December 03, 2024
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बिहान योजना ने दी नई राह, बदली अनीता की जिंदगी
 जशपुर/शौर्यपथ /महिलाओं की सफलता केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं होती, बल्कि यह समाज में बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब एक महिला आत्मनिर्भर बनती है, तो वह न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारती है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करती है। उनकी मेहनत और दृढ़ निश्चय यह साबित करता है कि अवसर और सही दिशा मिलने पर महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ सकती हैं। महिलाओं की सफलता, चाहे वह शिक्षा, व्यवसाय, या समाज सेवा में हो, समाज में समानता और सशक्तिकरण का प्रतीक बनती है। उनकी कहानियां अन्य महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण और प्रेरणा का स्रोत बन जाती हैं। इसी तरह फरसाबहार विकासखंड के ग्राम पंचायत तपकरा की श्रीमती अनीता किस्पोट्टा ने अपने दृढ़ निश्चय और बिहान योजना के माध्यम से अपने जीवन को एक नई दिशा दी है। आज वे न केवल खुद आत्मनिर्भर हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं।
बिहान समूह से जुड़कर बदली अपनी तकदीर:
अनीता किस्पोट्टा चमेली महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य हैं, जिसमें कुल दस महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इस समूह से जुड़ने के बाद अनीता को नई संभावनाएं मिलीं। उन्होंने अब तक समूह के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के तहत 10 लाख रुपये का लोन लिया। जिसमें से तीन लाख रुपये का उपयोग अपने छोटे व्यवसाय को शुरू करने और उसे बढ़ाने में किया।
शुरुआती दिनों में अनीता तपकरा और आसपास के साप्ताहिक बाजारों में मनिहारी का सामान बेचती थीं। छोटे पैमाने पर शुरू किया गया यह व्यवसाय उनकी मेहनत और लगन के दम पर धीरे-धीरे बड़ा हुआ।
व्यवसाय में सफलता का परचम
आज अनीता खुदरा के साथ-साथ थोक में भी मनिहारी सामान बेचती हैं। उनकी वार्षिक आय अब पाँच लाख रुपये तक पहुँच चुकी है। इस आय से उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाई और जीवन स्तर को बेहतर बनाया।
महिलाओं को सशक्त बनाने का संकल्प
अनीता का कहना है, “बिहान समूह ने मुझे आत्मनिर्भर बनने का साहस दिया और मेरे सपनों को पूरा करने का रास्ता दिखाया।” आज वे अपनी सफलता से अन्य महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं और उन्हें सशक्त बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। उनकी कहानी आसपास की महिलाओं के लिए उम्मीद और प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार:
अनीता ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का धन्यवाद करते हुए कहा, “बिहान जैसी योजनाओं ने न केवल मेरे जीवन को बदल दिया, बल्कि हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है।”

 अजय चंद्राकर
  जगदलपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित धुड़मारस गांव को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ( यूएनडब्ल्यूटीओ ) द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में से एक के रूप में चुने जाने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल गई है।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित धुड़मारस इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के लिए विश्व भर के 60 देशों से चुने गए 20 गांवों में से एक है, जो अपनी स्थायी पर्यटन क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
 यूएनडब्ल्यूटीओ का उन्नयन कार्यक्रम धुड़मारस को अपनी पर्यटन सुविधाओं को मजबूत करने, अपनी सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने और ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायता प्रदान करेगा।
इस मान्यता से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों में वृद्धि होने की संभावना है, खासकर 27 सितंबर को भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा धुड़मारस और चित्रकोट गांवों को मिले सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव पुरस्कार के बाद।
घने जंगलों और कांगेर नदी से घिरा धुड़मारस इको-टूरिज्म के लिए आदर्श परिस्थितियाँ प्रस्तुत करता है । बस्तर समुदाय का स्वागत करने वाला स्वभाव गाँव के पर्यटकों के आकर्षण में महत्वपूर्ण योगदान देता है। निवासी होमस्टे की सुविधाएँ प्रदान करते हैं, जबकि स्थानीय युवा क्षेत्र के माध्यम से आगंतुकों का मार्गदर्शन करते हैं।
 छत्तीसगढ़ प्रशासन क्षेत्रीय सम्पर्क बढ़ाने और स्थानीय शिल्प को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की प्रक्रिया में है।
वन और पर्यटन विभागों ने धुड़मारस को इको-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करके आत्मनिर्भर भारत के लिए अवसर पैदा किए हैं, जहां नियमित रूप से नई गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर नागलसर और नेतानार गांवों में, स्थानीय युवा इको-टूरिज्म डेवलपमेंट कमेटी के माध्यम से शबरी और कांगेर नदियों पर कयाकिंग और बांस राफ्टिंग की पेशकश करते हैं। यह उद्यम समुदाय के लिए स्थिर आय प्रदान करता है, जिसमें लाभ को प्रतीक्षा क्षेत्रों और शौचालयों जैसी पर्यटक सुविधाओं में फिर से निवेश किया जाता है।
पर्यटन और वन विभाग ने कथित तौर पर 40 धुरवा जनजाति परिवारों के युवाओं को कयाकिंग, बांस राफ्टिंग और ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों में प्रशिक्षित किया है। होमस्टे पर्यटकों को उनके रीति-रिवाजों, शिल्प और त्योहारों सहित पारंपरिक आदिवासी जीवन का अनुभव करने का मौका देते हैं। धुड़मारस को अन्य गांवों के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित करते हुए, राज्य सरकार इन पहलों को नागलसर और नेतानार तक विस्तारित कर रही है।
यहां के धुर्वा समुदाय के युवा और होमस्टे संचालक मानसिंह बघेल ने कहा, "होमस्टे से कई लोगों को रोजगार मिला है और कुछ युवा आगंतुकों को खाना पकाने, कैंपिंग, ट्रैकिंग और पक्षी देखने के लिए ले जा रहे हैं।"
बांस की बेड़ियाँ, बांस के कूड़ेदान, मिट्टी के घर और पत्तों की थालियों जैसे स्थानीय संसाधनों का उपयोग प्रकृति को संरक्षित करते हुए टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देता है। बेंगलुरु से आई एक पर्यटक विद्या ने बताया, "धुरवा समुदाय के साथ समय बिताना एक अद्भुत अनुभव रहा। मुझे एक स्थानीय होमस्टे में ठहराया गया, जहां मैंने मित्रवत लोगों के साथ स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया।" धुड़मारस का कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, जो धुर्वा और मारिया जनजातियों का निवास स्थान है, से निकटता के कारण यहां आने वाले पर्यटकों को स्थानीय रीति-रिवाजों और आतिथ्य का अनुभव करने का अवसर मिलता है।
पर्यटन ने धुड़मारस गांव के लोगों के जीवन को कई तरह से बदल दिया है, नक्सल आंदोलन के विकल्प प्रदान किए हैं और पलायन की समस्याओं को हल किया है।
स्वयं सहायता समूह की सदस्य मंगलदेवी बघेल ने कहा, "पहले हमें गांव में रोजगार नहीं मिल रहा था, जिसके कारण हमें दूसरी जगह पलायन करना पड़ता था। अब हम स्थानीय स्तर पर काम करके एक अच्छी जिंदगी जी रहे हैं।" कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक चूड़ामणि सिंह ने शौर्य पथ को बताया कि उद्यान से सटे गांव में 40 घर हैं, जिनमें से प्रत्येक परिवार का एक सदस्य बांस राफ्टिंग और कयाकिंग में भाग लेता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।
गांव में एक इको विलेज डेवलपमेंट कमेटी है, जिसके सदस्य रोलिंग फंड के तहत वन विभाग द्वारा दिए गए ऋण लेते हैं ताकि कयाकिंग और राफ्टिंग के लिए उपकरण खरीद सकें, और अपने पर्यटन लाभ से ऋण चुकाते हैं। सिंह ने बताया कि वे हर महीने 3-4 लाख रुपये कमाते हैं, जिसमें से 50% कमाई गांव के विकास पर खर्च की जाती है और बाकी सदस्यों में बराबर बांटी जाती है। उन्होंने बताया कि राफ्टिंग और कयाकिंग गतिविधियां कांगेर धारा नदी पर आयोजित की जाती हैं, जो पार्क के बफर जोन से होकर बहती है।
"धुड़मारस, धुर्वा जनजाति के स्वामित्व वाला एक आदिवासी गांव है, जो एक इको-टूरिज्म गंतव्य है, जिसमें धुर्वाडेरा होमस्टे की सुविधा है, जहां मेहमान पारंपरिक मिट्टी और बांस के घरों और आदिवासी व्यंजनों का अनुभव करते हैं।
 इको-डेवलपमेंट कमेटी 40 गांव के प्रत्येक घर से एक, 35 लोगों को इको-टूरिज्म गतिविधियों में शामिल करती है, जो द्वितीयक आजीविका प्रदान करती है। बांस राफ्टिंग, कयाकिंग और ट्रैकिंग जैसी साहसिक गतिविधियों से आय होती है, जिसका कुछ हिस्सा समुदाय के साथ साझा किया जाता है।
आदिवासी व्यंजन बेचने वाले खाद्य स्टॉल और साल के पत्तों की थाली बनाने जैसी पहलों से अतिरिक्त रोजगार पैदा होता है। 'देखो बस्तर' जैसे कार्यक्रम पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करते हैं और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हैं," निदेशक ने कहा। इस इकोटूरिज्म गांव की आबादी 215 है। वार्षिक पर्यटक प्रवाह के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, घरेलू पर्यटकों की संख्या 8,737 दर्ज की गई, जबकि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 16 थी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पर्यटन और वन विभाग, बस्तर प्रशासन और कांगेर वैली नेशनल पार्क के अधिकारियों की प्रशंसा की। उन्होंने पारंपरिक ज्ञान और संसाधनों को संरक्षित करने में स्थानीय लोगों के प्रयासों की सराहना की ।

   रायपुर / शौर्यपथ / हर रेखा में छिपा है एक संदेश, सिंगार सिर्फ रूप नहीं यह आत्मविश्वास का प्रतिवेश है। आत्मविश्वास से परिपूर्ण और अनेक बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत का कार्य कर रहे धमतरी जिले के कुरूद में रहने वाले दिव्यांग समाजसेवी और चित्रकार श्री बसंत साहू को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने फोन करके जन्मदिन की बधाई देने के साथ ही हेलन केलर अवार्ड 2024 से सम्मानित होने पर बधाई दी है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने श्री बसंत साहू को जन्मदिन और सम्मान के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपको हेलेन केलर अवार्ड 2024 प्राप्त होने की सूचना समाचार के माध्यम से मिली। आपकी इस उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आत्मीयतापूर्ण चर्चा के दौरान बसंत साहू से कहा कि जल जगार कार्यक्रम में आपसे मुलाकात हुई थी। हमे आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा था।आपने साबित किया है कि कठिनाईयां केवल मानसिक चुनौतियां है। दृढ़ संकल्प से बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। बसंत साहू ने कहा कि मेरा उद्देश्य समाज में समावेशिता और समानता लाना है, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर मिल सके। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आपके इस जज्बे व उपलब्धि से हम गौरवान्वित हैं। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। समाजसेवी श्री बसंत साहू ने मुख्यमंत्री श्री साय के उत्साहवर्धन के लिए आभार व्यक्त क्या और कहा कि वे इसी प्रकार अपने प्रयासों से आने वाले भविष्य और बच्चो के लिए एक बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान देते रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि समाजसेवी बसंत साहू को उनके द्वारा दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा और समाज में समान अवसर दिलाने के लिए किए गए अद्वितीय कार्यों के लिए हेलन केलर अवार्ड प्रदान किया गया है। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ की लोक कला, परंपराओं और सामाजिक मुद्दों को जीवंत रखा है। उनके चित्रों में छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य, पारंपरिक परिधान और समाज की समकालीन समस्याओं का समावेश है। बसंत के बनाए चित्रों का संग्रह देश विदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर किया गया है, जिनमें भारत में राष्ट्रपति भवन, राजभवन, दिल्ली संग्रहालय एवं यूएसए, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देश शामिल हैं। उनकी कला ने उन्हें न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देश और विदेश में भी सम्मान दिलाया है।
बसंत साहू ने दिव्यागता को कभी अपनी सफलता की राह में रुकावट नहीं बनने दिया। बसंत साहू का मानना है कि कठिनाइयों केवल मानसिक चुनौतियाँ होती हैं। यदि मन में दृढ़ संकल्प हो, तो कोई भी बाधा व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से नहीं रोक सकती। बसंत साहू का जीवन केवल एक व्यक्तिगत संघर्ष की कहानी नहीं है बल्कि यह उन सभी के लिए प्रेरणा है जो जीवन की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

  राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह के निर्देशन में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत नवीन स्वीकृत आवास के हितग्राहियों के लिए जनपद पंचायत छुरिया अंतर्गत ग्राम साल्हे, चिखलाकसा, सीताकसा उ,तुर्रेगढ़, आयाबंधा, बननवागांव, साल्हे, पांगरीखुर्द में आवास सभा एवं आवास संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हितग्रहियों को आवास निर्माण के संबंध में तकनीकी, किस्त प्राप्ति सहित अन्य आवश्यक जानकारी दी गई। साथ ही हितग्राहियों को नवीन स्वीकृत आदेश वितरण किया गया। मुख्यमंत्री आवास योजना एवं प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत निर्माण कार्य पूर्ण करने वाले हितग्राहियों को पूर्णता प्रमाण पत्र एवं चाबी वितरण किया गया। उत्कृष्ट कार्य करने वाले ग्राम पंचायतों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम समाप्ति पश्चात हितग्राहियों को गृह-प्रवेश कराया गया तथा निर्माणधीन एवं अप्रारंभ आवासों का निरीक्षण भी किया गया। इस अवसर पर सहायक परियोजना अधिकारी एवं जिला समन्वयक, प्रधानमंत्री आवास योजना, सीईओ जनपद पंचायत छुरिया, एसीईओ जनपद पंचायत छुरिया, जनपद पंचायत छुरिया की आवास टीम एवं ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, हितग्राही एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे ।

दुर्ग/ शौर्यपथ / नगर पालिक निगम सीमाक्षेत्र अंतर्गत कमिश्नर सुमित अग्रवाल के निर्देश एवं शिविर के नोडल अधिकारी एवं स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा के मार्गदर्शन में वार्ड नंबर 13 मोहन नगर में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना,दाई-दीदी क्लिनिक के माध्यम से विशेष कैम्प के तौर पर घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविधालय में एक दिवसीय विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया जिसमे नगर निगम दुर्ग द्वारा संचालित दाई-दीदी क्लीनिक को विशेष रूप से महाविद्यालय की शिक्षिका एवं छात्राओं के लिए लगाया गया। जहां महिला चिकित्सक एवं महिला स्टाफ द्वारा महाविद्यालय के छात्राओं का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया गया,शिविर पर महिला चिकित्सक होने से महाविद्यालय की छात्राओं ने निःसंकोच अपनी समस्या बताई. जिस पर उपस्थित डॉ. श्वेता कृपलानी द्वारा परामर्श एवं उपचार किया गया।शिविर में मौजूद रहें ए.पी.एम मनीष यादव डॉक्टर - डॉ. श्वेता कृपलानी,लैब टेक्निशियन राजेश्वरी सिन्हा नर्स- चंद्रकला फार्मासिस्ट विधि साहू शिविर पर उपस्थित रहे।
इस शिविर के माध्यम से महाविद्याल के कुल 104 छात्राओं एवं शिक्षिकाओं ने स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जिसमे कुल 68 छात्राओं एवं शिक्षिकाओं ने लैब टेस्ट के माध्यम से अपना ब्लड जांच करवाया जिसमे
10 ब्लड ग्रुप एवं 30 हीमोग्लोबिन जांच छात्राओं का किया गया तथा 06 शिक्षकाओं ने थाइरॉइड प्रोफाइल एवं 12 विटामिन, D3 जांच करवाया। कुल 99 छात्राओं को निःशुल्क दवाइयां उपलब्ध करवाई गयी और इस स्वास्थ्य शिविर का लाभ प्राप्त किया ।
इस स्वास्थ्य शिविर के आयोजन हेतु महाविद्यालय के उप प्रधानाचार्य श्रीमती नीतू सिंह जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा, तथा इसी प्रकार प्रतिमाह स्वास्थ्य शिविर का आयोजन घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय में किए जाने हेतु सुनिश्चित किया गया।शिविर के अवसर पर घनश्याम सिंह आर्य कन्या महा विद्यालय में लगा एक दिवसीय विशेष स्वास्थ्य शिविर,99 छात्राओ को निशुल्क दवाइया उपलब्ध करवाई गई।कॉलेज के कर्मचारी व छात्राओं ने स्वास्थ्य परीक्षण कराया। शिविर के दौरान डॉ. श्वेता कृपलानी ने कहा कि हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए एवं नियमित रूप से परीक्षण कराते रहना चाहिए।साथ ही शिविर के माध्यम से विद्यालय के 104 छात्राओं व शिक्षकाओं ने स्वास्थ्य परीक्षण करवाया।

  रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान हमारे द्वारा दी गई मोदी की गारंटी के अनुरूप इस वर्ष भी किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान के मान से ही धान खरीदी की जा रही है। किसानों को इस मामले को लेकर किसी प्रकार का भ्रम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भ्रम फैलाने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि धान खरीदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश के पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कर रही है। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उपार्जन केन्द्रों के माईक्रोएटीएम से 2000 रूपए से लेकर 10 हजार रूपए तक की राशि निकालने की सुविधा भी दी गई है। इससे किसानों को धान बेचने परिवहन के लिए किराये पर लिए गए ट्रैक्टर, मेटाडोर आदि का भाड़ा और हमाली मजदूरी का भुगतान करने में सुविधा होगी।
    उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में अनवरत धान खरीदी का सिलसिला जारी है। 14 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मिट्रिक धान खरीदी अनुमानित है।

उस्लापुर-सकरी रोड़ में अब ट्रैफिक जाम से मिलेगी मुक्ति, आवागमन होगा आसान
लगभग 16 करोड़ रूपए की लागत से बनी सड़क का मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने किया लोकार्पण
  रायपुर /शौर्यपथ / बिलासपुर जिले के सकरी में संकरी सड़क को लेकर परेशान आम नागरिकों को अब राहत मिल गई है। उन्नयन के पश्चात चौड़ी हुई उस्लापुर-सकरी रोड़ में आवागमन आसान होने के साथ राहगीरों को ट्रैफिक जाम से भी मुक्ति मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज बिलासपुर के उस्लापुर रेल्वे ओव्हरब्रिज से लेकर सकरी बाईपास चौक तक 15वें वित्त आयोग और डीएमएफ फंड से लगभग 16 करोड़ की लागत से निर्मित सड़क का लोकार्पण किया।
      उस्लापुर रेल्वे ओव्हरब्रिज से लेकर सकरी बाईपास चौक तक नगर निगम द्वारा सवा चार किमी सड़क का उन्नयन और चौड़ीकरण किया गया है। सड़क चौड़ीकरण और उन्नयन होने से राहगीरों को काफी राहत मिली है। उन्नयन और चौड़ीकरण के तहत मार्ग की चौड़ाई बढ़ाई गई है, डिवाइडर बनाया गया है, स्ट्रीट लाइट और दोनों तरफ नाली निर्माण भी किया गया है। यह मार्ग शहर का प्रवेश द्वार है जिसकी काफी दिनों से चौड़ीकरण की जरूरत महसूस की जा रही थी
उल्लेखनीय है कि बिलासपुर शहर अब महानगर के रूप में विकसित हो रहा है। शहर के चारों तरफ कॉलोनियां विकसित हो रही हैं। इसके अलावा व्यापारिक गतिविधियां भी तेजी के साथ बढ़ने लगी है। चौड़ीकरण के पूर्व सड़क संकरी थी, जिसके कारण आए दिन ट्रैफिक जाम और हादसे होते रहते थे। इसके अलावा इस सड़क पर ट्रैफिक का अत्याधिक दबाव रहता था। प्रतिदिन बड़ी संख्या में वाहन इस मार्ग से गुजरती है। इस मार्ग के उन्नयन और चौड़ीकरण होने से राहगीरों खासकर तखतपुर, मुंगेली, कवर्धा, लोरमी, पेंड्रा और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से आने वाले यात्रियों तथा बिलासपुर नगर निगम में नए जुड़े चार वार्डों के निवासियों को काफी राहत मिलेगी, साथ ही यातायात सुगम होगा।
मिनोचा कॉलोनी से उस्लापुर क्रॉसिंग सड़क का किया लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बिलासपुर शहर के मिनोचा कॉलोनी से उस्लापुर क्रॉसिंग तक सड़क निर्माण का लोकार्पण किया। इस सड़क का 5 करोड़ 91 लाख की लागत से उन्नयन किया गया है। इसमें  प्रमुख रूप से महावीर नगर चौक से उस्लापुर ओव्हर ब्रिज तक 800 मीटर सड़क, डिवाइडर और स्ट्रीट लाइट शामिल है। शहर के विभिन्न सड़कों का डामरीकरण, साइनेज, रोड मार्किंग के कार्य शामिल हैं। सड़क उन्नयन से राहगीरों को काफी राहत मिलेगी और ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिल मिलेगी ।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री एवं सांसद श्री तोखन साहू, विधायक तखतपुर श्री धर्मजीत सिंह, बिलासपुर श्री अमर अग्रवाल, बिल्हा श्री धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने गुरु तेगबहादुर के 24 नवंबर को शहीदी दिवस पर उन्हें नमन किया है। इस अवसर पर श्री साय ने कहा कि सिख धर्म के नौवें गुरू तेगबहादुर जी मानवीय धर्म और वैचारिक स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान देने वाले एक क्रांतिकारी युगपुरुष के रूप मे जाने जाते हैं।  समस्त मानवता के लिए दिये गये उनके बलिदान के कारण उनको 'हिंद की चादर' कहा गया है। श्री साय ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का जीवन और शिक्षाएं आज  भी प्रासंगिक हैं।  धर्म की रक्षा के लिए दिया गया उनका बलिदान सदैव याद रखा जाएगा।

14 करोड़ 60 लाख रूपये की लागत से निर्मित है स्पोर्ट्स कांप्लेक्स
मुख्यमंत्री ने स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के साथ टेबल टेनिस, स्क्वैश और बैडमिंटन में हाथ आजमाए
  रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज बिलासपुर में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का लोकार्पण किया। 14 करोड़ 60 लाख रूपये की लागत से स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा संजय तरण पुष्कर परिसर में इसका निर्माण किया गया है।
इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के साथ टेबल टेनिस, स्क्वैश और बैडमिंटन में हाथ आजमाए। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने एक ही छत के नीचे एक से ज्यादा खेलों की सुविधा मिलने पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए और खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों से मुलाकात की।बिलासपुर में तीन मंजिला स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में बेसमेंट पार्किंग, ग्राउंड फ्लोर में रिसेप्शन और रेस्टोरेंट संचालित किए जाने का प्रावधान है। इसके प्रथम तल में बैडमिंटन, स्क्वैश कोर्ट, टेबल टेनिस, स्नूकर, बिलियर्ड्स जैसे खेलों की सुविधा है। द्वितीय तल में मल्टीपरपज हॉल, योगा की सुविधा है। यह स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बिलासपुर के मेट्रो सिटी की संकल्पना को साकार करने के लिए बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है जहां नागरिकों को खेल भावना के साथ फिटनेस और मनोरंजन के लिए सर्वसुविधायुक्त क्लब की स्थापना की गई है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री एवं सांसद श्री तोखन साहू, विधायक तखतपुर श्री धर्मजीत सिंह, बिलासपुर श्री अमर अग्रवाल, बिल्हा श्री धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

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