौठान में रेशम धागाकरण, सिलाई यूनिट, बोरा निर्माण उद्योग संचालित है। वहीं नोट बुक ए4 पेपर, बाइडिंग सामग्री, कारपेंटर यूनिट, सीएससी सेंटर फेब्रिकेशन यूनिट, सिलाई यूनिट, मोजा यूनिट गतिविधियां संचालित होने की ओर अग्रसर है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अमित कुमार के निर्देशन में रीपा के लिए विशेष कार्य किया जा रहा है। शासन की जनकल्याणकारी योजना रीपा ग्रामीण औद्योगिक पार्क अंतर्गत राजनांदगांव जिले के ग्राम बघेरा की 15 महिलाएं जो खेती किसानी, मजदूरी एवं घर का कार्य करती थी। शासन की योजनाओं से उनमें जागृति आयी है। बिहान योजना अंतर्गत महिलाओं ने एक आशावादी सोच के साथ अपने समूह को मजबूत किया। जिसके लिए ये महिलाएं रेशम धागाकरण के लिए रेशम एवं हाथकरघा विभाग से संपर्क कर प्रशिक्षण प्राप्त कर नारी शक्ति टशर सिल्क मटका स्पिनर समूह केंद्र स्थापित किया। रीपा में नारी शक्ति टशर सिल्क मटका स्पिनर समूह का गठन कर रेशम धागा निर्माण उद्योग स्थापित कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
राजनांदगांव के बघेरा में अन्य गतिविधियों के अलावा रेशम धागाकरण में 15 महिलाएं काम कर रही हैं। जिससे 4 लाख 50 हजार रूपए प्रोडक्शन, 3 लाख 40 हजार रूपए बिक्री एवं 1 लाख 40 हजार रूपए का लाभ हुआ है। आने वाले समय में और भी महिलाएं इस योजना से जुड़कर कार्य करेंगी। इस योजना ने ग्रामीण महिलाओं को सीधे तौर पर रोजगार उपलब्ध कराया गया है। साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त होकर आत्मनिर्भर बनने की राह में कदम बढ़ाए हंै। जो प्रदेश के समेकित विकास को दर्शाता है। इन महिलाओं ने रेशम धागा उत्पाद केंद्र के अतिरिक्त गौठान की भूमि पर 10 एकड़ जमीन में शहतूत की खेती के लिए वृक्षारोपण किया है। जिसमे से शहतूत उत्पादन के साथ पेड़ की पत्तियों में रेशम कीट का पालन कर रही हैं और उद्योग स्थापित करने की पहल की है। ये महिलाएं सफल उद्यमी के रूप में अपनी एक पहचान बना ली है।
साक्षी स्वसहायता समूह का कुशल उद्यमी बनने का सफर
बिहान योजना के तहत साक्षी स्वसहायता समूह से जुड़कर 30 महिलाओं ने सिलाई-कढ़ाई कर आय के साधन में वृद्धि की है। महिलाओं ने देखा कि एप्रॉन की बहुत अधिक मांग है। जिसके निर्माण के लिए ट्रेनिंग लेकर मशीन क्रय की, आज ये महिलाए स्वयं का केंद्र स्थापित कर एप्रॉन का निर्माण कर राजनांदगांव के अतिरिक्त दुर्ग, रायपुर में सप्लाई कर रही हैं। साथ ही दुर्ग से कपड़ा लेकर भी सिलाई की जा रही है। जिससे 75 हजार रूपए का फायदा हो रहा है। रेडिमेड कपड़ा निर्माण उद्योग स्थापित कर अपनी एक अलग पहचान बना रही हंै। आने वाले समय में और भी महिलाएं इस योजना से जुड़ेंगी।
जय माता रानी स्वसहायता समूह ने बोरी निर्माण उद्योग से बदली जिंदगी-
बिहान योजना के तहत 10 महिलाएं स्वसहायता समूह से जुड़कर गोबर खाद से वर्मी कम्पोस्ट बनाकर अपनी आमदनी में वृद्धि की है। महिलाओं ने वर्मी कम्पोस्ट की पैकिंग के लिए बोरी की आवश्यकता को देखते हुए बोरी निर्माण का निर्णय लिया। जय माता रानी स्वसहायता समूह की महिलाओं ने स्वयं के बोरी निर्माण केंद्र का निर्णय लिया और ट्रेनिंग लेकर मशीन क्रय किया। आज ये महिलाएं स्वयं के गौठान के अतिरिक्त आसपास के 112 गौठानों में भी बोरी सप्लाई कर रही है। प्रति गौठान लगभग 200 बोरी एक माह में उपयोग होती है। इस प्रकार लगभग 24 हजार बोरी प्रतिमाह खपत है। महिलाओं ने बताया कि अभी उनके पास 20 हजार बोरी का आर्डर प्राप्त हुआ है। आने वाले समय में और भी महिलाएं इस योजना से जुड़कर कार्य करेंगी।
सभी नवीन शासकीय भवनों को गोबर पेंट से किया जाएगा रंग-रोगन
मोहला / शौर्यपथ / कलेक्टर एस जयवर्धन ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क रीपा के अंतर्गत संचालित गतिविधियों को बढ़ाकर स्थानीय लोगों को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने के निर्देश दिए। जिससे स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क रीपा सरखेड़ा में गोबर पेंट का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने गोबर पेंट की क्वालिटी पर विशेष ध्यान देते हुए उत्पादन बढ़ाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके क्रय-विक्रय के लिए पंजी संधारित करने कहा। उन्होंने सभी नवीन शासकीय भवनों को गोबर पेन्ट से रंग-रोगन करने के निर्देश दिए। इसके लिए संबंधित विभागों को मांग पत्र भी भेजने कहा।
उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना शासन की महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यों को विशेष प्राथमिकता देते हुए कार्य में तेजी लाना है। उन्होंने सभी गौठनों में गोबर खरीदी की मात्रा बढ़ाने के निर्देश दिए। गोबर खरीदी कर वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने जिले के गौठानों में चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गौठान के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराना है। जिसके लिए सभी गौठानों में एक्टीविटी शुरू करने के निर्देश दिए। जिन गौठानों में एक्टीविटी शुरू हो गए वहां स्थानीय लोगों को जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। गौमूत्र से निर्मित जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र की मात्रा को बढ़ाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने नये शिक्षा सत्र के लिए पाठ्य पुस्तक निगम से मिलने वाली किताबों के वितरण की समीक्षा की। उन्होंने इसके लिए पहले से ही शिक्षा विभाग को पूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। जिले में संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए। आयुष्मान कार्ड बनाने के कार्य में तेजी लाने के लिए कहा। बारिश से पहले जिले के सभी वर्षामापी यंत्रों को अपडेट करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला नोडल अधिकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्री हेमंत ठाकुर, एसडीएम मोहला डॉ. हेमेन्द्र भुआर्य, एसडीएम मानपुर श्री अमित योगी सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
- मतदान केन्द्रों में दिव्यांगजनों के लिए रैम्प की व्यवस्था सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
- बारिश के पहले वृक्षारोपण के लिए सारी व्यवस्था सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
- प्रत्येक ग्राम पंचायत में बनाये जाएंगे पशु मित्र
- कलेक्टर ने ली साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक
मोहला / शौर्यपथ / कलेक्टर एस जयवर्धन ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता योजना के लाभार्थियों को रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण और प्लेसमेंट में सहायता प्रदान किया जाना है। इसके लिए संबंधित विभागों को प्रशिक्षण आयोजित कराने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। जिससे युवाओं को स्थानीय स्तर पर प्लेसमेंट आयोजित कर रोजागर उपलब्ध करा सके। उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक-एक पशु मित्र बनाने के निर्देश पशुधन विकास विभाग के अधिकारी को दिए। जिससे पशुपालकों को शासकीय योजनाओं से लाभान्वित करने, नस्ल सुधार सहित पशुओं की बीमारियों का सही समय में चिकित्सा उपचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि पीपीईएस में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की डाटा प्रविष्टि शत-प्रतिशत एवं त्रुटि रहित करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें। मतदान केन्द्रों में दिव्यांगजनों के लिए रैम्प की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही पेयजल, फर्नीचर, विद्युत, शौचालय सहित अन्य व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कलेक्टर्स कान्फ्रेंस की तैयारी के संबंध में समीक्षा की। उन्होंने सभी अधिकारियों को शासन की योजनाओं तथा नवीन योजनाओं की प्रगति के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि सार्वजनिक जगह एवं शासकीय कार्यालयों के आसपास छायादार वृक्ष लगाया जाना है। इसके लिए उद्यानिकी एवं वन विभाग को बारिश से पहले सारी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पोषणबाड़ी एवं छात्रावासों में लक्ष्य के आधार पर उद्यानिकी विभाग को वृक्षारोपण कराने के लिए कहा। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के अंतर्गत लक्ष्य निर्धारित कर पंजीकृत हितग्राहियों के लिए पौधो की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। खरीफ सीजन को देखते हुए सोसायटियों में पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया।
-जिले के 424 गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत नियमित रूप से की जा रही गोबर खरीदी
- चेन फेसिंग का कार्य स्वीकृत एवं कार्य प्रगतिरत
- ग्राम पार्रीकला गौठान में कार्य एजेंसी को 8 लाख 47 हजार रूपए का किया गया भुगतान
- पार्रीकला गौठान में गोबर विक्रेताओं से 372.31 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई
- ककरेल गौठान में समीप के तालाब के माध्यम से रबर पाईप द्वारा मवेशियों हेतु पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही
राजनांदगांव / शौर्यपथ / भारतीय जनता पार्टी द्वारा इन दिनों प्रदेश के सभी गौठानो में भ्रमण कर गौठान में व्याप्त अव्यवस्था पर बात की जा रही है वही इसे सोशल मिडिया के माध्यम से प्रचारित किया जा रहा है . पिछले दिनों ऐसे ही अभियान के तहत राजनंदगांव जिले के कुछ गौठानो में भ्रमण किया गया और जिसे सोशल मिडिया में वाइरल किया गया . भाजपा द्वारा गौठान की अव्यस्थता पर जिलाप्रससन ने इसे पूरी तरह मिथ्या बताते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी कर गौठानो की वास्तविक स्थिति से अवगत कार्य . जिला राजनांदगांव अंतर्गत कुल 407 ग्राम पंचायतों में 424 गौठान स्वीकृत हैं। जिनमें से 414 ग्रामीण क्षेत्रों एवं 10 शहरी क्षेत्रों में स्वीकृत हैं। जिसमें सभी गौठानों में राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत नियमित रूप से गोबर खरीदी की जा रही है। अब तक कुल 16004 गोबर विक्रेताओं से कुल 605296.66 क्विंटल गोबर का क्रय गौठानों में किया गया है। खरीदे गये गोबर से अब तक कुल 167469.44 क्विंटल जैविक खाद का उत्पादन किया जा चुका है तथा कुल 130047.18 क्विंटल खाद का विक्रय किया जा चुका है। खाद विक्रय से अब तक स्वसहायता समूहों को कुल 3 करोड़ 93 लाख रूपए से अधिक की लाभांश राशि का भुगतान भी किया गया है। इसी प्रकार वर्तमान स्थिति में जिले के कुल 159 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं।
विगत दिनों विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा राजनांदगांव विकासखण्ड के फुलझर, पार्रीकला एवं ककरेल गौठान का भ्रमण किया गया एवं आपत्तियां जताते हुए भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किये गये है। फुलझर गौठान में पानी की उपलब्धता एवं बाउण्ड्री नहीं होने की बात कही गयी है। यद्यपि गौठान से लगे हुए स्कूल से रबर पाईपलाईन के माध्यम से मवेशियों हेतु कोटना में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है तथापि गौठान में आवश्यकतानुरूप पर्याप्त पानी उपलब्ध है। उक्त गौठान में चेन फेसिंग का कार्य स्वीकृत है एवं कार्य प्रगतिरत है। इसी प्रकार पार्रीकला गौठान में सरपंच को भुगतान शेष होना तथा गोबर खरीदी नहीं होना कहा गया है, जबकि स्वीकृत कार्य की राशि 8 लाख 89 हजार रूपए के विरूद्ध संबंधित कार्य एजेंसी को राशि 8 लाख 47 हजार रूपए का भुगतान जा चुका है तथा पार्रीकला गौठान में कुल 38 पंजीकृत गोबर विक्रेताओं से 372.31 क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। इसी तरह ककरेल गौठान में पानी एवं पैरा व चारा की अनुपलब्धता एवं गोबर की राशि भुगतान नहीं होने के संबंध में कहा गया है, जबकि इस गौठान में समीप के तालाब के माध्यम से रबर पाईप द्वारा मवेशियों हेतु पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है एवं मवेशियों हेतु ग्राम पंचायत द्वारा पैरा पंचायत क्षेत्र में संग्रहित किया गया है। साथ ही गत पखवाड़े में गोधन न्याय योजना अंतर्गत गोबर की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
जिला राजनांदगांव में कुल 407 गौठानों हेतु 3 चरणों में स्वीकृति प्रदान की गयी है। जिसके अंतर्गत तृतीय चरण के गौठानों में मूलभूत सुविधाओं का कार्य प्रगतिरत है। जिन्हें जल्द से जल्द से पूर्ण कराये जाने हेतु शासन द्वारा निर्देशित किया गया है। गौठानों में जैविक खाद निर्माण हेतु कृषि विभाग नोडल विभाग है। कृषि विभाग द्वारा स्वसहायता समूहों को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया है एवं आवश्यकतानुरूप समय-समय पर मार्गदर्शन भी प्रदाय किया जाता है। खाद की गुणवत्ता नियंत्रण हेतु सैंपल भी समय-समय पर प्रयोगशाला में प्रेषित किया जाता है। जिले के गौठानों में बिजली एवं पानी की उपलब्धता हेतु विद्युत विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं समस्त जनपद पंचायतों को निर्देशित किया गया है। इसके अनुरूप संबंधित विभागों द्वारा इस हेतु समुचित प्रयास करते हुए कार्य कराये जा रहे हैं। गौठानों में मवेशियों के सूखा चारा की उपलब्धता हेतु किसानों को प्रेरित कर जिला अंतर्गत कुल 101250 क्विंटल पैरादान कराया गया है। साथ ही पैरा के संरक्षण हेतु बेलर मशीन से बंडल तथा पशु विभाग के द्वारा पैरा उपचार भी कराया गया है। गौठानों में समूहों के द्वारा बाड़ी, मत्स्यपालन, मशरूम उत्पादन, मुर्गीपालन, बकरीपालन एवं अन्य आयमूलक आजीविका गतिविधि विभागीय सहयोग से संचालित की जा रही है। जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हुई है।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था बन रही मजबूत
- विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा गौठानों का अवलोकन कर किए जा रहे भ्रामक तथ्य प्रस्तुत, जो कि वास्तविकता से भिन्न
- 424 गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत नियमित रूप से की जा रही गोबर खरीदी
- वर्मी कम्पोस्ट विक्रय से अब तक स्वसहायता समूहों को कुल 3 करोड़ 93 लाख रूपए से अधिक लाभांश राशि का किया गया भुगतान
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शासन की सुराजी गांव योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में एक जागृति आयी है और किसानों के जीवन में परिवर्तन एवं खुशहाली आयी है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जिला राजनांदगांव अंतर्गत कुल 407 ग्राम पंचायतों में 424 गौठान स्वीकृत हैं। जिनमें 414 ग्रामीण क्षेत्रों एवं 10 शहरी क्षेत्रों में गौठान स्वीकृत हैं। सभी गौठानों में राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत नियमित रूप से गोबर खरीदी की जा रही है। अब तक कुल 16004 गोबर विक्रेताओं से कुल 605296.66 क्विंटल गोबर का क्रय गौठानों में किया गया है। खरीदे गये गोबर से अब तक कुल 167469.44 क्विंटल जैविक खाद का उत्पादन किया जा चुका है तथा कुल 130047.18 क्विंटल खाद का विक्रय किया जा चुका है। वर्मी कम्पोस्ट विक्रय से अब तक स्वसहायता समूहों को कुल 3 करोड़ 93 लाख रूपए से अधिक लाभांश राशि का भुगतान भी किया गया है। वर्तमान स्थिति में जिले के कुल 159 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं।
वर्तमान में जिला अंतर्गत विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा गौठानों का अवलोकन किया जा रहा है एवं विभिन्न भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किये जा रहे हैं, जो कि वास्तविकता से भिन्न है। जिला राजनांदगांव में कुल 407 गौठानों हेतु 3 चरणों में स्वीकृति प्रदान की गयी है। जिसके अंतर्गत तृतीय चरण के गौठानों में मूलभूत सुविधाओं का कार्य प्रगतिरत है। जिन्हें जल्द से जल्द से पूर्ण कराये जाने हेतु शासन द्वारा निर्देशित किया गया है। गौठानों में जैविक खाद निर्माण हेतु कृषि विभाग नोडल विभाग है। कृषि विभाग द्वारा स्वसहायता समूहों को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया है एवं आवश्यकतानुरूप समय-समय पर मार्गदर्शन भी प्रदाय किया जाता है। खाद की गुणवत्ता नियंत्रण हेतु सैंपल भी समय-समय पर प्रयोगशाला में प्रेषित किया जाता है। जिले के गौठानों में बिजली एवं पानी की उपलब्धता हेतु विद्युत विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं समस्त जनपद पंचायतों को निर्देशित किया गया है। जिसके अनुसार संबंधित विभागों द्वारा इस हेतु समुचित प्रयास करते हुए कार्य कराये जा रहे हैं। गौठानों में मवेशियों के सूखा चारा की उपलब्धता हेतु किसानों को प्रेरित कर जिला अंतर्गत कुल 101250 क्विंटल पैरादान कराया गया है। साथ ही पैरा के संरक्षण हेतु बेलर मशीन से बंडल तथा पशु विभाग द्वारा पैरा उपचार भी कराया गया है। गौठानों में समूहों के द्वारा सामुदायिक बाड़ी, मत्स्यपालन, मशरूम उत्पादन, मुर्गीपालन, बकरीपालन एवं अन्य आयमूलक आजीविका गतिविधि विभागीय सहयोग से संचालित की जा रही है। जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हुई है।