March 27, 2025
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भिलाई। शौर्यपथ । बहुत जल्द पब्लिक सेक्टर यूनिट के सबसे बड़े अस्पताल भिलाई के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल सेक्टर-9 की तस्वीर बदलने वाली है। भूपेश सरकार चाहती है कि सेक्टर-9 अस्पताल को फिर से प्रतिष्ठित अस्पताल बनाया जाए। लोग ये सवाल कर रहे हैं कि आखिर सरकार ने कैसे सेक्टर-9 अस्पताल की सुध ली है? इसके पीछे भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव है। देवेंद्र ने इसी महीने की 2 तारीख को भूपेश सरकार से सेक्टर-9 अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग की थी। देवेंद्र ने तब तर्क देते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध और भिलाई के सबसे बड़े हॉस्पिटल सेक्टर-9 हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा देना चाहिए। बीएसपी द्वारा सन 1955 से संचालित है। यहां भिलाई स्टील प्लांट के कर्मियों के अलावा प्रदेश व देशभर के लोग उपचार कराने के लिए आते हैं। मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने से काफी सुविधाएं बढ़ेंगी। देवेंद्र की इस पहल के बाद कल कलेक्टर कान्फ्रेंस मीटिंग में सीएम भूपेश ने कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को निर्देश दिए कि सेक्टर-9 अस्पताल को पहले की तरह अपग्रेड किया जाए। इसके लिए रोडमैप बनाए। जो भी जरूरी चीजों की आवश्यकता होगी, उसके लिए सेल प्रबंधन से बात करें और सरकार भी मदद करेगी।

दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में हर साल बरसात आने के पहले शहर के नाले / नालियों की सफाई के लिए 40 से 50 लाख की निविदा निकाली जाती थी . दुर्ग निगम में पिछले 20 सालिओ से निगम में भाजपा की सरकार थी और हर साल निगम प्रशासन शहर की नालियों / नालो की सफाई के लिए लाखो की निविदा निकाल कर ये काम करवाती थी . तब दुर्ग की जनता को ऐसा लगता था कि शहर की सत्ता द्वारा ये एक सार्थक प्रयास किया जा रहा है . किन्तु इस साल निगम ने एक नया प्रयोग किया . निकाय चुनाव के आचार सहिंता लगने के कुछ समय बाद से ही दुर्ग निगम के आयुक्त बर्मन द्वारा एक कार्य का बीड़ा उठाया गया . वो कार्य था शहर की नालियों / नालो को साफ़ करना . इस कार्य के लिए पहली बार निगम ने किसी भी ठेकेदार को ठेका नहीं दिया . निगम के कर्मचारियों से ही ये कार्य को अंजाम दिया गया .
निगम आयुक्त द्वारा इस कार्य के लिए 40 लोगो की एक टीम गठित की गयी और शहर की सडको से सर्वप्रथम धुल मिटटी को हटाने का कार्य किया गया . धुल मिटटी हटाने के उपरान्त छोटी छोटी नालियों की सफाई तलहटी तक की गयी . गली मोहल्लो की नालियों की सफाई की निगरानी स्वास्थ्य अधिकारी और सीधे आयुक्त बर्मन द्वारा की गयी . छोटी छोटी नालियों के बाद निगम प्रशासन के द्वारा शहर के नालो को क्रमबद्ध तरीके से तलहटी तक मलबा और मिटटी निकाल कर साफ़ किया गया . स्वास्थ्य विभाग और कर्मशाला से प्राप्त जानकारी के अनुसार निगम के तीन डम्पर का दो महीनो तक कार्य सिर्फ नाले की मिट्टियों को ढोने का ही था . दो महीनो में लगभग 700 से 800 ट्रिप मिट्टिया नालो से निकाल कर डंपिंग स्थान में डाला गया . ऐसा नहीं है कि ये बात किसी से छुपी है . शहर के हर वार्ड की जनता जिनका नालो के करीब निवास है इस बात की गवाही दे सकता है .
शहर वासियों के अनुसार इस बार जिस तरह से नालियों की सफाई हुई है वैसी सफाई सालो से देखने को नहीं मिली . निगम आयुक्त बर्मन ने जिस तरह कार्य किया और ये साबित किया कि ऐसे कई कार्य जो ठेके से होते थे उसे निगम कर्मचारियों से भी कराया जा सकता है साबित कर दिया . अभी तक निगम प्रशासन पूर्व में करोडो रूपये नालियों / नालो की सफाई में खर्च कर चूका है किन्तु ये निश्चित है कि भविष्य में अब नालो / नालियों की सफाई निगम के कर्मचारियों द्वारा ही होता रहेगा जिससे भविष्य में भी निगम के लाखो करोडो रूपये बचेंगे . नालो की सफाई का सफल प्रयोग कर आयुक्त बर्मन ने एक मिसाल पेश की जो दुर्ग की जनता को वर्षो तक याद रहेगा .
महापौर का भी रहा पूर्ण सहयोग ...
शहर के महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा निगमआयुक्त के कार्य में किसी तरह का हस्तक्षेप ना करना ये साबित करता है कि महापौर बाकलीवाल भी यही मंशा रखते है कि शहर के ऐसे कार्य जो निगम कर्मचारियों द्वारा कराये जा सकते है उसे निगम कर्मचारियों द्वारा ही कराया जायेगा और निगम के राजस्व की बचत होगी जो निगम क्षेत्र के अन्य विकास कार्यो में ही खर्च होगी . आज जो भी नालो की सफाई का विरोध कर रहे है वो पूर्व के सालो में सफाई और बाद में जलभराव के गवाह है . निगम प्रशासन का कार्य कितना सफल रहा इसका परिणाम तो बरसात में ही चलेगा उसके लिए अभी से शंका करना वर्तमान स्थिति में क्या सही होगा क्योकि जैसी सफाई वर्तमान में हुई ऐसी सफाई पूर्व के सालो में देखने को नहीं मिली तो अब फैसला आम जनता को ही करना है कि बरसात में कैसी स्थिति निर्मित होती है और फैसला बरसात के बाद ही हो सकता है अभी से कयास लगा कर उन 40 लोगो की टीम को हतोत्साहित नहीं किया जा सकता जिन्होंने पिछले 2-3 महीनो से इस कार्य के लिए अपना योगदान दिया है .

राजनांदगांव / शौर्यपथ / कृषि विभाग द्वारा जिले में चालू खरीफ मौसम में 3 लाख 55 हजार 910 हेक्टेयर में फसल बोने का लक्ष्य रखकर जरूरी तैयारियां की गई है। इस साल 3 लाख 7 हजार 545 हेक्टेयर में धान और अन्य अनाज फसलें, 16 हजार 325 हेक्टेयर में दलहनी तथा 32 हजार 40 हेक्टेयर में तिलहनी फसलें बोने का लक्ष्य रखा गया है। 
उप संचालक कृषि  धु्रर्वे से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल खरीफ मौसम में 2 लाख 98 हजार 120 हेक्टेयर में धान फसल बोने की तैयारी की गई है। जिले में बोता, रोपा, कतार बोनी, श्रीविधि से धान की बोनी की जाती है। इस वर्ष 1 लाख 61 हजार 220 हेक्टेयर में बोता धान, 68 हजार 900 हेक्टेयर में धान रोपा, 65 हजार हेक्टेयर में कतार बोनी तथा 3 हजार हेक्टेयर में श्री विधि से धान की बोनी करने का लक्ष्य रखा गया है। अन्य अनाज फसलों में 25 हेक्टेयर में ज्वार, 5 हजार 860 हेक्टेयर में मक्का और 3 हजार 540 हेक्टेयर में कोदोकुटकी की बोआई की तैयारी की गई है। दलहनी फसलों में 6 हजार 400 हेक्टेयर में अरहर, एक हजार 750 हेक्टेयर में मूंग, 6 हजार 950 हेक्टेयर में उड़द तथा एक हजार 225 हेक्टेयर में कुल्थी व अन्य दलहनी फसलें लगाने का कार्यक्रम बनाया गया है। श्री ध्रुर्वे ने बताया कि जिले में खरीफ मौसम में मूंगफल्ली, तिल और सोयाबीन की खेती होती है। इस वर्ष 20 हजार 400 हेक्टेयर में सोयाबीन, एक हजार 500 हेक्टेयर में तिल तथा 140 हेक्टेयर में मुंगफल्ली बोने का लक्ष्य रखा गया है। खरीफ मौसम में ही 10 हजार 250 हेक्टेयर में साग-सब्जी ली जाती है। 
 धु्रर्वे ने बताया कि बीते खरीफ मौसम वर्ष 2019-20 में 2 लाख 91 हजार हेक्टेयर में धान बोने का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य के विरूद्ध 3 लाख 32 हजार हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी। इसी प्रकार 5 हजार 720 हेक्टेयर में दलहनी व 26 हजार 385 हेक्टेयर में तिलहनी फसलें लगाई गई थी।   

भिलाई / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम रिसाली के वार्डों के कामकाज का सुचारू रूप से संचालन नियंत्रण, देखरेख एवं उचित क्रियान्वयन हेतु नगरीय प्रशासन से दो इंजिनियर की नियुक्ति उपरांत उपअभियंताओं के बीच कार्यों का विभाजन किया गया है। उक्ताशय के आदेश अपर कलेक्टर व निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे ने एक आदेश जारी कर उपअभियंताओं को निगम वार्डों की सम्पूर्ण कार्य की देखरेख एवं निरीक्षण की भी जवाबदेही तय की गई है। निगम आयुक्त श्री सर्वे के आदेशानुसार उपअभियंता अखिलेश कुमार गुप्ता को वार्ड 39 पुरैना, वार्ड 40 जोरातराई, वार्ड 41 डुण्डेरा, वार्ड 42 नेवई और हिमांशु कावड़े वार्ड 60 रिसाली, वार्ड 61 प्रगति नगर, वार्ड 62 रूआबांधा सेक्टर, वार्ड 63 रूआबांधा बस्ती एवं वार्ड 45 मरोदा सेक्टर तथा श्रीमती उमयन्ती कोमर्रा वार्ड 43 स्टेशन मरोदा, वार्ड 44 टंकी मरोदा, वार्ड 58 रिसाली सेक्टर उत्तर एवं वार्ड 59 रिसाली सेक्टर दक्षिण की जवाबदारी दी गई है, जहां पर वार्डों की पेयजल समस्या, प्रकाश व्यवस्था अवैध कब्जा, अवैध निर्माण, स?क बाधा, पुल पुलिया संधारण, स?क सफाई, नहर नाली की सफाई एवं कब्जा, नाली जाम, विकास कार्य, संधारण कार्य की प्रगति, नल कनेक्शन, वाटर हार्वेस्टिंग, केन्द्र एवं राज्य सरकार की प्रवर्तित योजनाओं का निरीक्षण के साथ साथ विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर निगम आयुक्त के समक्ष पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।  

दुर्ग / शौर्यपथ / महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों में रेडी-टू-ईट पूरक पोषण आहार प्रदाय केवल सेक्टर प्ररिक्षेत्र में स्थित सक्षम महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से प्रस्ताव आमंत्रित किये जाते है। जिले में कुल 668 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे है। जिसमें दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में 221 जिसमें ननक_ी, जवेरा, हनौदा, अण्डा, उतई, चंदखुरी, नगपुरा, रसम?ा, अंजोरा, भिलाई-2 के चरोदा में 28, भिलाई-3 में 25, दुर्ग शहर के बोरसी में 20, अहिवारा में 38, धमधा विकासखण्ड के पेण्ड्रावन में 24, पाटन विकास खण्ड के सांतरा, जामगांव आर, दरबारमोखली, पाटन, तेलीगुण्डरा, बटरेल, सेलुद, रानीतरई, गा?ाडीह, असोगा  में 267 तथा जामगाव-एम के ग्राम सिकोला व पाहंदा में 45 आंगनबाडी संचालित की जा रही है। 
आंगनबाड़ी केन्द्रों में रेडी-टू-ईट पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन पत्र केवल रजिस्टर्ड डाक व कोरियर के माध्यम से कलेक्टर कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग पांच बिल्डिंग परिसर, दुर्ग में 30 जून 2020 तक अपरान्ह 4:00 बजे तक कार्यालयीन दिवस में अपना आवेदन प्रेषित कर सकते है। अन्य जानकारी 29 जून 2020 तक उक्त कार्यालय से प्राप्त कर सकते है। 
दुर्ग। / शौर्यपथ /  जिले के अंतर्गत तहसील उतई के ग्राम हनोदा पटवारी हल्का नम्बर 39 में कोरोना पॉजिटिव केस पाये जाने के कारण कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है। कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोडकर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी के पुलिस विभाग के माध्यम से पेट्रोलिंग की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी। 
कन्टेनमेंट जोन उचित कार्यवाही के लिए कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी अधिकारी नियुक्त किये गये। जिसमें नायब तहसीलदार दुर्ग को कन्टेनमेंट जोन के प्रभारी अधिकारी जयेन्द्र बघेल मोबाईल नम्बर 9111587514 तथा पर्यवेक्षण अधिकारी  खेमलाल वर्मा मोबाईल नम्बर 7898406846 शामिल है। जिसमें केवल एक प्रवेश व निकास की व्यवसथा के लिए जिले के कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग, सेनेटाईजिंग किये जाने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद, निवास स्थानों में एक्टिव सर्विलांस, दवा, मास्क, पी.पी.ई किट इत्यादि उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित किया है। इसके साथ ही आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित प्रभारी अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। खनिज विभाग व क्षेत्री परिवहन विभाग के अधिकारी को कन्टेनमेंट जोन में अधिकारी व कर्मचारियों को आवासीय व्यवस्था करने के कलेक्टर ने निर्देश दिये। 
दुर्ग / शौर्यपथ /  शहर के पटरीपार क्षेत्र के वार्डो में अभियान चलाकर क्षेत्र वासियों को महामारी और बीमारी से बचाया जाएगा। इसे अंतर्गत नालियों की साफ-सफाई के साथ ही दवाई का छिड़काव और एहतियात बरतने अपील की जाएगी। डेंगू, मलेरिया, पीलिया से बचाव के लिए घर-घर जाकर क्लोरिन टेबलेट का वितरण तथा गली-गली में दवाई का छिड़काव की जाएगी। इस संबंध में आज स्वास्थ्य प्रभारी हमीद खोखर द्वारा महापौर धीरज बाकलीवाल के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग के जोन 3 के स्वच्छता निरीक्षक और सफाई सुपरवाईजरों की बैठक लेकर आवश्यक तैयारी और योजना बनाने निर्देश दिये। बैठक में स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता, स्वच्छता निरीक्षक राजेन्द्र सराटे, तथा सभी सुपरवाईजर उपस्थित थे। 
बैठक में स्वास्थ्य प्रभारी श्री खोखर ने कहा आने वाले समय में बारिश का मौसम रहेगा। बारिश के समय होने वाले परेशानी को ध्यान में रखते हुये सभी सुपरवाईजर एलर्ट रहेंगें। अपने-अपने वार्डो की स्वच्छता के लिए योजना बनायें। वार्डो के अंदर से लेकर बाहर तक की सभी नालियों की बेहतर सफाई के साथ मच्छर उन्मूलन के लिए मैलाथियान दवाई का छि़काव, डेंगू महामारी के लिए टॉमीफास दवाई का छि?काव और वितरण तथा मलेरिया के लिए क्लोरिन टैबलेट वितरण की दिनवार कार्यक्रम बनायें। उन्होनें कहा सफाई के दौरान वार्डो में लोगों को समझाईश देगें कि वे कूलर सहित अन्य जगहों पर पानी का भराव ना होनें दें और उसका स्वयं भी निरीक्षण कर कार्यवाही करेगें। 

भिलाई / शौर्यपथ / सेक्टर छ:  स्थित जामा मस्जिद के सामने पेवर ब्लॉक लगाया जाएगा ताकि मस्जिद परिसर के आस पास स्वच्छता बनी रहे और बारिश के सीजन में आने वालों को सुविधा मिल सके। विकास कार्य की स्वीकृति पश्चात आज महापौर एवं भिलाईनगर विधायक देवेन्द्र यादव ने महापौर परिषद के सदस्य एवं वार्ड पार्षद सूर्यकान्त सिन्हा, जामा मस्जिद के इमाम इकबाल अंजुम एवं वार्ड के कुछ वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति में भूमिपूजन किया। मस्जिद परिसर के पास होने वाले आयोजनों को ध्यान रखते हुए महापौर श्री यादव ने 12.16 लाख की लागत से बनने वाले कार्य की स्वीकृति कराई ताकि समाज के लोगों को सहुलियत मिल सके। मस्जिद कमेटी द्वारा पेवर ब्लॉक लगाने की मांग की गई थी, मांग पूरा होने पर मस्जिद कमेटी के सदस्यों महापौर और निगम प्रशासन का आभार व्यक्त किए। वार्ड पार्षद सूर्यकान्त सिन्हा ने बताया कि सेक्टर- 6 जामा मस्जिद के बाहर सडक के दोनो ओर पेवर ब्लॉक लगाया जाएगा। इसके लिए महापौर श्री यादव के पहल के बाद इस कार्य के लिए राशि 12.16 लाख रूपए स्वीकृत हुए जिसका आज भूमिपून किया गया। अब जल्द ही कार्य शुरू होने के बाद मस्जिद परिसर में आने वाले लोगों को पेवर ब्लॉक लगने से सुविधा मिलेगी, बारिश के दिनों में कीचड़ से निजात मिलेगा। भूमिपुजन कार्यक्रम में जामा मस्जिद के जमील अहमद, असरफ बेग, आसिम बेग, जमील कुरैशी, राजीव यादव, राकेश ठाकुर, सत्यनारायण गुप्ता, जोन 05 के प्रभारी कार्यपालन अभियंता सुनील जैन एवं श्वेता महेश्वर उपस्थित थे। 

भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई श्रमिक सभा युनियन की बैठक युनियन कार्यालय सेक्टर 2 में सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का पालन करते हुए संपन्न हुई। युनियन के अध्यक्ष एच.एस.मिश्रा ने बैठक में उपस्थित सभी साथियों को आगाह करते हुए कहा कि सभी साथी आवश्यक है तभी घर से बाहर जायें व मास्क का प्रयोग अवश्य करें व बाहर लोगों से 6 फिट की दूरी बनाकर रखें। स्वयं भी सुरक्षित रहे व अन्य लोगों को भी समझायें। श्री मिश्रा ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते पूरे विश्व में सभी व्यवसायों व उद्योगों में मंदी का दौर है। हमारी केन्द्र सरकार की मजदूर विरोध नीतियां तथा सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने की इच्छा हम मजदूरों के भविष्य को गर्त में ढकेल रही है, ऐसे समय में दिल्ली के चेयरमैन कार्यालय में इस्पात कर्मिकों के सुविधाओं में कटौती करने की तैयारी श्रमिकों पर दोहरी मार है ।
सेल चेयरमैन को चाहिए कि सरकार पर आर्डर का दबाव बनायें व देश में अन्य स्थानों ंपर भी सेल के उत्पादों को अधिक से अधिक बेचने का प्रयास करें। अन्य देशों से भी अधिक से अधिक आर्डर लेने  का प्रयास करें व जरूरत के हिसाब से उत्पादों के क्वालिटी में सुधार करायें। श्री मिश्रा ने कहा कि यदि सेल को आगे बढ़ाना है या घाटे से उबारना है तो केवल श्रमिकों के सुविधाओं में कटौती इसका हल सही नही है। सेल चेयरमैन ढृढ़ इच्छा शक्ति से केन्द्र सरकार को सही बात मनवायें व नये मोडेक्स युनिटों के टेक ओवर के पूर्व पूरा चालू कराने के बाद ही भुगतान करें चेयरमैन हमारे लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते है वरना टेकओवर के बाद युनिट के अधिकारियों व कार्मिकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे भिलाई में यू.आर.एम. ब्लास्ट फर्नेस 8 एवं एस.एम.एस 3 में भुगत रहे है। 
युनियन के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रेमसिंह चंदेल ने कहा कि हमारे कार्मिक बहुत सी सुविधाओं से पहले से ही वंचित है और कटौती अब बर्दास्त नही। एचएमएस सेल के चेयरमैन व माननीय इस्पात मंत्री जी से मांग करते आ रही है कि भिलाई में अवैध कब्जों से आवासों को बचाने लीज का छठवा चरण लाये तो आर्थिक मदद भी सेल को मिलेगी एवं हमारे आवास मुक्त होंगे। पुराने लीजधारियों के विवादों को भी निपटाकर धन जुटाया जा सकता है। 
चंदेल ने कहा कि अभी सेल के हर यूनिट में कर्मी व अधिकारियों को साफ नियत से कार्य करने व स्वार्थ का त्याग करके कार्य करने की जरूरत है मगर बड़ी दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि भिलाई में भी स्वार्थ व भ्रष्टाचार बढ़ते जा रहा है। हर काम को ठेका से करवाने से संयंत्र का काम व संबंधित ठेकेदार अधिकारी को लाभ हो रहा है। इस तरीके से सेल या भिलाई की प्रगति संभव नही है। 
युनियन उपाध्यक्ष जी. जोगिंदर राव, लखविंदर राव व वरिष्ठ पत्रकार व युनियन नेता अशोक पंडा ने कहा कि स्थानीय प्रबंधन को राजनैतिक दबाव में आये बिना संयंत्र हित में निर्णय लेना होगा। युनियन के महासचिव प्रमोद मिश्रा ने प्रबंधन को सुझाव दिया कि कोक ओवन में लाभ देने वाले सह उत्पादों को ज्यादा बनाये जिनका देश में मांग है उसी तरह हमारे जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में अच्छे विशेषज्ञ डाक्टरों की भर्ती कराकर स्टाफ की संख्या बढ़ाकर छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में अपने अस्पताल की ख्याति बढ़ाये व वर्करों के साथ साथ नागरिकों को भी राहत प्रदान करें वर्तमान में यहां से मरीजों को रिफर करना पड़ रहा है और हमारे बीएसपी से ये निजी अस्पताल सामान्य जन से वसूले जाने वाले फीस से इलाज का डबल वसूली करते है इसकी भी जांच कराकर कमीशनखोरी पर रोक लगायें। अभी देश भर में अस्पतालों में लूटा जा रहा है। हमारे सेक्टर 9 अस्पताल को छोड़कर अन्य स्थान पर मेडिकल कॉलेज अलग से खोले। 
उपमहासचिव द्वय हरीराम यादव व डीके सिंह ने कहा कि सेल के अलग अलग युनिटों की अपेक्षा भिलाई में पदनाम व प्रमोशन में भिन्नता को समाप्त किया जाए राउलकेला में विटवीन कलस्टर 3 साल में प्रमोशन होता है एवं भद्रावती जैसे छोटे युनिट में एसीटी व ओसीटी का भिन्न पदनाम है। युनियन के वरिष्ठ नेता बीके सिंह , हेमंत महोबिया, गुलाब सोनी, चिन्नैया, दीपक चौबे व धनंजय चतुर्वेदी ने मांग की कि जो जनप्रतिनिधि अभी पद में नही है व जिन शासकीय अधिकारियों का दुर्ग जिला के बाहर पोस्टिंग है या रिटायर हो गये हंै उनसे बत्तीस बंगला व टाउनसिप के मकान वापस लेवें। इसी प्रकार संयंत्र के लिए खरीदे जाने वाले सामग्री के क्वालिटी पर निगरानी किया जाए और गडबड़ी पर उचित कार्यवाही हो। 

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