November 07, 2025
Hindi Hindi

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

  रायपुर / शौर्यपथ / नवा रायपुर में चल रहे पांच दिवसीय राज्योत्सव में इस बार परंपरा, संस्कृति और आत्मनिर्भरता का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों से आए नाबार्ड सहायतित स्व-सहायता समूहों ने अपने-अपने क्षेत्र की पारंपरिक कला, हस्तशिल्प और नवाचार को मंच पर प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।
  राजनांदगांव जिले के जय सेवा हस्तशिल्प आर्ट गायत्री स्व-सहायता समूह ने राज्योत्सव में अपनी कलात्मकता और उद्यमशीलता की झलक प्रस्तुत कर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। समूह की महिलाएँ मिट्टी और बांस कला से लेकर वस्त्र कला तक में अपनी पहचान बना रही हैं। समूह द्वारा निर्मित मिट्टी कला उत्पादों झूमर, दिया सलाई स्टैंड, फूलदानी, हैंगर, कुर्ती ड्रेस, लैम्प और ज्वेलरी ने स्टॉल पर आने वाले आगंतुकों को छत्तीसगढ़ी कला की जीवंतता का अनुभव कराया।                 
  इसी के साथ नाबार्ड सहायतित समूहों के स्टॉल में बांस कला के तहत टी-ट्रे, हैंगर, सजावटी वस्तुएँ और कपड़ों पर हेंड प्रिंटिंग, गोदना आर्ट, टेक्सटाइल डिज़ाइन, कोसा सिल्क, खादी सिल्क और कॉटन पर लोककला डिज़ाइनिंग जैसे कार्यों ने पारंपरिकता और आधुनिकता का सुंदर संगम देखने को मिला।
  ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में नाबार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। नाबार्ड   सहायतित स्व-सहायता समूहों को न केवल हुनर सिखाया जा रहा है, बल्कि उन्हें अपने उत्पादों का विपणन पैकेजिंग और वित्तीय प्रबंधन का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण से लाभान्वित महिलाएँ आज आत्मनिर्भर बनकर स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में योगदान दे रही हैं। जय सेवा हस्तशिल्प आर्ट, शबरी मार्ट, बांस हस्तशिल्प, कोसा सिल्क और खादी कला प्रदर्शनी ने दर्शकों को आकर्षित किया। इन स्टॉलों में परंपरा, पर्यावरण और उद्यमशीलता का सुंदर मिश्रण देखने को मिला। महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री से उन्हें अच्छी आय प्राप्त हो रही है। कई समूहों ने बताया कि राज्योत्सव जैसे मंचों से उन्हें न केवल आर्थिक सहयोग मिलता है, बल्कि आत्मविश्वास और नई पहचान भी मिलती है।
  राज्य में नाबार्ड द्वारा कृषि, ग्रामीण उद्यम, हस्तशिल्प, बांस मिशन, महिला आजीविका कार्यक्रम, किसान क्लब, कौशल विकास प्रशिक्षण जैसे कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।  इनके माध्यम से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो रही है, बल्कि हजारों महिलाएँ और युवा आत्मनिर्भर बन रहे हैं।

  रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित भव्य राज्योत्सव में आज बॉलीवुड के गीत-संगीत के साथ छत्तीसगढ़ की लोककला, संगीत और नृत्य की ऐसी रंगीन छटा बिखरी कि शाम सुरमई हो गई। सतरंगी छटा में गीतों की यूँ महफ़िल सजी की हर कोई गाते गुनगुनाते, थिरकते नजर आए। शाम ढलने के साथ गीत-संगीत के बढ़ते कारवाँ में सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ी सुर-ताल से दर्शक-श्रोता झूम उठे।  प्रख्यात छत्तीसगढ़ी गायक श्री सुनील तिवारी ने अपनी टीम के साथ लोकगीतों के स्वर से परंपरा और आधुनिकता के संगम से सजी इस सांस्कृतिक संध्या ने दर्शकों के दिलों में गहरा प्रभाव छोड़ा। वहीं गीत-संगीत की सजी महफ़िल में बॉलीवुड के महशूर पार्श्व गायक आदित्य नारायण ने गीतों से श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
   कार्यक्रम का शुभारंभ प्रख्यात लोकगायक सुनील तिवारी की प्रस्तुति से हुआ। राज्य अलंकरण चक्रधर कला सम्मान (2021) से सम्मानित तिवारी ने अपने लोकगायन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने जब “मोर भाखा के संग दया मया के सुघ्घर हवे मिलाप रे” और “अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा कौनो संग” गुनगुनाया, तो पूरा दर्शकदीर्घा तालियों की गूंज से भर उठा। लोकगीतों की लड़ी में राऊत, राजगीत, ददरिया, सोहर, विवाह, पंथी और होली जैसे गीतों के साथ उन्होंने छत्तीसगढ़ की मिट्टी की खुशबू बिखेर दी।
  उनके गीत “पता ले जा रे गाड़ी वाला...”, “अरपा पैरी के धार...” और “मोर संग चलव रे...” ने दर्शकों को लोकसंगीत की उस दुनिया में पहुंचा दिया जहां परंपरा, भावना और माटी एकाकार हो जाते हैं। सामूहिक कर्मा नृत्य के माध्यम से गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाले श्री तिवारी ने अपनी प्रस्तुति से लोकगायन की गरिमा को नए शिखर पर पहुंचाया।

चिन्हारी - द गर्ल बैंड ने बढ़ाई चमक

इसके बाद मंच पर आईं जयश्री नायर और मेघा ताम्रकार की ‘चिन्हारी - द गर्ल बैंड’ ने अपने ऊर्जावान प्रदर्शन से राज्योत्सव में नई ताजगी भर दी। उनकी गायकी में जहां लोकधुनों की आत्मा थी, वहीं संगीत संयोजन में आधुनिकता की झलक। बैंड की प्रस्तुति ने यह संदेश दिया कि परंपरा और नवाचार का संगम ही आज की नई पहचान है। दर्शकों ने तालियों और उत्साह से उनका स्वागत किया।
  सांस्कृतिक संध्या में बॉलीवुड के नामचीन गायक आदित्य नारायण ने सबके जुबां में रची बसी फेमस गीत- पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा.., पहला नशा.. पहला खुमार.., बिन तेरे सनम.., जो तुम न हो..,अपना बना लो पिया, केशरिया इश्क है तेरा, वादा रहा सनम..., ये काली-काली आँखे.., कोई मिल गया, मेरा दिल गया..., जाने जा.., मैं निकला गड्ड़ी लेके..की प्रस्तुति से माहौल को उल्लासमय बना दिया और खूब तालियां बटोरी।
   उनकी संवाद शैली, हाव-भाव और जीवंत अभिनय ने संगीत की गहराई को दर्शकों के सामने साकार कर दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में पद्मश्री डोमार सिंह कंवर की नाचा प्रस्तुति ने राज्योत्सव में ऊर्जा और उल्लास का वातावरण बना दिया। उनकी नाट्य शैली और छत्तीसगढ़ी हाव-भाव से सजी प्रस्तुति ने दर्शकों को लोककला की गहराई से जोड़ दिया। नाचा की पारंपरिक झलक और लोक संस्कृति की जीवंतता ने राज्योत्सव के मंच को अविस्मरणीय बना दिया।
  राज्योत्सव की यह संध्या छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति, संगीत और कलात्मक वैभव के साथ बॉलीवुड गीतों के आनंदमय प्रस्तुति राज्य के गौरवपूर्ण उत्सव बन गई। उपस्थित दर्शकों ने हर प्रस्तुति पर तालियों से अपनी प्रसन्नता जताई। यह सांस्कृतिक संध्या न केवल एक कार्यक्रम रही, बल्कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की सांस्कृतिक यात्रा का सजीव दस्तावेज बन गई, जहां हर गीत, हर नृत्य, और हर ताल में राज्य की समृद्ध कला और संस्कृति देखने को मिली।

रायपुर / शौर्यपथ /
  छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित राज्योत्सव के दूसरे दिन राज्यपाल श्री रमेन डेका मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होना हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। यह रजत जयंती वर्ष बीते हुए सफर को याद करने और भविष्य के लिए नए संकल्प लेने का अवसर है।
  राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2000 में जब छत्तीसगढ़ का गठन हुआ था, तब यह उम्मीदों और चुनौतियों से भरा राज्य था। पिछले पच्चीस वर्षों में राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, बिजली, सड़कों और संस्कृति सहित हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ एक युवा राज्य है, जिसने कम समय में अपनी प्रतिभा और क्षमताओं से देशभर में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।

श्री डेका ने ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी, तथा राज्य निर्माण का स्वप्न देखने और उसे साकार करने के लिए संघर्ष करने वाले सभी महापुरुषों को नमन किया।
  उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को बधाई देते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा जनकल्याण की दिशा में कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि, जनजातीय समाज, महिलाएं और युवा वर्ग सशक्त हो रहे हैं।
  राज्यपाल ने कहा कि बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ ने विकास की एक ठोस नींव रखी है। यहां की सांस्कृतिक पहचान, प्राकृतिक संपदा और मेहनती जनता इस राज्य की सबसे बड़ी पूंजी हैं। उन्होंने कहा कि विकास के साथ प्रकृति का संतुलन बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है।
 नक्सल समस्या पर  राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से छत्तीसगढ़ अब नक्सलमुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिन इलाकों में कभी डर और हिंसा थी, वहां आज सड़कों का निर्माण हो रहा है, स्कूल खुल रहे हैं और बच्चों के चेहरे में मुस्कुराहट है।
  राज्यपाल ने कहा कि हमारे किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं इस राज्य की असली ताकत हैं। उनकी मेहनत और संकल्प ही छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बनाएंगे। उन्होंने कहा कि रजत जयंती वर्ष में हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ सुशासन, विकास और भाईचारे का आदर्श राज्य बने। हम सब मिलकर अपने संसाधनों का संतुलित और बेहतर उपयोग करते हुए छत्तीसगढ़ को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करेंगे।
 राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ राज्योत्सव की  हार्दिक शुभकामनाएं दीं और प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
  स्वागत उद्बोधन संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सचिव डॉक्टर रोहित यादव ने दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की 25 वर्षों की विकास यात्रा को रेखांकित करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को राज्योत्सव में आकर विकास प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाने का आग्रह किया । आभार प्रदर्शन संचालक श्री विवेक आचार्य ने किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने समारोह में प्रस्तुति देने वाले  गायक श्री आदित्य नारायण, पद्मश्री डोमार सिंह सहित अन्य कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
 कार्यक्रम में राज्य की  प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी, साहित्य अकादमी संस्कृति परिषद के अध्यक्ष शशांक शर्मा, फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन सहित दर्शक गण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

   रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग की प्रदर्शनी में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सीताफल से पल्प और आइसक्रीम तैयार करने का प्रशिक्षण और आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
  महात्मा गाँधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय दुर्ग के डीन डॉ. नारायण साहू ने बताया कि सीताफल के पल्प से आईसक्रीम निर्माण के जरिए अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है। विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किया गया सीताफल के पल्प से आईसक्रीम निर्माण का प्रोजेक्ट एक ‘मॉडल प्रोजेक्ट’ बन गया है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है। इस तरह के प्रशिक्षण से महिलाएं केवल रोजगार नहीं, बल्कि अपनी रचनात्मकता को पहचान रही हैं।
       प्रशिक्षण में शामिल छात्राओं और महिलाओं ने बताया कि सीताफल के पल्प का उपयोग आइसक्रीम, जूस बनाने में किया जाता है। इसके बनाने की लागत बेहद कम और मुनाफा अधिक है। महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा दीक्षा महंत ने कहा कि हमने सीताफल से पल्प और आइसक्रीम बनाना सीखा, अब इसे घर से छोटे व्यवसाय के रूप में आगे बढ़ाएंगे। वहीं, रश्मि बंजारे ने कहा कि खाद्य संरक्षण के माध्यम से सीताफल से आइसक्रीम घरेलू मुनाफे का अच्छा स्त्रोत है। यह प्रशिक्षण हमारे आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम है। डीन डॉ. नारायण साहू ने बताया कि हमारा लक्ष्य केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं, बल्कि महाविद्यालयों के छात्राओं के साथ-साथ क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस तरह के प्रयास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देंगे।

जल संरक्षण में छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी
प्रदेश की जल परियोजनाओं के जीवंत मॉडल आकर्षण का केन्द्र

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अंतर्गत नवा रायपुर में लगाई गई जल संसाधन विभाग की प्रदर्शनी में राज्य में सिंचाई क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाया गया है। राज्य में सिंचाई क्षमता 13.28 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 21.76 लाख हेक्टेयर हो गई है। इस अवधि में सिंचाई क्षमता में 8.48 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
  जल संसाधन विभाग की प्रदर्शनी में सिंचाई क्षमता में वृद्धि को आकर्षक मॉडल के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। इसको देखने के लिए युवाओं, महिलाओं और ग्रामीणों की भीड़ उमड़ रही है। डोम में लगाए गए प्रदेश के नक्शे मॉडल में प्रमुख सिंचाई योजनाओं, नहर तंत्र और जलाशयों को इंटरएक्टिव रूप में दिखाया गया है, जिससे आगंतुक आसानी से परियोजनाओं की संरचना और इसके लाभ को समझ पा रहे हैं।
  प्रदर्शनी में विशेष रूप से अटल सिंचाई योजना और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के मॉडल लगाए गए हैं। साथ ही जशपुर जिले की मैनी नदी पर प्रस्तावित सौर चालित बगिया दाबित सिंचाई परियोजना, खारंग जलाशय की पाराघाट व्यपवर्तन योजना, बिलासपुर जिले की छपराटोला फीडर जलाशय योजना, तथा महानदी पर प्रस्तावित मोहमेला सिरपुर बैराज को आकर्षक मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ ही राज्य की प्रस्तावित परियोजनाओं के रूप में सिकासार-कोडार लिंक परियोजना, बोधघाट बहुउद्देशीय बांध परियोजना, तथा इंद्रावती-महानदी रिवर इंटरलिंकिंग परियोजना को भी जीवंत मॉडल के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है, जिससे दर्शकों को जल संसाधन के क्षेत्र में राज्य की भावी योजनाओं की झलक मिल रही है।
  छत्तीसगढ़ में निर्माण के समय राज्य में केवल 3 वृहद परियोजनाएँ, 29 मध्यम परियोजनाएँ और 1945 लघु सिंचाई योजनाएँ संचालित थीं। 25 वर्षों में इनकी संख्या बढ़कर 8 वृहद, 38 मध्यम और 2514 लघु योजनाएँ हो गई हैं। राज्य में सिंचाई क्षमता 13.28 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 21.76 लाख हेक्टेयर हो गई है। यानी सिंचाई क्षमता में 8.48 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है, जो कि 61 प्रतिशत है। इसी प्रकार सिंचाई का प्रतिशत 23.28 प्रतिशत से बढ़कर 38.15 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2000 में जहाँ नहरों की कुल लंबाई 14,381 किलोमीटर थी, वहीं अब यह बढ़कर 19,371 किलोमीटर हो गई है। कुल नहरों की संख्या 3,993 से बढ़कर 5,458 हो गई है।  

जल संरक्षण में छत्तीसगढ़ का देश में परचम -
  छत्तीसगढ़ ने 4 लाख 05 हजार 563 जल संरक्षण कार्यों के साथ देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। जल संचय-जन भागीदारी 1.0 कार्यक्रम के अंतर्गत रायपुर नगर निगम ने 33,082 जल संरक्षण कार्य पूर्ण कर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि के लिए रायपुर नगर निगम को 2 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि से सम्मानित किया जाएगा। इसी प्रकार बालोद और राजनांदगांव जिलों को भी अपनी श्रेणी में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 2-2 करोड़ रुपये का पुरस्कार प्राप्त होगा। साथ ही महासमुंद, बलौदाबाजार, गरियाबंद, बिलासपुर, रायगढ़, धमतरी, सूरजपुर और दुर्ग जिलों को भी राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त हुआ है। ये उपलब्धियाँ प्रदेश की जनभागीदारी आधारित जल संरक्षण नीति की सफलता को प्रमाणित करती हैं।

  रायपुर / शौर्यपथ / नवा रायपुर के राज्योत्सव मैदान में छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित “छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव 2025” में जनसंपर्क विभाग की भव्य डिजिटल प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। 01 नवंबर को देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन के  बाद से प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
  आगंतुकों ने प्रदर्शनी को देखकर अपनी उत्सुकता  साझा किया। रायपुर के श्री  उकेश्वर पटेल ने कहा- राज्य की 25 वर्षों की यात्रा को इतनी आधुनिक और भावनात्मक प्रस्तुति में देखना गर्व की बात है। पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न श्रद्धेय अटल जी से लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 11 वर्षों तक की विकास गाथा को डिजिटल माध्यम में शानदार ढंग से दिखाया गया है।
  जनसंपर्क विभाग द्वारा तैयार यह प्रदर्शनी अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों पर आधारित है। यहां वॉल्यूमेट्रिक और गतिशील एलईडी तकनीक, क्यूआर कोड आधारित जानकारी, डिजिटल कियोस्क और टच पॉइंट्स जैसी आधुनिक सुविधाओं के माध्यम से योजनाओं और उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है।
  प्रदर्शनी में फ्लैगशिप योजना प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना, किसान सम्मान निधि, और पर्यटन विकास जैसी योजनाओं को आकर्षक डिजिटल डिस्प्ले के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।बस्तर क्षेत्र की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक यात्रा को 360-डिग्री प्रोजेक्शन और साउंड इफेक्ट्स के साथ दिखाया गया है।   
  प्रदर्शनी देखने बालोद जिले के दल्लीराजहरा से आए शंकर प्रसाद ने कहा, “प्रदर्शनी में हमारे क्षेत्र की नई पहचान को देखकर बहुत खुशी हुई। विशेष रूप से भारत रत्न श्रीअटल जी के राज्य निर्माण में किए गए ऐतिहासिक योगदान को जिस तरह प्रदर्शित किया गया है, वह अत्यंत प्रेरणादायक है। ऑडियो हेडफोन के माध्यम से उनके ओजस्वी भाषणों को सुनना एक अविस्मरणीय अनुभव रहा।”
कुशाभाऊ  ठाकरे से आई छात्रा नम्रता महिलांग  ने कहा कि- डिजिटल वॉल और 360 डिग्री प्रोजेक्शन देखकर लगा जैसे हम इतिहास को जी रहे हों। बस्तर की यात्रा वाला सेक्शन बहुत प्रभावशाली था।
  राज्य के भविष्य की झलक दिखाते “डिजिटल छत्तीसगढ़ 2047 सेक्शन को देखकर आगंतुक विशेष रूप से प्रभावित हो रहे हैं। छात्रा गुलेश पाल ने कहा- 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की जो झलक यहां दिखाई गई है, वह सचमुच प्रेरणादायक है। यह प्रदर्शनी परंपरा और तकनीक का सुंदर संगम है।

- राज्योत्सव में विभिन्न विभागों के स्टॉल में जनमानस को शासन की जनहितकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की मिल रही जानकारी

    राजनांदगांव / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सर्वेश्वरदास नगर पालिक निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (म्यूनिसिपल स्कूल मैदान) राजनांदगांव में राज्योत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित विभागीय स्टॉल एवं प्रदर्शनी का अवलोकन किया। राज्योत्सव के अवसर पर जनसंपर्क विभाग के स्टॉल में शासन की लोकहितकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही छत्तीसगढ़ जनमन पत्रिका, छत्तीसगढ़ में सुशासन के लिए नवाचार ब्रोसर, विकसित भारत की ओर बढ़ते कदम, छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव पत्रिका का नि:शुल्क वितरण किया गया। जनसंपर्क विभाग की फोटो प्रदर्शनी में शासन तथा जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों को प्रदर्शित किया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टॉल में पोट्ठ लईका पहल के संबंध में जानकारी देते हुए बच्चों के सुपोषण के संबंध में जागरूक किया गया। पौष्टिक एवं मिलेट्स व्यंजन तथा स्थानीय भाजियों, तिरंगा भोजन पौष्टिक आहार की प्रदर्शनी लगाकर जानकारी प्रदान की जा रही है। जनमानस को बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के संबंध में बताया जा रहा है। कृषि विभाग के स्टॉल में रबी फसल चक्र परिवर्तन अंतर्गत धान के बदले कम पानी की आवश्यकता वाले फसलों को बढ़ावा देने के संबंध में जानकारी दी गई। महिला स्वसहायता समूह के उत्पादों रागी, कोदो, तेलघानी का सरसो तेल, जैविक चावल, बिक्री के लिए उपलब्ध रहे। वही कृषक पाठशाला में किसानों को शासन की विभिन्न लोकहितैषी योजनाओं की जानकारी दी गई। चना फसल की उन्नत उत्पादन तकनीक, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मक्का की उन्नत उत्पादन तकनीक, जैविक खेती से अवगत कराया गया। कृषि कार्य के प्रमुख यंत्र के संबंध में बताया गया। उद्यानिकी विभाग के स्टॉल में गेंदा की खेती, शिमला मिर्च, केला, पपीता, बैगन, टमाटर एवं अन्य उद्यानिकी फसलों के संबंध में जानकारी दी गई। इस अवसर पर किसानों को फसल चक्र परिवर्तन के लिए प्रेरित किया गया।
   शिक्षा विभाग के स्टॉल में चंद्रयान-3 का मॉडल, पर्यावरण में मिथेन गैस पर आधारित विषैली एवं प्रदूषित गैस को अवशोषित कर दूर करने का मॉडल प्रदर्शित किया गया तथा स्कूली बच्चों के लिए शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के स्टॉल में चिला, फरा, चौसेला, अईरसा, ठेठरी खुर्मी जैसे व्यंजन उपलब्ध है। सीएसईबी के स्टॉल में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के संबंध में जानकारी दी जा रही है और लोगों को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पुलिस विभाग के स्टॉल में साइबर जागरूकता, सड़क सुरक्षा, नवा विहान की जानकारी दी जा रही है  तथा विभिन्न शस्त्रों का प्रदर्शन किया गया है। परिवहन विभाग के स्टॉल में लर्निंग लायसेंस बनाने तथा हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट संबंधी कार्य किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के स्टॉल में आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान, राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन कार्यक्रम, हाई रिस्क प्रेेग्नेंसी मातृत्व कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी जा रही है तथा शुगर एवं बीपी जांच की जा रही है।
  समाज कल्याण विभाग के स्टॉल में दिव्यांग बच्चों के कौशल विकास के लिए हैण्ड्रीक्राफ्ट गतिविधियां तथा शासन की योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है। क्रेडा विभाग के स्टॉल में सौर सुजला योजना, सोलर डूवल पंप, सोलर पावर प्लांट, सोलर हाई मस्ट, सोलर स्टील लाईट, बायो गैस सहित अन्य जानकारी दी जा रही है। आदिम जाति कल्याण विभाग के स्टॉल में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अलपसंख्यक वर्ग के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं, प्रयास आवासीय विद्यालय सहित अन्य योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। पशुधन विभाग के स्टॉल में गौधाम योजना के बारे में बताया जा रहा है। इसी तरह सीआरसी, वन विभाग, स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग, विधिक सहायता, नगरीय निकाय, उद्योग विभाग, जल संसाधन विभाग, पीएचई विभाग, रेशम विभाग, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, खाद्य विभाग, मत्स्य विभाग द्वारा स्टॉल लगाकर विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी जा रही है।

दुर्ग। शौर्यपथ।

जिले में लगातार बढ़ रही चाकूबाजी की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए दुर्ग पुलिस ने अवैध हथियार रखने और सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल (भा.पु.से.) के निर्देश पर जिले भर में विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत ऑनलाईन माध्यमों से अवैध चाकू और अन्य घातक हथियार मंगाने वालों पर नकेल कसी जा रही है।

इस अभियान के दौरान एसीसीयू (Anti Cyber Crime Unit) और पुलिस थानों की संयुक्त टीमों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक पर निगरानी रखते हुए उन एकाउंट्स की पहचान की, जहां से अवैध हथियारों के साथ फोटो पोस्ट की गई थी। इन पर तस्दीक कर तथ्यात्मक कार्यवाही की गई है।

पिछले चार दिनों में तकनीकी सेल द्वारा कई संदिग्ध सोशल मीडिया एकाउंट्स की जांच की गई, जिसमें से 02 व्यक्तियों के खिलाफ थाना कोतवाली दुर्ग में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया, वहीं थाना छावनी क्षेत्र में 12 अवैध हथियार जप्त किए गए। जिन व्यक्तियों के पास हथियार नहीं मिले, उनके विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है।

खास बात यह रही कि कई नाबालिगों द्वारा इंस्टाग्राम पर अवैध हथियारों के साथ फोटो अपलोड किए जाने के मामले भी सामने आए। पुलिस ने उनके पालकों को बुलाकर समझाईश दी और पोस्ट हटवाए, ताकि भविष्य में ऐसी प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाया जा सके।

पुलिस ने सभी पालकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों के मोबाइल उपयोग और सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखें, जिससे किसी अनहोनी या आपराधिक गतिविधि को रोका जा सके।

साथ ही दुर्ग पुलिस ने ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट और मीशो कंपनियों से भी अनुरोध किया है कि वे इस प्रकार के घातक हथियारों की डिलीवरी से पहले एक्स-रे मशीन से जांच कर सत्यापन करें, और यदि कोई सामग्री संदिग्ध लगे तो डिलीवरी से पूर्व संबंधित थाना प्रभारी को सूचित करें।

इसके अलावा, टीम ने जेल से रिहा पूर्व आदतन चाकूबाज अपराधियों की गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखी है और लगभग 300 लोगों को समझाईश देते हुए अवैध चाकू-तलवार की खरीदारी से बचने की सलाह दी है।

दुर्ग पुलिस की यह सख्त और तकनीकी रूप से सटीक कार्यवाही न केवल अपराध पर रोकथाम की दिशा में अहम कदम है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि डिजिटल युग में भी कानून की निगाह हर जगह मौजूद है। 

 

   दुर्ग। शौर्यपथ। एस आर हॉस्पिटल एंड कॉलेज चिखली दुर्ग छग के चेयरमेन व समाज सेवी संजय तिवारी को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उन्हें सनातन धर्म परिषद् न्यास की शाखा सनातन धर्म गौ रक्षा वाहिनी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सनातन धर्म परिषद् न्यास के अध्यक्ष अवध बिहारी दास ने उन्हें यह महत्तवपूर्ण जिम्मेदारी प्रदान की है। 

यह बता दें कि संजय तिवारी द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया जाता रहा है। मानव सेवा के साथ वे गौ सेवा व गौवंश रक्षा के कार्य से भी लंबे समय से जुड़े हैं एवं स्वर्गीय सुधाकर तिवारी मेमोरियल गौशाला का संचालन करते हुए गौ माता की सेवा व गौवंश की रक्षा करते है एवं सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

   एस आर हॉस्पिटल एंड कॉलेज के माध्यम से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित कर रहे है । उनकी इन्ही प्रयासों व नेक कार्यों को देखते हुए सनातन धर्म परिषद् न्यास ने उन्हें सनातन धर्म गौ रक्षा वाहिनी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है। सनातन धर्म परिषद् न्यास के अध्यक्ष अवध बिहारी दास ने संजय तिवारी को इस जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं व बधाई दी। उनकी नियुक्ति पर दुर्ग भिलाई के गौ सेवको व सनातनियों में हर्ष व खुशी का माहौल है।

गौरक्षक वाहिनी" से तात्पर्य ऐसी वाहिनी या समूहों से है जो गायों और गोवंश की रक्षा के लिए काम करते हैं। इन समूहों के सदस्य अवैध बूचड़खानों से गायों को बचाने, पशु तस्करों पर नज़र रखने और गौवंश के संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाने जैसे कार्य करते हैं। वे अक्सर कानून के तहत उचित कार्रवाई के लिए पुलिस को सूचना देते हैं या खुद ही वाहनों को रोकते हैं। 

गौरक्षक वाहिनी का कार्य: ये समूह अवैध रूप से वध के लिए ले जाई जा रही गायों को बचाने का काम करते हैं, जिसके लिए वे राजमार्गों पर गश्त करते हैं और वाहनों की तलाशी लेते हैं।

कानूनी और जागरूकता अभियान: ये संगठन गौवंश की रक्षा के लिए बेहतर कानूनों की वकालत करते हैं और पशु माफियाओं के खिलाफ कड़े कानून बनाने की मांग करते हैं। वे जनजागरूकता के लिए रैलियां और मार्च भी निकालते हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व: "गौरक्षक" शब्द का अर्थ 'गौमाता के रक्षक' है, और भारत में गायों को पवित्र माना जाता है। इन संगठनों का उद्देश्य भारत की गौ संस्कृति और विरासत को संरक्षित रखना है।

संगठनात्मक संरचना: कई संगठन जैसे राष्ट्रीय गौ संरक्षक दल हैं, जो एक स्वयंसेवी संगठन के रूप में काम करते हैं और अपने नेतृत्व के अधीन कार्य करते हैं। 

Page 3 of 2174

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)