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पियें छाछ और लस्सी आम,बेल का पना है लू से बचाव का रामबाण
शौर्यपथ हेल्थ
गर्मी और धूप की वजह से लोगों लू का शिकार हो जाते है। लू लगने से हर वर्ष कई लोगों अपनी जान भी गवां देते हैं।
धूप से बचाव करना जरूरी है। धूप में देर तक रहने से शरीर में पानी की कमी भी होने लगती है। गर्मियों में शरीर से ज्यादा पसीना निकलने के कारण पानी और नमक की कमी हो जाती है। इस वजह से रक्त संचार भी बिगड़ने लगता है। शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा होता है जिससे कई बीमारियों के होने का खतरा मंडराने लगता है। लू के आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर इस समस्या से राहत पा सकते हैं।
शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रायपुर के पंचकर्म विभाग के एचओडी डॉ. रंजीप दास कहते है गर्मी के दिनों में लू लगना सामान्य है ।तापमान बढ़ने से शरीर का तापमान असंतुलित होने लगता है । बच्चे और बूढ़े लोग लू (sunstroke) की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। अगर मरीज लू लगने से बेहोश हो गया है तो तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं। ``गर्मी के मौसम में आप ठीक ढंग से अपना ख्याल रखें और कुछ ज़रुरी सावधानियां बरतें तो लू के प्रकोप से बच सकते हैं। खाली पेट घर से बाहर ना निकलें, हल्का भोजन करें, पूरी बांह के कपड़े पहनें और नंगे पैर बाहर ना जाएं । ज्यादा देर तक धूप में ना रहें ।ज़्यादा मात्रा में पानी पिएं। बाहर जाते समय पानी साथ लेकर जाएं। बेल का शरबत, सेब का सिरका, चंदनासव, कच्चे आम उबाल कर उसका पना पीने से लू और गर्मी से बचा जा सकता है । बज़ारी जूस, शीतल पेय पदार्थ और सीलंबद जूस का सेवन नहीं कर रहे हैं। इनको आप घरों पर ही तैयार बेहतर होगा ।‘’
डॉ दास का कहना है मौसमी फल आम, संतरा, मौसमी, खरबूज, तरबूज, ककड़ी, बेल, अंगूर, आंवला, ठंडाई, नींबू शिकंजी का प्रयोग करें। जौ, चना और गेहूं के मिश्रण का सत्तू बना कर सेवन करें । खरबूजा के बीज, सौंफ, काली मिर्च, बादाम, किशमिश, खशखश और गुलाब के सूखे पत्तों को मिलकर ठंडाई बना कर प्रयोग करें । अधचल (बगैर घी निकाली छाछ ) भी खाने में लें। पुदीना और जलजीरा भी घर बना कर ही पियें ।
लू लगने पर छाछ दही और लस्सी का प्रयोग करना चाहिए| यह डिहाइड्रेशन को दूर करती है । इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन B2, B5, B12 मैग्नीशियम और फैटी एसिड रहता है जो डिहाइड्रेशन को दूर करता है ।
लू लगने के लक्षण
सिर में तेज दर्द होना, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ । शुरुआत में इन लक्षणों में काफी कमी होती है समय के साथ साथ ये लक्षण बढ़ते जाते हैं। लू लगने पर अचानक से तेज बुखार होने लगता है शरीर में गर्मी बढ़ती जाती है। शरीर में गर्मी बढ़ने के बावजूद भी लू लगने के दौरान शरीर से पसीना नहीं निकलता है। उल्टी आना,शरीर में तेज दर्द होना आम बात है। उल्टी होने पर शरीर में सोडियम और पोटैशियम का संतुलन बिगड़ जाता है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले या शारीरिक रुप से कमजोर लोग लू लगने से बेहोश भी हो जाते हैं।
लू लगने पर क्या करें
लू लगने पर मरीज को तुरंत छायादार जगह पर या ठंडी जगह पर लिटायें। शरीर को ठंडा रखने के लिए शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां लगाएं। घर के खिड़की दरवाजे खोल दें और कूलर या एसी चालू कर दें। अगर मरीज लू लगने से बेहोश हो गया है तो तुरंत नज़दीकी डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
दुर्ग / शौर्यपथ / विधायक अरुण वोरा ने पटरीपार क्षेत्र का औचक दौरा किया जहां आदित्य नगर व जवाहर नगर क्षेत्र के निवासियों ने पेयजल संकट की शिकायत की। वार्ड वासियों ने बताया कि तीन दिन से पेयजल आपूर्ति बाधित है नल 10 मिनट से कम समय के लिए खुल रहा है साथ ही अमृत मिशन से पाइप लाइन डालने का कार्य भी बेहद धीमी गति से चल रहा है। जगह जगह खोदे गए गड्ढों का मलबा भी नहीं उठाया जा रहा है।
विधायक वोरा ने तत्काल टैंकर बुलवा कर लोगों की समस्या का निराकरण किया साथ ही निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि भीषण गर्मी के समय में कहीं भी पेयजल के लिए भटकाव की स्थिति नहीं बननी चाहिए। फिल्टर प्लांट में बार बार खराब होने वाले पम्प की जगह नए पम्प खरीदे जाएं। अमृत मिशन के कार्यों में लगातार मिल रही शिकायत पर उन्होंने नगरीय निकाय सचिव अलरमेल मंगई डी से चर्चा कर कहा कि मिशन के कार्यों में लेटलतीफी से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
26 माह में किसी भी वार्ड में नल कनेक्शन प्रदाय सौ प्रतिशत पूर्ण नहीं हो सका है। जिसपर निकाय सचिव ने राज्य स्तरीय टीम भेज कर मॉनिटरिंग करवाने आश्वस्त किया।
अवधेश टंडन की रिपोर्ट
जांजगीर-चांपा(हसौद) / शौर्यपथ / जांजगीर-चांपा जिले के जैजैपुर ब्लाक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत हसौद सहित आसपास के किसान व ग्रामीण इन दिनों काफी परेशान नजर आ रहे हैं और हो भी क्यों ना क्योंकि पिछले कई महीनों से हसौद उपतहसील अंतर्गत पटवारी हल्का नम्बर 38 में पटवारी को प्रभार नही मिला है जिससे किसानों का जमीन संबंधी काम नही हो पा रहा है।
आपको बता दें कि जैजैपुर ब्लॉक अंतर्गत हसौद एक बड़ा ग्राम पंचायत है,साथ ही उपतहसील भी है। जिससे कई ग्राम पंचायतों का काम यही से होता है और यहां हर रोज कई किसान सहित ग्रामीण अपनी जमीन संबंधी कामों को कराने आते है। परंतु यह इस क्षेत्र का दुर्भाग्य हैं कि पिछले कई महीनों से उपतहसील के पास बने कार्यालय में हसौद पटवारी हल्का नम्बर 38 में पटवारी देव कश्यप को प्रभार नही मिला है जिससे किसानों सहित आम ग्रामीणों का जमीन संबंधी कोई काम नही हो पा रहा है। वही पटवारी देव कश्यप पहले से ग्राम पंचायत धमनी के पटवारी पद पर नियुक्त है। साथ ही उनको हसौद जैसे बड़े ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी दी गयी है हालांकि अब तक उन्हें पूर्व पटवारी द्वारा प्रभार नही दिया गया है जिससे जाति ,आमदनी,निवास जैसे छोटे कामो को छोड़कर अन्य जमीन संबंधी काम नही कर पा रहे है उप तहसील हसौद के ठीक बगल में पटवारी कार्यालय होने के बाद भी अधिकारी कुम्भकर्णी निद्रा में सोए हुए है। जिसके कारण अब तक पटवारी देव कश्यप को हसौद हल्का नम्बर 38 का प्रभार नही मिला है ।
यहां पूर्व में आर आई व पटवारी के पद पर एक ही अधिकारी पदस्थ थे जिनके साले के द्वारा हसौद पटवारी कार्यालय में ही ग्रामीणों से प्रत्येक काम के लिए अवैध वसूली किए जाने की खबर लगने के बाद प्रशासन हरकत में आया और पटवारी पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड किया गया जिसके बाद देव कश्यप को हसौद हल्का नम्बर 38 की जिम्मेदारी दी गई पर अब तक उन्हें प्रभार नही दिया गया जिससे कई तरह के सवाल खड़ा होता है। क्या अधिकारियों को हसौद के ग्रामीणों को होने वाली परेशानियों से कोई सरोकार नही है।
वैसे भी किसान और ग्रामीण जिनको जमीन खरीदी बिक्री या जमीन संबंधित अन्य काम के लिए भटकना पड़े इससे अधिकारियों को क्या मतलब, वो तो एसी के कमरे में बैठ कर अपना काम करते है। एक तो किसान और ग्रामीण कोविड 19 के कारण परेशान है तो वही दूसरी ओर हसौद उपतहसील में हल्का नम्बर 38 में पटवारी के पास प्रभार न होने से लोगों का जमीन संबंधी कामों के लिए भटकना पढ़ रहा है जिससे किसानों एवं ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
जिम्मेदारो को नही है, प्रभार नही दिए जाने की जानकारी या बन रहे अनजान
हसौद उपतहसील के जिम्मेदार अधिकारी को भी मालूम नही है कि देव कश्यप को अब तक हल्का नम्बर 38 का प्रभार मिला है या नहीं, नियुक्ति आदेश जारी कर अधिकारी अपनी जिम्मेदारीयों से पल्ला झाड़ लिये शायद यही वजह है कि जिम्मेदार अधिकारी पटवारी को कोविड 19 के कारण व्यस्त और अन्यत्र जिम्मेदारी निभाने की बात कही जा रही है।
कार्यालय के दीवाल में लिखा है अब तक पूर्व पटवारी का नाम
हसौद के हल्का नम्बर 38 के पटवारी कार्यालय में अब तक पूर्व पटवारी श्यामसिंह मरकाम का नाम व नम्बर लिखा हुआ है जिससे किसान भ्रमित होते हैं। और आज भी उन्हें पटवारी मरकाम का इंतजार रहता है।
हसौद हल्का नम्बर 38 में देव कश्यप पटवारी के प्रभार में है और अभी कोविड-19 के महामारी के कारण कही कही ड्यूटी लगने से नही आ पा रहे होंगे।
के के पाटनवार
हसौद तहसीलदारहसौद पटवारी हल्का नम्बर 38 की जिम्मेदारी मुझे मिली है पर पूर्व पटवारी द्वारा अब तक प्रभार नही दिया गया है जिस कारण किसानों का जमीन संबंधी काम नही हो पा रहा है जाती, आमदनी, निवास जैसे कामों को कर रहा हूं।
देव कश्यप
प्रभारी पटवारी हसौद
दुर्ग / शौर्यपथ / दो दिन पूर्व ही राज्य शासन द्वारा 20 जिले के कलेक्टरों के साथ ही दुर्ग जिले के कलेक्टर अंकित आनंद का भी तबादला करते हुए उनको नया रायपुर विकास प्राधिकरण का सीईओं की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं उनकी जगह मुगेली के कलेक्टर पूर्व में डॉक्टर रहे सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे को दुर्ग स्थानांतकरण किया गया था। जिले के नये कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने आज दुर्ग कलेक्टोरेट पहुंचकर पुराने कलेक्टर अंकित आनंद से पदभार ग्रहण किया। डॉ. भूरे वर्ष 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। डॉ. भूरे मूल रूप से महाराष्ट्र से हैं। उन्होंने अपनी एमबीबीएस की डिग्री महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंस नाशिक से ली है। पदभार ग्रहण करने के बाद डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे और पुराने दोनो कलेक्टरों में एक घंटा तक गुफ्तगू हुई जिसमें पुराने कलेक्टर अंकित आनंद ने जिले में कोरोना और डेंगू से बचाव के लिए चल रहे कार्यो सहित जिले के अन्य कई मामलों की जानकारी कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे को दी। उसके बाद अंकित आनंद वहां से रवाना हुए। इस दौरान कलेक्टोरेट से सभी अधिकारी और कर्मचारी एकदम भावुक हो गये, इस दौरान अंकित आनंद ने भी कहा कि आपसबका जो मुझे सहयोग मिला है वह हमेश याद रखूंगा।
दुर्ग / शौर्य्पथ / स्थानांतरण के मौके पर जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों एवं जिले के अन्य गणमान्य नागरिक संगठन के सदस्यों एवं आम नागरिकों ने कलेक्टर अंकित आनंद को भावभीनी विदाई दी। आज ही जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार और अपर कलेक्टर गजेंद्र ठाकुर भी रिलीव हुए। इन्हें भी अधिकारी-कर्मचारियों एवं गणमान्य नागरिकों ने भावभीनी विदाई दी। कलेक्टर अंकित आनंद के विदा होने के मौके पर अधिकारी-कर्मचारियों के अतिरिक्त अन्य नागरिक संगठनों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे। उन्होंने निवर्तमान कलेक्टर के कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विभिन्न नागरिक संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि कलेक्टर अंकित आनंद ने बड़े ही परिश्रम और मनोयोग के साथ हम सबकी समस्याएं सुलझाने की दिशा में बड़ा काम किया। हम इसके लिए उनके प्रति आभार प्रदर्शन करने आए हैं। अधिकारी-कर्मचारियों ने भी जिले में उनके योगदान की प्रशंसा की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। अधिकारी-कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का एहतियात बरतने हम सब इक_ा नहीं हो पाए, हममें से हर कोई व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर आभार प्रदर्शन करना चाहता था। अधिवक्ता संघ एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने भी यह बात कही। इन्होंने कहा कि कलेक्टर हमेशा सुलभ होकर मिलते थे और ध्यानपूर्वक समस्याएं सुनकर उनके निदान की दिशा में त्वरित कार्रवाई करते थे। उनका कार्यकाल बहुत अच्छा रहा और हमेशा स्मृति में रहेगा। इसी तरह जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार को भी भावभीनी विदाई दी गई। विदाई समारोह को संबोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी यादव ने कहा कि अपने काम के प्रति पूरी तरह निष्ठा का भाव होने से लक्ष्य की प्राप्ति जरूर होती है। जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार ने अपने कार्यकाल में नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी का कार्य बहुत अच्छी तरह से आगे बढाया। उन्होंने नवाचारी उपायों को ब?ावा दिया जो किसी भी योजना को सफल करने की दिशा में बड़ी भूमिका निभाते हैं। कोविड संक्रमण को थामने की दिशा में मनरेगा के कार्य को आगे बढाना उनका प्रमुख कार्य रहा। वे काफी सजग होकर और पूरे उत्साह के साथ कार्य करते रहे। इससे ग्रामीण विकास को बढावा देने में बड़ी मदद मिली। जिला पंचायत के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी श्री कुमार के योगदान को सराहा। इस मौके पर सीईओ ने जिला पंचायत के सभी पदाधिकारियों एवं अधिकारी-कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी के योगदान की वजह से हम नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाडी, मनरेगा जैसे कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से आगे बढाने में सफल रहे।
भिलाई / शौर्यपथ / माह मई में प्रति शनिवार और रविवार राज्य शासन के आदेश पर पूर्ण लॉकडाउन छूट प्राप्त दुकानों को छोड़कर का लोगों द्वारा पूर्ण पालन करने के पश्चात् सप्ताह के शेष दिनों में बेखौफ होकर बिना मास्क पहने बेवजह घुमना एवं सोशल डिस्टेसिंग के प्रति उदासहीनता व लाकडाउन के नियमों का पालन करने में लोग काफी हद तक लापरवाही बरत रहें है। लॉकडाउन 4 में शासन द्वारा मिली छूट का आम लोगो के साथ साथ व्यावसायिक वर्ग भी पूरा फायदा उठा रहें है। कुछ एक हठधार्मियों के चलते रिसाली क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को मजाक बनाकर शासन के नियम निर्देषों की खुले आम धज्जियां उड़ा रहें है। बुधवार को रिसाली निगम के उडनदस्ता टीम द्वारा सभी वार्डो का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान आजाद मार्केट रिसाली के इलेक्ट्रीकल व्यवसायी द्वारा बेखोफ होकर रात 8 बजे तक दुकान संचालित करते पाये जाने पर 2000/- रूपये का अर्थदण्ड लगाया गया। वह नियम निर्देशों के पालन करने का सख्त चेतावनी दी गई। टंकी मरोदा एवं स्टेशन मरोदा के क्षेत्रों में युवाओं द्वारा मास्क जेब में रखकर दोपहियों गाड़ी में तीन सवारी घुमते पाये जाने पर गंभीरता से लेते हुए अर्थदण्ड वसूल किया गया एवं प्रदेष में कोरोना संक्रमण बढते प्रकरण की जानकारी व दुष्परिणाम से अवगत कराया गया। टंकी मरोदा स्थित सेलून दुकान का आकस्मिक निरीक्षण कर दुकानदार से डेली उपयोग में लायी जाने वाली वस्तूओं का सघन निरीक्षण कर सैनटाईजेशन का उपयोग करने व तौलिया, ब्लेड व अन्य वस्तुओं की सावधानी पूर्वक उपयोग करने की हिदायत दी गई। टीम द्वारा सभी वार्डो का निरीक्षण कर हठधार्मियों से 2700/- रूपये का जुर्माना वसूला गया। निरीक्षण के दौरान निगम के सहायक अभियंता बी.के. सिंह, सहा. राजस्व अधिकारी हरचरण सिंह अरोरा, राजस्व निरीक्षक अनिल मैश्राम, रमेशर निषाद, पुनित बंजारे, विनोद शुक्ला, आत्मा राम व राजस्व विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।