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दुर्ग / शौर्यपथ / नगर के साक्षरता चौक से लगे शास्त्री नगर की निवासी एक कोरोना संक्रमित मरीज ने आज एम्स मे दम तोड़ दिया। उसे सिर पर गंभीर चोट के चलते एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी दौरान 7 जून को जांच में उसके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी । जिसकी आज सुबह मौत हो गई। शहर में एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत से सनसनी फैल गई। हालांकि इस ताजे मामले मे मौत की असल वजह मरीज के सिर पर लगी गंभीर चोट को माना गया है। लेकिन मृतक के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि से जिला स्वास्थ्य और नगर निगम प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया।
मिली जानकारी के अनुसार शास्त्री कालोनी निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति 3 जून को अपने घर के छत की पानी टंकी को साफ करने सीढ़ी लगाकर ऊपर चढ़ा था। इसी दौरान अनियंत्रित होकर सीढ़ी से गिर जाने पर उसके सिर पर गंभीर चोट लग गई। परिजन उसे घर के नजदीक बीएम शाह अस्पताल ले गए। कुछ देर बाद मरीज को किसी बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह दे दी गई। आनन-फानन में परिजन उसे सेक्टर-9 अस्पताल ले गए। लेकिन यहां पर भी चिकित्सकों ने मरीज को देखते हुए हाथ खड़े कर दिए। परिजन फिर उसे भिलाई-3 के सनशाइन अस्पताल ले गए।
यहां पर मरीज को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। लेकिन 5 जून को सनशाइन अस्पताल के चिकित्सको ने एम्स ले जाने की सलाह दे दी। परिजनों ने मरीज को एम्स में भर्ती करा दिया गया। यहां बेड नंबर 10 में उस मरीज को रखा गया। 7 जून को कोरोना जांच के लिए मरीज का ब्लड सेंपल लिया गया। इसमें मरीज के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो गई। आखिरकार आज सुबह मरीज ने दम तोड़ दिया।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग जिला कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने भिलाई निगम क्षेत्र में जारी विकास कार्यों को लेकर बैठक ली। स्वीकृति हो चुके अप्रारंभ कार्यों को शीघ्र शुरू करने एवं प्रगतिरत कार्य को गुणवत्तापूर्वक करते हुए शीघ्र ही पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव एवं आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी उपस्थित रहे! भिलाई क्षेत्र के मुख्य सड़कों के किनारे पौधे रोपित करने के निर्देश दिए! कलेक्टर महोदय ने आज महापौर एवं विधायक देवेन्द्र यादव व निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी की उपस्थिति में निगम के अधिकारियों की बैठक ली!
उन्होंने निगम के जोन आयुक्त को डेंगू, पीलिया एवं निर्माण कार्यों को लेकर अपने-अपने क्षेत्र का सघन रूप से वार्ड वार दौरा करने के निर्देश दिए! बारिश पूर्व नालियों की सफाई व साधारण मरम्मत योग्य नाली को ठीक करवाने कहा तथा बड़े नालों की बारिश पूर्व सफाई कराने के निर्देश दिए! जल कार्य की समीक्षा करते हुए उन्होंने अमृत मिशन फेस 2 के तहत हो रहे कार्य की जानकारी प्राप्त की ! जिलाधीश ने सभी जोन आयुक्तों व अभियंताओं से विकास कार्यों की जानकारी लेते हुए समीक्षा की!
महापौर यादव ने खुर्सीपार में बन रहे तालाब तथा निगम क्षेत्र में बन रहे दो इंग्लिश मिडियम स्कूल से कलेक्टर को अवगत कराया! जिस पर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्धारित समय मे तलाब एवं इंग्लिश मीडियम स्कूल के कार्य पूर्ण करने कहा। प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा करते हुए प्रभावितों को जल्द ही उन्हें एलॉट हुए आवासों में शिफ्ट करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में निगम के अधीक्षण अभियंता आरके साहू एवं सत्येंद्र सिंह, उपायुक्त अशोक द्विवेदी एवं तरूण पाल लहरे, जोन आयुक्त, स्वास्थ्य अधिकारी एवं विभाग प्रमुख उपस्थित थे।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि मास्क लगाने से, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से तथा अन्य एहतियात बरतने से कोरोना संक्रमण की आशंका नहीं रहेगी। कलेक्टर ने इस संबंध में वीडियो संदेश के माध्यम से नागरिकों से यह आग्रह किया। कलेक्टर ने कहा कि पिछले तीन दिनों में कोरोना संक्रमण के अधिक मामले हैं। अभी व्यावसायिक संस्थाएं भी आरंभ हो गई हैं। इसके चलते अभी सतर्कता बरतना बेहद आवश्यक है। कलेक्टर ने नागरिकों से आग्रह किया कि कोरोना संक्रमण को रोकने सुरक्षात्मक उपाय अमल में लाएं। भीड़भाड़ वाली जगहों में न जाएं। अनावश्यक कार्य से बाहर न निकलें। घर में बुजुर्ग एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखें। क्वारंटीन में रहने वाले लोगों को इसके नियम का पालन पूरी तरह अनिवार्य है।
जिले में यह पाया गया कि कुछ लोगों द्वारा होम क्वारंटीन के नियमों का पालन नहीं किया गया। उन पर पुलिस कार्रवाई दर्ज की गई है। कलेक्टर ने कहा कि नागरिकों के सहयोग से कोरोना की जंग जीतेंगे। जिले के फेसबुक और ट्विटर एकाउंट से भी उनका संदेश जारी किया गया है।
दुर्ग / शौर्यपथ / निगम के स्वास्थ्य विभाग अमला प्रत्येक वार्डो के सघन बस्तियों और संकरी गलियों से ढूंढ-ढूंढ कर नालियों से कचरा बाहर निकाल रहे हैं। साथ ही नालियों की तल से सफाई की जा रही है। महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त इंद्रजीत बर्मन के दिशा निर्देश पर स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता के नेतृत्व में बडे नालों में 15 से 20 लेबरों का गैंग लगाकर भी नाला से मलमा और कचरा निकाला जा रहा है। इस दिशा में आज निगम स्वास्थ्य विभाग का अमला अनेक वार्डो के 62 स्थानों पर छोटी और बडी नालियों से कचरा मलमा निकालकर सफाई किये। साथ ही विवेकानंद नगर पोटिया नाला और शंकर नाला के टेल एरिया में गैंग लगाकर नाला से कचरा मलमा निकाला गया।
उल्लेखनीय है कि महापौर एवं आयुक्त के निर्देशानुसार बारिश के पूर्व सभी वार्डो के छोटी और ब?ी नालियों से कचरा निकालकर सफाई करायी जा रही है।
इस संबंध में आयुक्त बर्मन ने बताया कि आमदीमंदिर वार्ड, रामदेव मंदिर वार्ड, चण्डीमंदिर वार्ड, तकियापारा, आजाद वार्ड, कचहरी वार्ड, बोरसी वार्ड 52, स्टेशन पारा वार्ड, मीलपारा, मोहन नगर वार्ड, गंजपारा वार्ड, मोहन नगर वार्ड 13, औद्योगिक नगर वार्ड 17,-18, कसारीडीह वार्ड 42, मरार पारा, नयापारा वार्ड, शहीद भगति सिंह वार्ड 19, बैगापरा वार्ड, संतराबाडी वार्ड, सुराना कालेज वार्ड, गयानगर वार्ड 4, मठपारा वार्ड 3, पुलगांव वार्ड, सिकोला बस्ती वार्ड 16, आदित्य नगर वार्ड 20, अस्पतला वार्ड, पचरीपारा वार्ड, करहीडीह वार्ड, पदमनाभपुर वार्ड 46, सिकोला भाठा वार्ड, पदमनाभपुर वार्ड 45, न्यूपुलिस लाईन वार्ड 48, शिवपारा वार्ड, कसारीडीह वार्ड 43, शंकर नगरवार्ड 11, केलाबाडी वार्ड 41, दीपक नगर वार्ड, आपापुरा वार्ड, रायपुर नाका वार्ड 47, कातुलबार्ड वार्ड 59-60, बोरसी वार्ड 50-51, उरला वार्ड 57, तितुरडीह वार्ड 21, गुरुघासीपदास वार्ड 44, पोटियाकला वाड 54, राजीव नगर वार्ड, गिरधारी नगर वार्ड, आदि वार्डो के बस्तियों की छोटी और बडी नालियों में लोगों के द्वारा फेके गये कचरों आज निकाला गया ।
वहीं बारिश को ध्यान में रखते हुये नाला नाली से पानी निकासी सुगमता से हो सके इसलिए प्रत्येक वार्डो के बस्तियों के अंदरों की छोटी से छोटी और ब?ी से बडी नालियों में पडेे कचरे को निकाला गया । उन्होनें बताया कचरों को निकाल कर तत्काल आटो वाहन से उठाया भी गया ।
उन्होनें बताया बारिश के दौरान छोटी नालियों से होकर जाने वाली बरसाती पानी के कारण नाली जाम होने पर बस्तियों में जल भराव की स्थिति निर्मित होती है इसे ध्यान में रखते हुये ब?े नालों का भी सफाई निरंतर करायी जा रही है। इस कडी में आज उरला शंकर नगर से लेकर उरला टेल तक गैंग लगाकर नाला की सफाई करायी गयी वहीं पोटिया नाला में भी गैंग लगाकर नाला से कचरा मलमा निकाला गया ।
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनिर्बान दास-गुप्ता ने संयंत्र व माइंस के सभी कार्मिकों हेतु अवकाश लेने के ऑनलाइन लीव एप्लीकेशन सिस्टम (ओलाम) का किया उद्घाटन। इस अवसर पर संयंत्र के कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन एस के दुबे तथा सी एंड आईटी के मुख्य महाप्रबंधक पी के झा विशेष रूप से उपस्थित थे। उप महाप्रबंधक सर्वाणि दास ने इस प्रणाली पर प्रस्तुतीकरण दिया।
संयंत्र के सीईओ ने की प्रशंसा
इस प्रणाली का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि एवं संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनिर्बान दासगुुप्ता ने कार्मिक विभाग एवं सी एंड आईटी विभाग के इस संयुक्त प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना के संकटकाल में भी इस टीम ने सराहनीय कार्य किया है। ऑनलाइन लीव एप्लीकेशन सिस्टम समय की माँग है। इससे हमारे संयंत्र व माइंस के कार्मिक लाभान्वित होंगे।
इस उद्घाटन समारोह में संयंत्र के अन्य कार्यपालक निदेशका व मुख्य महाप्रबंधक ा वेब के माध्यम से शामिल हुए। इसके अतिरिक्त समारोह में कार्मिक विभाग से उप महाप्रबंधक कार्मिक-रूल्स, एचआरआईएस एंड सीआर श्रीमती अनुराधा सिंह, प्रबंधक तुषार रॉयचौधरी, उप प्रबंधक (कार्मिक) सुश्री निशा बाउल तथा सी एंड आई विभाग से महाप्रबंधक द्वय श्रीमती सोनाली मुखर्जी, त्रिवेन्द्र कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे।
अवकाश आवेदन की प्रक्रिया हुई सरल
विदित हो कि प्रारंभ में अवकाश लेने के ऑनलाईन लीव एप्लीकेशन सिस्टम नॉन वक्र्स एरिया में शुरू की गई थी। विशेष रूप से इसे अधिकारियों हेतु प्रारंभ किया गया। इस ऑनलाईन प्रणाली की सफलता को देखते हुए इसे नॉन वक्र्स कार्मिकों के लिए लगूू किया गया। अब इसका दायरा बढ़ाते हुए इसे संयंत्र व माइंस के सभी कार्मिकों के लिए भी लागू कर दिया गया है। इस ऑनलाईन प्रणाली से कार्मिकों को अवकाश आवेदन देने तथा उसकी स्वीकृति की प्रक्रिया को शीघ्र सम्पन्न करने में मदद मिलेगी। लीव बुक की जरूरत समाप्त होने से ला-त के साथ पर्यावरण बचाने में भी सहायता प्राप्त हो-ी।
दुर्ग / शौर्यपथ / श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में 21 जून को 6 वां अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जायेगा। वैसे तो योग दिवस पूरे विश्व भर में मनाया जाने वाला बृहद कार्यक्रम है जिसे पूरे विश्व मे विभिन्न संस्थानों द्वारा इसे अपने-अपने प्रांगणों पर एक स्थान पर एकत्र होकर योग का अभ्यास करके मनाया जाता जाता है परन्तू इस वर्ष वैश्विक कोविड-19 महामारी के संकट के कारण अंतराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का स्वरूप पूर्णत: बदल गया है इस बार पतंजलि युवा भारत छत्तीसगढ़ व छत्तीसगढ़ योग एसोसिएशन ने एक बड़ी पहल की है 21 जून अंतराष्ट्रीय योग दिवस के प्रोटोकॉल ट्रेनिंग को छत्तीसगढ़ में पूरी तरह ऑनलाइन डिजिटल विडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से करने वाली पहली संस्था बन गयी है।
इसी तारतम्य में पतंजलि युवा भारत छत्तीसगढ़ व छत्तीसगढ़ योग एसोसिएशन के द्वारा श्री शंकराचार्य कॉलेज दुर्ग के प्राचार्या डॉ. श्रीमती रक्षा सिंह के साथ एक हस्ताक्षर किया गया जिसमें 21 जून अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस के प्रोटोकॉल की ट्रेनिंग लगातार 15 दिनों तक ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दी जाएगी। जिसमे लगभग 200 प्रशिक्षणार्थी शामिल होने वाले है। शिविर के आखिरी दिन (21 जून) प्रयास किया जायेगा कि हजारो की संख्या में लोग अपने घरों से योगासन करते हुए जुडे।
पतंजलि युवा भारत छत्तीसगढ़ व छत्तीसगढ़ योग एसोसिएशन के पास लगभग 7000 स्किल्ड योग ट्रेनर है जो पूर्ण रूप से योग में पारंगत है जो योग ट्रेनिंग दे सकते हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय व अशासकीय संस्थानों जैसे विश्वद्यिालय, कॉलेज, बीएसफ, सेना, एनएसएस, आईटीबीपी, नगर सेना, पुलिस, नगर निगम, नगर पालिका सहित समस्त संस्थानों को हम आमंत्रित करते हैं कि वो सभी अपने संस्थानो पर इसी तरह अंतरास्ट्रीय योग दिवस हेतु ऑनलाइन विडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से योग प्रोटोकॉल ट्रेनिंग आयोजित कराएं इसके लिए आप सभी हमसे संपर्क कर सकते हैं।
पतंञ्जलि युवा भारत के राज्य प्रभारी आदरणीय श्री जयन्त भारती जी ने पूर्व में 12जनवरी 2017 को भिलाई में सूर्य नमस्कार का विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं छत्तीसगढ़ योग एसोसिएशन के Óराज्यप्रभारी श्री शैलेंद्र विशी जी कृतसंकल्पित हैं कि प्रदेश के समस्त योग से शिक्षा प्राप्त योग साधकों को स्वावलम्बन से जोड़ रोजगार के क्षेत्र में एक स्वावलंबी भारत का निर्माण कर सकें।
आज ई-प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस पर छत्तीसगढ़ योग सुश्री पुर्वी वर्मा (राज्यकार्यकरणी सदस्य व योग टैऊनर छ.ग.योग एसोसिएशन) ने 1.30 घंटे तक योगाभ्यास कराया जिसमें उन्होने उष्ट्रासन, पादहस्तासन जैसे महत्वपूर्ण और शरीरोपयोगी आसनों का अभ्यास कराया और प्राणायाम की महत्ता बताते हुए कपाल भाती और अनुलोम-विलोम को विस्तारित करते हुए अभ्यास कराया। इस शिविर का लाभ प्रशिक्षाणार्थियों को गुगल मिट के माध्यम से प्राप्त हुआ। महाविद्यालय इस प्रकार के तकनीको का प्रयोग कर प्रशिक्षाणार्थियों को लाभ पहुचाने हेतु अग्रसर है। अंत में मिस अदा इंडियन क्लासिक और सिटी क्विन (2018) दीपा मेश्राम ने योग को महत्वपूर्ण बताते हुए की योग व ध्यान की वजह से ही वह खुद को शारिरीक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रख पाती है। जो शारिरीक सौदर्य और स्वास्थ्य को बनाये रखने में मददगार साबित होता है।
दुर्ग / शौर्यपथ / भारतीय बौद्ध महासभा शाखा दुर्ग छ ग ने अयोध्या स्थित राम जन्म भूमि में निर्माणाधीन मंदिर स्थल में समतलीकरण एवं खुदाई के दौरान तथागत बुद्ध के अवशेष लगातार मिल रहे हैं। वास्तव में ये नगरी कौशल जनपद बौद्ध कालिन साकेत है जहाँ दो हजार वर्ष पूर्व बौद्धों का शासन था चक्रवर्ती सम्राट अशोक के समय में बावरी नामक प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु के नाम से विहार बनवाया गया था । ये विरासत न तो मुसलमानों के है और न ही हिन्दुओं के है ये विरासत बौद्धों की है इसके लिए बौद्धों के द्वारा अपना पक्ष रखा गया था, परन्तु बौद्धों की बात नहीं सुनी गई जबकि अभी समतलीकरण एवं खुदाई में बौद्ध कालिन पुरातात्विक अवशेष एवं तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमाये चक्र, कमल पुष्प स्तंभ इत्यादि मिल रहें हैं जो इस बात के साक्षी है की ये जो स्थल है वो बौद्ध कालिन है इन स्थलों को सुरक्षित रखने के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग एवं उत्तर प्रदेश सरकार को संरक्षित रखने के लिए भारतीय बौद्ध महासभा दुर्ग ने कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर उक्त स्थल एवं मिले अवशेषों को भारतीय पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित किया जाए। ज्ञापन सौंपने वालो में राष्ट्रीय सदस्य आयु एस आर कानडे राज्य उपाध्यक्ष संजय शेनदरे, जिला अध्यक्ष सी के डोंगरे, सी एल देवदास, आशीष सूर्यवंशी ,रामाराव ढोक, महासचिव जितेन्द्र मेश्राम एवं कोचे जी उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / जैन समाज के गौरव समाजसेवी श्री अनूप चंद कोठारी (जैन) का दुःखद निधन हो गया। देह दान की इच्छा के अनुरूप उनका पार्थिव शरीर परिजनों द्वारा आज 08 जून को मेकाहारा रायपुर में दान किया गया।
मानव समाज के लिए समर्पित छत्तीसगढ़ के प्रथम माइनिंग व्यवसायी व समाज सेवी श्री अनूपचंद कोठारी (जैन) का निधन प्रदेश व राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। राजनांदगांव के छोटे से गांव कुसुम कसा से अपनी जीवन यात्रा प्रारंभ करने वाले स्व. श्री अनूप चंद कोठारी (जैन) का समाज को समर्पित जीवन राजनांदगांव जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ के अध्यक्ष के रूप में शुरू हुआ था।
इस दौरान उन्होंने भव्य जैन बगीचा (दादाबाड़ी) निर्माण के कार्य को चुनौती के साथ पूर्ण किया। जिसका उद्घाटन तत्कालीन मुंख्यमंत्री श्री विरेंद्र कुमार सखलेचा द्वारा 16 मई 1979 को किया गया। तत्पश्चात वे निरंतर 63 वर्षों से समाज सेवा के कार्यों में लगे रहे तथा मृत्यु उपरांत भी अपनी देह दान कर समाज के सामने एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश कर के गए हैं।
समाज को समर्पित उनका संपूर्ण जीवन निःस्वार्थ रहा। धर्मशालाओं के निर्माण में योगदान, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की शिक्षा व जीविकोपार्जन में मदद, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, गरीबों को राशन वितरण, स्वरोजगार में मदद करना इत्यादि के अनेकों कार्य बिना प्रचार प्रसार जीवन पर्यंत वे करते रहे। राजनांदगांव में लायंस क्लब के माध्यम से भी उन्होंने अनेक उल्लेखनीय कार्य किए जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं।
वे माइनिंग व्यवसाय से जुड़े छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने पूरे राष्ट्र में अपने कारोबार को सेवा की भावना के साथ फैलाया। भारत सरकार की कई दुर्गम खदानों को शुरू करवाया। वे अपने व्यवसाय में भी सेवा भावना के कारण पहचाने जाते थे। उनसे जुड़े अनेक मजदूरों, ड्राइवरों व कर्मचारियों को उन्होंने सफल व्यापारी बनने में मदद की। खनन कार्य में लगे सैकड़ों ट्रकों व मशीनों को अपने कर्मचारियों को भेंट कर उन्हें मज़दूर से व्यापारी बनने के अवसर प्रदान किए।
वर्तमान में वे कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन व जैन मंदिर के बगल में टीवी टावर रोड, शंकर नगर रायपुर मे रहते थे। वे अपने पीछे संपतलाल, भीखमचंद, उत्तमचंद (भाई), अनिल, अशोक, अजय (पुत्र), सतीश, यश, संतोष (भतीजे), सौम्य,आकाश (पोते), आर्यन ( पड़पोता) का भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं।
दुर्ग / शौर्यपथ / सिद्धार्थनगर में कल फूटी 300mm की पाइप लाइन का मरम्मत कर कार्य आज सुबह 8:00 बजे से चालू कर आज शाम 4 पूर्ण कर लिया गया । इस 300 mm की पाइप लाईन की मरम्मत करने इस क्षेत्र के करीब आधा दर्जन बस्ती में आज सुबह के समय पानी की सप्लाई को रोका गया तब यह कार्य आज शाम 4 बजे तक पूरा किया जा सका है । क्षेत्र के सभी प्रभावित मोहल्ले और बस्तियों में शाम के समय जल प्रदाय किया जावेगा ।
उल्लेखनीय है कि महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त इंद्रजीत बर्मन के निर्देशानुसार अमृत मिशन योजना के तहत् पाइप लाईन जोड़ने और कनेक्शन जोड़ने का कार्य शहर में जारी है । कल सिद्धार्थनगर में अमृत मिशन योजना के तहत 300 एमएम की पाइप लाइन से कनेक्शन जोड़ने के लिए सीमेंट सड़क को जेसीबी से तोड़ा गया था । परंतु उस समय पाइप लाइन फूटी है इसकी जानकारी नहीं हुई जब शाम के समय नल खुला तब पता चला यहां पर पाइप लाइन फूटी हुई है इसकी जानकारी महापौर और आयुक्त को होने के बाद उन्होंने अमृत मिशन के लोगों को तत्काल निर्देश दिए जिसके तहत मिशन के लोगों ने शाम को ही आकर मौका मुआयना किया और पाइपलाइन की मरम्मत सुबह 8:00 बजे करेंगे कह कर वापस चले गए थे आज सुबह 8:00 बजे मरम्मत कार्य के लिए गड्ढा खोदा गया उसमें लगभग 3 फीट पाइप काटकर बाहर निकाले और क्लेम लगाकर पुन: पाइपलाइन को जोड़ा गया इस तरह से फूटी पाइप लाइन की मरम्मत और अमृत मिशन का कनेक्शन जोड़ने का काम साथ-साथ पूरा किया गया । आज शाम के समय संबंधित क्षेत्रों में जल प्रदाय निर्धारित समय पर की जाएगी । कार्य के दौरान जलकार्य निरीक्षक नारायण ठाकुर, कार्य करने वाले ठेकेदार घनश्याम ठाकुर और अमृत मिशन के कर्मचारी मौजूद थे ।
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अप्रैल तक टेलीग्राम के 400 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स थे। कंपनी का कहना है कि उसकी इस वर्ष सुरक्षित ग्रुप वीडियो कॉल लाने की योजना है।
सेहत /शौर्यपथ / आयुर्वेद के अनुसार अदरक एक ऐसी औषधि है, जो खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ ही कई बीमारियों से दूर रखने में भी काफी मददगार है। ऐसे में आइए जानते हैं बदलते मौसम में आपके पेट को दुरुस्त रखने के अलावा अदरक सेहत के लिए कैसे वरदान है।
पेट के रोगों को ठीक करें अदरक-
भोजन पचने में दिक्कत आए तो अदरक को पीसकर इसके रस को घी या शहद के साथ लेना चाहिए। कई बार भोजन ठीक से न पचने पर पेट में गैस के कारण पेट व सीने में दर्द, भारीपन, ऐंठन, एसिडिटी और दस्त जैसी समस्या हो जाती है। अदरक के सेवन से पाचन क्रिया ठीक होती है। अदरक, काली मिर्च और छोटी पीपली का चूर्ण बराबर भाग में मिलाकर दो ग्राम मात्रा में पुराने गुड़ के साथ मिलाएं। इसके सेवन से फेफड़ों और पेट के रोगों के उपचार में लाभ होता है। भोजन से पहले यदि अदरक का सेवन सेंधा नमक के साथ किया जाए, तो भूख भी बढ़ती है।
सिरदर्द में राहत दिलाए-
सिरदर्द होने पर अदरक के चूर्ण या इसके रस को गर्म पानी में मिलाकर हल्दी के साथ सिर पर इसका लेप करने से लाभ मिलता है। सर्दी के मौसम में पेट या दांत में दर्द होने पर अदरक को चबाकर खाने से तत्काल लाभ मिलता है। दांत के दर्द में अदरक को लौंग के साथ चबाकर खाना चाहिए।
जॉन्डिस में लाभकारी-
जॉन्डिस में अदरक, त्रिफला और गुड़ को साथ मिलाकर सेवन करना चाहिए।
जोड़ों के दर्द में-
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आथ्र्राइटिस यानी जोड़ों के दर्द में राहत दिलाता है। पुराने जोड़ों के दर्द में अदरक का रस, अश्वगंधा चूर्ण, शैलाकी चूर्ण, हल्दी का चूर्ण बराबर-बराबर भाग में मिलाकर शहद के साथ सेवन कर बाद में गर्म दूध, चाय या गर्म पानी पीने से जोड़ों के दर्द में लाभ मिलता है।
सर्दी, जुकाम, बुखार में फायदेमंद-
खांसी, जुकाम, गले में खराश, गला बैठने जैसी स्थिति में अदरक को पीसकर घी या शहद के साथ लेना चाहिए। हिचकी आने पर अदरक के रस का सेवन शहद व तुलसी के साथ करें। सांस के रोगी को शहद के साथ इसका रस देने से कफ पतला होता है, जिससे आराम मिलता है।
अदरक की चाय-
खासतौर पर ठंड के मौसम में अदरक व काली मिर्च के पांच दाने मिला कर तैयार की गई चाय पीने से लाभ होता है।
-बरतें सावधानी-
-ठंडी प्रकृति वाले लोगों को अदरक लाभ पहुंचाता है लेकिन जिन्हें अधिक गर्मी लगती हो या जो पित्त प्रकृति के हों तो उन्हें अदरक से बचना चाहिए।
-हृदय और किडनी के पुराने रोगियों के लिए भी यह नुकसानदायक होती है।
लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / कोरोना वायरस से बचने के लिए अमेरिका में कई लोग भोजन में ब्लीच तक मिलाकर खाने लगे है। अमेरिकी एजेंसी ‘सेंटर फॉर रिसर्च एंड डीसीज कंट्रोल’ के सर्वे में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, 19 फीसदी लोग न सिर्फ भोजन में ब्लीच मिला रहे हैं बल्कि वे ब्लीच से ही खाद्य पदार्थों को धोने लगे हैं। इतना ही नहीं, घर साफ करने वाले क्लीनर से वे शरीर के खुले अंगों को डिसइंफेक्ट कर रहे हैं। कई लोगों ने तो क्लीनर को सूंघने की बात भी स्वीकार की है।
सीडीसी ने मई में 502 वयस्कों के साथ एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया, जिसमें ये चौंकाने वाले परिणाम सामने आए। सर्वे में शामिल 39 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्होंने कोरोना वायरस को नष्ट करने के लिए सफाई से जुड़े उत्पादों का गलत इस्तेमाल किया। इनमें से एक तिहाई लोगों के शरीर पर इन उत्पादों का नकारात्मक असर भी देखा गया है। शोधकर्ताओं ने लोगों के व्यवहार में आए इस बदलाव को लेकर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि सेनेटाइजर, ब्लीच और साफ-सफाई में प्रयोग किए जाने वाले क्लीनर का सावधानी पूर्वक इस्तेमाल होना चाहिए। इससे आप कोरोना से नहीं बच सके।
साबुन का पानी शराब में मिलाकर पी गए-
सर्वे में भाग लेने वाले 18 फीसदी अमेरिकियों ने कहा कि उन्होंने अपनी त्वचा पर घरेलू क्लीनर लगाए। 10 फीसदी वयस्कों ने कहा कि उन्होंने खुद पर कीटाणुनाशक स्प्रे छिड़का। छह फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने क्लीनर निगला और इसके स्प्रे से भाप ली और चार फीसदी लोगों ने एल्कोहल आदि नशीले पदार्थों में साबुन का पानी, ब्लीच व अन्य कीटनाशक द्वव्य मिलाकर पी लिए।
शरीर पर खतरनाक असर-
ब्लीच:
क्लीनिंग मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के अनुसार , ब्लीच मिश्रण सिर्फ ठोस सतहों पर इस्तेमाल करें, ब्लीच कपड़ों और नाजुक सतहों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी भाप भी हानिकारक है। इससे गले में दर्द और मुंह का स्वाद बिगड़ने की शिकायत होती है। ब्लीच का इस्तेमाल करते समय खिड़कियां खुली रखी जाएं। ब्लीच में अमोनिया, विनेगर व जंग मिटाने वाले द्वव्य तेजाब आदि मिलाने से जहरीली गैस बन सकती है।
क्लीनर-
क्लीनर से सफाई करते समय पेपर टॉवल सबसे अच्छा विकल्प है। कपड़ा या पोंछा इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें हर बार इस्तेमाल के बाद धोएं और बदलते भी रहें। कई क्लीनिंग उत्पादों के गलत इस्तेमाल से गला व आंखों में जलन, सिरदर्द के अलावा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।
सुरक्षा किट पहनकर करें सफाई : आईसीएमआर-
कोरोना वायरस की दहशत बढ़ने के बाद भारत के अलग-अलग हिस्सों से खबरें आईं कि लोग अपने शरीर से संक्रमण हटाने के लिए सेनेटाइजर तक पी रहे हैं। इसके बाद इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने स्पष्ट चेतावनी जारी की। इसमें कहा गया कि किसी भी तरह के ब्लीच, सेनेटाइजर, क्लीनर का इस्तेमाल शरीर पर करना हानिकारक है। सतहों को विसंक्रमित करते समय लोगों को व्यक्तिगत सुरक्षा किट पहननी चाहिए।
शौर्यपथ /कहते हैं दुनिया में प्रकृति ने प्रत्येक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से भिन्न बनाया है। चाल-ढाल, रूप-रंग के साथ-साथ स्वभाव में भी व्यक्ति अधिकतर एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। कई बार कुछ चीज़ें मिल भी जाती हैं, लेकिन व्यक्ति में कोई न कोई गुण-अवगुण ऐसा जरूर होता है जो उसे दूसरों से भिन्न बनाता है। इसलिये प्रत्येक व्यक्ति की मस्तक की रेखाएं भी समान नहीं होती। किसी की गहरी होती हैं,किसी की सीधी तो किसी ज्यादा होती हैं और किसी की कम। लेकिन इनमें भी सात मुख्य रेखाएं हैं। ये हैं– बुध, शुक्र, मंगल, शनि, गुरु, चंद्र एवं सूर्य रेखाएं।
बुध रेखा– यह रेखा आपकी भौहों के ठीक मध्य बनती है और मध्य से दोनों कानों की ओर जाती है। जिस जातक की बुध रेखा स्पष्ट दिखाई देती हो वह उसकी तीव्र बुद्धि की सूचक होती है। इनके भाग्य में काफी धन कमाना लिखा होता है। ये कभी भी आसानी से कोई आर्थिक नुकसान नहीं होने देते।
शुक्र रेखा– जिन जातकों की शुक्र रेखा स्पष्ट रूप से दिखाई देती है वे बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। इन्हें घूमने-फिरने का काफी शौक होता है। यह रेखा माथे के ठीक बीचोंबीच होती है। रेखा जितनी गहरी होगी जातक उतना ही भाग्यशाली होता है। यदि यह रेखा स्पष्ट न दिखाई दे तो ऐसे जातकों का भाग्य उनका साथ नहीं देता। गहरी रेखा वाले जातक प्यार के मामले में भी रोमांटिक होते हैं।
मंगल रेखा– यह रेखा भी लगभग माथे के बीचो-बीच ही होती है लेकिन इसका स्थान शुक्र रेखा से थोड़ा ऊपर होता है। ऐसे व्यक्ति जो भी कार्य करते हैं, उसके प्रति एक जुनून सा देखा जा सकता है। यदि जातक की मंगल रेखा गहरी हो तो उसका गुस्सा अक्सर सातवें आसमान पर रहता है। हालांकि ये दिल से बहुत ही साफ होते हैं, लेकिन इनके गुस्से से दूर ही रहा जाए तो बेहतर रहता है।
गुरु रेखा– शुक्र एवं मंगल रेखा के ऊपर पायी जाती है गुरु रेखा। ऐसे जातक आध्यात्मिक प्रवृति के पाये जाते हैं, सामाजिक रूप से भी ये काफी मिलनसार होते हैं। जिन जातकों की गुरु रेखा हल्की होती है या फिर न के बराबर होती है। ऐसे जातकों के पापकर्मों में लिप्त होने की संभावनाएं अधिक होती हैं। हालांकि ज्यादा गहरी रेखा भी इन्हें घर-परिवार एवं समाज से विमुख कर देती है जिस कारण इनमें विरक्ति का भाव आने की संभावनाएं होती हैं। इनका स्वभाव थोड़ा हठी भी होता है।
शनि रेखा- यह गुरु से ऊपर मस्तक के ऊपरी हिस्से में दिखाई देती है। यदि आपकी शनि रेखा गहरी है तो आपको जीवन में धन की कमी महसूस नहीं होती। जिस भी चीज़ को पाने का विचार एक बार आप मन में ठान लेते हैं तो उसे हासिल करके ही मानते हैं, लेकिन शनि रेखा बहुत कम जातकों के मस्तक में दिखाई देती है।
चंद्र रेखा– यह रेखा आपके आर्थिक जीवन के उतार-चढ़ाव के प्रदर्शित करने वाली होती है। यदि आपकी यह रेखा स्पष्ट है तो आपको धन की कोई कमी नहीं रहने वाली, लेकिन यह साफ दिखाई नहीं देती है या फिर खंडित नजर आती है तो आपको आर्थिक रूप से हानि होने की संभावनाएं प्रबल होती हैं। यह रेखा आपकी बाईं तरफ की भौंह के ठीक ऊपर होती है। जिनकी चंद्र रेखा गहरी होती है ऐसे जातक अधिकतर कला क्षेत्र में अपना नाम कमाते हैं।
सूर्य रेखा– यह चंद्र रेखा से ठीक विपरीत यानी दाईं ओर की भौंह के ऊपर होती हैं। इससे व्यक्ति का भाग्य तेज माना जाता है। जिनके जीवन में यह रेखा नहीं होता या फिर धूंधली होती है तो ऐसे जातकों को अपने जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
नजरिया / शौर्यपथ / साल 1997 में एशियाई आर्थिक संकट के मद्देनजर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने सात देशों के उस समूह के विस्तार की जरूरत पर बल दिया था, जिसे जी-7 कहा जाता है। उनकी कोशिश के चलते साल 1999 में जी-20 समूह की शुरुआत हुई थी और इसमें यूरोपीय संघ और 19 देश शामिल थे।
अब उस घटनाक्रम के चौबीस साल बाद एक और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उसी जी-7 के विस्तार की अपील की है और अपनी अपील को आधार देने के लिए उन्होंने इस समूह को ‘बहुत पुराना’ बताया है। वैसे ट्रंप इस विस्तार से चाहते क्या हैं, यह साफ नहीं है। हालांकि, तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन जो चाहते थे, वह भी पहले स्पष्ट नहीं था। अब ट्रंप अतिरिक्त सदस्यों के रूप में भारत, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और रूस को शामिल करते हुए जी-10 या जी-11 बनाने की सोच रहे हैं। इसका गणित स्पष्ट है; यह जी-11 बन जाना चाहिए, लेकिन जी-10 की चर्चा क्यों? गौरतलब है, रूस को 2014 में इस अहम समूह से बाहर कर दिया गया था। तब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था और इसी के कारण जी-8 तब जी-7 बन गया था। दिलचस्प यह है कि जी-7 में शामिल अन्य देशों के अधिकांश प्रमुख रूस के प्रति ट्रंप के उत्साह को साझा नहीं करते हैं। लेकिन अकेली इसी अनिश्चितता की वजह से ट्रंप की जी-7 विस्तार की योजना पर संदेह नहीं करना चाहिए। इस समूह के विस्तार पर चर्चा करने वालों ने वर्ष 1997-99 में भी शामिल होने योग्य प्रत्याशियों पर विचार किया था, लेकिन उन्होंने तब सदस्य संख्या कम रखने को ही सही माना था। उस समूह में भारत के लिए भी जगह बनी थी।
वाकई 1997 में एशियाई देशों में व्यापक आर्थिक संकट के कारण वैश्विक वित्तीय स्थिरता की राह में खड़ी चुनौतियों से मुकाबले के लिए एक बडे़ मंच की जरूरत थी और जी-20 ने उसकी पूर्ति की। साल 2008 के आर्थिक संकट के बाद भी जी-20 ने प्रभावी भूमिका निभाई थी। अब कहा जा सकता है कि तत्कालीन योजना अपेक्षाकृत ज्यादा सोची-समझी थी।
दूसरी ओर, ट्रंप की विस्तार योजना अच्छी तरह से सोची-समझी नहीं है। दुनिया कोरोना वायरस के कारण पिछले 100 साल के सबसे खराब स्वास्थ्य संकट का सामना कर रही है, पर ट्रंप की नई कोशिश इस महामारी पर केंद्रित नहीं दिखती। यदि वह इस समस्या से निपटने की कोेशिश में बहुपक्षपवाद पर विश्वास करते, तो विश्व स्वास्थ्य संगठन में अपने देश के आर्थिक सहयोग को जारी रखते और इस संस्था को भीतर से बदलने के लिए मजबूर करते। इसके साथ ही, समूह विस्तार की उनकी पहल महामारी के समय पैदा हुए आर्थिक संकट पर भी केंद्रित नहीं दिखती है।
इस समय डोनाल्ड ट्रंप को सबसे ज्यादा चिंता अपने चुनाव की है। वह जीत की संभावनाएं तलाश रहे हैं। यही कारण है, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, जो पश्चिमी दुनिया के राजनेताओं में सबसे तेज हैं, चुनावी साल में अमेरिका दौरा करने से परहेज करती हैं, वह शिखर सम्मेलन में नहीं जाएंगी और न जाने की उनके पास अन्य वजहें मौजूद हैं। मर्केल चीन के खिलाफ गुट बनाने के किसी भी प्रयास में शामिल होने को तैयार नहीं हैं। ट्रंप के एक सहयोगी ने संकेत दिया है कि राष्ट्रपति ट्रंप जी-7 की अगली बैठक में चीन के भविष्य पर चर्चा करना चाहेंगे। अमेरिका-चीन संबंधों में जो तेज गिरावट देखी जा रही है, उसकी पृष्ठभूमि में यह चर्चा अस्वाभाविक नहीं है। हालांकि इससे यूरोपीय देश सहमत नहीं लगते। चीन को अलग-थलग करने के लिए जी-7 का विस्तार करने पर यूरोपीय देशों को राजी करना मुश्किल है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेहमान के रूप में बैठक में भाग लेने के लिए ट्रंप का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। भारतीय प्रधानमंत्री ने साल 2019 में राष्ट्रपति इमेनुएल मेक्रॉन के निमंत्रण पर जी-7 शिखर सम्मेलन में मेहमान के रूप में भाग लिया था। फ्रांस के राष्ट्रपति मेक्रॉन ने भी विस्तारित जी-7 में भारत को शामिल करने के ट्रंप के प्रस्ताव का स्वागत किया है। यह समूह, दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाओं का सबसे अभिजात्य क्लब है, लेकिन बेहतर है कि भारत तब तक अपनी हसरतों को काबू में रखे, जब तक कि वह असली नतीजों और घटनाक्रम के साथ पूरी योजना को देख नहीं लेता।
(ये लेखक के अपने विचार हैं) यशवंत राज, अमेरिका में हिन्दुस्तान टाइम्स संवाददाता