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दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग-भिलाई सहित जिले के पत्रकारों की एक बैठक आज दक्षिण गंगोत्री सुपेला में हुई। पत्रकारों के हित के लिए चर्चा करते हुए उपस्थित सभी पत्रकारों ने दुर्ग जिला प्रेस क्लब का गठन किया एवं पत्रकारों के अधिकारों और हित के लिए आवाज उठाने की बात कही। इसके लिए दुर्ग जिला प्रेस क्लब के पदाधिकारियों का चयन किया गया जिसमें वरिष्ठ पत्रकार शमशेर खान को क्लब का अध्यक्ष चुना गया वहीं उपाध्यक्ष सौरभ शर्मा(लक्की), कोषाध्यक्ष पवन केसवानी और सचिव सुनील सोनी, सह सचिव राजेन्द्र गाड़े को बनाया गया। वही कही कार्यकारिणी सदस्य के रूप में शरद पंसारी, मनोज कुमार देवांगन, अभिषेक सावल, प्रहलाद दुबे, ऐनु देवांगन, रवि सोनकर, अशीष तिवारी, मन्ना सेन, राकेश जयसवाल, ओमप्रकाश बंछोर, राकेश जसपाल (अहिवारा) को चुना गया। इसके साथ ही बैठक में आगे कार्य करने की रणनीति पर भी चर्चा की गई।
बैठक में पत्रकारिता जगत से मुख्य रूप से मनोज कुमार, सुरेंद्र सिंह, बबला मानस, चंद्रकांत साहू, अभिषेक शावल, प्रहलाद दुबे, राकेश जसपाल, ओमप्रकाश, आशीष तिवारी, राजेन्द्र गाड़े, रविकांत मिश्रा, अखिलेख श्रीवास्तव, ओमप्रकाश ढीमर, चंद्रकांत साहू, माधुरी मंडावी, मनीष कुमार, गौतम कुमार डे,रविकांत मिश्रा व अनेक पत्रकार बंधु उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश के यात्री बस संचालकों को कोरोना संकट से उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में बड़ी राहत दी है। उन्होंने यात्री बस संचालकों को जून माह के मासिक कर में भी छूट प्रदान कर दी है। इसके पहले राज्य सरकार द्वारा अप्रैल और मई माह के मासिक कर में छूट प्रदान की गई थी। इस तरह छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस ऑपरेटरों को अप्रैल, मई और जून तीन माह के मासिक कर के भुगतान की छूट मिली है। राज्य शासन के इस निर्णय से प्रदेश के यात्री बस संचालकों को लगभग पांच करोड़ रूपए का लाभ प्राप्त होगा।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के दौरान लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थिति में प्रदेश के बस ऑपरेटरों की विभिन्न कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। जिनसे राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने परिवहन विभाग को निर्देश दिए थे। लॉकडाउन की अवधि में यात्री बसों का उनके निर्धारित मार्ग में संचालन बंद रहा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर परिवहन विभाग द्वारा बीते 4 जून को प्रदेश के अंतर्राज्यीय व अखिल भारतीय पर्यटक परमिट तथा समस्त मंजिली यात्री वाहनों को माह अप्रैल और मई की अवधि के लिए मासिक कर के भुगतान से पूरी छूट दी गई थी। प्रदेश के विभिन्न मार्गों में नियमित रूप से चलने वाली यात्री बसों का संचालन जून माह की अवधि में भी पूर्णत: बंद रहा है। जिससे प्रभावित बस संचालकों द्वारा टैक्स में छूट की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जून माह में भी देय मासिक कर में छूट प्रदान कर दी है। जिससे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे बस संचालक लाभान्वित होंगे।
राज्य शासन के इस निर्णय से प्रदेश के यात्री बस संचालकों को देय राशि लगभग पांच करोड़ रूपए का लाभ होगा। इसी प्रकार मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वाहन निष्प्रयोग में रखने के पूर्व अग्रिम देय मासिक कर जमा करने के प्रावधानों से भी दो माह की अवधि के लिए छूट दिए जाने संबंधी कार्यवाही के निर्देश परिवहन विभाग को दिए हैं।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम प्रशासन की सफाई और नियमो का पालन करवाने के लिए की जा रही कार्यवाही से शहर की जनता में ये विश्वास जगा है कि शहर के आयुक्त और निगम प्रशासन शहर के लिए कुछ अच्छा कर रहे है किन्तु यही विश्वास तब डगमगा जाता है जब इस तरह की शिकायत किसी धनवानों के अतिक्रमण पर की जाती है या जनहित के कार्यो के लिए की जाती है . निगम प्रशासन की ऐसी कार्यवाही क्या कुछ चुनिन्दा वर्ग के लिए है या सीढ़ी साधी जनता में प्रशासनिक दहशत के लिए है जबकि निगम प्रशासन की नजरो के सामने ही ऐसे कई अवैधानिक कार्य हो रहे है जिनकी शिकायत या सुचना के बाद भी निगम प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी मौन रहते है. शिकायतों पर कार्यवाही की तत्परता दिखाने वाले निगम प्रशासन आखिर कई शिकायतों पर ध्यान क्यों नहीं देता जबकि इसकी सुचना कई बार दी जा चुकी है .
आयुक्त के निर्देश पर 10000 रु0 लगाया गया जुर्माना
निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज आशा नगर क्षेत्र वार्ड 21 में निरजचंद सूर्या को सड़क किनारे कच्च्ी नाली के ऊपर अपना भवन सामग्री रेत, गिट्टी रखने पर निगम स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता द्वारा उनके घर जाकर 10,000 रु0 का जुर्माना काटा ।
उल्लेखनीय है कि शहर में दो घंटे हुई लगातार बारिश से आशा नगर क्षेत्र से शिकायत मिली की निरजचंद शर्मा द्वारा कच्ची नाली में भवन सामग्री डाल दिया गया है जिससे नाली जाम हो गई है और आस-पास जगहों में बारिश का पानी भर रहा है । जिला कलेक्टर एवं आयुक्त इंद्रजीत बर्मन द्वारा तितुरडीह क्षेत्र का भ्रमण कर पानी भराव की स्थिति का जायजा लिया गया। इस दौरान शिकायत के आधार पर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मौका मुआयना किया गया। कच्ची नाली में निरजचंद सूर्या द्वारा भवन सामग्री डाल दिया गया था। जिसके कारण आस-पास क्षेत्र में पानी का भराव हो गया। वार्ड निवासियों की सूचना शिकायत पर तत्काल कार्यवाही कर जुर्माना लगाया गया तथा निकासी से रेती, गिट्टी हटवाया गया।
किन्तु वही वार्ड नम्बर 43 में बेगम बाई के काम्प्लेक्स के सामने मोड़ पर पेड़ पौधे लगे होने तथा पास ही 20 फीट के नाले को अतिक्रमण कर 3 फीट का नाला कर दिया गया जिसके कारण बरसात में लोगो के घरो में नाले का गन्दा पानी जाता है किन्तु शिकायत के बाद भी निगम प्रशासन मौन रहा वही शहर की बसाहट के बीच मुर्गी फ़ार्म की शिकायत पर निगम प्रशासन द्वारा सिर्फ नोटिस का खेल खेला जा रहा है किन्तु वार्ड पार्षद की शिकायत के बाद भी निगम प्रशासन मौन है वही शहर में ऐसी कई जगह है जहा अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है किन्तु शिकायतों के बाद भी निगम प्रशासन मौन है क्या सिर्फ अपने मनपसंद जगह शिकायत पर कार्यवाही करती है निगम प्रशासन या फिर सिर्फ ऐसे नागरिको से जुर्माना वसूल किया जा रहा है जो नियमो और कानून का सम्मान करते है और अनजाने में हुए गलत कार्यो की सज़ा जुर्माने के रूप में चुकाते आ रहे है .
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निगम प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी लग्न चाहिए बड़ा जुर्माना
आज निगम प्रशासन ने नाली पर बिल्डिंग मटेरियल रखने वाले पर जुर्माना लगाया जो नियमानुसार ही होगा अगर यह नियमानुसार सही है तो वार्ड नम्बर 43 में 15-20 फीट के नाले की चौड़ाई 3-4 फीट होने पर और इसकी सुचना देने के बाद भी निगम प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं की गयी जिसके कारण आज के बरसात में कई निवासियों के घरो में पानी घुस गया . सूचना के बाद 10 हजार का जुर्माना करने वाला निगम प्रशासन क्या अपने अधिकारियो की इस लापरवाही के लिए कोई जुर्माना लगाएगा या सिर्फ दिखावे की कार्यवाही की जाएगी और सीधी-साधी जनता से ही जुर्माना वसूल करती रहेगी .
विधायक वोरा भी उठा चुके है कई बार आपत्ति
वर्तमान में कोरोना आपदा के कारण आम जन की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गयी है किन्तु छोटी बड़ी गलती की सजा के तौर पर भारीभरकम जुर्माने की आम जानो से मिलने वाली शिकायत आम जन अपने जनप्रतिनिधि विधायक वोरा से कर चुके है जिस पर विधायक एवं महापौर ने निगम प्रशासन से कहा भी है की कोरोना आपदा में आम जानो से छोटी छोटी बात पर बड़ा जुर्माना ना ले किन्तु निगम प्रशासन अपनी चाल पर चल रहा है और नियमो का हवाला दे कर / व्यवस्था सुधरने की बात कह रहा है . अगर निगम प्रशासन सही है तो क्यों नहीं हर शिकायतों पर कार्यवाही हो रही है
दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ राज्य के 6500 प्राईवेट विद्यालयों में लगभग 2,97,000 बच्चे शिक्षा के अधिकार के अतर्गत पढ़ रहे है। यह बच्चें गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों से आते है जिनके पालको के पास की-पैड वाला परंपरागत मोबाइल होता है, जबकि ऑनलाईन क्लासेस हेतु महंगे स्मार्ट फोन की जरूरत है, इतना ही नहीं बच्चों को मंहगे-मंहगे कॉपी-किताब स्वयं खरीदने पड़ रहे है, क्योंकि सरकार के द्वारा आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान विगत दो वर्षो का रूका हुआ है।
छत्तीसगढ़ पैरेट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण गरीब तबका ऐसे की मंदी की मार झेल रहा है और जैसे तैसे अपना जीवन यापन कर रहा है। प्राईवेट स्कूलों में नर्सरी से लेकर कक्षा बारहवीं तक के बच्चों के लिए ऑनलाईन क्लासेस 15 जून से आरंभ हो चुका है और इस ऑनलाईन क्लासेस से आरटीई के बच्चे प्रभावित हो रहे है और उनके पालक परेशान हो रहे है, क्योंकि कई बच्चे जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं और जिन बच्चों ने कॉपी-किताब नहीं खरीदा है, वे शिक्षा से वंचित हो रहे है। ऑनलाईन क्लासेस आरंभ होने से आरटीई के बच्चों के साथ भेदभाव हो रहा है जो उचित नहीं है।
छत्तीसगढ़ सरकार के पास आरटीई के प्रवेशित बच्चों को कैसे ऑनलाईन पढ़ाई कराए जाएगा, इस संबंध में कोई ठोस कार्य योजना नहीं है और ना अब तक कोई इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया गया है।
पॉल ने इस मामले को लेकर अध्यक्ष-राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, दिल्ली को पत्र लिखकर तत्काल उचित कार्यवाही करने की मांग किया गया है, ताकि प्रदेश में आरटीई के अंतर्गत प्रवेशित 2,97,000 बच्चो को भी नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का लाभ मिले चाहे पढ़ाई ऑनलाईन या वर्चुवल क्लासेस के माध्यम से कराया जा रहा हो।
रायपुर / शौर्यपथ / हर साल नेशनल डॉक्टर डे एक थीम पर मनाया जाता है। डॉक्टर को भगवान का दर्जा देने वाले देश में डाक्टर्स के योगदान को सम्मान देने के लिए हर साल राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है।
केंद्र सरकार ने 1991 में इस दिन को 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाने की शुरुआत की थी। इसी दिन यानी 1 जुलाई को देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय का जन्मदिन और पुण्यतिथि है। उनके सम्मान में हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। उनके सम्मान में इसी दिन पूरी चिकित्सा बिरादरी का सम्मान कर श्रद्धांजलि दी जाती है।
कोरोना महामारी में योद्वाओं की तरह फ्रंट लाइन में आकर इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में एम्स रायपुर की भूमिका अग्रणी माना जा रहा है। नेशनल डॉक्टर डे पर एम्स रायपुर के चिकित्सा अधीक्षक एवं प्रोफेसर न्यूक्लीयर मेडिसिन , रेडियोलॉजीस्ट डॉ. करण पीपरे से चिकीत्सकीय प्रोफेशन को लेकर बीतचीत की । डॉ. पीपरे का मानना है किसी भी डॉक्टर के लिए सम्मान का पल तब होता है जब मरीज के ठीक होने पर मरीज व उनके परिजन प्यार के साथ आदर का भाव रखते हुए मिलते हैं। चिकित्सकों को सभी से मित्रता पूर्ण व्यवहार करना चाहिए । उन्होंने यह भी कहा मरीजों की सेवा करना डॉक्टर का मानव व चिकित्सकीय धर्म का पालन होता है।
कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज को लेकर रायपुर एम्स के चिकित्सकीय टीम और अस्पताल प्रबंधन द्वारा केंद्र व राज्य सरकार के निर्देश पर जनवरी व फरवरी महीने में ही तैयारी शुरु कर कोरोना वार्ड बनाया लिया था। फरवरी महीने में एम्स के नेफ्रोलॉजी वार्ड में 12 बेड सहित दो वेंटिलेटर एवमं मॉनिटर्ज की सुविधाओं के साथ आइशोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया था। उन्होंने बताया राजधानी से एम्स अस्पताल में प्रदेश का पहला केस कोरोना पॉजेटिव 17 मार्च को लंदन रिटर्न लड़की का मिली थी जिसके इलाज के साथ ही एम्स अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना से लडऩे कमर कस कर तैयार हो गया था। लैब में स्वाब जांच से लेकर इलाज के लिए दवाईयां, टीम को प्रशिक्षत करते हुए चुनौतियों को स्वीकार किया । उसके बाद आयुष भवन में 85 बेड का कोविड -19 आइशोलेशन वार्ड बनाए गए और सभी नमूनों की जांच व इलाज कर सभी की उपचार कर स्वसथ्य कर घर भेजा जा रहा है।
डॉ. पीपरे ने महामारी का जिक्र करते हुए अपने अनुभव बताया अविभाजीत मध्यप्रदेश में वर्ष 1991 के अप्रैल माह में बस्तर के जंगलों से घिरे दंतेवाड़ा, बचेली, फरसपाल भैरमगढ़, नीलेशनार, घोटपाल इलाकों में खूनी पेचिस, उल्टी-दस्त, चेचक, मलेरिया जैसे महामारी फैली थी जिसमें लगभग 650 लोगों की मौत हो गई थी। ऐसे समय में मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें बस्तर भेजा था। तब मोबाइल, टीवी, समाचार माध्यम, वाट्सअप जैसे सोशल मीडिया भी नहीं थे। तब किसी महामारी के फैलने के प्रति लोगों को जागरुक करने में समस्याएं होती थी और वायरस का प्रकोप समुदाय के तीसरे चरण में संक्रमण कर पूरे गांव को चपेट में ले लेता था। उन्होंने कहा, कोरोना महामारी पहले के बीमारियों से फैलने वाले महामारियों से कम चुनौतियां है। आज लोग मोबाइल, टीवी और इंटरनेट की वजह से स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हो गए हैं। कोरोना महामारी को हराने के लिए डॉ. पीपरे ने कहा, रोज सुबह मॉनिंग वॉक, योग करें, नशा से दूर रहकर , पोषण आहार भोजन में जरुर लें। इससे हमारा इम्युनीटी सिस्टम मजबूत होगा।
डॉ. पीपरे ने बताया, उनकी पढाई व शिक्षा जबलपुर में हुई 1970 में उनके परिवार से 6 भाईयों का एक साथ मेडिकल की पढाई के लिए सलेक्शन हुआ था। उनके ताउ के लड़के का डॉक्टर की पढाई के लिए चयन होने के बाद उनका भी सपना डॉक्टर बनने का रहा है। उन्होने बताया, वर्ष 1974-75 में जबलपुर मेडिकल कॉलेज में उनके सहपाठी प्रदेश के जाने में चिकित्सक डॉ. अशोक चंद्राकर, डॉ. अशोक भट्टर, डॉ. अनुप वर्मा और एमडी की पढाई मेकाहारा के पूर्व अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी थे। इंदौर मेडिकल कॉलेज से रेडियोलॉजिस्ट में एमडी की पढाई कर गोल्ड मेडल के साथ डिग्री प्राप्त की। और मुंबई से न्यूक्लीयर मेडिसीन में पोस्ट ग्रेजूएशन किया। वर्ष 2002 से वर्ष 2027 तक गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में सुलतानिया महिला चिकित्सालय , हामिदिया चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक एवंम वाइस डीन के रुप में कार्य किया। वर्ष 1981 में मंडला जिले में उनकी पहली सरकारी अस्पताल में नौकरी लगी। वर्ष 1992 में भोपाल मेडिकल कॉलेज में असिसटेंट प्रोफेसर न्यूक्लीयर मेडिसीन के रुप में पीएससी से चयनित हुए। इसके बाद अब वे रायपुर एम्स में एडिशनल मेडिकल अधीक्षक नियुक्ति होकर अब वे 2 साल से मेडिकल अधीक्षक का पद संभालते हुए संस्थान में 6 सालों से सेवारत हैं।
दुर्ग / शौर्यपथ / ग्रीन लाइम्स फिल्म एंड इंटरटेंमेंट और मित्रों प्रोडक्शन प्रा. लि. के बेनर तले बनने वाली भोजपूरी फिल्म सपना के निर्माण कार्य की तैयारी जोर शोर से चल रही है। फिल्म के निर्माता रचित शर्मा ने इसके निर्देशन की जिम्मेदारी यूपी के फाजिल नगर क्षेत्र के दो युवा निर्देशक
बिभांशु तिवारी और चांद अख्तर को दी है। फिल्म के हिरो और हिराईन का भी चयन कर लिया है। इसके हिरों के रोल के लिए राघव नैय्यर और हिरोइन की भूमिका के लिनए प्रियांशु सिंह को लिया गया है। इसके अलावा बाकी अन्य कलाकारों का चयन जारी है। इस फिल्म का दो पोस्टर हाल ही में लांच किया गया है। पोस्टर भी बहुत आकर्षक है । इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब पोस्टर इतना बढिया बनाया गया है तो फिल्म कितनी अच्छी बनेगी।
निर्देशक बिभांशु तिवारी और चांद अख्तर ने संयुक्त रूप से बताया कि इस फिल्म की शूटिंग अक्टूबर महीने से शुरू होगी। उन्होंने बताया कि भोजपुरी फिल्म 'सपनाÓ बेहद खास है। इसकी पटकथा बेहद महत्वपूर्ण है। फिल्म दर्शकों को बेहद पसंद आयेगी। वहीं फिल्म के निर्माता रचित शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के वक्त इस फिल्म की पटकथा पर हमने खूब मेहनत की। साथ ही हमने इसके गीत संगीत पर भी बखूबी ध्यान दिया। फिल्म में गीत और संगीत छोटे बाबा (बसही) का है। फिल्म में लीड रोल में राघव नैय्यर और प्रियांशु सिंह नजर आने वाले हैं। बांकी कास्टिंग जोर – शोर से चल रही है। फिल्म के निर्माता रचित शर्मा ने बताया कि इस फि़ल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश में अक्टूबर से शुरू की जाएगी। वो अपनी इस फि़ल्म को लेकर बहुत ही उत्साहित है। फि़ल्म के लेखक - बिभांशु तिवारी और चाँद अख़्तर है, एसोसिएट डायरेक्टर सुब्रत गौतम और प्रोजेक्ट मैनेजर हरीओम सरन गुप्ता हैं।
जांजगीर - चांपा / शौर्यपथ / आमनदुला के नाली निर्माण में गैर-तकनीकी एवं घटिया निर्माण की शिकायत पर सीईओ ने 2 सदस्यों का जांच दल गठन किया है तथा जांच प्रतिवेदन 7 दिवस के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिए है। इस मामले को गंभीरता लेते हुए एस.एन वर्मा सीईओ मालखरौदा ने सुक्ष्म जांच के निर्देश दिए है। ग्राम पंचायत आमनदुला में महात्मा गांधी रोजगार ग्रारंटी योजना के अंतर्गत मंडी से शासकीय प्राथमिक शाला ओर 10 लाख का नाली का निर्माण कराया गया है। जिसमें घटिया मटेरियल की जांच किए जाने हेतु निम्नानुसार दो सदस्यों का जांच दल गठन किया गया है। जिसमें ग्रामीणों का आरोप है की 10 लाखों की लागत के नाली निर्माण कार्य में गैर तकनीकी एवं घटिया स्तर का निर्माण कार्य किया गया है। लोगों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता का विरोध करते हुए जनपद सीईओं एस एन वर्मा मालखरौदा अधिकारी को इस संबंध में अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की है। वार्ड में लाखों की लागत से बनाई जा रही नाली निर्माण में ठेकेदार द्वारा बड़े स्तर पर गड़बड़ी किए जाने की आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। आक्रोशितों ने उक्त के अनुसार निर्माण को गैरतकनीकी एवं घटिया स्तर की सामग्री का उपयोग कर निर्माण कार्य को अंजाम दिया गया है। आरोप है नाली का स्टीमेट के अनुसार घटिया समाग्री का उपयोग किया गया है। जिसके चलते कुछ सालों में नाली टूट जाने की आशंकाए बनी हुई है। साथ ही नाली को ऐसे स्थान से बनाया जा रहा है जहां से 2 से 3 घरों का पानी ही जाएगा। जबकि वार्ड के दर्जनों घरों को इस निर्माण से कोई फायदा नहीं मिलेगा. जिसके चलते लाखों रुपए का यह निर्माण अनुपयोगी साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण के समय इंजीनियर द्वारा घटिया निर्माण एवं गैर-तकनीकी निर्माण की बात कहने पर उनके द्वारा कार्य के गुणवत्ता में सुधार के बजाए वार्डवासियों को गुणवत्ता सहित ही कार्य कराए जाने की बात कहते रहे। तथा निर्माण में सुधार के किसी प्रकार के निर्देश ठेकेदार को नहीं दिए गए जिसके चलते यह संदेह जताया जा रहा है कि ठेकेदार द्वारा इंजीनियर से मिलीभगत कर उक्त निर्माण में गड़बड़ी की गई है।
- जनपद में 6त्न देकर लाते है काम,तो कमाएंगे क्यों नही..
वही एक ओर ठेकेदार और संबंधितों का कहना है की जनपद में इंजिनियर सहित अधिकारियों को कामों के लिए 6त्न देते है,तभी तो काम की मंजूरी करतें है. कहना है की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठती है तो उठने दो अधिकारियों को जब काम के लिए 6त्न दिए है तो इन शिकायतों से क्या होने वाला है। यहा तक अधिकारीयों द्वारा इस मामले को रफादफा करने की बात कही गई है।
- विधायक के आदमी होने का धौंस
संबंधित ठेकेदार तथा पंचायत के कामों को देखरेख करने वाले संबंधितों का कहना है की विधायक हमारे है हम उनके करीबी है ऐसी छोटी मोटी शिकायतों से कुछ भी नही होने वाला है। हम चुनाव लडऩे में विधायक के सहयोग किए है . चाहे कोई एडी-छोटी लगा ले। जबतक कांग्रेस सत्ता पक्ष विधायक की छत्र छाया है तबतक ऐसे शिकायतों से कुछ भी नही हो सकता है।
- मामला रफा-दफा करने में जुटे अधिकारी
बेशक मालखरौदा जनपद के अधिकारी अनेकों नियम बनाकर गुणवत्ता की जांच करता हो लेकिन कुछ अधिकारियों द्वारा इससे दबाने के प्रयास में नियम, कानूनों को ताक पर रख दिया जाता है. जानकारी में यह बात स्पष्ट हो रही है कि मालखरौदा जनपद के जांच अधिकारियों द्वारा नियमों को तोड़कर जमकर गोलमाल किया जा रहा है। इस संबंध मे जब जांचकर्ता अधिकारीयों को बात की जा रही है तो गोलमाल जवाब आने लगी है। जिसको समझा जा सकता है. जांच अधिकारी जांच में गोलमाल जांच प्रतिवेदन दर्शाने की तैयारी में है। यानी के इससे प्रभाव का नतीजा कहें या फिर कुछ ओर लेकिन कारण जो भी हो आखिरकार विभाग का खामियाजा आम लोगों को जरूर झेलना पड़ेगा। लेकिन जांच अधिकारी इस मामले में अपने को केवल जांच तक ही सीमित बताकर पल्ला झाडऩे की कोशिश कर रहे हैं। वहीं कहा जा रहा कि रिकवरी डालने व छोडऩे का काम अधिकारी का है। हां, इससे एक बात जरूर स्पष्ट नजर आ रही कि मालखरौदा जनपद क्षेत्र के आमनदुला में हुए 10 लाख के गुणवत्ताहिन् नाली निर्माण कार्य के गोलमाल में अधिकारियों की मंशा इस मामले को रफा-दफा करने की लगती है।
,, *इस संबंध में उक्त मामले की जांचकर उचित करवाई की जाएगी।*
एस. एन वर्मा जनपद सीईओं मालखरौदा।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने खुलासा करते हुए कहा कि कल आत्महत्या का प्रयास करने वाले धमतरी निवासी हरदेव सिन्हा ने दिनांक 29/03/2017 को तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को भृत्य पद की नियुक्ति हेतु आवेदन जनदर्शन कार्यक्रम में सौंपा था जिसका की क्रमांक-2017/848 था।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने ट्विटर में लिखा है कि हरदेव सिन्हा के आत्महत्या के प्रयास को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सफलता समझे या विफलता अब जब सारे तथ्य सामने आ चुके हैं और यह स्पष्ट हो चुका है कि धमतरी निवासी हरदेव सिन्हा तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को लिखित में पत्र सौंपकर सरकारी नौकरी की मांग की थी उस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने अपने डेढ़ साल के अंतिम कार्यकाल में पहल क्यों नहीं किया?
कांग्रेस पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह कर आरोप लगाते हुए कह रही है की भाजपा शासनकाल में 25 लाख बेरोजगार पंजीकृत और 25 लाख बेरोजगार अपंजीकृत थे और जिस युवक ने आत्मदाह का प्रयास किया वह भी पूर्ववर्ती भाजपा से ही प्रताडि़त था इस सवाल का जवाब भारतीय जनता पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को जनता के समक्ष आ कर देना चाहिए।
धमतरी ब्यूरो /शौर्य पथ
हरिहर छत्तीसगढ़ के उद्देश्य से नगर पंचायत नगरी के प्रांगण में व हाई स्कूल नगरी के मैदान के किनारे में पौधारोपण किया गया जिसमें पीपल, कटहल, आम का पौधा लगाया गया है जिसकी सुरक्षा के लिए लोहे की जाली भी बनवाई जा रही है व नगर पंचायत द्वारा 15 वार्ड के सभी पार्षदों को पांच-पांच पौधे दिए जाएंगे जो अपने वार्ड में उचित स्थान देखकर वृक्षारोपण करेंगे कार्यक्रम में उपाध्यक्ष अजय नाहटा सभापति सुनील निर्मलकर भूपेंद्र साहू प्रकाश पुजारी पार्षद पूनम बलजीत छाबड़ा अश्वनी निषाद सोहन चतुर्वेदी सुनीता निर्मलकर जितेंद्र ध्रुव एल्डरमैन भरत निंबालकर नरेश छे दया पूर्व पार्षद बलजीत छाबड़ा सीएमओ बर्मन इंजीनियर उईके राजस्व अधिकारी कमल नारायण सिंह नीलकंठ साहू ईश्वरदास भूपेंद्र कौशल हरीश साहू अखिलेश साहू नरेंद्र साहू नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे