April 21, 2025
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भिलाई / शौर्यपथ / महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने  250 छोटे-बड़े महत्वपूर्ण कार्यों को भिलाई निगम क्षेत्र में पूर्ण कराने के लिए शासन से 42 करोड़ 71 लाख राशि की स्वीकृति कराई है ! अब वार्ड क्षेत्रों में कई ऐसे लंबित कार्य जिसे लंबे समय से लोगों के द्वारा मांग किया जा रहा था वह पूर्ण होंगे! महापौर देवेंद्र यादव ने शहर विकास के लिए बड़ी राशि शासन से स्वीकृत कराई है, जिसमें एक लाख की लागत से लेकर 10 करोड़ तक के कार्य शामिल है! स्वीकृत राशि से होने वाले कार्यों की सूची काफी लंबी है परंतु बड़े कार्यों की बात करें तो जोन क्रमांक 01 अंतर्गत वार्ड 01 में खम्हरिया स्थित मुक्तिधाम मार्ग का सीसी रोड निर्माण कार्य लागत 35 लाख, खम्हरिया स्थित विभिन्न स्थानों में आरसीसी रोड एवं नाली निर्माण कार्य 52 लाख, वार्ड 03 के ब्लाक नम्बर 43 में सिवरेज लाईन लगाने का कार्य 27 लाख, वार्ड 70 हूडको क्षेत्र के पीछे वाली रोड को मुख्य रोड से जोडऩे हेतु सीसी रोड निर्माण कार्य 52 लाख, जोन क्रमांक-02 के अंतर्गत वार्ड 16 में चौबे गली का सीमेंटीकरण 51 लाख, वार्ड 17 में वृन्दा नगर, अर्जुन नगर, स्टील नगर, शिव मंदिर के पीछे, आर.के. बार के पीछे की नाली निर्माण कार्य 29 लाख, वार्ड 18 में स्थित 18 नं. रोड से मस्जिद होते हुए मुक्तिधाम पहुंच मार्ग तक रोड निर्माण कार्य 40 लाख, नेहरु नगर चौक से मानिक होटल तक सीसी रोड निर्माण कार्य 53.20 लाख, वार्ड 26 में बाबा सिद्धनाथ मंदिर, सांई मंदिर, कृष्णा मंदिर, 10 दुकान के पीछे एलआईजी एरिया में सीसी रोड निर्माण कार्य 01 करोड़, वार्ड 26 में पीली टंकी से एकता चौक होते हुए ताहिर खान के घर तक सड़क एवं नाली निर्माण कार्य 1 करोड़ 10 लाख, वार्ड 27 में विभिन्न स्थानों पर सीमेंटीकरण कार्य 51 लाख, जोन क्रमांक 03 के अंतर्गत वार्ड 23 में संत रविदान नगर के विभिन्न स्थानों पर आर.सी.सी. नाली एवं सीसी रोड निर्माण कार्य 52 लाख, वार्ड 25 में सुरेश किराना स्टोर्स से लेकर गौरव पथ तक, सिद्धार्थ स्कूल से लेकर सुनील किराना स्टोर्स एवं संतोषीपारा तक सीमेंटीकरण कार्य 55 लाख, चौहान आटा चक्की से लेकर गौरव पथ तक सीमेंटकरण कार्य 35 लाख, आदर्श अस्पताल से विवेकानंद नगर बड़ा नाला का निर्माण कार्य 64 लाख, जोन क्रमांक 04 के अंतर्गत जोन 01, 02, 03 में सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण कार्य 10 करोड़, जोन क्रमांक 04 के अंतर्गत सोनिया गांधी नगर से पंचशील होते हुए सुभाष नगर सीएसईबी नगर तक स्थित नाले का चेनलाईजेशन कार्य 80 लाख, बापू नगर उडिय़ा बस्ती के पीछे से हास्पिटल रोड होते हुए रमा ताई स्कूल के सामने तक का चेनलाईजेशन कार्य 80 लाख, वार्ड 37 सुभाष नगर शास्त्री मार्केट, स्वीपर मोहल्ला, सड़क 2, 6, 8, अटल आवास, चन्द्रशेखर आजाद नगर, एवं सोनिया गांधी नगर में सीमेंटीकरण कार्य 25 लाख, वार्ड 38 स्थित एचएससीएल कालोनी, चर्च लाईन, प्राथमिक स्कूल के सामने, बस स्टैण्ड के पीछे पावर हाउस एवं विभिन्न स्थानों पर सीमेंटीकरण कार्य 25 लाख, जोन क्र. 04 के अंतर्गत विभिन्न स्थानों में सीमेंटीकरण एवं नाली निर्माण कार्य 52 लाख, जोन क्रमांक 05 के अंतर्गत वार्ड 54 सेक्टर-05 के विभिन्न सड़कों के किनारे पेवर ब्लाक एवं नाली निर्माण कार्य 70 लाख, वार्ड 55 सेक्टर-06 सड़क नं. 09, 10, 11, 12 व 13 में रोड किनारे पेवर ब्लाक लगाने का कार्य 28 लाख, वार्ड 55 सेक्टर-06 एचएससीएल कालोनी में सड़क निर्माण कार्य 70 लाख, वार्ड 56 सेक्टर-06 (मध्य) के सड़क 50 एवं सड़क 55 से लेकर 59 तक सीसी रोड निर्माण कार्य 28 लाख, वार्ड 65 सेक्टर-07 रेल्वे बस्ती एवं मनराखन बस्ती में सीमेंटीकरण कार्य 52 लाख, सेक्टर-07 सड़क एवेन्यू ए में पेवर ब्लाक लगाने का कार्य 25 लाख की स्वीकृति शासन से प्राप्त हुई है। इसके अतिरिक्त भी कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य है जो स्वीकृति के सूची में सम्मिलित है, जो शहर विकास के लिए अति महत्वपूर्ण कार्य है!

दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग एनएसयूआई के तत्वावधान में दुर्ग निगम के बाजार और सडकों से वर्षाजल निकासी समस्या के समाधान के लिए दुर्ग के महापौर धीरज बाकलीवाल से मिलकर ज्ञापन सौंपा गया। एनएसयूआई दुर्ग जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष सोनू साहू ने बताया कि दो रोज पूर्व सुबह तेज बारिश होने के कारण यातायात व्यवस्था से लेकर आम नागरिकों को कई तरह की परेशानियां का सामना करना पड़ा, जिससे नागरिकों के मन में नगर निगम के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों के प्रति वादा करके भूल जाने जैसे व्यक्तव्य उत्पन्न हो रहा है। दुर्ग निगम के गैर जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा पूर्व में ही सतत निगरानी कर व्यवस्था को दुरूस्त कर लिया जाता तो यह स्थिति आज उत्पन्न नही होती। यह बात एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने महापौर के संज्ञान में लेकर के आया और बताया कि मां शीतला सब्जी मार्केट सिविल लाईन दुर्ग में भी बारिश होने से पानी अंदर चले जाने के कारण वहां पानी का भराव हो गया है। इस कारण वहां के सब्जी व्यापारियों से ग्राहक सब्जी लेने बचते रहे जिसका सीधा असर उसदिन सब्जी व्यापारियों और छोटे व्यवसायी पर पड़ा और उनको अपना सामान पश्ुाओं को खिलाने और कचरे में फेंकने पर मजबूर हो गये जिसके कारण उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।
दुर्ग एनएसयूआई ने महापौर से मांग की है कि वे दुर्ग निगम क्षेत्र के बाजार एवं सड़कों से वर्षाजल निकासी समस्या के समाधान के लिए निगम के अधिकारी और एनएसयूआई के पदाधिकारी के साथ स्थल निरीक्षण कर इस इसकी वास्तविक स्थिति से अवगत होकर इस समस्या से निजात दिलाने का कार्य करें।

दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग निर्माणाधीन मकान से इलेक्ट्रॉनिक सामग्री चोरी करने वाले आरोपी को उतई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया । यूपी के पास से चोरी किया गया इलेक्ट्रॉनिक सामान भी जप्त किया गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने बताया कि पीडि़ता ने थाना आकर रिपोर्ट दर्ज कराए की उसका नवनिर्मित मकान ग्राम उमरपोटी में बन रहा है। 14 जून 2020 को इलेक्ट्रॉनिक फिटिंग सामान का खरीदारी कर उसे लगवाने हेतु अपने नवनिर्मित भवन में रखी थी । जिससे घटना दिनांक समय को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा घर के अंदर घुस कर ताला तोड़कर चोरी कर ले गए जिस पर थाना उतई में अपराध क्रमांक 183 ऑब्लिक 2020 धारा 454 380 भा द वि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।
घटना दिनांक समय को घर से निकलते समय पड़ोसी के द्वारा दो संदिग्धों का वीडियो बनाया गया था। उक्त वीडियो को पीडि़ता को दिखाने पर यह ज्ञात हुआ कि वह व्यक्ति पीडि़ता के निवास में काम करने वाला बिजली फिटर नारायण निवासी मडोदा है। जिसका पता तलाश करने हेतु तत्काल टीम भेजी गई जिससे पता चला की आरोपी घटना दिनांक से ही फरार चल रहा है तथा उसका एक अन्य रूपेंद्र पाटिल पिता गजानन पाटिल उम्र 30 साल निवासी तेलुगु पारा नेवाई को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ किया जिसमें अपने एवं अपने दोस्त नारायण के साथ मिलकर चोरी करना स्वीकार किया तथा चोरी किए गए सामान को आधा-आधा बांटना बताएं जिस पर उक्त आरोपी से उसके हिस्से के सामान को विधिवत जप्त किया गया। जिसकी कीमती लगभग 15,500 है । मुख्य आरोपी नारायण घटना दिनांक से फरार है । आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया । उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी उपनिरीक्षक सतीश पुरिया ,प्रधान आरक्षक अश्वनी देशलहरे, आरक्षक कौशलेंद्र बघेल ,आरक्षक अजय ढीमर , की सराहनीय भूमिका रही*

रायपुर / शौर्यपथ / राज्य शासन ने बिलासपुर जिले की दो सिंचाई योजनाओं के कार्यो के लिए 5 करोड़ 77 लाख 76 हजार रूपये स्वीकृत किये है। स्वीकृत कार्यो में जिले के फुटामड़ा जलाशय के नहर रिमाडलिंग पक्के कार्य एवं लाइनिंग कार्य के लिए दो करोड़ 88 लाख 18 हजार रूपए स्वीकृत किए है। इससे क्षेत्र के किसानों को 270 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
इसी तरह बिलासपुर जिले के धौरामुड़ा जलाशय के नहर रिमाडलिंग पक्के कार्य एवं लाईनिंग कार्य के लिए दो करोड़ 89 लाख 58 हजार रूपए प्रशासकीय स्वीकृति जारी किए है। इससे क्षेत्र में 135 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से मुख्य अभियंता हसदेव कछार जल संसाधन विभाग रायपुर को सिंचाई योजनाओं के कार्य पूर्ण कराने के लिए प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। सिंचाई योजनाओं के इन कार्यो को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समयावधि में करने के निर्देश दिए गए है।

मृत्यु दर भी सबसे कम : प्रदेश में रिकवरी दर 78.4 प्रतिशत, राष्ट्रीय स्तर पर चौथा सबसे अच्छा रिकवरी दर
इलाज के बाद 2362 मरीज डिस्चार्ज, मृत्यु दर केवल 0.5 प्रतिशत

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के परिणाम अब दिखने लगे हैं। प्रदेश में कोविड-19 मरीजों की रिकवरी दर सभी पड़ोसी राज्यों से बेहतर है। यहां 78.4 प्रतिशत मरीज ठीक हो गए हैं। वहीं महाराष्ट्र में यह दर 54.2 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 76.7 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 69.1 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश में 45.4 प्रतिशत, तेलंगाना में 48.8 प्रतिशत, ओड़िशा में 72.9 प्रतिशत और झारखंड में 76.9 प्रतिशत है। प्रदेश में अब तक कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए 3023 में से 2362 मरीज स्वस्थ हो गए हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ सबसे अच्छे रिकवरी दर वालों राज्यों में चौथे स्थान पर है। कोविड-19 के 50 से अधिक मरीज वाले राज्यों में केवल उत्तराखंड, राजस्थान और त्रिपुरा की रिकवरी दर ही छत्तीसगढ़ से अधिक है। मृत्यु दर के मामले में भी छत्तीसगढ़ पड़ोसी राज्यों से बेहतर है। यहां मृत्यु दर का प्रतिशत केवल 0.5 है। वहीं पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में यह दर 4.4 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 4.2 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश में 1.2 प्रतिशत, तेलंगाना में 1.5 प्रतिशत, ओड़िशा में 0.5 प्रतिशत और झारखंड में 0.6 प्रतिशत है।
कोविड-19 के संभावित प्रसार को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रदेश में फरवरी माह के शुरूआत में ही इस पर नियंत्रण और रोकथाम की तैयारी शुरू कर दी गई थी। कोरोना वायरस जांच की सुविधा प्रारंभ में केवल एम्स रायपुर में थी। जगदलपुर, रायपुर और रायगढ़ के शासकीय मेडिकल कॉलेजों में उच्च स्तरीय लैब तैयार कर कोविड-19 की आरटीपीसीआर जांच सुविधा का विस्तार किया गया है। रायपुर के लालपुर स्थित आईआरएल लैब और निजी क्षेत्र के एसआरएल लैब में भी कोरोना वायरस की जांच की जा रही है। जांच का दायरा बढ़ाने पूल-टेस्टिंग भी की जा रही है। अभी तक प्रदेश में एक लाख 66 हजार 656 लोगों के सैंपल की जांच की जा चुकी है। पॉजिटिव पाए गए 3023 लोगों में से 2362 के ठीक हो जाने के बाद अभी सक्रिय मरीजों की संख्या 647 है।
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने बताया कि प्रदेश के आठ क्षेत्रीय और 22 जिला स्तरीय अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है। इन अस्पतालों में 3384 लोगों का उपचार किया जा सकता है। इनमें 445 आईसीयू और 296 एचडीयू (High Dependency Unit) बिस्तरों की भी व्यवस्था है। इन अस्पतालों के साथ ही 146 कोविड केयर सेंटर भी बनाए गए हैं जहां 8161 लोगों को रखा जा सकता है। सभी कोविड अस्पतालों में एन-95 मास्क, पीपीई किट, ट्रिपल लेयर मास्क, वीटीएम और जरूरी दवाईयों के पर्याप्त संख्या में इंतजाम सुनिश्चित किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव स्टेट कोविड कंट्रोल एंड कमाड सेंटर के माध्यम से जांच और इलाज की व्यवस्थाओं की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। विभाग द्वारा प्रदेश भर में संचालित 166 क्वारेंटाइन सेंटर्स में भी 15,835 बिस्तर हैं।
प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की वापसी को देखते हुए ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में करीब 21 हजार क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं जिनकी क्षमता लगभग सात लाख है। विभिन्न राज्यों से प्रदेश लौटे साढ़े चार लाख श्रमिक 14 दिनों की क्वारेंटीन अवधि पूर्ण कर अपने घर पहुंच चुके हैं। स्वयं के और दूसरों लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा कि दृष्टि से उन्हें दस दिनों तक होम-क्वारेंटाइन में रहने के निर्देश दिए गए हैं।

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में अनलॉक शुरु होने के बाद लगातार तेज हो रही आर्थिक गतिविधियों का असर दस्तावेजों की रजिस्ट्रियों में भी दिखने लगा है। पिछले साल के जून माह की तुलना में इस साल जून माह में 17 प्रतिशत अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई, वहीं दस्तावेजों के पंजीयन में भी 19 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
यह आंकड़े बताते हैं कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण काल के दौरान किए गए उपायों से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था गतिशील बनी रही। संकट काल में भी राज्य ने कृषि क्षेत्र में तेज आर्थिक वृद्धि दर्ज की, जिसकी सराहना रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने भी की थी। रोजगार के क्षेत्र में मनरेगा के जरिये गांवों में वृहद पैमाने पर रोजगार मूलक कार्यों का संचालन एवं नियमित भुगतान की वजह से आम लोगों के बीच धन-राशि का प्रवाह निरंतर बना रहा। इसी दौरान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिये राज्य के किसानों को सीधे मदद पहुंचाई गई। प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट के दौरान उद्योगों को भी संचालन में रियायतें दीं। खेती-किसानी पर आधारित व्यावसायिक गतिविधियां भी निरंतर जारी रहीं। जिसकी वजह से राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही।
वर्ष 2019 के जून माह में 107.53 करोड़ रुपए का राजस्व दस्तावेजों के पंजीयन से प्राप्त हुआ था, जबकि इस वर्ष, यानी 2020 के जून माह में 125.74 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति शासन को हुई है। पिछले साल जून महीने में 23,391 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ था, जबकि इस साल इस जून माह में 27,759 दस्तावेज पंजीबद्ध किए गए। कोरोना महामहारी की वजह से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के कारण लॉकडाउन के दौरान अन्य गतिविधियों के साथ-साथ दस्तावेजों के पंजीयन का कार्य भी प्रभावित हुआ था, इसके मद्देनजर पक्षकारों की सुविधा के लिए शासन द्वारा पंजीयन कार्यालयों में विशेष इंतजाम किए गए थे। जून महीने में प्रत्येक तीन घंटे में तीन अप्वाइंमेंट की व्यवस्था दस्तावेजों के पंजीयन के लिए लागू की गई, ताकि दस्तावेजों का पंजीयन तेजी से किया जा सके।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में अतिरिक्त चावल से एथेनॉल उत्पादन करने की अनुमति देने के संबंध में केन्द्र सराकर से आग्रह किया था। मुख्यमंत्री के आग्रह पर राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति की 24 अप्रैल 2020 की बैठक में भारतीय खाद्य निगम में उपलब्ध सरप्लस चावल से एथेनॉल उत्पादन करने की अनुमति प्रदान की गई है। इसी परिप्रेक्ष में प्रदेश के खाद्य सचिव ने भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव को पत्र लिख कर छत्तीसगढ़ में अतिशेष 4 लाख मिट्रिक टन चावल से एथेनॉल बनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
केन्द्रीय सचिव को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर 83 लाख 94 हजार मिट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। इसमें से बनाए गए कुल चावल से केन्द्रीय पूल एवं राज्य पूल में राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आवश्यक मात्रा तथा 28.1 लाख मिट्रिक चावल केंद्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को देने के बाद राज्य में लगभग 4 लाख मिट्रिक टन चावल अधिशेष रहेगा। इस अधिशेष चावल के लम्बे समय तक भण्डारित रहने के कारण खाद्यान्न की गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका है। ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस महामारी की नियंत्रण के लिए डिस्टलरी से एथेनॉल आधारित सैनिटाइजर एवं ईबीपी कार्यक्रम के तहत अतिरिक्त 4 लाख मिट्रिक टन चावल को एथेनॉल बनाने वाले प्लांट को आपूर्ति की जा सकती है। खाद्यान्न से एथेनॉल बनाने वाले प्लांटों की स्थापना के संबंध में राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 से इस संबंध में आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। खाद्य सचिव ने छत्तीसगढ़ राज्य को लगभग 4 लाख मिट्रिक टन चावल से एथेनॉल बनाने की शीघ्र अनुमति देने का अनुरोध किया है।

रायपुर / शौर्यपथ / महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार प्रदान करने में छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल रहा है। कबीरधाम जिला वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब-तक सर्वाधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में राज्य में प्रथम स्थान पर है, वहीं बिलासपुर और राजनांदगांव जिले क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर है। पूरे राज्य में जून माह तक 55 हजार 981 परिवारों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया गया है, जिसमें से कबीरधाम जिला में सर्वाधिक 6 हजार 139 परिवारों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराए गए है, जो कि पूरे प्रदेश का 11 प्रतिशत है।
मनरेगा अंतर्गत जिले में बड़ी संख्या पर रोजगार मूलक कार्य कराए जा रहे है। लॉकडाउन के समय कार्य के दौरान सभी सुरक्षा मानकों का पूरा पालन किया गया। कबीरधाम जिले में इस वित्तीय वर्ष में 1 लाख 47 हजार 862 परिवारों को रोजगार देते हुए अब तक 63.49 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन किया जा चुका है।
जिले के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष लगभग 77 लाख मानव दिवस का लक्ष्य रखा गया था, उसके विरूद्ध इस वित्तीय वर्ष के तीन माह में ही 63 लाख से अधिक के मानव दिवस रोजगार का सृजन कर लिया गया है। जो कि लक्ष्य का 82 प्रतिशत है। इस तरह आने वाले समय में मनरेगा के तहत लक्ष्य से और अधिक ग्रामीणों को रोजगार प्राप्त हो जाएगा।

रायपुर / शौर्यपथ / राज्य शासन की मंशा के अनुरूप वनवासियों एवं किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कांकेर जिले के सिंगारभाट स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में कोदो, कुटकी व रागी के प्रोसेसिंग के लिए संयत्र स्थापित किया जायेगा। इस संयंत्र के लग जाने से कोदो, कुटकी और रागी की खेती करने वाले किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिलेगा।

विधायक शिशुपाल शोरी, मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी, कलेक्टर के.एल. चौहान तथा वन मण्डाधिकारी अरविंद पी.एम. की उपस्थिति में आज इस संबंध में जिला कार्यालय में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। कोदो, कुटकी और रागी के प्रोसेसिंग व विपणन के लिए किसानों, महिला स्व-सहायता समूह एवं युवा समूहों को दायित्व सौंपा जायेगा। कृषक उत्पादक संगठन बनाकर उसके माध्यम से कोदो, कुटकी और रागी फसलों का उत्पादन एवं संग्रहण किया जायेगा। महिला और युवा समूह के माध्यम से इसका प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन का कार्य कर कृषकों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रभारी मंत्री गुरू रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में कांकेर विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत मर्दापोटी सर्कल के ग्राम इच्छापुर में हर्रा लघु वनोपज के प्रसंस्करण के लिए भी एक पृथक प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की तैयारी पूर्व से की जा रही है। इस प्रकार कांकेर में लघु धान्य और लघु वनोपज आधारित दो प्रोसेसिंग यूनिट लग रहे हैं।

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