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सितंबर 2025 से अब तक 84.77 लाख रुपए से अधिक का मादक पदार्थ जब्त, 58 आरोपी गिरफ्तार
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग जिला पुलिस द्वारा 1 सितंबर 2025 से चलाए जा रहे “ऑपरेशन विश्वास” के तहत नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस विशेष अभियान में अब तक लगभग 84.77 लाख रुपए मूल्य के गांजा, चिट्टा (हेरोइन), अफीम और नशीली दवाएं जब्त की गई हैं।
पुलिस के अनुसार इस अवधि में 22 मामलों में कुल 438.748 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया और 22 आरोपी गिरफ्तार किए गए, जिनमें 6 आरोपी अन्य राज्यों से हैं। सबसे बड़ी कार्रवाई थाना कुम्हारी में की गई, जहां एक कंटेनर से 388 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया तथा महाराष्ट्र के दो अंतर्राज्यीय तस्कर गिरफ्तार हुए।
इसी तरह थाना मोहन नगर क्षेत्र में की गई कार्रवाई में 246 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) के साथ पंजाब के चार तस्कर पकड़े गए। जांच के दौरान इस नेटवर्क से जुड़े कुल 30 विक्रेता गिरफ्तार किए जा चुके हैं और आगे भी गिरफ्तारियां जारी हैं।
इस वर्ष जिले में पहली बार अफीम की तस्करी के भी 3 आरोपी पकड़े गए, जिनमें 2 आरोपी पंजाब के निवासी हैं। इसके अलावा नशीली दवाओं की तस्करी पर भी सख्त कार्रवाई की गई है। इस दौरान 28,436 टैबलेट्स एवं कैप्सूल्स जब्त किए गए हैं।
16 सितंबर 2025 को एक ही दिन में पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर एनडीपीएस एक्ट के 17 मामलों में 19 आरोपी पकड़े तथा 19.531 किलोग्राम गांजा और 106 नग टैबलेट्स/सीरप बरामद किए। इसी दौरान कुख्यात तस्कर वैभव खंडेलवाल से हजारों की संख्या में अल्प्राजोलम टैबलेट्स बरामद की गईं, जबकि थाना दुर्ग कोतवाली में एक ही कार्रवाई में 10,000 से अधिक नशीली दवाओं के टैबलेट्स जब्त किए गए।
एनडीपीएस एक्ट के तहत जब्त 72 वाहनों को राजसात कर MSTC वेबसाइट के माध्यम से नीलामी की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है।
इसके अतिरिक्त 1 सितंबर 2025 को पुलिस द्वारा नष्टिकरण की बड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें 239 मामलों से जब्त लगभग 1620.490 किलोग्राम गांजा, 277.29 ग्राम हेरोइन, 214.398 ग्राम ब्राउन शुगर तथा 2,73,776 नग नशीली दवाइयां नष्ट की गईं।
दुर्ग पुलिस का कहना है कि नशा तस्करों के विरुद्ध यह कार्रवाई सतत जारी रहेगी और जिले में मादक पदार्थों की आपूर्ति श्रृंखला को पूरी तरह समाप्त करने के लिए विशेष टीम लगातार निगरानी रख रही है।
सुबह-सुबह बिजली ऑफिस के सामने मैदान पर मिली युवक की लाश, कुछ ही घंटों में कोतवाली पुलिस ने आरोपी नाबालिक को पकड़ा — नशे के कारण बढ़ रहे अपराधों पर अब सामाजिक जागरूकता की दरकार
दुर्ग। शौर्यपथ।दुर्ग नगर के मोहलई क्षेत्र में शनिवार की सुबह उस समय सनसनी फैल गई जब बिजली ऑफिस के सामने स्थित मैदान में एक युवक का शव संदिग्ध अवस्था में मिला। मृतक की पहचान अनिल यादव के रूप में की गई है। बताया जाता है कि अनिल यादव के सिर पर डंडों और पत्थरों से हमला किया गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी तापेश्वर नेताम पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और तत्काल जांच शुरू की। महज कुछ घंटों की जांच के बाद यह सनसनीखेज खुलासा हुआ कि यह हत्या किसी पुरानी रंजिश का नहीं बल्कि नशे की हालत में हुए छोटे से विवाद का नतीजा थी।
पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक नशे की हालात मे था । आपसी कहासुनी के दौरान आरोपी ने अनिल यादव के सिर पर डंडे से वार किया और बाद में पत्थर से सिर कुचल दिया। कोतवाली पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को चंद घंटों में गिरफ्तार कर लिया, जिससे क्षेत्र में मची सनसनी के बीच लोगों ने राहत की सांस ली और पुलिस की सराहना की।
थाना प्रभारी तापेश्वर नेताम ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में टीम ने तेजी से जांच पूरी कर आरोपी को हिरासत में लिया। उन्होंने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि नशाखोरी आज समाज में अपराध का प्रमुख कारण बनती जा रही है।
समाज के लिए संदेश:
यह घटना केवल एक हत्या की कहानी नहीं, बल्कि समाज के सामने एक गहरा सवाल खड़ा करती है —
आख़िर हम कब नशे के खिलाफ जागेंगे?
आज का युवा नशे की गिरफ्त में अपने भविष्य को नहीं, बल्कि दूसरों की जिंदगी भी बर्बाद कर रहा है। शासन-प्रशासन के प्रयासों के साथ-साथ अब समाज को भी आगे बढ़कर इस बुराई के खिलाफ मोर्चा खोलना होगा।
नशे पर लगाम लगेगी, तो अपराध भी कम होंगे।
अब समय है कि हर नागरिक, हर परिवार, हर समाज अपने स्तर पर इस लड़ाई में शामिल हो — ताकि आने वाली पीढ़ी नशे से मुक्त और सुरक्षित जीवन जी सके।
दुर्ग पुलिस के 6 'अपनों' को सम्मान सहित विदाई, SSP बोले: आप पुलिस परिवार की प्रेरणा हैं
दुर्ग,। शौर्यपथ।: दिवाली की जगमगाहट हो या होली के रंग, समाज में शांति और सुरक्षा की जो अटूट डोर बंधी रहती है, उसके पीछे 'खाकी के सिपाही' की वर्षों की अथक तपस्या और कुर्बानी होती है। एक पुलिसकर्मी का जीवन सिर्फ ड्यूटी नहीं, बल्कि समाज की ढाल बनकर अपने त्योहारों और खुशियों को कुर्बान कर देने की अमर गाथा है।
आज दुर्ग पुलिस परिवार में ऐसे ही छह जांबाज़ों के लिए एक बेहद भावुक और सम्मानजनक क्षण आया, जब वे वर्षों की गौरवशाली सेवा के बाद सेवानिवृत्त होकर अपने परिवारों के साथ नई जिंदगी का सफर शुरू करने जा रहे हैं।
कर्तव्य पथ पर 40 साल की तपस्या
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय, 30 सितम्बर 2025 को दुर्ग में आयोजित इस विदाई समारोह में 02 सहायक उप निरीक्षक (ASI रामचंद कंवर और ASI बसंत राम भोई), 03 प्रधान आरक्षक (प्रधान आरक्षक 1297 रमन लाल, 1028 हरख राम और 811 सेमसन मसीह) और 01 आरक्षक (आरक्षक 273 प्रमोद कुमार शर्मा) को ससम्मान विदाई दी गई। इन सभी अधिकारियों/कर्मचारियों ने लगभग 35 से 40 वर्षों तक पुलिस विभाग में अपनी अमूल्य सेवाएँ दीं।
समारोह में जब सेवानिवृत्त हो रहे इन अधिकारियों ने अपनी सेवा के अनुभव साझा किए, तो माहौल भावुक हो गया। यह सिर्फ नौकरी नहीं थी; यह देश, समाज और हर नागरिक की सुरक्षा के लिए समर्पित किया गया जीवन था। इन कहानियों में त्याग, समर्पण, और वर्दी के प्रति निष्ठा की महक थी।
SSP का नमन: 'आप हमारे परिवार की प्रेरणा हैं'
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, दुर्ग श्री विजय अग्रवाल, भापुसे., ने सभी सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा, "आप सभी ने पुलिस विभाग में पूर्ण क्षमता और निष्ठा से इतने वर्षों तक जो कार्य किया है, उसके लिए मैं हृदय से आपकी प्रशंसा करता हूँ और पुलिस विभाग की ओर से हार्दिक अभिनंदन करता हूँ।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारियों द्वारा साझा किए गए अनुभव और उनकी बातें हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा, "हम सभी एक परिवार के रूप में हैं, और जब कभी भी पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारी/कर्मचारियों को हमारी आवश्यकता होगी, हम सदैव मदद के लिए तत्पर रहेंगे।"
श्री विजय अग्रवाल ने सभी सेवानिवृत्त योद्धाओं और उनके परिजनों को शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
आम जनता के लिए संदेश
यह समारोह पुलिस और आम जनता दोनों के लिए एक गहरा संदेश देता है: 'खाकी' का हर जवान हमारे समाज की अदृश्य नींव है, जिस पर हम सुरक्षित और आनंदमय जीवन जीते हैं। जब हम बिना विवाद के त्यौहार मनाते हैं, राजनीतिक और धार्मिक आयोजनों में शांति का अनुभव करते हैं, तो हमें याद रखना चाहिए कि एक पुलिसकर्मी ने अपनी खुशियों को दांव पर लगाया है।
सेवानिवृत्ति एक अधिकारी के जीवन में एक नया अध्याय है, जहां वे अब समाज के लिए किए गए अपने महान कार्य के गौरव के साथ अपने परिवार के सपनों को पूरा करेंगे।
इस भावुक अवसर पर श्री अभिषेक झा, रापुसे. (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण), श्री चन्द्र प्रकाश तिवारी (उप पुलिस अधीक्षक, लाईन), श्री विनोद मिन्ज (उप पुलिस अधीक्षक, मुख्यालय) सहित पुलिस परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे।
बधाई और शुभकामनाएँ! आपकी सेवाएँ सदैव अविस्मरणीय रहेंगी।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर निगम के वार्ड नंबर 4 में कभी एक खूबसूरत तालाब पुसई डबरी के नाम से बसा करता था, जो न केवल जल संरक्षण का स्रोत था बल्कि आसपास के लोगों के लिए जीवन रेखा भी था। आज यह जगह टूटी हुई ईंटों, अधूरे मकानों और कचरे के ढेर में बदल गई है। यह केवल एक तालाब की कहानी नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही, राजनीतिक गठजोड़ और भ्रष्टाचार के उस सिस्टम का जीता-जागता उदाहरण है, जो संविधान और कानून को पैसों व सत्ता के नीचे कुचल देता है।
सरकारी योजनाओं के विपरीत जमीनी सच्चाई
राज्य और केंद्र सरकार तालाबों के संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये की योजनाएं चला रही हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका उल्टा हो रहा है। करोड़ों की कीमत वाली शासकीय भूमि खसरा नंबर 838 को भरकर भूखंडों में बांट दिया गया और अब यहाँ अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है। निगम प्रशासन ने यहां सरकारी बोर्ड लगाकर चेतावनी दी, लेकिन कब्जाधारियों ने उसे उखाड़ फेंका — जैसे इस भूमि पर लिखे कानून को भी मिटा दिया हो।
कार्रवाई पर लगाम डालता राजनीतिक दबाव
निगम कर्मचारी जब भी यहाँ तोड़फोड़ और कब्जा हटाने पहुंचते हैं, कहीं न कहीं से राजनीतिक दबाव आकर उनकी कार्रवाई रोक देता है। ट्रिपल इंजन वाली सरकार के इस इलाके में सत्ता पक्ष पर ही संरक्षण देने का आरोप लग रहा है। सवाल यह है कि जब सरकारी कर्मचारी ही राजनीतिक दबाव के डर से कार्रवाई नहीं कर पा रहे, तब आम नागरिक कैसे न्याय की उम्मीद करे?
जनप्रतिनिधियों की चुप्पी, कब्जाधारियों का हौसला
स्थानीय जनप्रतिनिधि, जो मंचों पर सुशासन और विकास के वादे करते हैं, इस मामले में मौन हैं। उनका यह मौन ही भ्रष्टाचारियों के हौसले को ऊंचा कर रहा है। तालाब की जमीन पर अवैध कॉलोनी खड़ी हो रही है और प्रशासन का रवैया मानो यह संदेश दे रहा है: “पैसा और राजनीतिक ताकत हो तो कानून को झुकाया जा सकता है।”
संविधान की शक्ति बनाम भ्रष्ट ताकतें
यह मामला केवल एक अवैध कब्ज़े का नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की बुनियाद के सामने खड़ी होती भ्रष्ट ताकतों का परीक्षण है। अगर आज इस पुसई डबरी को बचाने और दोषियों को सज़ा दिलाने की पहल नहीं हुई, तो यह उदाहरण आने वाले वर्षों में और दर्जनों सरकारी भूमि हथियाने का रास्ता खोल देगा।
बड़ा सवाल
क्या सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधि मिलकर इस ऐतिहासिक तालाब को उसके मूल स्वरूप में वापस लाकर यह संदेश देंगे कि “संवैधानिक शक्तियां सबसे ऊपर हैं”, या फिर सत्ता और पैसे का गठजोड़ इस तालाब को हमेशा के लिए निगल जाएगा?
यह केवल गया नगर का सवाल नहीं — यह पूरे प्रदेश के सुशासन की असल परीक्षा है।
राजनंदगांव। शौर्यपथ/गौरी नगर स्टेशन के पास एक महिला, दुलारी सोनवानी, ने कोतवाली थाना पहुंचकर सूचना दी कि उनका पति किशन सोनवानी आत्महत्या की धमकी दे रहा है। सूचना मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी नंदकिशोर गौतम और उनकी टीम तुरंत घटना स्थल की ओर रवाना हुई।
थाना टीम ने किशन सोनवानी को गौरी नगर के पास बन रहे अंडरब्रिज पर पाया, जहां युवक लगभग 10-12 फीट पानी में छलांग लगाने की कोशिश कर रहा था। इसी बीच थाना स्टाफ राम खिलावन ने साहसिक कदम उठाते हुए अंडरब्रिज में उतरकर युवक को सुरक्षित बाहर निकाला। उसके बाद किशन सोनवानी को तुरंत जिला अस्पताल ले जाकर प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर उसे पेंड्री स्थित मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
बताया जा रहा है कि युवक की स्थिति अब खतरे से बाहर है। कोतवाली पुलिस की तत्परता और स्टाफ की बहादुरी से एक जीवन बचाने में सफलता मिली, जिसे स्थानीय लोग सराहना कर रहे हैं।
पूर्व सैनिकों ने बच्चों को बताया भारतीय वायुसेना का गौरवशाली इतिहास, बढ़ाई देशभक्ति की भावना
जगदलपुर, शौर्यपथ। 93वें भारतीय वायुसेना दिवस के अवसर पर बस्तर के जिला सैनिक कल्याण कार्यालय, जगदलपुर परिसर में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बस्तर के पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों ने स्कूली बच्चों के साथ भारतीय वायुसेना के शौर्य, पराक्रम और गौरव का उत्सव मनाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के साथ किया गया। तत्पश्चात विंग कमांडर जे. पी. पात्रो (सेवानिवृत्त), जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने बच्चों को भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास, उसकी भूमिका और राष्ट्र की सुरक्षा में उसके अद्वितीय योगदान के बारे में विस्तार से बताया।
कल्याण आयोजक सूबेदार अरविंद कुमार ने बच्चों को सशस्त्र बलों में शामिल होकर देशसेवा के लिए प्रेरित किया। वहीं सूबेदार भानु प्रताप द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सहित विभिन्न अभियानों में वायुसेना की वीरता की झलकियां साझा कीं। समारोह का संचालन हवलदार तोप सिंह द्वारा किया गया।
बच्चों के साथ उपस्थित शिक्षकों ने भी इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में देशभक्ति और अनुशासन की भावना का विकास होता है।
कार्यक्रम के अंत में पूर्व सैनिकों ने संकल्प लिया कि वे भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के माध्यम से युवा पीढ़ी को प्रेरित करते रहेंगे, ताकि बस्तर के बच्चे भी एक दिन नीली वर्दी पहनकर आसमान में देश का गौरव बढ़ाएं।
जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर जिले के ऐतिहासिक चंदैया मेमोरियल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च, जिसे स्थानीय लोग लाल चर्च के नाम से भी जानते हैं, में वार्षिक शांति महोत्सव का भव्य शुभारंभ हो चुका है। हर वर्ष की तरह इस बार भी यह चार दिवसीय आयोजन क्षेत्र में आध्यात्मिक ऊर्जा, प्रेम और एकता का संदेश फैला रहा है। 9 अक्टूबर की शाम चर्च परिसर में ज्योति प्रज्वलन और विशेष प्रार्थना के साथ महोत्सव की शुरुआत हुई। आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रभु यीशु मसीह के सुसमाचार को जन-जन तक पहुंचाना और समाज में शांति व विश्वास का माहौल बनाना है।
तीन दिन विशाल सभा, 12 अक्टूबर को विशेष आराधना
महोत्सव के तहत 9, 10 और 11 अक्टूबर को लाल चर्च परिसर के हैरल्ड चेपल मैदान में प्रतिदिन सायं विशाल सुसमाचार सभाएँ आयोजित की जा रही हैं, जबकि 12 अक्टूबर को चर्च के भीतर विशेष आराधना की जाएगी। इस वर्ष मुंबई से आए प्रेरित विल्सन फर्नाडिस मुख्य वक्ता के रूप में प्रभु का वचन प्रचारित कर रहे हैं। महोत्सव का विषय लूका रचित सुसमाचार 10:2 पर आधारित है — “पके खेत बहुत हैं, परंतु मजदूर थोड़े हैं, इसलिए खेत के स्वामी से विनती करो कि वह अपने खेत काटने को मजदूर भेज दे।”
उत्साह और एकता का माहौल
प्रचार समिति की अध्यक्षा श्रीमती अल्पना जॉन ने बताया कि यह आयोजन हर वर्ष की तरह इस बार भी अत्यंत उत्साहपूर्ण है। कलीसिया के बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों की संयुक्त भागीदारी से पूरा वातावरण सेवा, समर्पण और एकता से भरा हुआ है।
बस्तर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस महोत्सव में शामिल हो रहे हैं। सभी मिलकर प्रभु की आराधना, स्तुति और महिमा कर रहे हैं तथा नई आध्यात्मिक शक्ति और आशीषें लेकर लौट रहे हैं।
विशेष प्रार्थनाओं के विषय
इस महोत्सव में विशेष प्रार्थनाएँ की जा रही हैं—
1. सुसमाचार सारे जगत में पहुँचे
2. महोत्सव में पवित्र आत्मा की उपस्थिति बनी रहे
3. वक्ता सामर्थी प्रचार करें
4. पास्टर्स, अगुवे एवं वर्शिप टीम के लिए
5. आयोजन का उद्देश्य पूर्ण हो और प्रभु को महिमा मिले
6. उत्तम मौसम एवं अनुकूल वातावरण के लिए
7. सभी प्रबंधों व आयोजकों के लिए
8. अंतिम दिनों की जागृति के लिए
9. आत्माएँ बचाई जाएँ और प्रभु का राज्य बढ़े
यह शांति महोत्सव न केवल चर्च समुदाय के लिए, बल्कि पूरे जगदलपुर शहर के लिए शांति, विश्वास और सकारात्मकता का संदेश लेकर आया है।
जगदलपुर, शौर्यपथ। जिला बस्तर में पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा के कुशल मार्गदर्शन में अवैध शराब तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत भानपुरी पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने तीन लग्जरी वाहनों से 55 पेटी अंग्रेजी शराब (कुल 2750 पौवा) जब्त कर 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जब्त सामग्री की कुल कीमत लगभग 18 लाख रुपये आंकी गई है। यह कार्यवाही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग और अनुविभागीय अधिकारी भानपुरी प्रवीन भारती के पर्यवेक्षण तथा थाना प्रभारी निरीक्षक हर्ष कुमार धुरंधर के नेतृत्व में की गई।
मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने ग्राम फरसागुड़ा मार्ग में घेराबंदी कर तीन वाहनों — स्कॉर्पियो N (CG04-QD-7778), सियाज (CG04-PB-7951) और डस्टर (CG04-HD-6858) — को पकड़ा। वाहनों की तलाशी में मध्यप्रदेश निर्मित अंग्रेजी शराब बरामद की गई।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान —
1️⃣ मयंक गनवीर (23 वर्ष), निवासी प्रगति नगर रिसाली, भिलाई
2️⃣ अमन राय (25 वर्ष), निवासी मड़ोदा, उतई, दुर्ग
3️⃣ धनराज सिंह ठाकुर उर्फ लाला (26 वर्ष), निवासी सुपेला, भिलाई
4️⃣ चिराग यादव उर्फ चिकू (19 वर्ष), निवासी सेक्टर-10, भिलाई
5️⃣ हूपेंद्र नाग (28 वर्ष), निवासी मुरकुची, भानपुरी
6️⃣ जितेंद्र कुर्रे उर्फ कल्लू (30 वर्ष), निवासी जामकोटपारा, कोण्डागांव
7️⃣ प्रमेन्द्र कुर्रे उर्फ छोटू (24 वर्ष), निवासी जामकोटपारा, कोण्डागांव
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से गोवा व्हिस्की की 55 पेटियां (495 लीटर), तीन लग्जरी वाहन और 9 एंड्रॉइड मोबाइल फोन जब्त किए हैं। सभी के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34(2), 36 तथा बीएनएस की धारा 281 के तहत अपराध दर्ज कर आगे की विवेचना जारी है।
पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा ने जिले में अवैध तस्करी पर रोक लगाने के लिए कड़ा रुख अपनाया है। उनके मार्गदर्शन में पुलिस लगातार सक्रियता दिखा रही है। हालिया कार्यवाही से यह साफ है कि बस्तर पुलिस अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शने के मूड में नहीं है।
भानपुरी पुलिस की यह कार्यवाही जिले में कानून व्यवस्था और जनसुरक्षा के प्रति पुलिस की सजगता का उत्कृष्ट उदाहरण मानी जा रही है।
नियमों की उड़ रही धज्जियाँ, आदेश की शर्तें टूटीं — फिर भी अधिकारी मौन, ऐसे में कार्यवाही करेगा कौन?
By- नरेश देवांगन
जगदलपुर, शौर्यपथ। लगातार समाचारों के माध्यम से मीना बाजार की अनियमितता, लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर किया जा रहा है। फिर भी विभागीय जिम्मेदार अधिकारी आज भी कार्रवाई से बचते दिख रहे हैं। प्रशासन की यह चुप्पी अब सवालों के घेरे में है — क्या मीना बाजार वाकई विभागीय संरक्षण में चल रहा है?
नगर दण्डाधिकारी कार्यालय, जगदलपुर द्वारा जारी आदेश पत्र 11/09/2025 में स्पष्ट उल्लेख है कि —
“मीना बाजार / प्रदर्शनी में आयोजन के दौरान यदि किसी प्रकार की दुर्घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी आयोजन संचालक की होगी।”
साथ ही आदेश में यह भी कहा गया है कि —
“उपरोक्त शर्तों के उल्लंघन पाये जाने की स्थिति में अनुमति स्वयंमेव निरस्त मानी जावेगी एवं संचालक के ऊपर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।”
लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
आदेश की लगभग हर शर्त का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है — फिर भी न अनुमति निरस्त हुई, न किसी संचालक पर कार्रवाई हुई। यानी आदेश अब बस कागज़ों पर ज़िंदा है, जबकि मैदान में उसकी कोई औकात नहीं बची? यह स्थिति यह दर्शाती है कि न तो संचालक प्रशासनिक आदेशों को गंभीरता से ले रहे हैं, और न ही निगरानी करने वाले अधिकारी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानो आदेश सिर्फ फाइलों और नोटिस बोर्डों तक सीमित रह गया है, जबकि मैदान में जिम्मेदारी से बचने का खेल खुलकर खेला जा रहा है।
मीना बाजार परिसर में लगे हर झूले, और मनोरंजन साधनों पर संचालकों ने पोस्टर चस्पा कर रखे हैं —
“किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर कम्पनी जिम्मेवार नहीं होगी।”
यह वही संचालक हैं जिन्हें आदेश के अनुसार जनता की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी उठानी थी। मगर वे पहले ही अपने हाथ खड़े कर चुके हैं — और प्रशासन सब देखकर भी मूकदर्शक बना हुआ है।ऐसे मे अगर कोई हादसा होता है तो आखिर जनता न्याय के लिए किसके दरवाजे पर दस्तक देगी? क्या संचालक यह कहकर बच जाएंगे कि झूला कंपनी जिम्मेदार है, या कंपनी यह कहकर कि हमने पहले ही लिखा था कि हम जिम्मेदार नहीं हैं?
अब सवाल उठना लाजिमी है
जब आदेश में साफ लिखा है कि उल्लंघन पर अनुमति स्वतः निरस्त मानी जाएगी, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं?
क्या प्रशासन किसी दबाव में है?
क्या मीना बाजार को विभागीय संरक्षण प्राप्त है?
स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों का कहना है कि अगर यही स्थिति किसी छोटे व्यापारी या स्थानीय आयोजन में होती, तो अगले ही दिन नोटिस और सीलिंग की कार्यवाही शुरू हो जाती। लेकिन यहाँ अधिकारी खुद मौन हैं — जैसे सब कुछ किसी “सेटिंग सिस्टम” के तहत चल रहा हो? मीना बाजार में जारी यह अव्यवस्था अब केवल लापरवाही नहीं, बल्कि प्रशासनिक आदेशों का मखौल बन चुकी है।कानून और नियमों की खुली अवहेलना के बीच सवाल यही उठता है कि — क्या बस्तर प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी कुर्सी की छाया में कहीं खो दी है? अब वक्त आ गया है कि बस्तर प्रशासन जागे और अपने ही आदेश का सम्मान करे। वरना जनता यह मानने को मजबूर होगी कि यह पूरा खेल विभागीय संरक्षण की छाया में चल रहा है?
