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रायपुर /शौर्यपथ /अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस, एक मई, एक ऐसा दिन है जो श्रम की महत्ता, मेहनतकश हाथों के सम्मान और सामाजिक न्याय की भावना को उजागर करता है। यह दिवस न केवल इतिहास में दर्ज है बल्कि 1886 के शिकागो आंदोलन को भी याद दिलाता है, जिसमें मजदूरों ने 8 घंटे काम, 8 घंटे विश्राम और 8 घंटे आत्म विकास के अधिकार की मांग की थी, बल्कि यह आज भी उस संघर्ष को व्यक्त करता है जो श्रमिक अपने अधिकारों, सम्मान और सुरक्षा के लिए हर दिन करते हैं ।
एमसीबी जिले में श्रमिक कल्याण योजनाओं का दिख रहा प्रभाव
छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला जो छत्तीसगढ़ के नए जिलों में से एक है, यहाँ के मेहनतकश श्रमिकों की मेहनत और लगन इस क्षेत्र की आर्थिक धड़कन बन चुकी है। इस जिले की सड़कों से लेकर निर्माण स्थलों तक, खेतों से लेकर खदानों तक श्रमिकों का पसीना इस इलाके की तरक्की में संजीवनी की तरह काम करता है। जब हम इस क्षेत्र में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या को देखते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि यह जिला श्रमिक शक्ति का केंद्र बन चुका है। मंडल स्तर पर भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अंतर्गत 30,534 श्रमिक पंजीकृत हैं और असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल में 30,118 श्रमिकों का नाम दर्ज है। जिला गठन के बाद भी भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल में 6,257 और असंगठित क्षेत्र में 4,601 श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है। कुल मिलाकर 71,510 श्रमिकों का पंजीकरण होना इस बात का प्रमाण है कि सरकार की योजनाएं लोगों तक पहुँच रही हैं और श्रमिक अपने हक के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
ब्लॉक स्तर पर बात करें तो मनेंद्रगढ़ में 26,065 श्रमिक पंजीकृत हैं, वहीं खड़गवां ब्लाक में 22,847 और भरतपुर ब्लाक में 10,739 श्रमिक पंजीकृत है, ये आँकड़े न केवल प्रशासनिक सक्रियता को दर्शाते हैं बल्कि यह भी प्रमाणित करते हैं कि श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक भागीदारी कितनी अहम है। इसी उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन और भारत सरकार के संयुक्त प्रयासों से अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
श्रमिकों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाएं है लागू
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए संचालित योजनाएं श्रम की गरिमा को बढ़ावा देने और जीवन स्तर सुधारने की दिशा में सराहनीय पहल हैं। महतारी जतन योजना के तहत अब तक 1,351 श्रमिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। यह योजना गर्भवती महिलाओं को पोषण और प्रसवपूर्व देखभाल हेतु वित्तीय सहायता देती है, ताकि मातृत्व और शिशु जीवन सुरक्षित और स्वस्थ रह सके। मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना के तहत 2,672 विद्यार्थियों को साइकिल प्रदान की गई है, जिससे उन्हें स्कूल जाने में सुविधा हो और शिक्षा बाधित न हो। मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना के अंतर्गत 1,887 श्रमिकों को उनके कार्य के अनुरूप औजार उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर होकर कार्य में दक्षता ला सकें। मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना के तहत 306 महिलाओं को स्वरोजगार हेतु सिलाई मशीन दी गई है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन रही है। वहीं श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई, जिसके तहत 3,536 बच्चों को छात्रवृत्ति मिली है। इससे शिक्षा की ओर रुझान बढ़ा है और भविष्य की राहें खुली हैं।
मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना में 211 छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक लाने पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर कौशल विकास योजना में 1,031 श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें नई तकनीकों और कार्य दक्षता की जानकारी दी गई है, जिससे वे बेहतर रोज़गार के अवसर प्राप्त कर सकें। सुरक्षा उपकरण सहायता योजना के अंतर्गत 1,230 निर्माण श्रमिकों को हेलमेट, जैकेट, सेफ्टी शूज़ आदि दिए गए, जिससे उनके कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। वही मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के अंतर्गत 78 श्रमिक परिवारों को राहत दी गई, जिनके सदस्य या तो दिव्यांग हुए या जिनकी मृत्यु कार्य के दौरान हो गई हो । मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना के तहत 494 लड़कियों को विवाह, शिक्षा या स्वरोजगार हेतु आर्थिक सहायता दी गई। वृद्ध श्रमिकों को भी सरकार ने नहीं भुलाया, उन्हें मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना के अंतर्गत पेंशन स्वरूप 56 लाभार्थियों को सहायता दी जा रही है । इसके अतिरिक्त बच्चों को निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी सहायता योजना से 507 छात्र लाभान्वित हुए, जिससे वे गरिमामय तरीके से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे श्रमिक बच्चों को निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना के अंतर्गत 8 छात्रों को संसाधन व मार्गदर्शन उपलब्ध कराया गया है। निर्माण श्रमिकों को आवास हेतु मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना के तहत 7 श्रमिकों को घर बनाने में मदद मिली है ।
केंद्र सरकार की श्रमिक कल्याण योजना से भी हो रहे है लाभान्वित
केंद्र सरकार की योजनाओं की बात करें तो प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत 709 श्रमिकों को नाममात्र प्रीमियम पर 2 लाख का जीवन बीमा कवर प्रदान किया गया है। वहीं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 1,412 श्रमिकों को दुर्घटना बीमा का लाभ मिला है, जिसमें आकस्मिक मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में 2 लाख तक की सहायता दी जाती है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार की एक और उल्लेखनीय पहल है “शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न सहायता योजना“ जिसका शुभारंभ 29 मार्च 2025 को मनेंद्रगढ़ नगर पालिका परिषद परिसर में किया गया। इस योजना के अंतर्गत प्रतिदिन 200 से 250 श्रमिकों को मात्र 05 रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जाता है। यह न केवल भूख की समस्या का समाधान है, बल्कि यह श्रमिकों को आत्मसम्मान और गरिमा के साथ जीवन जीने की राह भी देता है।
छत्तीसगढ़ सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में श्रमिकों के कल्याण हेतु प्रतिबद्ध है। इस अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर हम सभी का कर्तव्य बनता है कि श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करें, उन्हें सम्मान दें और उनके जीवन को बेहतर बनाने में सहभागी बनें। क्योंकि जब श्रमिक मुस्कुराता है, तो समाज मुस्कुराता है। जब श्रमिक सुरक्षित होता है, तो राष्ट्र सशक्त होता है। और जब श्रमिक प्रगति करता है, तो देश आगे बढ़ता है।
155 से अधिक परिवारों ने कराया जांच, 40 बच्चे पाए गए जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित
पीड़ित बच्चों का होगा निः शुल्क ईलाज
बाल संदर्भ कार्यक्रम के तहत 71 गंभीर कुपोषित बच्चों का किया गया स्वास्थ्य जांच
रायपुर /शौर्यपथ /जिला प्रशासन सूरजपुर द्वारा श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल, नवा रायपुर के सहयोग से एसईसीएल के प्रोजेक्ट “धड़कन” एवं आरबीएसके, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय बाल हृदय परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मुख्यमंत्री बाल संदर्भ कार्यक्रम के तहत् राज्य के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य जांच कर जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित बच्चों का चिन्हांकन किया गया। गौरतलब है कि जिला प्रशासन द्वारा जिले के ज्यादा से ज्यादा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर जरूरतमंद बच्चों का ईलाज सुनिश्चित करने अभियान चलाया जा रहा है। सूरजपुर जिला के कलेक्टर श्री एस जयवर्धन ने बताया कि चिन्हांकित बच्चों का निः शुल्क उपचार कराया जाएगा।
एसईसीएल के प्रोजेक्ट “धड़कन” के तहत आयोजित शिविर में जिले के 155 से अधिक परिवारों ने अपने बच्चों का परीक्षण कराया, जिसमें 40 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित पाए गए। शिविर में महिला बाल विकास विभाग द्वारा बाल संदर्भ कार्यक्रम के तहत बच्चों के स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमें रायपुर के श्री सत्य साई हॉस्पिटल के बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों एवं जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों द्वारा बच्चों का स्वास्थ्य जांच किया गया।
सूरजपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि आयोजित इस शिविर में जिले के लगभग 155 से अधिक परिवारों ने परीक्षण कराया, इनमें से 84 बच्चों का इकोकार्डियोग्राफी किया गया जिन्हें जन्मजात हृदय रोग संबंधी लक्षण, जैसे-साँस लेने में परेशानी, जल्दी थकान होना, उम्र के अनुसार वजन ना बढ़ना इत्यादि समस्याएं थी। पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया कि जाँच के पश्चात लगभग 40 बच्चों को जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित पाया गया, जिनके उचित ईलाज हेतु उनके अभिभावकों को परामर्श दिया गया है। इसके अलावा बाल संदर्भ कार्यक्रम के तहत जिला हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरो द्वारा कुल 71 गम्भीर कुपोषित बच्चों का भी स्वास्थ्य जांच किया गया। ग़ौरतलब है कि कैम्प में चिह्नांकित एवं उपचार योग्य बच्चों का इलाज ज़िला प्रशासन एवं एसईसीएल के द्वारा श्री सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल, रायपुर छत्तीसगढ़ में पूर्णतः निःशुल्क कराया जाएगा।
इस आयोजित शिविर में ग्राम उमेशपुर से अपने 13 वर्षीय बच्चे आदित्य को लेकर आईं ज्योति ठाकुर ने जिला प्रशासन द्वारा एसईसीएल और जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि इस तरह की सुविधा से गरीब और दूरदराज के परिवारों को बड़ी राहत मिलती है और आसानी से स्वास्थ्य सुविधा मिल जाती है । गरीब परिवारों को रायपुर स्थित हॉस्पिटल में भागदौड़ करना काफी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित होते रहने चाहिए ताकि गरीब परिवारों की मदद हो सके। इसके अलावा ग्राम सोनपुर की संतोषी सिंह, सूरजपुर की सोनिया देवांगन और चंद्रपुर की चंद्रपति देवांगन ने भी इस आयोजित शिविर के लिए प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
रायपुर/शौर्यपथ /प्रदेश के श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस (मई दिवस) के अवसर पर श्रमवीरों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर मंत्री देवांगन ने सभी श्रमिकों के सुखमय और उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। देवांगन ने कहा है कि एक मई को हर साल हम मेहनतकश श्रमिकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मजदूर दिवस मनाते हैं। यह श्रमिकों की मेहनत और समर्पण के सम्मान का दिन है। मंत्री देवांगन ने कामगारों की सामाजिक-आर्थिक खुशहाली के लिए प्रतिबद्धता प्रकट करते हुए कहा है कि श्रमिक हमारे समाज का अभिन्न अंग और विकास की आधारशिला हैं। छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों सहित सभी जरूरतमंद लोगों के विकास का हरसंभव प्रयास कर रही है।
मंत्री देवांगन ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को लगातार सरकार की योजनाओं का लाभ तेजी से दिलाया जा रहा है। श्रम विभाग के तीनों मंडल - छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल, संगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा एवं श्रम कल्याण मंडल के माध्यम से योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हो रहा है। इसी का परिणाम है कि बीते सवा साल में श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगभग 500 करोड़ रूपए डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में अंतरित किए जा चुके हैं, जिससे श्रमिकों के साथ-साथ उनके परिवारों का भी सामाजिक, आर्थिक विकास हो रहा है।
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित सुशासन तिहार 2025 के तहत किसानों, ग्रामीण समुदायों, आमजनों तथा मछुआरों को भी विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ पहुँचाने की दिशा में व्यापक पहल की गई है। दंतेवाड़ा जिला में सुशासन तिहार के प्रथम चरण में प्राप्त आवेदनों का तेजी से निराकरण कर आमजनों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। इसी क्रम में, मत्स्य पालन विभाग ने प्राप्त आवेदनों का गहन सत्यापन कर किसानों को लाभान्वित करने की कार्यवाही तेजी से पूरी की गई है।
सुशासन तिहार का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करना, समस्याओं का त्वरित समाधान करना और पात्र हितग्राहियों तक सुविधाओं को पारदर्शी ढंग से पहुँचाना है। इस क्रम में मत्स्य पालन विभाग को सुशासन तिहार के दौरान मत्स्य कृषकों से विभिन्न मांगों के संबंध में आवेदन प्राप्त हुए थे। जिनका सत्यापन उपरांत विभाग ने कुआकोंडा के खतकुड़ी कोर्राम, बालवीर कोर्राम, हल्बारास के राजेश राणा, पांडेवार के महेश ठाकुर और टेकनार के अमेश कुमार को मछली पालन हेतु आवश्यक जाल (नेट) प्रदाय करने के साथ-साथ आधुनिक तौर-तरीके से मत्स्य पालन करने की तकनीक के संबंध में मार्गदर्शन दिया। मत्स्य जाल प्राप्त होने से इन किसानों को अब अपनी आजीविका को और मजबूत करने का अवसर मिला है। यह सहायता न केवल उनकी आज की जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि भविष्य में उनकी आय में भी इजाफा करेगी। मछली पालन के लिए उच्च गुणवत्ता वाले जाल की उपलब्धता से आधुनिक तकनीकों की उपलब्धता से उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, जिससे वे बेहतर आर्थिक स्थिरता हासिल कर सकेंगे। दंतेवाड़ा जिला प्रशासन और मछली पालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की पहल से किसानों का शासन के प्रति विश्वास और भागीदारी दोनों बढ़ेगी।
रायपुर /शौर्यपथ /मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ राज्य के सुदूर अनुसूचित एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां यात्री परिवहन की सुविधा कम है, वहां आम जनता को सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना‘‘ शुरू करने का अहम निर्णय लिया गया है।
इस योजना के तहत हल्के/मध्यम परिवहन मोटरयान 18 से 42 बैठक क्षमता (चालक को छोड़कर) के वाहन को अनुज्ञा पत्र और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। नवीन ग्रामीण मार्गाें के विनिर्धारण के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। अनुज्ञा का लाभ छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को मिलेगा, जिसमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं तथा नक्सल प्रभावितों को प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन निविदा प्रक्रिया से किया जाएगा। इस योजना के तहत संबंधित वाहन स्वामी को ग्रामीण मार्गाें पर वाहनों के संचालन के लिए प्रथम परमिट निर्गमन की तिथि से तीन साल अधिकतम अवधि के लिए मासिक कर में पूर्णतः छूट दी जाएगी।
इस योजना के तहत संचालित विभिन्न श्रेणी के वाहनों को राज्य शासन द्वारा प्रथम वर्ष 26 रूपए प्रति किलोमीटर, द्वितीय वर्ष 24 रूपए प्रति किलोमीटर तथा तृतीय वर्ष 22 रूपए प्रति किलोमीटर विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से चलने में असमर्थ दिव्यांग, 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को एक परिचारक के साथ किराया में पूरी छूट रहेगी, वहीं नक्सल प्रभावित व्यक्तियों को आधा किराया लगेगा।
मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश की तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने और डिजिटल कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसके तहत नवा रायपुर अटल नगर में State of Art NIELIT की स्थापना के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान NIELIT को 10.023 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
राज्य में NIELIT केन्द्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, डिजिटल कौशल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। यह केन्द्र न केवल युवाओं को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें रोजगार के नये अवसर प्रदान करेगा। इससे छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी शिक्षा के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा।
मंत्रिपरिषद ने रेगहा, बटाई, लीज और डुबान क्षेत्र पर खेती करने वाले किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार की कृषक उन्नति योजना का लाभ अब उक्त श्रेणी के किसानों को भी मिलेगा। मंत्रिपरिषद ने बैठक में ‘‘कृषक उन्नति योजना‘‘ के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए इसका लाभ प्रदेश के ऐसे उक्त समस्त कृषक जिनसे खरीफ मौसम में सहकारी समिति एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से धान/धान बीज का उपार्जन किया गया हो, उन्हें आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया है।
मंत्रिपरिषद की बैठक में सीधी भर्ती 2023 में नियुक्ति उपरांत सेवा समाप्त किये गये 2621 बी.एड. अर्हताधारी सहायक शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए उनको अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है।
अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार हटाये गए बी.एड अर्हताधारी 2621 सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के राज्य में रिक्त 4,422 पदों में समायोजित किया जाएगा। समायोजन गैर विज्ञापित पदों पर किया जाएगा। कला/विज्ञान संकाय से 12वीं उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को निर्धारित अर्हता (12वीं गणित/विज्ञान) पूर्ण करने हेतु 3 वर्ष की अनुमति दी जाएगी साथ ही इन अभ्यर्थियों को प्रयोगशाला कार्य के संबंध में एस.सी.ई.आर.टी. के माध्यम से दो माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग के शेष 355 अभ्यर्थियों के लिए सांख्येत्तर पदों का सृजन किया जाएगा।
समायोजन के लिए जिलों की प्राथमिकता में पहले राज्य के अनुसूचित क्षेत्र के जिलों के रिक्त पदों में उसके पश्चात सीमावर्ती जिलों के रिक्त पदों पर तत्पश्चात अन्य जिलों में समायोजन किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं से आ रहे बदलाव
रायपुर/शौर्यपथ /हर वर्ष 1 मई को हम श्रमिक दिवस मनाते हैं। यह एक ऐसा दिन जो श्रमिकों के अथक परिश्रम, संघर्ष और योगदान को सम्मान देने का अवसर प्रदान करता है। छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है, राज्य की आर्थिक प्रगति में महिला श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी जाना जाता है।
कृषि, खनन, वनों से प्राप्त उत्पादों और छोटे उद्योगों पर आधारित अर्थव्यवस्था वाले छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में महिलाएँ खेती-बाड़ी, तेंदूपत्ता संग्रहण और हस्तशिल्प निर्माण जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में निर्माण कार्य, घरेलू सेवाएँ और छोटे व्यापारों में उनकी भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। महिला श्रमिकों की भागीदारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्रों में, फिर भी उनकी मेहनत को अब भी उचित मान्यता और पारिश्रमिक नहीं मिल पाता। महिला श्रमिकों के सामने कई चुनौतियाँ हैं। जिनमें समान वेतन का अभाव, समान कार्य के बावजूद वेतन असमानता, खनन और निर्माण जैसे क्षेत्रों में असुरक्षित परिस्थितियाँ, प्रसूति लाभों और स्वास्थ्य सुविधाओं की सीमित पहुँच, कम पढ़ाई और तकनीकी प्रशिक्षण के कारण सीमित अवसर, पारंपरिक सोच और घरेलू जिम्मेदारियाँ उनकी स्वतंत्रता को सीमित करती हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिला श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई है। जिसमें मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण मिशन के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए विशेष सहायता दी जा रही है। नई श्रमिक नीति द्वारा असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत महिला श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी की गारंटी और कार्यस्थल पर सुरक्षा मानकों को अनिवार्य बनाया गया है। महिला शक्ति केंद्रों के विस्तार से प्रत्येक जिले में महिला शक्ति केंद्र स्थापित कर महिला श्रमिकों को कानूनी सहायता, स्वास्थ्य सुविधा और रोजगार परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देकर महिला स्वावलंबन के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। सखी वन स्टॉप सेंटर में हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए त्वरित सहायता और पुनर्वास की व्यवस्था। मनरेगा में महिलाओं के भागीदारी बढ़ाने रोजगार दिवसों में महिलाओं के न्यूनतम 50 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने की पहल शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ में महिला श्रमिकों कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें मुख्य रूप से मिनीमाता महतारी जतन योजना है, जो पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों को प्रसूति सहायता प्रदान करती है।इस योजना के तहत बच्चे के जन्म के बाद पंजीकृत महिला श्रमिकों को 20 हजार की एकमुश्त राशि मिलती है। इसके अलावा राज्य सरकार विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम और सहायता योजनाएं भी चलाती है, जो महिला श्रमिकों को सशक्त बनाने में मदद करती हैं।
मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना अंतर्गत 18 से 50 वर्ष आयु के बीच की पंजीकृत महिला श्रमिकों को सिलाई मशीन के लिए सहायता प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण के लिए सहायता प्रदान करती है।छत्तीसगढ़ महिला कोष महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन करता है, जिसमें वित्तीय सहायता प्रशिक्षण और अन्य संसाधन शामिल हैं।घरेलू महिला कामगार कौशल उन्नयन एवं ठेका श्रमिक, हमाल कामगार परिवार सशक्तिकरण योजना,घरेलू महिला श्रमिकों, ठेका श्रमिकों और हमाल श्रमिकों के कौशल विकास और परिवार को सशक्त बनाने के लिए योजना है। सक्षम योजना छत्तीसगढ़ महिला कोष के तहत संचालित एक योजना है जो विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा और अविवाहित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है। महतारी वंदन योजना से महिलाओं को 1 हजार रूपए प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार महिला श्रमिकों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चला रही है, प्रशिक्षण के बाद उनके रोजगार का प्रबंध भी कर रही है, ताकि उन्हें आर्थिक मजबूती मिल सके, सरकार माताओं-बहनों तक जनहितैषी योजनाओं के शत प्रतिशत लाभ की पहुंच भी सुनिश्चित कर रही है। जबकि स्वयं सहायता समूहों के जरिए आर्थिक स्वतंत्रता और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय सरकार में प्रदेश के विकास में महिला श्रमिकों के योगदान को सम्मान मिला है।
कोंडागांव/ शौर्यपथ / बड़े बड़े संस्थान और होटल को तो आपने व्ही आई पी संस्था के नाम से सूना होगा किन्तु प्रदेश का एक ऐसा गुपचुप ठेला इन दिनों चर्चा में है जहाँ मंत्री और विधायक ने भी गुपचुप का स्वाद चखा है . बता दे कि कोंडागांव जिला मुख्यालय एनसीसी ग्राउंड में स्थित शिव शंकर चाट भंडार अब वीआईपी प्रतिष्ठान बन गया है दरअसल इस प्रतिष्ठान में दो पर वित्त मंत्री ओ पी चौधरी आ चुके वही सोमवार को देखने को मिला कि भानुप्रतापपुर की कांग्रेस विधायका सावित्री मनोज मांडवी जी को गुपचुप खाते देखा गया ।
विधायका का एक दिवसीय चित्रकूट दौरा था जहाँ वापसी के दौरान गुपचुप खाने शिव शंकर चाट भंडार में रुके थे। बड़े बड़े वीआईपीयो को यहां का चाट और गुपचुप लुभा रहा है ऐसे में हम ऐसे दुकान को वीआईपी प्रतिष्ठान कह ही सकते है ।
एक राष्ट्र एक चुनाव से मतदाताओं में अधिक जागरूकता एवं उत्साह पैदा होगा जिससे मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा एवं लोकतंत्र सशक्त होगा:महापौर
निगम सामान्य सभा मे जम्मू कश्मीर के पहलगाव में शहीद हुए मेरे हिंदुस्तानीयों की शहादत पर दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि अर्पित किये
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम।आज विशेष सामान्य सभा सभापति श्याम शर्मा के अध्यक्षता में एक राष्ट्र एक चुनाव की अवधारणा के समर्थन में प्रस्ताव पर विचार व निर्णय को लेकर निगम की सम्मिलन आज मंगलवार को आयोजित किया गया।एक राष्ट्र, एक चुनाव’ एक नए अध्याय की शुरुआत है सामान्य सभा मे बहुमत से पारित किया गया।
इस अवसर पर महापौर श्रीमती अलका बाघमार द्वारा एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर बताई खूबियां।उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव’ एक नए अध्याय की शुरुआत है।लोकतंत्र और उसकी प्रक्रिया पर आम जन का विश्वास बना रहे, इसके लिए जरूरी है कि चुनाव प्रणाली दुरुस्त हो। सरकार की पहल उसी विश्वास बहाली की दिशा में बढ़ता एक कदम है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि उनके तीसरे कार्यकाल में देश बड़े फैसलों का एक नया अध्याय लिखेगा। पिछले छह महीनों में सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिनके दीर्घकालिक परिणाम होंगे, लेकिन 19 दिसंबर को संसद में प्रस्तुत ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक से निश्चय ही इस नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है। यह सही है कि लोकतंत्र एक महान शासन प्रणाली है, लेकिन यह भी सत्य है कि यह एक अत्यधिक महंगी प्रणाली है। यह सुचारू रूप से चलती रहे, इसके लिए प्रत्येक स्तर पर अनुशासन की मांग करती है।
अनुशासन न रहने पर यह और भी महंगी और कभी-कभी उच्छृंखल भी हो जाती है, जिसका खामियाजा हरेक नागरिक को भुगतना पड़ता है। फिर एक समय ऐसा भी आता है, जब लोकतंत्र पर से लोगों का भरोसा ही उठने लगता है। इसलिए समय-समय पर इसके शोधन की जरूरत पड़ती है, ताकि उसमें आ गई विकृतियां दूर हो सकें। आजादी के इस अमृत काल में हमें देखना है कि हम कैसे अपने लोकतंत्र को बचाए रख सकते हैं।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाव में शहीद हुए मेरे हिंदुस्तानीयों की शहादत पर दिल से सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ। केन्द्रीय नेतृत्व का इस घटना पर जवाब भविष्य में आपके समक्ष होगा।उन्होंने कहा कि आज हम सशक्त भारत में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विकसित भारत के रूप में तीसरे कार्यकाल में प्रवेश कर चुके है। हिंदुस्तान की जनता जाग चुकी है। आज की जनता स्वहित को छोड़कर राष्ट्रहित को प्रमुखता से लेकर अब फैसला ले रही है। इसी का परिणाम है, कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र, राज्य एवं शहरी सरकार को राष्ट्रहित की सरकार मानकर हमे अपना प्रतिनिधि मान रही है।धीरे-धीरे सभी राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पार्टियों की हकीकत सामने आ रही है। आज देशभक्ति का जज्बा हर भारतीयों के दिल में है।
महापौर ने कहा कि इसलिए हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेद्र मोदी जी की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति एवं रणनीति की प्रशंसा सर्वत्र हो रही है। स्वतंत्रता के बाद और शायद उससे पहले भी, एकमात्र पार्टी की हकीकत और उसकी राजनीति जिसके चलते अखंड भारत आज तक कई खंडो में विभाजित हो गया है और आज भी उनके कुछ जयचंदो के द्वारा विपक्ष की भूमिका निभाते हुए हिंदुस्तान की अखंडता को तार तार करने में लगे हुए है, उनका भी अंतिम समय आ चुका है। देश की जनता जाग चुकी है, आज विश्व के आका भी हिंदुस्तान को कम नही आंकते। नब्बे के दशक तक हमारे देश की जनसंख्या हमारी कमजोरी थी, परंतु आज 21 वी सदी के नये युग में हिंदुस्तान की जनसंख्या ही हमारा अभिमान है। मै इसलिए गर्व के साथ कह रही हूँ, कि आज अमेरिका 175 देशों में टैरिफ को बढ़ाकर विश्व आका होने का संदेश दे रहा है, जिसमें चीन जैसा देश भी शामिल है, परंतु वही अमेरिका हिंदुस्तान के लिए आज भी उदार दृष्टिकोण अपना रहा है। ये माननीय नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता एवं नेतृत्व क्षमता का ही परिणाम है। वर्ष 2013 से आज पर्यन्त तक नया भारत, विकसित भारत, संबल भारत, सशक्त भारत, निर्भिक भारत के रूप में विश्व में हमारी पहचान है, ये सब माननीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व ने ही संभव किया है। 500 वर्षो का भारत और 15 वर्ष का भारत, ये जमीन और आसमान की दूरी मापने के बराबर है, इसलिए राष्ट्रीयता का बीज जो आज सभी हिंदुस्तानी के जहन में पनपा है उसे जीवित रखने की आवश्यकता है, यही मेंरी आप सब से प्रार्थना है।
हम संक्रमण काल के दौर से गुजर रहे हैं, पार्टीगत मतांतरण और मतभेद हो सकता है परंतु राष्ट्रीयता की बात हो तो हम सब एक होकर फैसला लेने की आवश्यकता है। विशेष सामान्य सभा के अवसर पर आयुक्त सुमित अग्रवाल,एमआईसी सदस्यगण,नेता प्रतिपक्ष एवं समस्त पार्षद गण के अलावा अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने कहा कि विकसित हिंदुस्तान के स्वप्नदृष्टा नवीन राष्ट्रनिर्माता प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी की राष्ट्रहित मे एक और परिकल्पना, 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के समर्थन में एक सिपाही के रूप में हम सब आज की सामान्य सभा में प्रस्ताव पारित करने हेतु यहां एकत्रित हुए है, जिसके संबंध में आपके समक्ष ये प्रस्ताव प्रस्तुत कर रही हूँ, जिसका उद्देश्य हिंदुस्तान के लोकतांत्रिक ढांचे को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाना है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोकसभा एवं राज्य विधासभाओं के चुनाव एक साथ आयोजति करना है, ताकि समय, संसाधन और राजनीतिक खर्चों की बचत हो सके तथा देश के विकास कार्यों में निरंतरता बनी रहे, इस प्रस्ताव के निम्न लाभ है। प्रशासनिक एवं आर्थिक दक्षता बार बार चुनाव कराने में भारी प्रशासनिक खर्च एवं संसाधनों की बर्बादी होती है, जिसके कमी होने से सुरक्षाबलों, शिक्षकों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को चुनावी ड्यूटी से मुक्त किया जा सकेगा। विकास कार्यों में निरंतरता आदर्श आचार संहिता के कारण विकास परियोजनाएँ रूक जाती है, एक साथ चुनाव होने से यह बाधा रूक जायेगी।राजनीतिक स्थिरता एक राष्ट्र एक चुनाव से राजनीतिक अस्थिरता को कम करने में सहायक होगा, जिससे दीर्घकालीक दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा।
महापौर ने कहा कि मतदाताओं की जागरूकता एवं भागीदारी :- एक राष्ट्र एक चुनाव से मतदाताओं में अधिक जागरूकता एवं उत्साह पैदा होगा जिससे मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा एवं लोकतंत्र सशक्त होगा चुनाव खर्च में कटौती ,एक राष्ट्र एक चुनाव से राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार में भारी धनराशि खर्च करने में कटौती होगा, जिससे धन का सदुपयोग होगा।संवैधानिक एवं व्यवहारिक समाधान संसद में प्रस्तुत विधेयक पारित कर कानूनी रूप दिया जा सकेगा। चुनाव आयोग को आवश्यक तकनीकी एवं प्रशासनिक संसाधन उपलब्ध कराकर चुनाव कार्य संपन्न किया जायेगा तथा सभी राजनीतिक दल आपसी सहमति बनाऐंगे।उन्होंने अंत मे अनुरोध में कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव को अंगीकार करते हुए इस प्रस्ताव को समर्थन करें, जिससे चुनाव प्रणाली दुरस्त हो एवं लोकतंत्र में उसकी प्रक्रिया पर आम जन का विश्वास बना रहें। इस प्रस्ताव के पारित होने में एक सिपाही के रूप में मुझे पूरा विश्वास हैं, कि यह प्रस्ताव एक नए अध्याय की शुरूआत है एवं यह प्रस्ताव लोकतंत्र की एक महान शासन प्रणाली का हिस्सा बनेगा। भले ही यह महंगी प्रणाली साबित होगी परंतु सभी चुनाव में प्रशासनिक खर्चों का आंकलन करने पर प्रशासनिक खर्च कमतर साबित होकर लोकतंत्र पर हिंदुस्तान के नागरिकों की विश्वास की बहाली की दिशा में बढ़ता हुआ कदम होगा। इसलिए आप सब से अनुरोध है, कि हमारी शहरी सरकार के इस सार्थक कदम में देश एवं लोकहित में प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर इस पुनित कार्य के भागीदार बने, यही मेरी आपसे कामना है।
कार्यालय को व्यवस्थित रखने तथा साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था करने के दिए निर्देश
बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने आज संयुक्त जिला कार्यालय के विभिन्न कक्षों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सभी कार्यालय प्रमुखों एवं मौके पर उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों को कार्यालय में अधिकारी-कर्मचारियों की टेबल, कुर्सी के अलावा दस्तावेज आदि को व्यवस्थित कर कार्यालय के गरिमा के अनुरूप बेहतर एवं सुव्यस्थित स्वरूप में रख-रखाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को अपने-अपने कार्यालयों में साफ-सफाई की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने अपने-अपने कार्यालयों के अलावा कार्यालय के सामने स्थित बरामदे का भी नियमित रूप से साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए।
इस मौके पर कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने संयुक्त जिला कार्यालय के प्रथम तल में स्थित आदिवासी विकास विभाग, खनिज, भू-अभिलेख, रिकार्ड रूम, खाद्य विभाग, जनसंपर्क विभाग, जिला योजना एवं सांख्यिकी, अंत्यावसायी, जिला हथकरघा, जिला कोषालय, आबकारी, स्वान कक्ष, महिला एवं बाल विकास विभाग, निर्वाचन, समग्र शिक्षा, क्रेडा एवं श्रम विभाग आदि का अवलोकन किया। श्रीमती मिश्रा ने भू-अभिलेख कार्यालय के निरीक्षण के दौरान कार्यालय में रखे गए पुराने दस्तावेजों का भी अवलोकन किया। उन्होंने कार्यालय के पुराने दस्तावेजों का अपलेखन कराने के निर्देश जिला नाजिर को दिए। श्रीमती मिश्रा ने रिकार्ड रूम के निरीक्षण के दौरान पुराने एवं जीर्णशीर्ण दस्तावेजों का भी अवलोकन किया। उन्होंने अत्यंत पुराने एवं जीर्णशीर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखने हेतु जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। आबकारी विभाग के निरीक्षण के दौरान अधिकारी-कर्मचारियों से कुल स्टाफ के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों से परिचय प्राप्त कर उनके कार्यों के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को समय पर कार्यालय पहुँचकर निर्धारित समयावधि तक कार्यालय में उपस्थित रहकर पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने को कहा। इस दौरान अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक, जिला जनसंपर्क अधिकारी चंद्रेश कुमार ठाकुर सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।