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सेहत /शौर्यपथ /हींग की भारतीय भोजन में खास जगह है। अनेक व्यंजनों, अचार, चटनी आदि में तो इसका इस्तेमाल होता ही है, इसमें मौजूद कई पोषक तत्वों, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबायोटिक गुणों की वजह से यह संक्रामक बीमारियों की रोकथाम में भी उपयोगी है। आइए जानते हैं हींग के फायदे-
हींग के पोषक तत्व
-हींग में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, केरोटीन, राइबोफ्लेविन और अच्छी मात्रा में प्रोटीन, फाइबर व कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्त्व पाए जाते हैं जो हमें स्वस्थ रखते हैं।
-गैस की समस्या में खाने के बाद आधा कप गुनगुने पानी या लस्सी में एक चुटकी हींग मिला कर पीना लाभकारी है। एक ग्राम भुनी हींग में अजवाइन और काला नमक मिला कर गर्म पानी के साथ लेने से गैस बननी बंद हो जाती है।
-एक कप गर्म पानी में एक-चौथाई चम्मच सूखा अदरक पाउडर, एक-एक चुटकी काला नमक और हींग मिला कर पीने से पेट फूलने की समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
-अपच से परेशान हैं तो एक-एक चम्मच सोंठ, काली मिर्च, करी पत्ता, अजवायन और जीरा मिला कर पीस लें। एक चम्मच तिल के तेल में चुटकी भर हींग भून कर इसमें मिलाएं। आखिर में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाएं। इसे चावल के साथ खाने से आराम मिलेगा।
-केले के गूदे या जरा-से गुड़ में हींग रख कर खाने से उल्टी, डकार और हिचकी बंद हो जाती है।
-एक कप गर्म पानी में थोड़ी-सी हींग डाल कर उबालें। इस पानी में कपड़ा भिगो कर पेट की सिंकाई करें। पेट दर्द या अफरने पर अजवायन और नमक के साथ चुटकी भर हींग मिला कर खाएं।
-मसूड़ों से खून बहने और दंत क्षय की स्थिति में एक कप पानी में हींग का छोटा टुकड़ा और एक लौंग उबालें। गुनगुना होने पर इस पानी से कुल्ला करने पर आराम मिलेगा।
-दाग-धब्बों, पिंपल्स जैसी त्वचा की समस्याओं में हींग का उपयोग काफी मददगार साबित होता है। एक चुटकी हींग पाउडर में पानी मिला कर बने पेस्ट को मास्क की तरह नियमित रूप से पिंपल्स पर लगाएं।
-शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभने पर वहां हींग का घोल भर दें। कुछ समय में कांटा अपने आप बाहर निकल आएगा और दर्द से भी तुरंत आराम मिलेगा।
सेहत /शौर्यपथ /दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, एक जिन्हें कटहल बिल्कुल पसंद नहीं होता और दूसरे वे लोग जिन्हें कटहल बेहद पसंद होता है। आपको कटहल पसंद है या नहीं लेकिन इसके अनगिनत फायदों को पाने के लिए आपको इसे जरूर खाना चाहिए। खासतौर पर अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं या फिर आपको शुगर की समस्या है। आइए, जानते हैं कटहल के फायदे-
अल्सर के लिए रामबाण
कटहल की पत्तियों की राख अल्सर के इलाज के लिए बहुत उपयोगी होती है। इसकी ताजा हरी पत्तियों को साफ धोकर सुखा लें और उसका चूर्ण तैयार कर लें। पेट के अल्सर में इस चूर्ण को खाने से काफी आराम मिलता है।
चेहरे के निखार के लिए कटहल
कटहल के बीज का चूरन बना कर उसमें थोड़ा शहद मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे मिट जाते हैं। जिन लोगों की चेहरा रुखा और बेजान होता है उन लोगों को कटहल का रस अपने चेहरे पर लगाना चाहिए। इसकी मसाज तब तक करे जब तक यह सूख न जाए फिर थोड़ी देर के बाद अपना चेहरा पानी के साथ धो लें। झुर्रियों से निजात पाने के लिए कटहल का पेस्ट बना कर और उसमें एक चम्मच दूध मिलाकर धीरे-धीरे चेहरे पर लगाना चाहिए। फिर गुलाब जल या ठंडे पानी से चेहरा साफ कर लें। नियमित रूप से ऐसा करने से चेहरे की झुर्रियों सेे छुटकारा मिल जाता है।
मुंह के छालों से राहत
मुंह में छाले होने पर कटहल की कच्ची पत्तियों को चबाकर थूक देना चाहिए। यह छालों को ठीक कर देता है।
एसिडिटी से राहत
पके हुए कटहल के गूदे को अच्छी तरह से मैश करके पानी में उबाल लें। इस मिश्रण को ठंडा कर एक गिलास पीने से जबरदस्त स्फूर्ति आती है। यही मिश्रण यदि अपच के शिकार रोगी को दिया जाए तो उसे फायदा मिलता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद
डायबिटीज में कटहल की पत्तियों के रस का सेवन काफी फायदेमंद रहता है। यह रस हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए भी उत्तम है।
अस्थमा को रखता है कंट्रोल
कटहल की जड़ अस्थमा के रोगियों के लिए लाभदायक मानी जाती है। इसे पानी के साथ उबाल कर बचा हुआ पानी छान कर पीने से अस्थमा को कंट्रोल किया जा सकता है।
थायराइड में फायदेमंद कटहल
थायराइड के लिए भी कटहल फायदेमंद है। इसमें मौजूद सूक्ष्म खनिज और कॉपर थायराइड चयापचय के लिए प्रभावशाली होता है। यहां तक कि यह बैक्टेयरियल और वाइरल इंफेक्शन से भी बचाता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाता है
पके हुए कटहल के पल्प को अच्छी तरह से मैश करके पानी में उबालकर पीने से ताजगी आती है। कटहल में विटामिन ए पाया जाता है जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और त्वचा निखरती है।
इम्युनिटी बढ़ाए कटहल
इसमें विटामिन C, A और एंटीऑक्सिडेंट भी काफी मात्रा में पाए जाते हैं। यही वजह है कि शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में कारगर रोल निभाता है। मजबूत इम्युनिटी बीमारियों और इनफेक्शन को शरीर से दूर रखने में अहम रोल निभाती है।
वेट लॉस के लिए कटहल
यह उन लोगों के अच्छा विकल्प हो सकता है, जो अपना वजन घटाना चाहते हैं। इसमें फैट नहीं होता और कैलोरी भी काफी कम होती है। इसके साथ ही इसमें काफी मात्रा में पौष्टिक तत्व भी होते हैं। कटहल में प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में होता है, जिससे पेट काफी देर तक भरा-भरा महसूस होता है।
खाना खजाना /शौर्यपथ / आम का अचार तो बहुत ही कॉमन चीज है लेकिन ज्यादातर लोगों को कटहल का अचार बनाने को लेकर काफी कंफ्यूजन रहती है। ऐसे में हम आपके लिए लाए हैं कटहल के अचार की देसी रेसिपी लाए हैं।
सामग्री :
3 kg कटहल , टुकड़ों में कटा हुआ
1 1/4 कप नमक
1 कप हल्दी
2 1/2 कप पिसी हुई राई
1 कप कुटी लाल मिर्च
2 टेबल स्पून कलौंजी
2 टेबल स्पून हींग
2 kg सरसों का तेल
विधि :
इसमें 1/4 कप नमक के साथ कटहल को उबालें।
पानी निकालें और कटहल को सूखने के लिए छोड़ दें। आपको इसे सूखा होगा।
जब कटहल ठंडा होकर सूख जाए तो नमक, राई, लाल मिर्च, कलोंजी और हींग में मिलाएं।
अच्छी तरह मिक्स करें।
इसे ढककर 4 दिन मैरीनेट होने के लिए रख दें, एक दिन में एक बार जरूर चलाएं।
कांच की बरनी में इसे अच्छी तरह टाइट बंद करके रखें।
सरसों के तेल को अच्छी तरह से गर्म करें।
इसे ठंडा होने दें और कटहल की बरनी में डालें।
अचार तेल में पूरी तरह डूब जाना चाहिए।
अचार को पकने में 2 से 3 दिन का समय लगेगा, इसके बाद अचार खाने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
इस बात का ध्यान रहे अचार में तेल अच्छी मात्रा में हो फिर यह अचार भी बाकी अचार की तरह ठीक रहेगा।
धर्म संसार / शौर्यपथ/ इस वर्ष यानी वसंत पंचमी 16 फरवरी 2021 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। मंगलवार को रेवती नक्षत्र होने से शुभ योग बनता है। शुभ योग में महा सरस्वती के लिए किए जाने वाला पूजन और यज्ञ आदि कर्म पूरे वर्ष के लिए शुभ होते हैं। विद्यालयों, शिक्षण संस्थानों में हर वर्ष सरस्वती पूजन और यज्ञ किए जाते हैं और सरस्वती मां के आशीर्वाद के साथ विद्या, विवेक और बुद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त करते हैं।
यह हैं सरस्वती पूजन के शुभ मुहूर्त
प्रातः काल 6:59 से 8:27 तक कुंभ लग्न (स्थिर लग्न)। उसके पश्चात 11:27 बजे से 13:23 बजे तक वृष लग्न ( स्थिर लग्न ) है। दोनों लग्न सरस्वती पूजन के लिए बहुत ही शुभ हैं। स्थिर लग्न में पूजा अपने साधक को पूर्ण लाभ देती है।
विद्यार्थी ऐसे करें पूजा
विद्यार्थी इस दिन प्रात:काल उठकर स्नान के पश्चात श्वेत अथवा पीत वस्त्र धारण करें। मां सरस्वती के चित्र के समक्ष सफेद पुष्प और पीला मिष्ठान चढ़ाएं और मां सरस्वती से विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद लें।
या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना। या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता। सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।
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मां सरस्वती के इस श्लोक से मां का ध्यान करें। इसके पश्चात ’ओम् ऐं सरस्वत्यै नम:’ का जाप करें और इसी लघु मंत्र को नियमित रूप से आप अर्थात विद्यार्थी वर्ग प्रतिदिन कुछ समय निकाल कर इस मंत्र से मां सरस्वती का ध्यान करें। इस मंत्र के जाप से विद्या, बुद्धि, विवेक बढ़ता है।
वसंतोत्सव नवीन ऊर्जा देने वाला उत्सव है। शिशिर ऋतु के असहनीय सर्दी से मुक्ति मिलने का मौसम आरंभ हो जाता है। प्रकृति में परिवर्तन आता है और जो पेड़-पौधे शिशिर ऋतु में अपने पत्ते खो चुके थे वे पुनः नव-नव पल्लव और कलियों से युक्त हो जाते हैं। वसंतोत्सव माघ शुक्ल पंचमी से आरंभ होकर के होलिका दहन तक चलता है। कहा जाता है कि वसंत पंचमी के दिन जैसा मौसम होता है वैसा पूरे होली तक ऐसा ही मौसम रहता है।
सेहत /शौर्यपथ / स्क्रबिंग के बिना आपकी दैनिक स्किनकेयर रूटीन अधूरी है। क्लींजिंग, टोनिंग और मॉइस्चराइजिंग आवश्यक है, लेकिन स्क्रबिंग आपकी त्वचा को नया जीवन प्रदान करता है। ऐसे में अपने स्किनकेयर रुटीन में सुपर एक्सफ़ोलिएटिंग एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ब्राउन शुगर स्क्रब को शामिल करने से बेहतर कुछ नहीं है।
अगर ब्राउन शुगर अभी तक आपकी दैनिक स्किनकेयर रुटीन का हिस्सा नहीं है, तो हम बता रहे हैं कि आप कितना कुछ मिस कर रहीं हैं:
यहां हैं स्किन केयर के लिए ब्राउन शुगर स्क्रब के फायदे
एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध है
एक अध्ययन का दावा है कि ब्राउन शुगर हानिकारक फ्री रेडिकल्स को नष्ट कर सकती हैं। इसमें मौजूद फेनोलिक और वाष्पशील यौगिक इसे एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदान करते हैं।
इसमें एएचए शामिल है
ब्राउन शुगर अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड से भरपूर होती है। यह यौगिक आपकी त्वचा में प्रवेश कर सकता है और त्वचा की कोशिकाओं को बांधने वाले यौगिक को तोड़ सकता है। यह सेल पुनर्जन्म और कायाकल्प को बढ़ावा देता है।
यह आपकी त्वचा को बिना नुकसान पहुंचाए एक्सफोलिएट करता है
ब्राउन शुगर सफेद दानेदार चीनी की तुलना में बहुत नरम है। तो, यह धीरे से आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाए बिना एक्सफोलिएट करता है।
इसके अलावा, यह आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड रखता है और नमी को लॉक करता है। इसलिए, आपकी त्वचा बिल्कुल भी ड्राय नहीं लगती।
अब जब आप जानते हैं कि ब्राउन शुगर आपकी त्वचा के लिए क्या कर सकता है, तो यहां कुछ ष्ठढ्ढङ्घ ब्राउन शुगर स्क्रब की रेसिपी बताई गई हैं जिन्हें आप घर पर बना सकती हैं।
यहां है ग्लोइंग स्किन के लिए 5 होममेड ब्राउन शुगर स्क्रब और उनकी रेसिपी
मुंहासों के लिए ब्राउन शुगर और नारियल तेल स्क्रब
इसके लिए आपको चाहिए...
1/2 कप ब्राउन शुगर
1/2 कप नारियल का तेल
अपनी पसंद के एसेंशियल ऑयल की 2-3 बूंदें
कैसे इस्तेमाल करे
एक कटोरे में सभी सामग्रियों को मिलाएं।
इसे अपने चेहरे पर लगाएं और 10 मिनट तक सर्कुलर मोशन में स्क्रब करें।
इसके बाद इसे धो लें।
इसे हफ्ते में एक बार त्वचा पर अप्लाई करें।
ब्राउन शुगर और हनी स्क्रब
इसके लिए आपको चाहिए...
1 बड़ा चम्मच ब्राउन शुगर
1 बड़ा चम्मच कच्चा शहद
1 बड़ा चम्मच जैतून या नारियल तेल
अपने पसंदीदा एसेंशियल ऑयल की 2-3 बूंदें
कैसे इस्तेमाल करें
एक कटोरे में सभी सामग्रियों को मिलाएं।
अपने चेहरे पर स्क्रब अप्लाई करें और 10 मिनट के लिए धीरे-धीरे मसाज करें।
इसे 5-10 मिनट के लिए त्वचा पर रहने दें और फिर धो लें।
इसे आप हफ्ते में दो बार कर सकती हैं।
ब्राउन शुगर और वेनिला स्क्रब
इसके लिए आपको चाहिए....
1 कप ब्राउन शुगर
1 चम्मच वेनिला एक्सट्रैक्ट
1/2 कप जैतून / नारियल / बादाम का तेल
1/2 चम्मच विटामिन ई तेल (एक कैप्सूल को निचोड़ें)
कैसे इस्तेमाल करें
एक कटोरा लें और सभी सामग्रियों को मिलाएं।
आप अपनी पसंद के अनुसार तेल की मात्रा को समायोजित कर सकती हैं।
स्क्रब को अपनी त्वचा पर अप्लाई करें (आप अपने चेहरे और शरीर पर भी इसका उपयोग कर सकती हैं)।
10 मिनट के लिए स्क्रब करें और इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
फिर इसे गर्म पानी से धो लें।
आप इसे हफ्ते में दो बार कर सकती हैं।
ब्राउन शुगर और ऑलिव ऑयल स्क्रब
इसके लिए आपको चाहिए....
1/2 कप ब्राउन शुगर
2 चम्मच एक्सट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल (आप अपनी जरूरत के अनुसार तेल की मात्रा को समायोजित कर सकती हैं)
कैसे इस्तेमाल करें
एक कटोरे में सभी सामग्रियों को मिलाएं और यह उपयोग के लिए तैयार है।
इसे अपने चेहरे और गर्दन पर अप्लाई करें और धीरे-धीर अपनी उंगलियों से मसाज करें।
10 मिनट तक मसाज करें और फिर धो लें।
आप हफ्ते में एक से दो बार इसका इस्तेमाल कर सकती हैं
ब्राउन शुगर और कॉफी ग्राउंड स्क्रब
इसके लिए आपको चाहिए....
1/4 कप ब्राउन शुगर
3/4 कप कॉफी ग्राउंड्स
1 चम्मच वेनिला एक्सट्रैक्ट
1/3 कप नारियल तेल
कैसे इस्तेमाल करें
तेल को छोड़कर एक कटोरी में सभी सामग्रियों को मिलाएं।
अंत में इसमें तेल डालें। इसका एक गाढ़ा पेस्ट बनाने के लिए आप तेल की मात्रा को समायोजित कर सकती हैं।
इसे अपनी त्वचा (चेहरे और शरीर दोनों) पर अप्लाई करें और सर्कुलर मोशन में धीरे-धीरे स्क्रब करें।
10 से 15 मिनट तक मसाज करें
फिर गुनगुने पानी से इसे धो लें
हफ्ते में 1 बार इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
मनोरंजन /शौर्यपथ / टीवी शो ‘भाबी जी घर पर हैं’ में नेहा पेंडसे नई अनीता भाभी बनी हैं। जबसे सौम्या टंडन ने शो को अलविदा कहा था, तभी से नई अनीता भाभी को लेकर चर्चा चल रही थी। अब जब नेहा पेंडसे यह किरदार निभा रही हैं तो ऐसे में शो में उनका नया चेहरा भी देखनो को मिलेगा। दरअसल, आने वाले एपिसोड्स में एक ट्विस्ट आने वाला है। इसमें अनीता भाभी नए चेहरे में नजर आएंगी। सबकी चहेती, अनिता भाभी, मॉडर्न कॉलोनी और अपने प्यारे पति विभूति मिश्रा (आसिफ शेख) और उनके पड़ोसी, मनमोहन तिवारी (रोहिताश गौड़) के दिलों में धमाकेदार एंट्री करने वाली हैं।
अपने इस किरदार को लेकर नेहा पेंडसे काफी एक्साइटेड हैं। वह कहती हैं, “‘भाबीजी घर पर हैं’ की शूटिंग तो मैंने शुरू कर दी है, लेकिन टीवी पर मेरे किरदार के साथ एपिसोड्स 15 फरवरी से टेलिकास्ट होंगे। सीरियल में आप देखेंगे कि कैसे अपनी खूबसूरती, स्टाइल और जादू से लोगों को दीवाना बनाने वह आती हैं, जिससे पूरी कॉलोनी का माहौल बदल जाता है। सीरियल में अनिता भाभी का एक्सीडेंट हो जाता है और उन्हें अपने चेहरे की सर्जरी करवानी पड़ती है, लेकिन सर्जरी के दौरान गलती से असली तस्वीर किसी और से बदल जाती है, जिसकी वजह से उन्हें बिल्कुल नया चेहरा मिलता है। अनीता भाभी के नए चेहरे को देख सभी हैरान रह जाते हैं। बाद में जब सच्चाई पता चलती है तो लोग कहते नजर आते हैं कि सूरत बदल गई पर सीरत वही है।”
नेहा आगे बताती हैं कि नई अनीता भाभी के स्वागत में खास पार्टी रखी जाती है। शो में विभूति नारायण पहले थोड़े झिझकते हैं, लेकिन नई शुरुआत के लिए तैयार हो जाते हैं। पुरानी यादों को ताजा करते हुए, इस प्यारी-सी जोड़ी का बेहतरीन कैबरे परफॉर्मेंस भी आपको देखने को मिलेगा। दोनों के बीच पहले जैसा रोमांस देखने को मिलेगा। यह ‘वैलेंटाइन डे’ कुछ ज्यादा ही खास होने वाला है, क्योंकि दर्शकों को आखिरकार अपनी अनिता भाभी को परदे पर देखने का मौका मिलेगा। मैं काफी खुश और उत्सुक हूं। सीरियल में ट्विस्ट देखने के लिए तैयार हो जाइए। अनीता भाभी की धमाकेदार एंट्री होने वाली है।”
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /अक्सर त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने के लिए डॉक्टर व्यक्ति को कैलामाइन लोशन लगाने की सलाह देते हैं। पर क्या आप आप जानते हैं आखिर क्या है यह कैलामाइन लोशन और इसे लगाने से त्वचा से जुड़ी किस समस्या से निजात पाया जा सकता है। आइए जानते हैं।
कैलामाइन लोशन जिंक ऑक्साइड और आयरन फेरिक ऑक्साइड का एक मिश्रण है। इसमें ग्लिसरीन, प्यूरिफाइंग वॉटर के साथ फिनोल, कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कैलामाइन को जरूरी दवाओं की लिस्ट में जगह दी गई है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करते हैं।
कैलामाइन लोशन लगाने से दूर होंगी ये समस्याएं-
-नहीं होंगे रैश-
अक्सर गर्मियों में पसीना आने से बॉडी में रैशेज या घमोरी की समस्या हो जाती है। उससे बचने के लिए आपको कैलामाइन लोशन का इस्तेमाल करना चाहिए।
- एक्ने से बचाव-
अगर आपकी त्वचा पर सूजन है तो कैलामाइन लोशन सूजन वाली जगह पर लगाकर मसाज करें। कैलामाइन में मौजूद एंटी इंफ्लामेट्री गुण सूजन हटाने के साथ एक्ने दूर करने में भी मदद करती है।
-सनबर्न से बचाव-
कैलामाइन लोशन में मौजूद आयरन और जिंक सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाव करते हैं। अगर सूरज की हानिकारक किरणों की वजह से आपकी त्वचा जल गई है तो आप तुरंत कैलामाइन लोशन लगाएं। इसमें मौजूद कूलिंग इफेक्ट धूप से झुलसी त्वचा को आराम देता है।
-प्रेगनेंसी में काम का है कैलामाइन लोशन-
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को लोअर एब्डॉमिन में इचिंग की समस्या होती है। लेकिन कैलामाइन लोशन लगाने से जलन में राहत मिलती है।
ऑयली स्किन के लिए बेस्ट-
कैलामाइन लोशन मैटेफाइंग प्राइमर की तरह काम करता है। इसमें मौजूद ग्लिसरीन की वजह से त्वचा ड्राई नहीं होती और मॉइश्चराइज रहती है।
कैसे करें कैलामाइन लोशन को इस्तेमाल-
कैलामाइन लोशन लगाने से पहले बॉटल को अच्छी तरह शेक कर लें। अब एक कॉटन पैड लें उसमें लोशन लगाएं। धीरे-धीरे स्किन पर कॉटन पैड से लोशन लगाएं। लोशन को स्किन में ड्राय होने दें। ध्यान रखें इस लोशन को आंखों के पास या नाक, मुंह में न लगाएं।
खाना खजाना /शौर्यपथ /आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ में खान-पान की अनदेखी करने की वजह से हर तीसरा व्यक्ति आयरन की कमी से जुझ रहा है। ऐसे में डाइट में शामिल रोजाना एक आंवले का लड्डू आपकी यह समस्या दूर कर सकता है। आइए जानते हैं कैसे बनाए जाते हैं यह टेस्टी हेल्दी लड्डू।
आंवले के लड्डू बनाने के लिए सामग्री-
-आंवला कद्दूकस -250 ग्राम
-बेकिंग सोडा-1 चम्मच
-मीठा सोडा-1 चम्मच
-चीनी-150 ग्राम
-इलाइची पाउडर-1 चम्मच
-घी-2 चम्मच
आंवले के लड्डू बनाने का तरीका-
आंवले के लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले आप कद्दूकस किए हुए आंवला के साथ सोडा को एक बर्तन में डालकर कुछ देर के लिए रख दें। थोड़ी देर बाद आंवला को अच्छी तरह छानकर हाथ से दबाकर अच्छे से उसका पानी निकाल लें।
अब आप एक कढ़ाई में घी गर्म करके इसमें आंवला, बेकिंग सोडा और चीनी को डालकर कुछ देर मध्यम आंच पर पकाएं। कुछ देर पकने के बाद इसमें इलायची पाउडर डालकर कुछ देर और पकाकर गैस बंद कर दें। अब इस मिश्रण के ठंडा होने पर हाथों में घी लगाकर गोल आकार के लड्डू बना लें। आपके आंवला लड्डू सर्व करने के लिए बिल्कुल तैयार है।
खाना खजाना /शौर्यपथ /घर आए मेहमानों को इंप्रेस करना है तो शाम के नाश्ते में बनाएं कटहल के कबाब। नॉनवेज के शौकीन लोग भी हो जाएंगे इस कटहल कबाब रेसिपी के दीवाने। तो देर किस बात की आइए जानते हैं कैसे बनाए जाते हैं यह टेस्टी कबाब।
कटहल के कबाब बनाने के लिए सामग्री-
-कटहल-3 कप
-नमक-स्वादानुसार
-हरी मिर्च-2 बारीक कटी हुई
-बेसन-2 चम्मच
-लहसुन पेस्ट-1/2 चम्मच
-अदरक पेस्ट-1/2 चम्मच
-तेल-तलने के लिए
-जीरा पाउडर-1/2 चम्मच
-इलाइची पाउडर-1/2 चम्मच
कटहल के कबाब बनाने का तरीका-
कटहल के कबाब बनाने के लिए सबसे पहले आप कटहल को छीलकर साफ करके उसे कुकर में डालकर उबाल लें। इसके बाद सभी मसालों को मिक्सी में डालकर अच्छे से पीसकर एक बर्तन में निकाल लें। अब आप मसाले के मिश्रण में उबाले हुए कटहल और बेसन को डालकर अच्छे से मैश करके उसे कबाब के आकार में बना लें। इधर एक पैन में तेल गर्म करके उसमें कबाब को सुनहरा होने तक फ्राई करें। आपके गर्मा-गर्म कबाब बनकर तैयार है उसे प्लेट में निकालकर अपनी पसंदीदा चटनी से साथ सर्व करें।
धर्म संसार /शौर्यपथ /साल में चार नवरात्रि आते हैं, जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि आते हैं। आमतौर पर लोग शारदीय और चैत्र नवरात्रि के बारे में ही जानते हैं। इसके अलावा दो और नवरात्रि भी आते हैं। जिनमें विशेष कामनाओं की सिद्धि की जाती है। गुप्त नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना को गुप्त रखा जाता है। कहते हैं कि ऐसा करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और फल दोगुना मिलता है। गुप्त नवरात्रि के दौरान विवाह, नौकरी आदि संबंधित कई उपाय भी किये जाते हैं। इस साल माघ गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से शुरू हो रहे हैं। जानिए इन उपायों के बारे में-
1. संतान प्राप्ति के लिए- गुप्त नवरात्रि के दौरान संतान प्राप्ति के लिए 9 दिन मां दुर्गा को पान का पत्ता अर्पित करना चाहिए। पान का पत्ता कटा-फटा नहीं होना चाहिए। पूजा के दौरान नन्दगोपगृह जाता यशोदागर्भ सम्भवा ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी मंत्र का जाप करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से मनोकामना पूरी होती है।
22 फरवरी को बदलेगी मंगल की चाल, इन राशि वालों को मिलेगा जबरदस्त लाभ
2. नौकरी की समस्या के लिए- नौकरी या जॉब में किसी तरह की समस्या आ रही है तो गुप्त नवरात्रि के दौरान 9 दिन तक मां दुर्गा को बताशे पर रखकर लौंग अर्पित करनी चाहिए। इस दौरान सर्वबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वित: मनुष्यो मत्प्रसादेने भविष्यति ना संशय: मंत्र का जाप करना चाहिए।
3. खराब सेहत के लिए- खराब सेहत से छुटकारा पाने के लिए 9 दिन तक देवी मां को लाल पुष्प अर्पित करना चाहिए। इस दौरान ऊं क्रीं कालिकायै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति स्वस्थ होता है।
गुप्त नवरात्रि के दौरान ऐसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ, जानिए नियम और सावधानियां
4. कर्ज से मुक्ति पाने के लिए- कर्ज या किसी वाद-विवाद से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इसके लिए 9 दिन तक देवी मां के सामने गुग्गल की सुगंध वाला धूप जलाएं। ऐसा करने से समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इस दौरान ऊं दुं दुर्गाय नम: का जाप करना चाहिए।
5. विवाह के लिए- अगर विवाह में कोई बाधा आ रही है तो पूरे 9 दिन पीले फूलों की माला अर्पित करनी चाहिए। इस दौरान कात्यायनी महामाये, महायोगिनयधीश्वरी नन्दगोपसुतं देवी, पति में कुकू ते नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
धर्म संसार /शौर्यपथ /माघ चतुर्दशी को नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से जानते हैं। माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक निवारण चतुर्दशी होती है। इस साल यह तिथि 10 फरवरी (बुधवार) को पड़ी है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और श्रीगणेश की पूजा का विधान है। कहते हैं कि आज के दिन शिव परिवार की पूजा करने वालों को पापों से मुक्ति मिलती है। आयु में वृद्धि होती है और नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है।
आज ही तय हुआ था माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माघ मास की चतुर्दशी को ही शिव-पार्वती का विवाह तय हुआ था। जबकि ठीक एक महीने बाद यानी फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को शिव-पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह तिथि को महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं।
नरक निवारण चतुर्दशी के दिन ऐसे करें शिव पूजा-
1. सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि करें।
2. साफ वस्त्र धारण करने के बाद भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
3. भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें।
4. पूजा के दौरान भोलेनाथ को बेलपत्र और बेर जरूर अर्पित करने चाहिए।
5. पूजा के बाद शिवजी की आरती उतारें।
6. आरती के बाद मंत्रों का जाप करना चाहिए।
7. शाम के समय बेर खाकर व्रत का पारण करना चाहिए।
नरक निवारण चतुर्दशी आज, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं
खासकर बिहार में यह व्रत महाशिवरात्रि की तरह मनाया जाता है। कई मंदिरों में रुद्राभिषेक, श्रृंगार और जलाभिषेक किया जाता है। पंडितों के अनुसार नर्क की यातना व गलत कर्मों के प्रभाव से बचने के यह व्रत किया जाता है। श्रद्धालु स्वर्ग में अपने लिए सुख व वैभव की कामना करते हैं।
नरक निवारण चतुर्दशी आज, भगवान शिव की अराधना से मिलती है नरक से मुक्ति
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं में माघ महीने को दान-पुण्य और स्नान आदि के लिए बहुत ही शुभ महीना माना गया है। माघ महीने की अमावस्या से एक पहले वाली चतुर्दशी को नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से जानते हैं। इस दिन भगवान शिव की अराधना की जाती है। इस बार नरक निवारण चतुर्दशी 10 फरवरी 2021 यानी बुधवार को पड़ रही है।
नरक निवारण चतुर्दशी का महत्व:
नरक निवारण चतुर्दशी के दिन लोग सुबह 4 बजे उठकर स्नान कर शिलिंग पर जल अर्पित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि आज के दिन भगवान शिव का अराधना से सभी प्रकार के पाप धुल जाते हैं और नरक जाने से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह तय हुआ था। कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, हिमालय ने पुत्री पार्वती के विवाह का प्रस्ताव भगवान शिव को भेजा था। इसके बाद फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि महाशिवरात्रि के दिन उनका विवाह हुआ था। चतुर्दशी के अवसर पर विभिन्न मंदिरों में जलाभिषेक और पूजा अर्चना कर लोग उपवास रखते हैं। इस दिन लोग गंगा व अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। इस दिन पूरे दिन निराहार रहा जाता है और शाम को व्रत खोला जाता है।
खासकर बिहार में यह व्रत महाशिवरात्रि की तरह मनाया जाता है। कई मंदिरों में रुद्राभिषेक, श्रृंगार और जलाभिषेक किया जाता है। पंडितों के अनुसार नर्क की यातना व गलत कर्मों के प्रभाव से बचने के यह व्रत किया जाता है। श्रद्धालु स्वर्ग में अपने लिए सुख व वैभव की कामना करते हैं।
तनवी, ज्योति और अब्दुल संग सैकड़ों बच्चों ने जीती कुपोषण से जंग
रायपुर / शौर्यपथ / नन्हे तनवी, ज्योति और अब्दुल हैं तो छोटे बच्चे लेकिन उन्होंने जंग बड़ी जीती है। उनकी यह जंग कुपोषण से थी। कुपोषण को हराने के लिए लगातार काम कर रहे लोगों में कुपोषण को जड़ से समाप्त करने का हौसला भी बढ़ रहा है। कुपोषण से बाहर आए इन बच्चों के हंसते खिलखिलाते चेहरे उनके परिवार के साथ ही हर उस दिल को सुकून से भर देते हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त करने की ठानी है। इनमें सबसे पहले मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हैं जिन्होंने कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ 2 अक्टूबर 2019 से प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की। अभियान शुरू करते समय मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जो सपना देखा था वह तेजी से साकार रूप ले रहा है।
प्रदेश में बच्चों और महिलाओं के कदम कुपोषण को हराने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। शारीरिक रूप से कमजोर और कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का नतीजा साफ दिख रहा है। समन्वित प्रयासों से दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र सुकमा जिले के 3 हजार से अधिक बच्चों को कुपोषण के दुष्चक्र से बाहर निकाला गया है। जिले में ‘संवरता सुकमा‘कार्ययोजना संचालित है जिससे कुपोषण दर में लगातार कमी आ रही है। 4 वर्षीया बालिका तनवी का वजन सितंबर माह में 6.6 किलोग्राम था जो आज जनवरी माह में बढ़कर 8.89 किलोग्राम हो चुका है। इसी प्रकार अब्दुल का वजन भी 9.92 किलोग्राम से बढ़कर 10.5 किलो हो चुका है। बालिका ज्योति ने भी सुपोषित आहार का लाभ लेकर अपना वजन महज तीन माह में ही 7.91 किलो से 9.8 किलो कर कुपोषण को मात दी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मितानिनों के माध्यम से में 06 वर्ष से कम आयु के कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण आहार प्रदान किया जा रहा है जो बच्चों के वजन बढ़ाने के साथ ही अन्य पोषक तत्व प्राप्त करने में सहायक हैं। इसके साथ ही गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कर चिकित्सकों की सतत् निगरानी में आवश्यक उपचार, पौष्टिक आहार के साथ ही दवाईयां दी जाती है ताकि बच्चों के सेहत में जल्दी सुधार हो।
आंगनबाड़ी में सुपोषण आहार ग्रहण करने आए छोटे बच्चों के मुस्कुराते चेहरे मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का असर खुद बयां करते हैं। आंगनबाड़ियों में दूध,अण्डा,रागी हलवा जैसे पौष्टिक और रूचि का भोजन मिलने से उनमें खाने के प्रति रूचि बढ़ी है। सुकमा विकासखंड अन्तर्गत आंगनबाड़ी केंद्र गीदम की कार्यकर्ता श्रीमती सरिता पोड़ियामी ने बताया कि उनके केंद्र में 22 बच्चों को सुपोषण आहार दिया जा रहा है। जिसमें अधिकतर बच्चे विगत तीन माह से सामान्य श्रेणी में आ चुके हैं। रोजाना बच्चे सुबह से ही केंद्र में आकर खेलते हैं और फिर भोजन करते। सुबह के समय भी वह बच्चों को रेडी टू ईट से बने लड्डू और बर्फी का नाश्ता देती है। उन्होंने बताया कि बच्चों को शाम को परोसी जाने वाली दाल, मूंगफली, सोया बड़ी आदि सामग्रियों से बनी खिचड़ी बहुत पसंद है। बच्चे बड़े चाव से खिचड़ी खाते हैं।
करीब 17 हजार करोड़ रूपए पूंजी निवेश के साथ 22 हजार लोगों को मिला रोजगार
मेगा औद्योगिक परियोजनाओं के लिए हुए104 एम.ओ.यू., 42 हजार करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश प्रस्तावित
65 हजार और लोगों को मिलेगा रोजगार
146 में से 110 विकासखण्डों में फूडपार्क की स्थापना के लिए भूमि चिन्हांकित
बस्तर में लघु वनोपज आधारित 15 इकाईयों की स्थापना के लिए एम.ओ.यू. के प्रस्ताव तैयार
धान और गन्ने पर आधारित जैव ईंधन एथेनॉल उद्योगों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई औद्योगिक नीति निवेशको को बहुत भा रही है। पिछले दो साल में प्रदेश में जहां 1207 नये उद्योगों की स्थापना हुई है, वहीं राज्य में इन उद्योगों के माध्यम से 16 हजार 897 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश हुआ है, जिसमें 22 हजार से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिला है। इसी तरह इस दौरान मेगा औद्योगिक परियोजनाओं हेतु कुल 104 एम.ओ.यू. किए गए हैं। इन इकाइयों का प्रस्तावित कुल पंूजी निवेश 42 हजार 714.48 करोड़ रूपए है, जिसके माध्यम से करीब 65 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले दो वर्षाें में तीव्र गति से औद्योगिक विकास हुआ है। इस विकास को हासिल करने राज्य सरकार ने न केवल नई औद्योगिक नीति लागू की बल्कि इस नीति में निवेशकों की आवश्यकता के अनुरूप संशोधनों को शामिल किया। राज्य सरकार ने प्रदेश के विकासखण्डों में फूड पार्को की स्थापना के साथ ही खाद्य प्रसंस्करण नीति लागू की और इसके लिए एम.ओ.यू. निष्पादित भी किए। वनवासियों को वनोपज संग्रहण का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए वनांचल पैकेज घोषित किया और उद्यमियों की मांग के अनुसार उन्हें सहायता मुहैया कराया जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास एक नया वातावरण विकसित हुआ है।
राज्य सरकार ने पिछड़े तथा अति पिछड़े क्षेत्रों में वनोपज, हर्बल तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक नीति 2019-24 में वनांचल उद्योग पैकेज घोषित किया गया है। जिसके तहत् इकाईयों को अधिकतम 2.50 करोड़ रूपये का स्थायी पूंजी निवेश अनुदान के साथ-साथ नेट एसजीएसटी सहित औद्योगिक नीति में घोषित सभी अनुदान दिया जा रहा है।
इसी तरह राज्य सरकार द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिये सरकार द्वारा प्रत्येक विकासखण्ड में फूडपार्क की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 146 विकासखण्डों में से 110 विकासखण्डों में नवीन फूडपार्क की स्थापना भूमि का चिन्हांकन किया जा चुका है। ‘‘छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य प्रसंस्करण मिशन‘‘ की अवधि को बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2024 तक कर दिया गया है। साथ ही राज्य शासन द्वारा 05 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों से एम.ओ.यू. भी निष्पादित किए गए है, जिसमें दो इकाईयां उत्पादन में आ चुकी है। इनके माध्यम से राज्य में 283 करोड़ रूपये का निवेश तथा 2434 रोजगार प्रस्तावित है। इसके अलावा बस्तर क्षेत्र में लघु वनोपज आधारित 15 इकाईयों की स्थापना के लिए एम.ओ.यू. के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिनके माध्यम से 74 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश तथा 1049 रोजगार प्रस्तावित है।
किसानों को स्थानीय स्तर पर उनकी उपज का संपूर्ण मूल्य दिलवाने के लिए धान और गन्ने पर आधारित जैर्व इंधन-एथेनॉल उद्योगों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज जारी किया गया है। राज्य में अतिरिक्त धान द्वारा उत्पादित एवं शक्कर कारखानों के उत्पाद से बने एथेनॉल हेतु स्थापित इकाईयों को उच्च प्राथमिकता श्रेणी के तहत अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिये कच्चे माल की खरीदी समर्थन मूल्य पर करना आवश्यक होगा। राज्य में एथेनॉल प्लांट हेतु 8 इकाइयों द्वारा प्रस्ताव प्राप्त हुए है। जिसमें से 5 निवेशकों द्वारा एम.ओ.यू. निष्पादित कर लिया गया है जिसके माध्यम से 647 करोड़ रूपए का निवेश तथा 683 रोजगार प्रस्तावित है। राज्य सरकार की पहल पर भारत सरकार द्वारा देश में मक्का से एथेनॉल (बायो-फ्यूल) बनाने की अनुमति भी जारी की गई है।
उद्योगों में नवीन विचारधारा को समाहित करने तथा नव रोजगार सृजित करने छत्तीसगढ़ राज्य स्टार्ट-अप पैकेज को नीति में स्थान दिया गया है। इन स्टार्ट-अप्स को अन्य उद्योगों से अधिक सुविधाएं कम औपचारिकता के साथ प्रदान की जायेगी। राज्य में अब तक पंजीकृत स्टार्ट-अप की संख्या 504 है। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति वर्ग के उद्यमियों को प्रोत्साहन देने हेतु उनके लिये विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज जारी किये गये हैं।
कोर सेक्टर के मेगा उद्योगों को सहायता देने Be Spoke Policy की नवीन धारणा लायी गई है। जिसमें उद्योगों को उनके उत्पादन से लिंक कर आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसमें कुल परियोजना लागत का 60 प्रतिशत से 150 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किये जा रहे हैं।
उद्यमियों द्वारा स्थापित किये जाने वाले पात्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को उद्योग विभाग या सीएसआईडीसी के औद्योगिक क्षेत्रों में भू-आबंटन पर भू-प्रीमियम में अधिकतम 60 प्रतिशत तक का छूट प्रदान किया जा रहा है। उद्यमियों द्वारा बहुप्रतीक्षित भूमि हस्तांतरण शुल्क में कमी कर दी गयी है।
राज्य शासन द्वारा एमएसएमई को पृथक रूप से परिभाषित किया गया तथा वृहद सेवा उद्यम की परिभाषा भी जारी की गई। निवेशकों की मांग के अनुसार स्थायी पूंजी निवेश अनुदान को सूक्ष्म तक सीमित न कर लघु व मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लिये भी प्रावधानित किया गया है। निजी औद्योगिक पार्क की स्थापना हेतु बस्तर व सरगुजा के पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि उपलब्धता की समस्या को देखते हुए वर्तमान नीति में इसे सरगुजा एवं बस्तर संभाग हेतु भूमि की न्यूनतम आवश्यकता को 20 एकड़ कर दिया गया है। इन सभी पहल के कारण दिसंबर 2018 से जनवरी, 2021 तक कुल 1207 उद्योगों की स्थापना हुई। राज्य के इन उद्योगों के माध्यम से कुल 16897 करोड़ रू. का पूंजी निवेश हुआ है तथा 22001 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। अब तक मेगा औद्योगिक परियोजनाओं हेतु कुल 104 एम.ओ.यू. निष्पादित किए गए हैं। इन इकाइयों का प्रस्तावित कुल पंूजी निवेश 42714.48 करोड़ रू. है, जिसके माध्यम से कुल 64094 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
खाना खजाना /शौर्यपथ /सर्दियों के मौसम में अक्सर लोग आलस, कमर दर्द, गठिया, और जोड़ों के दर्द की शिकायत करते हैं। अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से परेशान हैं तो सर्दियों के मौसम में सुबह नाश्ते में मेथी के लड्डू खान से आपको इन सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। यह लड्डू आपके शरीर में स्फूर्ति बनाए रखने के साथ आपको कमर दर्द, गठिया तथा जोड़ों का दर्द और वात रोग में भी लाभ पहुंचाएगे। आइए जान लेते हैं कैसे बनाए जाते हैं यह टेस्टी हेल्दी लड्डू।
मेथी के लड्डू बनाने के लिए सामग्री-
-500 ग्राम मेथी दाना
-100 ग्राम खाने वाला गोंद
- 500 ग्राम मोटा पिसा गेहूं का आटा
-1 किलो गुड़
- 250 ग्राम शक्कर का बूरा
- 10 ग्राम पिसी छनी बारीक सोंठ
-1 किलो शुद्ध घी
- 100 ग्राम खसखस
- 250 ग्राम बारीक कटा मेवा
-10 ग्राम इलायची पाउडर
मेथी के लड्डू बनाने की विधि-
मेथी के लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले मेथी दाने को साफ करके दो दिन पानी बदलकर भिगोएं। इसके बाद मेथी दाने को ताजे पानी से धोकर बारीक पीस लें। मोटे तले के बर्तन में एक बड़ा चम्मच घी डालकर धीमी आंच पर भूनें। घी की जरूरत लगने पर थोड़ा-थोड़ा डालकर चलाते हुए भूनते रहें। ब्राउन होने और खुशबू आने पर उतार लें। आटे को छानकर घी के साथ अलग से इसी तरह भून लें। अब गोंद को घी में फुलाकर हल्का-सा कुचल लें।
कम गर्म घी में सोंठ और खसखस को डालकर निकाल लें। गुड़ को कूटकर या बारीक करके घी के साथ चलाएं। जब गुड़ घी में अच्छी तरह से मिल जाए तो उसे उतारकर इसमें तैयार की हुई सारी सामग्री, कटे मेवे, इलायची पाउडर और आधा बूरा भी मिला दें। घी कम लगे तो इसमें आवश्यकतानुसार गर्म घी मिला लें। अब थोड़ा गर्म रहते ही बूरे को हथेलियों से रगड़ें और एक साइज के लड्डू बना लें। आपके सेहत और स्वाद से भरपूर मेथी के लड्डू बनकर तैयार हैं।