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भिलाई। शौर्यपथ । बहुत जल्द पब्लिक सेक्टर यूनिट के सबसे बड़े अस्पताल भिलाई के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल सेक्टर-9 की तस्वीर बदलने वाली है। भूपेश सरकार चाहती है कि सेक्टर-9 अस्पताल को फिर से प्रतिष्ठित अस्पताल बनाया जाए। लोग ये सवाल कर रहे हैं कि आखिर सरकार ने कैसे सेक्टर-9 अस्पताल की सुध ली है? इसके पीछे भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव है। देवेंद्र ने इसी महीने की 2 तारीख को भूपेश सरकार से सेक्टर-9 अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग की थी। देवेंद्र ने तब तर्क देते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध और भिलाई के सबसे बड़े हॉस्पिटल सेक्टर-9 हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा देना चाहिए। बीएसपी द्वारा सन 1955 से संचालित है। यहां भिलाई स्टील प्लांट के कर्मियों के अलावा प्रदेश व देशभर के लोग उपचार कराने के लिए आते हैं। मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने से काफी सुविधाएं बढ़ेंगी। देवेंद्र की इस पहल के बाद कल कलेक्टर कान्फ्रेंस मीटिंग में सीएम भूपेश ने कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को निर्देश दिए कि सेक्टर-9 अस्पताल को पहले की तरह अपग्रेड किया जाए। इसके लिए रोडमैप बनाए। जो भी जरूरी चीजों की आवश्यकता होगी, उसके लिए सेल प्रबंधन से बात करें और सरकार भी मदद करेगी।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में हर साल बरसात आने के पहले शहर के नाले / नालियों की सफाई के लिए 40 से 50 लाख की निविदा निकाली जाती थी . दुर्ग निगम में पिछले 20 सालिओ से निगम में भाजपा की सरकार थी और हर साल निगम प्रशासन शहर की नालियों / नालो की सफाई के लिए लाखो की निविदा निकाल कर ये काम करवाती थी . तब दुर्ग की जनता को ऐसा लगता था कि शहर की सत्ता द्वारा ये एक सार्थक प्रयास किया जा रहा है . किन्तु इस साल निगम ने एक नया प्रयोग किया . निकाय चुनाव के आचार सहिंता लगने के कुछ समय बाद से ही दुर्ग निगम के आयुक्त बर्मन द्वारा एक कार्य का बीड़ा उठाया गया . वो कार्य था शहर की नालियों / नालो को साफ़ करना . इस कार्य के लिए पहली बार निगम ने किसी भी ठेकेदार को ठेका नहीं दिया . निगम के कर्मचारियों से ही ये कार्य को अंजाम दिया गया .
निगम आयुक्त द्वारा इस कार्य के लिए 40 लोगो की एक टीम गठित की गयी और शहर की सडको से सर्वप्रथम धुल मिटटी को हटाने का कार्य किया गया . धुल मिटटी हटाने के उपरान्त छोटी छोटी नालियों की सफाई तलहटी तक की गयी . गली मोहल्लो की नालियों की सफाई की निगरानी स्वास्थ्य अधिकारी और सीधे आयुक्त बर्मन द्वारा की गयी . छोटी छोटी नालियों के बाद निगम प्रशासन के द्वारा शहर के नालो को क्रमबद्ध तरीके से तलहटी तक मलबा और मिटटी निकाल कर साफ़ किया गया . स्वास्थ्य विभाग और कर्मशाला से प्राप्त जानकारी के अनुसार निगम के तीन डम्पर का दो महीनो तक कार्य सिर्फ नाले की मिट्टियों को ढोने का ही था . दो महीनो में लगभग 700 से 800 ट्रिप मिट्टिया नालो से निकाल कर डंपिंग स्थान में डाला गया . ऐसा नहीं है कि ये बात किसी से छुपी है . शहर के हर वार्ड की जनता जिनका नालो के करीब निवास है इस बात की गवाही दे सकता है .
शहर वासियों के अनुसार इस बार जिस तरह से नालियों की सफाई हुई है वैसी सफाई सालो से देखने को नहीं मिली . निगम आयुक्त बर्मन ने जिस तरह कार्य किया और ये साबित किया कि ऐसे कई कार्य जो ठेके से होते थे उसे निगम कर्मचारियों से भी कराया जा सकता है साबित कर दिया . अभी तक निगम प्रशासन पूर्व में करोडो रूपये नालियों / नालो की सफाई में खर्च कर चूका है किन्तु ये निश्चित है कि भविष्य में अब नालो / नालियों की सफाई निगम के कर्मचारियों द्वारा ही होता रहेगा जिससे भविष्य में भी निगम के लाखो करोडो रूपये बचेंगे . नालो की सफाई का सफल प्रयोग कर आयुक्त बर्मन ने एक मिसाल पेश की जो दुर्ग की जनता को वर्षो तक याद रहेगा .
महापौर का भी रहा पूर्ण सहयोग ...
शहर के महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा निगमआयुक्त के कार्य में किसी तरह का हस्तक्षेप ना करना ये साबित करता है कि महापौर बाकलीवाल भी यही मंशा रखते है कि शहर के ऐसे कार्य जो निगम कर्मचारियों द्वारा कराये जा सकते है उसे निगम कर्मचारियों द्वारा ही कराया जायेगा और निगम के राजस्व की बचत होगी जो निगम क्षेत्र के अन्य विकास कार्यो में ही खर्च होगी . आज जो भी नालो की सफाई का विरोध कर रहे है वो पूर्व के सालो में सफाई और बाद में जलभराव के गवाह है . निगम प्रशासन का कार्य कितना सफल रहा इसका परिणाम तो बरसात में ही चलेगा उसके लिए अभी से शंका करना वर्तमान स्थिति में क्या सही होगा क्योकि जैसी सफाई वर्तमान में हुई ऐसी सफाई पूर्व के सालो में देखने को नहीं मिली तो अब फैसला आम जनता को ही करना है कि बरसात में कैसी स्थिति निर्मित होती है और फैसला बरसात के बाद ही हो सकता है अभी से कयास लगा कर उन 40 लोगो की टीम को हतोत्साहित नहीं किया जा सकता जिन्होंने पिछले 2-3 महीनो से इस कार्य के लिए अपना योगदान दिया है .
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कृषि विभाग द्वारा जिले में चालू खरीफ मौसम में 3 लाख 55 हजार 910 हेक्टेयर में फसल बोने का लक्ष्य रखकर जरूरी तैयारियां की गई है। इस साल 3 लाख 7 हजार 545 हेक्टेयर में धान और अन्य अनाज फसलें, 16 हजार 325 हेक्टेयर में दलहनी तथा 32 हजार 40 हेक्टेयर में तिलहनी फसलें बोने का लक्ष्य रखा गया है।
उप संचालक कृषि धु्रर्वे से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल खरीफ मौसम में 2 लाख 98 हजार 120 हेक्टेयर में धान फसल बोने की तैयारी की गई है। जिले में बोता, रोपा, कतार बोनी, श्रीविधि से धान की बोनी की जाती है। इस वर्ष 1 लाख 61 हजार 220 हेक्टेयर में बोता धान, 68 हजार 900 हेक्टेयर में धान रोपा, 65 हजार हेक्टेयर में कतार बोनी तथा 3 हजार हेक्टेयर में श्री विधि से धान की बोनी करने का लक्ष्य रखा गया है। अन्य अनाज फसलों में 25 हेक्टेयर में ज्वार, 5 हजार 860 हेक्टेयर में मक्का और 3 हजार 540 हेक्टेयर में कोदोकुटकी की बोआई की तैयारी की गई है। दलहनी फसलों में 6 हजार 400 हेक्टेयर में अरहर, एक हजार 750 हेक्टेयर में मूंग, 6 हजार 950 हेक्टेयर में उड़द तथा एक हजार 225 हेक्टेयर में कुल्थी व अन्य दलहनी फसलें लगाने का कार्यक्रम बनाया गया है। श्री ध्रुर्वे ने बताया कि जिले में खरीफ मौसम में मूंगफल्ली, तिल और सोयाबीन की खेती होती है। इस वर्ष 20 हजार 400 हेक्टेयर में सोयाबीन, एक हजार 500 हेक्टेयर में तिल तथा 140 हेक्टेयर में मुंगफल्ली बोने का लक्ष्य रखा गया है। खरीफ मौसम में ही 10 हजार 250 हेक्टेयर में साग-सब्जी ली जाती है।
धु्रर्वे ने बताया कि बीते खरीफ मौसम वर्ष 2019-20 में 2 लाख 91 हजार हेक्टेयर में धान बोने का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य के विरूद्ध 3 लाख 32 हजार हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी। इसी प्रकार 5 हजार 720 हेक्टेयर में दलहनी व 26 हजार 385 हेक्टेयर में तिलहनी फसलें लगाई गई थी।
भिलाई / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम रिसाली के वार्डों के कामकाज का सुचारू रूप से संचालन नियंत्रण, देखरेख एवं उचित क्रियान्वयन हेतु नगरीय प्रशासन से दो इंजिनियर की नियुक्ति उपरांत उपअभियंताओं के बीच कार्यों का विभाजन किया गया है। उक्ताशय के आदेश अपर कलेक्टर व निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे ने एक आदेश जारी कर उपअभियंताओं को निगम वार्डों की सम्पूर्ण कार्य की देखरेख एवं निरीक्षण की भी जवाबदेही तय की गई है। निगम आयुक्त श्री सर्वे के आदेशानुसार उपअभियंता अखिलेश कुमार गुप्ता को वार्ड 39 पुरैना, वार्ड 40 जोरातराई, वार्ड 41 डुण्डेरा, वार्ड 42 नेवई और हिमांशु कावड़े वार्ड 60 रिसाली, वार्ड 61 प्रगति नगर, वार्ड 62 रूआबांधा सेक्टर, वार्ड 63 रूआबांधा बस्ती एवं वार्ड 45 मरोदा सेक्टर तथा श्रीमती उमयन्ती कोमर्रा वार्ड 43 स्टेशन मरोदा, वार्ड 44 टंकी मरोदा, वार्ड 58 रिसाली सेक्टर उत्तर एवं वार्ड 59 रिसाली सेक्टर दक्षिण की जवाबदारी दी गई है, जहां पर वार्डों की पेयजल समस्या, प्रकाश व्यवस्था अवैध कब्जा, अवैध निर्माण, स?क बाधा, पुल पुलिया संधारण, स?क सफाई, नहर नाली की सफाई एवं कब्जा, नाली जाम, विकास कार्य, संधारण कार्य की प्रगति, नल कनेक्शन, वाटर हार्वेस्टिंग, केन्द्र एवं राज्य सरकार की प्रवर्तित योजनाओं का निरीक्षण के साथ साथ विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर निगम आयुक्त के समक्ष पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
भिलाई / शौर्यपथ / सेक्टर छ: स्थित जामा मस्जिद के सामने पेवर ब्लॉक लगाया जाएगा ताकि मस्जिद परिसर के आस पास स्वच्छता बनी रहे और बारिश के सीजन में आने वालों को सुविधा मिल सके। विकास कार्य की स्वीकृति पश्चात आज महापौर एवं भिलाईनगर विधायक देवेन्द्र यादव ने महापौर परिषद के सदस्य एवं वार्ड पार्षद सूर्यकान्त सिन्हा, जामा मस्जिद के इमाम इकबाल अंजुम एवं वार्ड के कुछ वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति में भूमिपूजन किया। मस्जिद परिसर के पास होने वाले आयोजनों को ध्यान रखते हुए महापौर श्री यादव ने 12.16 लाख की लागत से बनने वाले कार्य की स्वीकृति कराई ताकि समाज के लोगों को सहुलियत मिल सके। मस्जिद कमेटी द्वारा पेवर ब्लॉक लगाने की मांग की गई थी, मांग पूरा होने पर मस्जिद कमेटी के सदस्यों महापौर और निगम प्रशासन का आभार व्यक्त किए। वार्ड पार्षद सूर्यकान्त सिन्हा ने बताया कि सेक्टर- 6 जामा मस्जिद के बाहर सडक के दोनो ओर पेवर ब्लॉक लगाया जाएगा। इसके लिए महापौर श्री यादव के पहल के बाद इस कार्य के लिए राशि 12.16 लाख रूपए स्वीकृत हुए जिसका आज भूमिपून किया गया। अब जल्द ही कार्य शुरू होने के बाद मस्जिद परिसर में आने वाले लोगों को पेवर ब्लॉक लगने से सुविधा मिलेगी, बारिश के दिनों में कीचड़ से निजात मिलेगा। भूमिपुजन कार्यक्रम में जामा मस्जिद के जमील अहमद, असरफ बेग, आसिम बेग, जमील कुरैशी, राजीव यादव, राकेश ठाकुर, सत्यनारायण गुप्ता, जोन 05 के प्रभारी कार्यपालन अभियंता सुनील जैन एवं श्वेता महेश्वर उपस्थित थे।